गुरुग्राम के कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर ने चुनाव में हार के बाद आज नूंह पहुंच कर वहां के वोटों का आभार जताया। राज बब्बर बुधवार को नूंह जिला कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के अलावा पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका में पहुंचे। राज बब्बर ने कहा कि उन्हें गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र की जनता से बहुत प्यार मिला है। मुझे चुनाव में कम समय मिला था। जीत हार कोई बड़ा बात नहीं है। राज बब्बर ने कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र की जनता से वादा किया कि वह गुरुग्राम में रहकर जनता की सेवा करेंगे और पहले उनके पास मात्र 18 दिन थे और 18 दिन में वह बहुत कम लोगों के पास वोट मांगने के लिए जा पाए। लेकिन अब पूरे 5 साल वे क्षेत्र की जनता के पास घर-घर जाकर उनके लिए काम करेंगे और उनसे वोट की अपील करेंगे। राज बब्बर ने कहा कि मुझे लोकसभा क्षेत्र में अपनापन महसूस हुआ है। यहां की जनता ने मुझे इतना प्यार और समर्थन दिया है कि मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। मुझे राजनीति करते हुए काफी समय हो गया, लेकिन मुझे आज तक इतनी वोट किसी भी लोकसभा क्षेत्र से नहीं मिली। बता दें कि नूंह के तीनों हलकों में राजबब्बर को जमकर वोट मिले। इस अवसर पर विधायक आफताब अहमद, विधायक मामन खान, महताब अहमद सहित अन्य मौजूद रहे। गुरुग्राम के कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर ने चुनाव में हार के बाद आज नूंह पहुंच कर वहां के वोटों का आभार जताया। राज बब्बर बुधवार को नूंह जिला कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के अलावा पुन्हाना और फिरोजपुर झिरका में पहुंचे। राज बब्बर ने कहा कि उन्हें गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र की जनता से बहुत प्यार मिला है। मुझे चुनाव में कम समय मिला था। जीत हार कोई बड़ा बात नहीं है। राज बब्बर ने कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र की जनता से वादा किया कि वह गुरुग्राम में रहकर जनता की सेवा करेंगे और पहले उनके पास मात्र 18 दिन थे और 18 दिन में वह बहुत कम लोगों के पास वोट मांगने के लिए जा पाए। लेकिन अब पूरे 5 साल वे क्षेत्र की जनता के पास घर-घर जाकर उनके लिए काम करेंगे और उनसे वोट की अपील करेंगे। राज बब्बर ने कहा कि मुझे लोकसभा क्षेत्र में अपनापन महसूस हुआ है। यहां की जनता ने मुझे इतना प्यार और समर्थन दिया है कि मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। मुझे राजनीति करते हुए काफी समय हो गया, लेकिन मुझे आज तक इतनी वोट किसी भी लोकसभा क्षेत्र से नहीं मिली। बता दें कि नूंह के तीनों हलकों में राजबब्बर को जमकर वोट मिले। इस अवसर पर विधायक आफताब अहमद, विधायक मामन खान, महताब अहमद सहित अन्य मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया
हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया हरियाणा में करनाल की एक विधानसभा सीट ऐसी है, जिसकी चर्चा चुनावों के रिजल्ट पर हुए कोर्ट केस को लेकर की जाती है। इस सीट पर वोटों में हेराफेरी कर नेता 2 बार विधायक बने रहे। इसके बाद जब तक कोर्ट का फैसला आया, तब तक तो कार्यकाल भी पूरा हो चुका था। इन चुनावों में हार-जीत का अंतर इतना छोटा था कि रीकाउंटिंग के बाद अदालत भी जल्दी फैसला नहीं सुना सकी। इनमें से एक केस को टाइम निकलने की बात कहकर कोर्ट ने रफा-दफा कर दिया। वहीं, दूसरे चुनाव के रिजल्ट पर कोर्ट में स्टे लिया गया था, जिसके बाद विनिंग कैंडिडेट को केवल 6 महीने के लिए विधायक की कुर्सी मिल पाई। यह करनाल की घरौंडा सीट है। 1996 में आया पहला मामला
