<p style=”text-align: justify;”><a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> महाराष्ट्र के सीएम पद से मंगलवार (26 नवंबर) को इस्तीफा देंगे. उनके इस्तीफे के बाद ही नई सरकार बनने की कवायद शुरू होगी. नियमों के तहत पहले उन्हें इस्तीफा देना होगा. इसके बाद ही कोई सरकार बनाने का दावा पेश करेगा. नया सीएम कौन होगा इस पर अभी तक सस्पेंस बरकरार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी के नेता चाहते हैं कि इस बार देवेंद्र फडणवीस को राज्य के सीएम की कुर्सी पर बिठाया जाए. पार्टी नेताओं और समर्थकों की दलील है कि राज्य में सबसे ज्यादा सीटों पर बीजेपी ही विजयी हुई है और ऐसे में सीएम की कुर्सी पर उनका हक बनता है.</p> <p style=”text-align: justify;”><a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> महाराष्ट्र के सीएम पद से मंगलवार (26 नवंबर) को इस्तीफा देंगे. उनके इस्तीफे के बाद ही नई सरकार बनने की कवायद शुरू होगी. नियमों के तहत पहले उन्हें इस्तीफा देना होगा. इसके बाद ही कोई सरकार बनाने का दावा पेश करेगा. नया सीएम कौन होगा इस पर अभी तक सस्पेंस बरकरार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी के नेता चाहते हैं कि इस बार देवेंद्र फडणवीस को राज्य के सीएम की कुर्सी पर बिठाया जाए. पार्टी नेताओं और समर्थकों की दलील है कि राज्य में सबसे ज्यादा सीटों पर बीजेपी ही विजयी हुई है और ऐसे में सीएम की कुर्सी पर उनका हक बनता है.</p> महाराष्ट्र DUSU चुनाव में अध्यक्ष पद पर NSUI ने मारी बाजी, उपाध्यक्ष और सचिव पर ABVP का परचम
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कन्नौज में नवाब की अखिलेश के साथ तस्वीर वाले होर्डिंग:रसूख से 24 घंटे नहीं होने दिया पीड़िता का मेडिकल; बयान बदलने को बनाया दबाव
कन्नौज में नवाब की अखिलेश के साथ तस्वीर वाले होर्डिंग:रसूख से 24 घंटे नहीं होने दिया पीड़िता का मेडिकल; बयान बदलने को बनाया दबाव ‘2019 में मैं चुनाव हार गई थी। जिनकी (नवाब सिंह) आप बात कर रहे हैं, सपा का कई सालों से उस व्यक्ति से कोई रिश्ता नहीं है। उस व्यक्ति का रिश्ता भाजपा से है। वह भाजपा के लिए काम कर रहे थे। जिस तरह आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं, उसकी जांच होनी चाहिए। जो दोषी है, उस पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।’ यह बातें मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने कन्नौज रेप केस से जुड़े सवाल पर कही… डिंपल यादव के दावों की हकीकत जानने दैनिक भास्कर की टीम लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस होते हुए कन्नौज पहुंची। देखा कि जगह-जगह स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की बधाई वाले होर्डिंग लगे हैं। होर्डिंग पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ नवाब सिंह यादव की तस्वीर है। ये वही नवाब सिंह यादव है, जिस पर 14 साल की लड़की से रेप का मामला दर्ज हुआ है। डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं। पार्टी नवाब से किनारा कर रही है। हालांकि, पार्टी के पुराने कार्यकर्ता इस बात को पुष्ट करते हैं कि नवाब पार्टी में किसी पद पर भले न हो, लेकिन काम हमेशा पार्टी के लिए ही करते रहे। हम सबसे पहले नवाब सिंह यादव के उस चौधरी चंदन सिंह डिग्री कॉलेज पहुंचे, जहां नाबालिग के साथ रेप की बात कही जा रही। आसपास के लोगों से बात की। उन अधिकारियों से मिले, जो उस रात वहां पहुंचे थे। नवाब के प्रति सपा के आक्रामक और भाजपा के सॉफ्ट रुख अपनाए नेताओं का पक्ष जाना। विस्तार से पढ़िए… कॉलेज के शिलान्यास में मुख्य अतिथि से अखिलेश यादव
