हरियाणा के जींद जिले में जाजनवाला गांव के जवान प्रदीप नैन जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के मोडरगाम में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। प्रदीप अपने परिवार में इकलौते बेटे थे। 2015 में उनका चयन सेना में हुआ था। सुरक्षाबलों के अनुसार, कश्मीर के कुलगाम में दो इलाकों में जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया है। जिसमें लांस नायक प्रदीप नैन शहीद हो गए। वहीं, फ्रिसल में चल रही मुठभेड़ में एक जवान राजकुमार शहीद हो गए है।, आशंका है कि आतंकी श्री अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। परिवार का इकलौता बेटा था प्रदीप शहीद प्रदीप नैन के चाचा पूर्व ब्लॉक समिति चेयरमैन प्रतिनिधि सुशील नैन ने बताया कि प्रदीप नैन अपने परिवार का इकलौता बेटा था, जो वर्ष 2015 में सेना में भर्ती हुआ था। सेना में अपनी काबिलियत के आधार पर उसका चयन पैरामिलिट्री कमांडो में हुआ। प्रदीप की शादी वर्ष 2022 में हुई थी। उसकी छोटी बहन उसकी लाडली थी। शहीद प्रदीप की पत्नी गर्भवती है। प्रदीप कहता था कि वह अपने पहले बच्चे के जन्म से पहले छुट्टी लेकर घर आ जाएगा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। प्रदीप अब तिरंगे में लिपटकर घर आएगा। प्रदीप की शहादत से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। लोग कह रहे हैं, एक तो नन्ही जान जो इस दुनिया में नहीं आई, दूसरे उसकी पत्नी, जिसकी पूरी जिंदगी बाकी है, वह किसके सहारे जिएगी। प्रदीप नैन का पार्थिव शरीर आज शाम तक पहुंच जाएगा। शहीद प्रदीप को अंतिम विदाई देने के लिए आसपास के गांवों से हजारों लोग पहुंचेंगे। देर रात तक जारी रही मुठभेड़ कुलगाम के मुद्रिगाम इलाके में दोपहर करीब 12 बजे पहली मुठभेड़ शुरू हुई। उस समय सुरक्षाबल इलाके में आतंकियों की सूचना पर तलाशी अभियान चला रहे थे। इस मुठभेड़ में पैरा कमांडो प्रदीप नैन शहीद हो गए। दूसरे घायल जवान की हालत गंभीर बनी हुई है। मुठभेड़ देर रात तक जारी रही। सीएम सैनी ने जताया शोक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए पैरा कमांडो प्रदीप नैन की शहादत पर शोक जताया है। नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया पर प्रदीप नैन की फोटो शेयर कर परिवार को सांत्वना दी और उनके बलिदान को अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश और सरकार शोकाकुल परिवार के साथ है। हरियाणा के जींद जिले में जाजनवाला गांव के जवान प्रदीप नैन जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के मोडरगाम में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। प्रदीप अपने परिवार में इकलौते बेटे थे। 2015 में उनका चयन सेना में हुआ था। सुरक्षाबलों के अनुसार, कश्मीर के कुलगाम में दो इलाकों में जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 4 आतंकियों को मार गिराया है। जिसमें लांस नायक प्रदीप नैन शहीद हो गए। वहीं, फ्रिसल में चल रही मुठभेड़ में एक जवान राजकुमार शहीद हो गए है।, आशंका है कि आतंकी श्री अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। परिवार का इकलौता बेटा था प्रदीप शहीद प्रदीप नैन के चाचा पूर्व ब्लॉक समिति चेयरमैन प्रतिनिधि सुशील नैन ने बताया कि प्रदीप नैन अपने परिवार का इकलौता बेटा था, जो वर्ष 2015 में सेना में भर्ती हुआ था। सेना में अपनी काबिलियत के आधार पर उसका चयन पैरामिलिट्री कमांडो में हुआ। प्रदीप की शादी वर्ष 2022 में हुई थी। उसकी छोटी बहन उसकी लाडली थी। शहीद प्रदीप की पत्नी गर्भवती है। प्रदीप कहता था कि वह अपने पहले बच्चे के जन्म से पहले छुट्टी लेकर घर आ जाएगा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। प्रदीप अब तिरंगे में लिपटकर घर आएगा। प्रदीप की शहादत से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। लोग कह रहे हैं, एक तो नन्ही जान जो इस दुनिया में नहीं आई, दूसरे उसकी पत्नी, जिसकी पूरी जिंदगी बाकी है, वह किसके सहारे जिएगी। प्रदीप नैन का पार्थिव