पहला विवादित चुनाव 1996 का था जब विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रमेश कश्यप ने इनेलो कैंडिडेट रमेश राणा को मात्र 11 वोटों से हराया था। रिकॉर्ड के अनुसार, 1996 में हारने के बाद रमेश राणा वोटों की रीकाउंटिंग के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए थे। इस मामले में 3 साल बाद हाईकोर्ट ने रमेश राणा के पक्ष में फैसला सुना दिया, लेकिन इस फैसले को रमेश कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया। उन्होंने रीकाउंटिंग में कम वोटों की गिनती को आधार बनाते हुए रिजल्ट पर स्टे ले लिया और विधानसभा भंग होने तक विधायक बने रहे। पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी पूर्व विधायक रेखा राणा का कहना है कि रमेश राणा हाईकोर्ट से केस जीत गए थे। फिर उन्होंने विधायक पद की शपथ भी ली थी। इसके प्रमाण विधानसभा में भी मिल जाएंगे। जबकि, रमेश कश्यप का दावा है कि वह विधानसभा भंग होने तक विधायक रहे और रमेश राणा ने कोई शपथ नहीं ली। 6 महीने तक हम विधानसभा में रहे
रेखा राणा ने बताया है कि 1996 में केंद्र में समता पार्टी व इनेलो का समझौता था। 1996 में बैलेट पेपर से चुनाव होते थे। भाजपा और इनेलो के उम्मीदवारों का नाम भी एक जैसा था। रेखा राणा का आरोप है कि एक प्रभावशाली नेता के बेटे ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी करवाई और रमेश कश्यप के पक्ष में रिजल्ट करवा दिया। रेखा ने यह भी आरोप लगाया कि उस प्रभावशाली नेता ने 500 वोट भी कैंसिल करवा दिए थे। इसके बाद हम हाईकोर्ट में गए। वहां वोटों की गिनती दोबारा करवाई गई तो रमेश राणा 157 वोटों से जीते थे। उन्हें शपथ के लिए 20 दिन का समय मिला था। इस समय में शपथ लेनी थी, लेकिन उनकी फाइल को कहीं दबा दिया गया। इसकी वजह से वह शपथ नहीं ले पाए थे। इसी बीच रमेश कश्यप के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगवा दिया था। रेखा का कहना है कि उनके पति रमेश राणा ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर स्टे हटवाया। इसी दौरान हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा का समझौता टूट गया था और इनेलो की सरकार आ गई थी। तब रमेश राणा ने शपथ ली थी और 6 महीने तक विधानसभा में रहे थे। 14 दिसंबर 1999 तक विधायक रहा
वहीं, रमेश कश्यप बताते है कि 1996 के चुनाव में उन्होंने 11 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने बताया, “इसके बाद रमेश राणा ने तुरंत ही हाईकोर्ट में केस डाला। 3 साल बाद हाईकोर्ट ने मेरे खिलाफ फैसला सुनाया। इसके बाद मैं सुप्रीम कोर्ट चला गया और दलील दी कि चुनाव रिजल्ट के दौरान जितने वोटों की गिनती हुई थी, हाईकोर्ट में उतने वोटों की गिनती क्यों नहीं की गई? इस आधार पर हाईकोर्ट के फैसले पर मैंने सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया। इसके बाद जुलाई 1999 में ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने। चौटाला ने 14 दिसंबर 1999 को विधानसभा भंग करवाई और नए चुनाव का ऐलान करवा दिया। 14 दिसंबर 1999 तक मैं ही विधायक था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में मेरा केस पेंडिंग था। रमेश राणा को शपथ दिलवाई नहीं गई थी। अगर उन्हें शपथ दिलवाई गई होती तो मैं विधायक ही नहीं रहता।” 2005 में जयपाल शर्मा गए थे कोर्ट
उधर, दूसरा केस 2005 के विधानसभा चुनाव का जब इनेलो की टिकट पर पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी रेखा राणा 21 वोटों से इलेक्शन जीतीं। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार जयपाल शर्मा चुनाव हारे तो उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जयपाल शर्मा का आरोप था कि विधानसभा चुनावों में मृत वोट और डबल वोट डाले गए हैं। यह केस करीब साढ़े 7 साल तक चला। इसी दौरान 76 वोट ऐसे निकाल दिए थे, जो मृत थे और डबल थे। लेकिन, बाद में कोर्ट ने यह कहकर पिटीशन खारिज कर दी थी कि अब इसका समय निकल चुका है। विधायक का कार्यकाल पूरा हो चुका है तो केस का कोई औचित्य ही नहीं। ऐसे में वोटों में हेराफेरी के दम पर रेखा राणा पूरे 5 साल तक विधायक बनी रहीं। क्या कहते हैं राजनीति के जानकार