कॉलेज नवाब सिंह के पिता के नाम पर है। 18 जुलाई, 2007 को इसका शिलान्यास हुआ था। उस वक्त सपा प्रमुख अखिलेश यादव बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए थे। अखिलेश उस वक्त भी कन्नौज सांसद थे, आज भी कन्नौज के सांसद हैं। इसी कॉलेज के दाहिने साइड में नवाब सिंह ने अपना पॉलिटिकल ऑफिस बना रखा है। इस ऑफिस में मुलायम सिंह यादव व राम मनोहर लोहिया की तस्वीर लगी है। सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल का प्रतीक भी है। हॉल में करीब 20 कुर्सियां रखी हैं। नवाब सिंह अपनी राजनीतिक गतिविधियां यहीं से करता था। कॉलेज की दीवार पर लिखा- पुलिस हेल्पलाइन नंबर
11 अगस्त की रात 12 बजकर 6 मिनट पर नाबालिग बच्ची को लेकर उसकी बुआ इसी दफ्तर में पहुंची थी। शिकायत के मुताबिक, बुआ ने बच्ची को कमरे में अकेले छोड़ दिया। इसके बाद उसके साथ छेड़खानी हुई। बुआ वापस कमरे में आई तो बच्ची ने उनसे फोन मांगा और मम्मी से बात करने की बात कहकर बाहर आ गई। बच्ची कमरे से करीब 30 मीटर दूर कॉलेज के गेट पर पहुंची। दीवार पर फायर, एम्बुलेंस के साथ पुलिस हेल्पलाइन डॉयल- 112 भी लिखा था। बच्ची अपने साथ हुई घटना के बाद भयभीत थी। उसने 112 नंबर पर फोन कर दिया। रात डेढ़ बजे उसने बताया कि नवाब सिंह कॉलेज में उसके कपड़े उतारे गए। उसने पते के रूप में तिर्वा बताया। पुलिस के लिए यह हैरान करने वाला था। तिर्वा में भी इस नाम का एक कॉलेज था, पुलिस वहां पहुंची, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके तुरंत बाद तिर्वा पुलिस ने कोतवाली कन्नौज को संपर्क किया। यहां पता चला कि नवाब सिंह कॉलेज नहीं, बल्कि नवाब सिंह के कॉलेज का मामला है। यहां की पुलिस नवाब सिंह की शख्सियत से परिचित थी, इसलिए तुरंत ही बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचने का आदेश मिला। कोतवाली के ही एक अधिकारी कहते हैं, उस दिन रविवार था। अगले दिन यानी सोमवार को गौरी शंकर मंदिर पर बड़ी संख्या में कांवड़िए आने वाले थे। इसलिए ज्यादातर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी मेहंदी घाट पर लगाई गई थी। लेकिन, जैसे ही कॉलेज में एक लड़की के कपड़े उतारे जाने की बात पता चली, ज्यादा फोर्स के साथ पुलिस को भेज दिया गया। एसआई अजब सिंह लीड कर रहे थे। पुलिस मौके पर पहुंची तो बच्ची सहमी हुई वहीं खड़ी मिली। नवाब की वजह से नौकरी पाए लोग खेल करने में जुटे
बच्ची ने अपने साथ हुई घटना के हर पहलू को बता दिया। अब उसका मेडिकल होना था, लेकिन वह पूरे दिन नहीं हो पाया। इसकी वजह अजीब है। एक व्यक्ति कहते हैं, नवाब सिंह ने यहां करीब 200 से ज्यादा लोगों की अलग-अलग जगहों पर नौकरी लगवाई। नवाब की वजह से जिनकी नौकरी लगी, वह बच्ची को बयान बदलने के लिए मजबूर करने में जुटे थे। वह नहीं चाहते थे कि किसी भी तरह से मेडिकल हो और नवाब फंसे। एक पुलिस अधिकारी भी इसकी पुष्टि करते हैं। अब ये दो चीजें, जो महिला और नवाब की करीबी बता रहीं 1- वायरल वीडियो में 8000 रुपए का जिक्र पुलिस फोर्स वीडियो बनाते हुए कमरे की तरफ बढ़ी। नवाब सिंह शर्ट और अंडरवियर पहने लेटा था। उसका हाथ पीड़िता की बुआ के हाथ में था। बुआ 8000 रुपए में लेकर आए हैं, जैसी बातें कर रही थी। पुलिस को देखते ही नवाब सिंह सकपका गया। बुआ को कुछ समझ ही नहीं आया कि ये क्या हुआ। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। अगले दिन बच्ची का बयान दर्ज हुआ। 2- CDR रिपोर्ट: नवाब और बच्ची की बुआ के बीच एक दिन में 20 कॉल नवाब सिंह यादव और महिला पहले से एक-दूसरे को जानते थे। दोनों के बीच मोबाइल पर कई बार बात हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) रिपोर्ट में पता चला कि उस दिन नवाब और बच्ची की बुआ के बीच 20 से ज्यादा बार फोन पर बात हुई थी। अब जानिए सपा का दावा कितना सच्चा ‘नवाब पार्टी सदस्य नहीं, बदनाम करने की साजिश’ सपा के जिलाध्यक्ष कलीम खां कहते हैं- नवाब का समाजवादी पार्टी से कोई मतलब नहीं है। वह 6 साल से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। पार्टी की छवि खराब करने के लिए षड़यंत्र के तहत सपा का सदस्य बताकर पार्टी को बदनाम किया जा रहा। वह पार्टी के सदस्य नहीं हैं, पार्टी से उनका नाम न जोड़ा जाए। भास्कर ने जो देखा- अखिलेश के साथ बधाई देते होर्डिंग बयां कर रहे हकीकत
हकीकत इसके उलट लगती है। कॉलेज में तो मुलायम सिंह की तस्वीर और साइकिल का मोमेंटो रखा था। साथ ही रास्ते में कई जगह पर रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए होर्डिंग लगी थी। उन सब में नवाब एक तरफ और दूसरी तरफ अखिलेश की तस्वीर थी। नवाब को लेकर दो तरह की राय: कुछ मसीहा मानते हैं तो कुछ दबंग
रेप मामले में गिरफ्तार नवाब सिंह यादव के नवाबी ठाठ थे। पूरे इलाके में दबदबा था। कुछ लोग गरीबों का मसीहा मानते हैं, तो कुछ दबंग। जो गरीबों का मसीहा मानते हैं, वह कुछ बोलने को तैयार नहीं। क्योंकि उन्होंने नवाब का महिला के साथ वाला वायरल वीडियो देखा है। दबंग मानने वाले इसलिए नहीं बोल रहे, क्योंकि उन्हें डर है कि नवाब जेल से बाहर आ गया तो मुश्किल हो जाएगी। हम कन्नौज में सपा के दफ्तर में गए। वहां कार्यालय की जिम्मेदारी संभाल रहे श्याम सुंदर यादव कहते हैं, नवाब भइया के पास भले कोई पद नहीं था। लेकिन, वह पार्टी के लिए हमेशा से काम करते रहे हैं। अगर वह पार्टी में नहीं होते तो क्या अखिलेश और राहुल गांधी की जो सभा हुई, उसमें मंच पर जा पाते। इसके अलावा भी वह घूम-घूमकर प्रचार करते रहे। पार्टी को फंड से भी मजबूत किया। हम जब नवाब सिंह के डिग्री कॉलेज के बाहर थे, तब हमें वहां एक व्यक्ति मिले। हमने पूछा नवाब सिंह कैसे आदमी हैं? वह कहते हैं, आदमी तो बढ़िया हैं, गरीबों की मदद करते हैं। कोई काम रुकता है तो अधिकारी से बोल देते हैं। लेकिन, उनका जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें जो दिख रहा, वह अच्छा नहीं है। आखिर रात में 1 बजे किसी महिला को क्यों बुलाया? छोटी बच्ची के साथ गलत क्यों किया? वह कहते हैं, जितना गलत नवाब हैं, उतना ही गलत वो महिला भी जो अपनी भतीजी को लेकर यहां आई थी। उसे अपने घर जाना चाहिए था। यहां तो वह नवाब सिंह के हाथों में हाथ डालकर बैठी दिख रही थी। नवाब के कॉलेज के प्रिंसिपल रामनाथ मिश्रा कहते हैं, हमें इस मामले की जानकारी अगले दिन हुई थी। वह (नवाब) कभी-कभी ही कॉलेज आते थे। उस पर भी वह कॉलेज के बगल बने अपने दफ्तर में रहते थे। कभी कोई जरूरत होती, तभी कॉलेज में आते थे। यहां जो सीसीटीवी हैं, उसमें पूरी घटना कैद हुई थी। लड़की के यहां आने और पुलिस को फोन करने के फुटेज उसी में थे। पुलिस ने डीवीआर अपने कब्जे में लिया है। सपा के स्थानीय नेताओं की साजिश तो नहीं?