शरीर आज शाम तक पहुंच जाएगा। शहीद प्रदीप को अंतिम विदाई देने के लिए आसपास के गांवों से हजारों लोग पहुंचेंगे। देर रात तक जारी रही मुठभेड़ कुलगाम के मुद्रिगाम इलाके में दोपहर करीब 12 बजे पहली मुठभेड़ शुरू हुई। उस समय सुरक्षाबल इलाके में आतंकियों की सूचना पर तलाशी अभियान चला रहे थे। इस मुठभेड़ में पैरा कमांडो प्रदीप नैन शहीद हो गए। दूसरे घायल जवान की हालत गंभीर बनी हुई है। मुठभेड़ देर रात तक जारी रही। सीएम सैनी ने जताया शोक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए पैरा कमांडो प्रदीप नैन की शहादत पर शोक जताया है। नायब सिंह सैनी ने सोशल मीडिया पर प्रदीप नैन की फोटो शेयर कर परिवार को सांत्वना दी और उनके बलिदान को अतुलनीय बताया। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश और सरकार शोकाकुल परिवार के साथ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल की दो बहनों के साथ UP में दहेज उत्पीड़न:CRPF जवान के खिलाफ केस दर्ज, कार मांगने का आरोप, 2014 में शादी हरियाणा में करनाल के काछवा की दो बहनों ने अपने ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना के आरोप लगाए है। पीड़िता के मायके वालों ने दहेज में मोटरसाइकिल दी थी, लेकिन शादी के बाद ससुराल वालों और CRPF में तैनात पति ने विवाहिता को कार के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। बड़ी बेटी को बच्चा हुआ तो उस समय भी दो लाख रुपए के गहने पिता ने ससुराल पक्ष को दिए थे, लेकिन दहेज के लोभियों ने बार-बार प्रताड़ित किया। पंचायतें भी हुई, लेकिन ससुराल वालों ने किसी की भी नहीं मानी। लिहाजा पीड़िता ने अपने मायके आकर मामले की शिकायत करनाल पुलिस अधीक्षक को कर दी। जिसके बाद SP करनाल ने सदर थाना पुलिस को जांच के आदेश दिए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। 2014 में हुई थी शादी काछवा गांव की रीना व पूजा पुत्री राजेंद्र कुमार की शादी 19 जनवरी 2014 में उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर में गांव अम्बेटा में हुई थी। रीना की शादी सीआरपीएफ जवान अजय कुमार पुत्र रामगोपाल के साथ हुई थी, जबकि पूजा की शादी दीपक कुमार के साथ हुई थी। राजेंद्र कुमार ने अपनी बेटियों की शादी में दिल खोलकर खर्च किया था और दहेज में अन्य सामान के साथ साथ बाइक भी दी थी। पीड़िता रीना ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि शादी के बाद से ही उसके पति, जेठ व सास सुदेश दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहे। कम दहेज लाने पर बार-बार ताने दिए जाते थे। शादी के 10 दिन बाद ही पति, जेठ व सास ने मारपीट भी की और दहेज में कार लाने की डिमांड रखी। पिता ने जोड़े हाथ, सब कुछ दे देंगे पीड़िता ने शिकायत में बताया है कि उसने अपने पिता को सारी बातें बताई। जिसके बाद पिता ने भी बेटी का घर बसाने की सोची और ससुराल पक्ष के सामने हाथ जोड़े और कहा कि वह धीरे धीरे सब चीजें दे देंगे, लेकिन बार बार मारपीट की जाती। फरवरी 2017 में बड़ी बहन पूजा को बेटा हुआ तो मेरे पिता ने करीब दो लाख के गहने व अन्य सामान दिया।लेकिन ससुराल वालों का लालच बढ़ता गया और साथ ही जुल्म भी। नंदोई भी बुरी नजर रखता था। दिसंबर 2017 में पंचायत लेकर पिता जी गए तो उनके साथ भी बुरा बर्ताव किया। फिर 1 अगस्त 2019 को दोनों बहनों के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। साथ ही दहेज में बाइक की जगह कार न देने पर दोनों बहनो को घर से निकाल दिया। पहले भी दी गई SP को शिकायत मार्च 2020 में फिर पंचायत हुई। ससुराल वालों ने अपनी गलती मानी, लेकिन हालात वैसे के वैसे ही रहे। पीड़िता ने बताया कि 28 मई 2020 को करनाल पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी गई। 22 जून 2020 को हमारा समझौता हो गया। एक दिसंबर 2020 को पति अपने साथ लेकर चला गया। लेकिन फिर भी टॉर्चर करते रहे। जनवरी 2023 में फिर मारपीट हुई और बच्चा पैदा न होने पर कोसा गया। 11 जनवरी 2024 को फिर मारपीट की गई। 