राजनीति के जानकार नैनपाल राणा के मुताबिक, हरियाणा विकास पार्टी और बीजेपी का गठबंधन था। 1996 में रमेश कश्यप को जिता दिया गया, जिसमें धांधलेबाजी की बातें सामने आई थीं। रमेश राणा हाईकोर्ट चले गए, जहां रमेश राणा को जीता हुआ घोषित कर दिया गया था। उन्होंने शपथ ली थी। उन्हें सरकार में केवल 3-4 महीने ही मिले थे, क्योंकि 1999 में बंसी लाल की सरकार गिर गई। ऐसा ही 2005 में हुआ था जब 21 वोटों से रेखा राणा जीत गई थीं। जयपाल शर्मा ने कोर्ट केस कर दिया था, लेकिन यह केस साढ़े 7 साल चला था। विधायक का टर्म पूरा हो ही चुका था।
नायब सैनी के मंत्रियों की सीट का हाल:पहले राउंड में संजय सिंह, रणजीत चौटाला, ज्ञानचंद गुप्ता पिछड़े; सिर्फ 2 मंत्री आगे
नायब सैनी के मंत्रियों की सीट का हाल:पहले राउंड में संजय सिंह, रणजीत चौटाला, ज्ञानचंद गुप्ता पिछड़े; सिर्फ 2 मंत्री आगे हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए काउंटिंग चल रही हैं। सभी की नजरें नायब सैनी की सरकार में मंत्री रहे नेताओं की सीट पर लगी हुई है। 10 मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 4 मंत्रियों को टिकट नहीं दिया। रणजीत चौटाला बागी होकर रानियां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। मनोहर-नायब सरकार में स्पीकर रहे ज्ञानचंद गुप्ता भी चुनाव लड़ रहे हैं। शुरुआती रुझान में नूंह से पूर्व मंत्री संजय सिंह पीछे चल रहे हैं। रानियां में पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला पीछे हैं। पानीपत ग्रामीण सीट पर महिपाल ढांडा आगे चल रहे हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में प्रदेश में 67.90% फीसदी वोटिंग हुई है, जो पिछले चुनाव से 0.03% कम है। लाइव अपडेट्स… अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए इनकी सीटों का हाल…. पंचकूला : ज्ञानचंद गुप्ता मनोहर-नायब सरकार में स्पीकर रहे मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में स्पीकर रहे ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा के टिकट पर पंचकूला से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई को टिकट दिया है। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में पंचकूला विधानसभा सीट पर 59.37 प्रतिशत वोटिंग हुई है। जगाधरी : सैनी सरकार में कृषि मंत्री रहे कंवरपाल गुर्जर कंवरपाल गुर्जर नायब सैनी सरकार में कृषि मंत्री थे। भाजपा ने उन्हें लगातार तीसरी बार जगाधरी से टिकट दिया है। यहां कांग्रेस के चौधरी अकरम खान और आम आदमी पार्टी (AAP) के आदर्श पाल सिंह चुनाव मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में जगाधरी विधानसभा सीट पर 78.34 प्रतिशत वोटिंग हुई है। बल्लभगढ़ : सैनी सरकार में इंडस्ट्रीज मंत्री रहे मूलचंद शर्मा मूलचंद शर्मा नायब सैनी की सरकार में इंडस्ट्रीज मंत्री थे। भाजपा ने उन्हें बल्लभगढ़ सीट से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस के पराग शर्मा हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में बल्लभगढ़ विधानसभा सीट पर 53.27 प्रतिशत वोटिंग हुई है। लोहारू : जेपी दलाल सैनी सरकार में वित्त मंत्री रहे जयप्रकाश दलाल मनोहर लाल खट्टर की दूसरी टर्म की सरकार में कृषि मंत्री थे। नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें वित्त मंत्रालय दिया गया। भाजपा ने उन्हें लोहारू से दोबारा टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस के राजबीर फरटिया हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में लोहारू विधानसभा सीट पर 73.66 प्रतिशत वोटिंग हुई है। रानियां : भाजपा से बागी होकर लड़ रहे रणजीत चौटाला रानियां : रणजीत चौटाला मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में उर्जा और जेल मंत्री रहे। 