घटना के अगले दिन से ही लोगों के बीच यह चर्चा शुरू हो गई कि नवाब को फंसाया गया है। इस सवाल के जवाब को हमने अधिकारियों और स्थानीय नेताओं के जरिए समझा। इस मामले की इन्वेस्टिगेशन कर रहे एक पुलिस अफसर कहते हैं, ‘हमारे पास बच्ची के फंसे होने की जानकारी आई। जो जगह बताई गई, वह भी सेंसिटिव थी, इसलिए हम लोग तुरंत पहुंचे। जो जैसे था, उसे वहां से लेकर थाने आए। इसमें किसी को फंसाने जैसा नहीं है। न ही कुछ प्री-प्लान जैसा है। नवाब की तरफदारी के लिए भाजपा नेता को मिली चेतावनी
बीजेपी से जुड़े एक नेता नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं, नवाब सपा समर्थित तो थे, लेकिन पार्टी में उनकी बाकी नेताओं से जमती नहीं थी। इसलिए बीजेपी के लोग भी उनके प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखते थे। वह आगे कहते हैं, नवाब जब गिरफ्तार हुए और उन्हें थाने लाया गया। रात में ही बीजेपी के एक दिग्गज नेता थाने पहुंचे थे। उनकी कोशिश थी कि किसी तरह से मामला दबाया जा सके। लेकिन, घटना गंभीर थी इसलिए उस नेता की भी नहीं चली। इस बात की जानकारी जब लखनऊ पहुंची तब वहां से एक मंत्री ने उस नेता को चेतावनी भी दी थी। फिलहाल, इस मामले में सपा नवाब सिंह यादव से पल्ला झाड़ने में लगी है। जो समर्थक हैं, वह भी वीडियो सामने आने के बाद चुप्पी साधे हैं। बीजेपी का आलाकमान तो आक्रामक है, लेकिन स्थानीय नेता शांत हैं। पुलिस अब सारे सबूत इकट्ठा करने में लगी है। पीड़िता की बुआ की तलाश में छापेमारी हो रही। यह भी पढ़ें:- कन्नौज में सपा नेता का जेल में DNA सैंपल लिया: पीड़िता के भी नमूने लिए; कॉलेज में उतारे थे नाबलिग के कपड़े, रेप की भी हुई थी पुष्टि कन्नौज में नाबालिग से रेप के आरोपी सपा नेता नवाब सिंह यादव का जेल में DNA सैंपल लिया गया। दूसरी तरफ कड़ी सुरक्षा में जिला अस्पताल ले जाकर पीड़िता के भी नमूने लिए गए। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को नवाब सिंह ने कोर्ट में कहा- मेरा DNA करा लीजिए। नवाब के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में सबूत पेश किए। पूरी खबर पढ़ें
यूपी उपचुनाव से पहले संजय निषाद ने बढ़ाई BJP की मुश्किल, इतनी सीटों पर कर दिया दावा
यूपी उपचुनाव से पहले संजय निषाद ने बढ़ाई BJP की मुश्किल, इतनी सीटों पर कर दिया दावा <p style=”text-align: justify;”><strong>Sanjay Nishad:</strong> उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है. इस बीच योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने दो सीटों पर दावा कर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है. गुरुवार को वाराणसी में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं संग बैठक की. इस दौरान केंद्र और प्रदेश सरकार के योजनाओं के अलावा उत्तर प्रदेश उपचुनाव की तैयारी को लेकर भी चर्चा हुई. संजय निषाद ने इस दौरान साफ कर दिया कि उनकी पार्टी दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में संजय निषाद ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश में मझवां और कटेहरी सीट पर उपचुनाव लड़ेंगे. भारतीय जनता पार्टी को अपना बड़ा भाई बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी सभी लोगों को साथ लेकर चलने में भरोसा करते हैं. दिल्ली में इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बैठक भी होने वाली है. उन सीटों पर हम पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं और हमारा मानना है कि हम वहां पर जीत हासिल करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा</strong><br />मंत्री संजय निषाद ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी में हमेशा से ही आना आनंद की अनुभूति रहती है. प्रधानमंत्री मोदी जी ने मछुआरों के बारे में हमेशा से ही चिंता की है. उन्होंने 41.5 हजार करोड़ रुपए निषाद समाज से जुड़े अलग-अलग योजनाओं