19 जनवरी को पंचायत हुई लेकिन ससुराल वालों ने मुझे रखने से मना कर दिया। उसके बाद से ही वह काछवा में रह रही है। जिसकी शिकायत उसने पुलिस को की। पुलिस ने किया मामला दर्ज सदर थाना की जांच अधिकारी गीता ने बताया कि रीना ने अपने पति, जेठ व सास के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की शिकायत दी है। जिसकी जांच की गई पति अजय द्वारा रीना को दहेज के लिए प्रताड़ित करना पाया गया, लेकिन अन्य नामजद व्यक्तियों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं आया है। अगर इनके खिलाफ भी कोई सबूत आता है तो इनको जांच में शामिल किया जाएगा। फिलहाल आरोपी पति पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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पानीपत में सड़क हादसे में महिला की मौत:ससुराल छोड़ने जा रहा था भाई; रास्ते में कार चालक उनकी ओर तेज गति से आया, संतुलन बिगड़ने पर नीचे गिरी हरियाणा के पानीपत में दिल्ली-पानीपत नहर के पास एक सड़क हादसा हो गया। जहां एक तेज रफ्तार गाड़ी बाइक की ओर आई। जिससे बाइक चालक का संतुलन बिगड़ गया। बाइक पर उसके अलावा उसकी बहन और भांजी सवार थे। तीनों नीचे गिर गए। हादसे में बहन की मौत हो गई। जबकि दोनों बाल-बाल बच गए। हादसे की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। राहगीरों की मदद से पहुंचा अस्पताल इसराना थाना पुलिस को दी शिकायत में प्रवीन ने बताया कि वह गांव नारायणा का रहने वाला है। वह अपनी बहन रानी निवासी गांव जलालपुर को बाइक से उसकी ससुराल छोड़ने जा रहा था। रास्ते में जब वे दिल्ली-पानीपत नहरों की बीच वाली सड़क से जा रहे थे, तो सिवाह बाइपास नहर से कुछ दूरी पर दिल्ली की ओर से एक तेज रफ्तार सफेद गाड़ी आई। जिसके चालक ने गाड़ी को उन्हीं की ओर बढ़ा दी। जिससे उसका बैलेंस बिगड़ गया। वह और उसकी बहन रानी अपनी बेटी सहित नीचे गिर गई। नीचे गिरते ही बहन रानी का सड़क पर सिर लग गया। जिससे उसके सिर, कान व मुंह पर गंभीर चोट लगी। इसी दौरान आरोपी चालक मौके से फरार हो गया। आनन-फानन में वह अपनी बहन और भांजी को राहगीरों की मदद से तुरंत सिविल अस्पताल ले गया। जहां डॉक्टरों ने रानी को मृत घोषित कर दिया।
गुरुग्राम BJP में टिकट को लेकर घमासान:जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक ने छोड़ी पार्टी; कांग्रेस में जाने की चर्चा
गुरुग्राम BJP में टिकट को लेकर घमासान:जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक ने छोड़ी पार्टी; कांग्रेस में जाने की चर्चा हरियाणा में बीजेपी कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी होने के बाद प्रदेशभर में भाजपाईयों में नाराजगी देखी जा रही है। पार्टी पदाधिकारी टिकट वितरण पर सवाल उठा रहे हैं, तो कई नेता पार्टी भी छोड़ रहे हैं। वहीं गुरुग्राम में टिकट की रेस में चल रहे जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक भाजपा नेताओं ने पार्टी को बाय-बाय बोल दिया है। वहीं कई अपने समर्थकों से डिस्कसन कर रहे हैं। जल्द ही कई अन्य भी पार्टी छोड़ हाथ के साथ हो सकते हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट के बाद से उपजे विवाद से यह बात तो साफ हो गई कि जिन बाहरी नेताओं को प्रदेश की बागड़ोर सौंपी गई, उन्होंने अपना होमवर्क सही तरीके से नहीं किया। शायद बीजेपी में पहली बार उनके कार्यकर्ता खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। जीएल शर्मा जल्द ही एक बड़ा प्रोग्राम कर कांग्रेस में शामिल होंगे। बीजेपी में जिस कदर की भगदड़ मची है, उसके चलते यह तो साफ है कि डैमेज कंट्रोल करना इतना आसान नहीं रहने वाला। गुरुग्राम से बीजेपी टिकट के दावेदार जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित उनके करीब 150 समर्थकों ने पार्टी को छोड़ने का ऐलान किया है। साथ ही इन्होंने टिकट वितरण पर सवालिया निशान लगाते हुए अपने नेताओं पर कई आरोप तक मढ़ दिए हैं। जीएल शर्मा ने बताया कि तीसरी बार दावेदारी थी, पार्टी का हर काम ईमानदारी से किया, मन उदास है, समर्थकों का प्रेशर है, इसलिए पार्टी छोड़ने जा रहे हैं। जल्द बड़ा प्रोग्राम कर कांग्रेस में शामिल होंगे। अब बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी प्रत्याशी का खेल