2024 लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से चुनाव लड़ने के कारण उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस बार वह रानियां सीट से भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। भाजपा से बागी होकर वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस के सर्वमित्र कंबोज, भाजपा के शीशपाल कंबोज और इनेलो के अर्जुन चौटाला चुनाव मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में रानियां विधानसभा सीट पर 75.91 प्रतिशत वोटिंग हुई। हिसार : खट्टर सरकार में निकाय और सैनी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. कमल गुप्ता को मनोहर लाल खट्टर की दूसरी टर्म की सरकार में निकाय मंत्री बनाया गया था। नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें स्वास्थ्य विभाग सौंपा गया। भाजपा ने उन्हें लगातार तीसरी बार हिसार से टिकट दिया है। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में हिसार विधानसभा सीट पर 61.44 प्रतिशत वोटिंग हुई है। पानीपत ग्रामीण : सैनी सरकार में सहकारिता मंत्री बने ढांडा महिपाल ढांडा को नायब सिंह सैनी सरकार में पंचायत, विकास और सहकारिता विभाग दिया गया था। भाजपा ने उन्हें लगातार तीसरी बार पानीपत ग्रामीण सीट से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस के सचिन कुंडू मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में 69.34 प्रतिशत वोटिंग हुई है। अंबाला सिटी : असीम गोयल सैनी सरकार में परिवहन मंत्री बने असीम गोयल को नायब सिंह सैनी की सरकार में परिवहन राज्यमंत्री बनाया गया था। भाजपा ने उन्हें दोबारा अंबाला सिटी से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री निर्मल सिंह मोहड़ा चुनाव मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में अंबाला सिटी विधानसभा सीट पर 63.02 प्रतिशत वोटिंग हुई है। थानेसर : सैनी सरकार में निकाय मंत्री बने सुधा सुभाष सुधा को नायब सिंह सैनी की सरकार में शहरी निकाय मंत्रालय दिया गया था। भाजपा ने दोबारा उन्हें थानेसर से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस के अशोक अरोड़ा चुनाव मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में थानेसर विधानसभा सीट पर 65.01 प्रतिशत वोटिंग हुई है। नूंह : संजय सिंह की सीट बदली संजय सिंह 2019 विधानसभा चुनाव में सोहना से विधायक बने थे। इस चुनाव में भाजपा ने उन्हें नूंह से उम्मीदवार बनाया है। नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी मंत्री बनाया गया था। उनके सामने कांग्रेस के आफताब अहमद उम्मीदवार हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में नूंह विधानसभा सीट पर 74.42 प्रतिशत वोटिंग हुई है। नांगल चौधरी : सैनी सरकार में सिंचाई मंत्री रहे अभय यादव अभय सिंह यादव को नायब सिंह सैनी सरकार में सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री बनाया गया था। भाजपा ने उन्हें दोबारा नांगल चौधरी से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस की मंजू चौधरी हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में नांगल चौधरी विधानसभा सीट पर 70.42 प्रतिशत वोटिंग हुई है।
जुलाना पहुंचे केंद्रीय मंत्री व पूर्व सीएम मनोहर लाल:बोले-बिना खर्ची बिना पर्ची युवाओं को दी नौकरी, कैप्टन योगेश बैरागी ने किया नामांकन
जुलाना पहुंचे केंद्रीय मंत्री व पूर्व सीएम मनोहर लाल:बोले-बिना खर्ची बिना पर्ची युवाओं को दी नौकरी, कैप्टन योगेश बैरागी ने किया नामांकन हरियाणा के जींद जिला के जुलाना हलके से भाजपा प्रत्याशी कैप्टन योगेश बैरागी की नामांकन जनसभा में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल पहुंचे और लोगों को संबोधित किया। भाजपा ने घर बैठे लोगों को दी सुविधाएं मनोहर लाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री एक ही लाइन के आदमी हैं और प्रदेश में लगातार तीसरी बार भाजपा की बहुमत से सरकार बनेगी। भाजपा सरकार ने घर बैठे लोगों को सुविधाएं देने का काम किया है। युवाओं को बिना खर्ची बिना पर्ची नौकरी दी है। जिसके घर में नौकरी नही थी, उन्हें पांच प्रतिशत छूट देने का काम किया।