के लिए प्रदान किया है. उन्होंने दो सीटों पर दावा करते हुए कहा कि पार्टी अपने सिंबल पर मझवां और कटेहरी सीट पर उपचुनाव लड़ेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भारतीय जनता पार्टी जिसकी सीट होती है उसको चुनाव लड़ाती है. अभी मैं दिल्ली जा रहा हूं, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से सीट और चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा होगी. जो जिताऊ कैंडिडेट होंगे उनको टिकट देने पर बातचीत होगी. और पूरा विश्वास है कि हमारे पार्टी से दो प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे और एनडीए के सभी साथी उत्तर प्रदेश के 10 सीटों पर चुनाव जीतेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बैठक के बाद बाहर निकले कार्यकर्ता भी पूरी तरह जोश में दिखाई दिए. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की दोनों सीट मझवां और कटेहरी पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी है. यहां निश्चित तौर पर हमारे पार्टी का प्रभाव रहा है और हम मानते हैं कि इन दोनों सीटों पर बड़े भाई के तौर पर बीजेपी निषाद पार्टी को टिकट प्रदान करेगी. हमारी पूरी तैयारी है और जैसा कि हमारे नेता ने कहा भी है कि हम इस सीट को जीतकर एनडीए को प्रदान करेंगे. उन्होंने कहा कि हम एक सीट नहीं बल्कि दो सीट पर उपचुनाव लड़ेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-reached-jpnic-late-night-after-putting-tin-shed-at-gate-2801267″>JPNIC गेट पर टीन की शेड से गरमाई सियासत, देर रात पहुंचे अखिलेश यादव, पूछा- क्या छुपाना चाहती है सरकार?</a></strong> <br /><br /></p>
जज के पति की डूबने से पहले की फोटो:उन्नाव में सीने तक गंगा में उतरे; पिता घाट किनारे गुमसुम बैठे; चौथे दिन ड्रोन से तलाश
जज के पति की डूबने से पहले की फोटो:उन्नाव में सीने तक गंगा में उतरे; पिता घाट किनारे गुमसुम बैठे; चौथे दिन ड्रोन से तलाश कानपुर में नानामऊ घाट पर गंगा में डूबने वाले जज के पति आदित्यवर्धन सिंह का चौथे दिन मंगलवार को भी कोई सुराग नहीं मिला। पिता-मां और बहन पूरे दिन घाट पर गुमसुम बैठे रहे। वहीं, आदित्यवर्धन की डूबने से ठीक पहले की तस्वीर भी सामने आई है। इसमें वह अपने दोस्त के साथ सीने तक पानी में दिख रहे हैं। इस बीच कॉम्बिंग कर रही टीमों ने आदित्यवर्धन की ड्रोन से भी तलाश कराई। NDRF, SDRF और PAC के जवान पूरे दिन उनकी तलाश करते रहे। लेकिन, कुछ पता नहीं चला। अंधेरा होने पर सर्च अभियान बंद कर दिया गया। अब कल (4 अगस्त) फिर से सर्च किया जाएगा। वहीं, पुलिस ने आदित्यवर्धन के साथ गंगा स्नान के लिए आए दोनों दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा को भी बुलाया। उनसे घटना के बारे में बारीकी से पूछताछ की। माता-पिता और बहन पल-पल की अपडेट लेते रहे
बिल्हौर के नानामऊ घाट पर 31 अगस्त को वाराणसी में तैनात स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह गंगा में डूब गए थे। उनकी पत्नी शैलजा ओम प्रकाश महाराष्ट्र के अकोला में ADJ हैं। घटना के 4 दिन बाद भी पत्नी शैलजा यहां नहीं पहुंचीं। वहीं, बहन प्रज्ञा, बहनोई, मां शशि प्रभा और पिता रमेश चंद्र 2 अगस्त को ही आस्ट्रेलिया से कानपुर पहुंच गए। परिवार के सभी लोग नानामऊ घाट पर सुबह से शाम तक डेरा जमाए रहते हैं। पूरा-पूरा दिन घाट पर गुमसुम बैठे रहते हैं। साथ ही कॉम्बिंग कर रही टीमों से पल-पल का अपडेट लेते रहते हैं। इसके साथ ही बिहार CM निजी सचिव और आदित्यवर्धन के चचेरे भाई अनुपम कुमार भी कानपुर में हैं। उन्होंने अफसरों से लगातार बात करके NDRF-SDRF के साथ ही PAC के गोताखोरों को बुलवाकर भी कॉम्बिंग कराई। नेवी के अफसरों से भी कोऑर्डिनेट करके लापता डिप्टी डायरेक्टर की तलाश करने की कोशिश की। तीन ड्रोन से 20 किमी तक चला सर्च अभियान