गुरुग्राम सीट की बात करें तो यहां से बीजेपी ने मुकेश शर्मा को टिकट दिया है। नाराज नेताओं का आरोप है कि जिसने पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा और सीनियर नेताओं को अपशब्द कहते हुए पार्टी गाइड लाइन का उल्लंघन किया उसे टिकट देकर बीजेपी ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। वैश्य चेहरे नवीन गोयल ने बुधवार को कई किमी की पैदल यात्रा निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया उसे भी पार्टी नेताओं ने नजरअंदाज कर दिया। अब नवीन गोयल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर मुकेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी प्रकार पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा ने भी समर्थकों की मीटिंग बुलाई है और वह भी टिकट वितरण से खासे नाराज हैं। समर्थकों से मंत्रणा पश्चात वह भी शायद पार्टी को बाय-बाय कह सकते हैं। भितरघात व नाराज वर्कर्स को मनाना आसान नहीं
गुरुग्राम ही नहीं बल्कि प्रदेश की दो दर्जन से अधिक विधानसभाओं में बीजेपी के टिकट दावेदार सड़क पर उतर गए हैं। लगातार इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव ताल ठोंक रहे हैं। इसके अलावा जो पार्टी नहीं छोड़ रहे उनका भी बीजेपी नेताओं से मोह भंग हो गया है। भले ही वह पार्टी में रहेंगे लेकिन यह साफ है कि वह बीजेपी प्रत्याशी का अंदरखाने किसी भी सूरत में सपोर्ट नहीं करेंगे। सालों से जो वर्कर्स पार्टी से जुड़े थे अब उनका सहयोग हासिल करना पार्टी के लिए बड़ा टॉस्क है। इसके चलते कई सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को भितरघात का डर सताने लगा है। यहां तक मौजूदा विधायक व संगठन पदाधिकारी भी अब अंदरखाने खेला करने में शायद पीछे नहीं रहेंगे। चुनाव प्रभारी व प्रदेश प्रभारी पर उठे सवाल
राजनैतिक जानकारों का कहना है कि दूसरे प्रदेश के नेताओं को प्रदेश प्रभारी, चुनाव प्रभारी सहित अन्य दायित्व भले ही दिए गए लेकिन उनका ना तो प्रदेश ना ही यहां के लोगों की समझ है। इन लोगों ने ग्राउंड स्तर पर काम भी नहीं किया। साथ ही प्रदेश के कुछ बीजेपी नेता अपने कद का दुरुपयोग करते हुए अपने समर्थकों के लिए खुलकर पैरवी कर रहे थे, लेकिन दूसरे प्रदेश के प्रभारी इन पर प्रेशर तक नहीं बना पाए। कारण भी साफ है कि प्रदेश के नेताओं के कद, उम्र व अनुभव में दूसरे प्रदेश के जिन नेताओं को दायित्व दिया गया वह उनके सामने अदने थे और उनका जरा भी विरोध नहीं कर पाए। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि भले ही वर्चस्व स्थापित करने के लिए नेताओं ने अपने समर्थकों को टिकट दिला दी, लेकिन अब जो भगदड़ मची है, उससे पार्टी का ही नुकसान होगा। जबकि लोकसभा चुनाव में भी सतीश पूनिया को प्रदेश की बागड़ोर सौंपी गई थी, लेकिन वह असफल साबित हुए और पार्टी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। नवीन गोयल अब निर्दलीय उतरेंगे चुनावी रण में
बीजेपी टिकट दावेदार नवीन गोयल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसका ईमानदारी से निर्वहन किया। पार्टी का कद बढ़ाने के साथ उनकी नीतियों को घर-घर तक पहुंचाया। प्रदेश की रैलियों का सफल आयोजन कराया। 36 बिरादरी को पार्टी से जोड़ा बावजूद 11 साल मेहनत करने के साथ ही लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराईं, लेकिन उनकी उपेक्षा से अब मन उदास है। समर्थकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव बनाया, सर्वे में नाम था बावजूद पता नहीं टिकट वितरण का क्या पैमाना था लेकिन अब लोगों की टिकट पर चुनावी रण में उतरेंगे। नवीन गोयल ने कहा कि लोगों के हित में उनका अभियान जारी रहेगा। जिसे टिकट दी वह ना तो धरातल पर सक्रिय थे ना ही लोगों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं थे।