DCP वेस्ट राजेश कुमार सिंह ने बताया- चौथे दिन भी लापता डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह की तलाश जारी है। अब ड्रोन की मदद से उनकी तलाश की जा रही है। कहीं गंगा किनारे झाड़ियों या कहीं शव फंसा तो नहीं, इस उम्मीद से नानामऊ घाट से लेकर शिवराजपुर और कानपुर तक ड्रोन से भी सर्च अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया- गंगा में डूबे आदित्यवर्धन की तलाश में कानपुर से लेकर बिल्हौर के नाना मऊ तक गंगा में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसमें 75 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया। ADCP ब्रजेंद्र द्विवेदी ने बताया- गंगा बैराज तक काफी लंबा ट्रैक है। ऐसे में हमने रास्ते में पड़ने वाले जो भी गंगा पुल हैं, जैसे परिहार का पुल और गंगा बैराज आदि पर पुलिस के मोटर बोट तैनात कर दिए हैं। अगर यहां कहीं भी गंगा पिलर के पास बॉडी नजर आएगी, तो उसको कवर कर लिया जाएगा। पेरियार पुल के पास भी SDRF की 4 मोटर बोट निगरानी के लिए तैनात की गई हैं। वहीं, गंगा बैराज पर 8 घंटे की शिफ्ट पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि अगर गेट में कोई बॉडी फंसे तो उसे निकाल लिया जाए। चाची बोलीं- आदित्यवर्धन की पत्नी महाराष्ट्र में रहती हैं, वो गांव नहीं आईं
डिप्टी डायरेक्टर की चाची ने बताया- हादसे की सूचना मिलते ही हमारे जेठ और उनके बेटे गांव पहुंच गए हैं। बाकी हम लोग हैं। आदित्यवर्धन के पिता अपनी बेटी के पास ऑस्ट्रेलिया गए हैं। आदित्यवर्धन की बहन इंजीनियर हैं। उनकी पत्नी से हमारी कभी बातचीत नहीं हुई। वह महाराष्ट्र में रहती हैं। वो गांव नहीं आई हैं। आदित्यवर्धन और उनके परिवार के लोग ही आते थे। ताऊ ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि आदित्यवर्धन अपने दो दोस्तों के साथ नहाने गए थे। वहीं पर वह डूब गए। उनकी तलाश की जा रही है। आदित्यवर्धन के परिवार में उनके माता-पिता, वाइफ और एक बच्ची है। उनकी एक बहन भी है। गांव के कमल कुमार ने बताया- आदित्यवर्धन जी का व्यवहार बहुत अच्छा है। वह सीधे लखनऊ से घाट गए थे। यहां अपने गांव नहीं आए थे। नहाने के बाद गांव आने का प्लान था। वहां से हमें सूचना मिली कि वह गंगा में डूब गए हैं। उनके दोस्तों ने बताया कि हम लोग उन्हें ज्यादा अंदर जाने के लिए मना कर रहे थे पर वह नहीं माने। पत्नी एडीजे, चचेरे भाई बिहार के सीएम के निजी सचिव
आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर तैनात हैं। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में एडीजे हैं। छोटी बेटी अपनी मां के साथ अकोला में है। बहन प्रज्ञा आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। चचेरे भाई अनुपम कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं। भाभी प्रतिमा सिंह भी बिहार कैडर की IAS हैं। आदित्यवर्धन बांगरमऊ क्षेत्र के कबीरपुर गांव के मूल निवासी हैं। वे लखनऊ के इंदिरानगर में रहते थे। शनिवार को आदित्यवर्धन मोहल्ले के दो दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ कार से बिल्हौर (उन्नाव) के नानामऊ घाट पर शनिवार सुबह करीब 10 गंगा स्नान करने पहुंचे। नहाते वक्त डूब गए। अब तक क्या-क्या हुआ यह भी पढ़ें:- डिप्टी डायरेक्टर गंगा में डूबे, गोताखोर ने नहीं बचाया:10 हजार मांगे थे, कैश नहीं था तो ऑनलाइन लिए, पैसा ट्रांसफर होने तक रुका रहा उन्नाव में जज के पति गंगा में डूब गए। वह दो दोस्तों के साथ नहाने गए थे। घटना के बाद दोस्त ने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। दोस्त हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पहले पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा। कैश नहीं था, इसलिए दोस्त ने 10 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। लेकिन, तब तक जज के पति गंगा में बह गए। पैसे ट्रांसफर हुए तो गोताखोर ने नदी में छलांग लगाई। तलाश की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। पढ़ें पूरी खबर…