हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर किसी भी पार्टी की स्थिति लोकसभा चुनाव में अच्छी नहीं रही। यही वजह है कि इनेलो, जेजेपी और आप 90 विधानसभा क्षेत्रों में जिताऊ चेहरे तलाश रही हैं। भाजपा और कांग्रेस के पास जहां हर विधानसभा क्षेत्र में कई दावेदार हैं, वहीं इनेलो, जेजेपी और आप के पास चेहरों का अभाव है। इन तीनों पार्टियों की नजर अब कांग्रेस और भाजपा के बागियों पर रहेगी। आपको बता दें कि जेजेपी ने पिछले विधानसभा में भी यही चाल चली थी। जेजेपी को हरियाणा से 10 सीटें मिली थीं और उसने हरियाणा में किंगमेकर की भूमिका निभाई थी। जेजेपी ने उन उम्मीदवारों को टिकट दिए, जिन्हें कांग्रेस और भाजपा ने नकार दिया था। लेकिन वे अपने विधानसभा क्षेत्रों में जीतने का दम रखते थे। इस बार इनेलो और आप जेजेपी के फॉर्मूले पर काम करेंगी। अभय चौटाला ने भी इस ओर इशारा किया है। उन्होंने हिसार में उन नेताओं को ऑफर दिए हैं, जो कांग्रेस और भाजपा से असंतुष्ट हैं। दावेदारों ने बढ़ाई कांग्रेस और भाजपा की चिंता कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार हैं। दोनों ही पार्टियां सर्वे के आधार पर टिकट बांटेंगी। लेकिन यह चुनाव लोकसभा चुनाव से बिल्कुल अलग होगा। इसमें स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशी का चेहरा दोनों काम आएंगे। भाजपा और कांग्रेस की चिंता यह है कि उनके पास एक सीट के लिए 15 से 20 दावेदार हैं और टिकट सिर्फ एक को मिलेगा। उन जगहों पर स्थिति और भी खराब है, जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा आगे थीं। कांग्रेस ने दावेदारों से आवेदन भी लेना शुरू कर दिया है, जो 31 जुलाई तक जमा किए जाएंगे। कांग्रेस को 100 से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं, जबकि अभी 15 दिन बाकी हैं। भाजपा दे रही जिम्मेदारी, कांग्रेस दे रही पेशकश विधानसभा चुनाव में नेताओं को संतुष्ट रखने के लिए भाजपा चुनाव के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी देकर अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है। भाजपा ऐसे नेताओं को अलग-अलग विधानसभाओं का प्रभारी बना रही है। उन्हें संगठन में एडजस्ट करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए हरियाणा संगठन के शीर्ष नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है कि वे नेताओं पर नजर रखें। दूसरी ओर, कांग्रेस ने अभी से यह पेशकश शुरू कर दी है कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिलेगा, कांग्रेस की सरकार आने पर उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। यह बात प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने हिसार में कांग्रेस सम्मेलन में मंच से कही। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टियों का वोट प्रतिशत हरियाणा में भाजपा के खिलाफ वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। इस लोकसभा चुनाव में 53.89 % वोट भाजपा के खिलाफ पड़े। सभी दलों की नजर इसी आंकड़े पर है। वहीं भाजपा अपने 46.11% वोटों को बचाए रखने की जुगत में हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मिला वोट विधानसभा में छिटक सकता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बंटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बिठाय इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है। हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर किसी भी पार्टी की स्थिति लोकसभा चुनाव में अच्छी नहीं रही। यही वजह है कि इनेलो, जेजेपी और आप 90 विधानसभा क्षेत्रों में जिताऊ चेहरे तलाश रही हैं। भाजपा और कांग्रेस के पास जहां हर विधानसभा क्षेत्र में कई दावेदार हैं, वहीं इनेलो, जेजेपी और आप के पास चेहरों का अभाव है। इन तीनों पार्टियों की नजर अब कांग्रेस और भाजपा के बागियों पर रहेगी। आपको बता दें कि जेजेपी ने पिछले विधानसभा में भी यही चाल चली थी। जेजेपी को हरियाणा से 10 सीटें मिली थीं और उसने हरियाणा में किंगमेकर की भूमिका निभाई थी। जेजेपी ने उन उम्मीदवारों को टिकट दिए, जिन्हें कांग्रेस और भाजपा ने नकार दिया था। लेकिन वे अपने विधानसभा क्षेत्रों में जीतने का दम रखते थे। इस बार इनेलो और आप जेजेपी के फॉर्मूले पर काम करेंगी। अभय चौटाला ने भी इस ओर इशारा किया है। उन्होंने हिसार में उन नेताओं को ऑफर दिए हैं, जो कांग्रेस और भाजपा से असंतुष्ट हैं। दावेदारों ने बढ़ाई कांग्रेस और भाजपा की चिंता कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार हैं। दोनों ही पार्टियां सर्वे के आधार पर टिकट बांटेंगी। लेकिन यह चुनाव लोकसभा चुनाव से बिल्कुल अलग होगा। इसमें स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशी का चेहरा दोनों काम आएंगे। भाजपा और कांग्रेस की चिंता यह है कि उनके पास एक सीट के लिए 15 से 20 दावेदार हैं और टिकट सिर्फ एक को मिलेगा। उन जगहों पर स्थिति और भी खराब है, जहां लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा आगे थीं। कांग्रेस ने दावेदारों से आवेदन भी लेना शुरू कर दिया है, जो 31 जुलाई तक जमा किए जाएंगे। कांग्रेस को 100 से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं, जबकि अभी 15 दिन बाकी हैं। भाजपा दे रही जिम्मेदारी, कांग्रेस दे रही पेशकश विधानसभा चुनाव में नेताओं को संतुष्ट रखने के लिए भाजपा चुनाव के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी देकर अपने कुनबे को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है। भाजपा ऐसे नेताओं को अलग-अलग विधानसभाओं का प्रभारी बना रही है। उन्हें संगठन में एडजस्ट करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए हरियाणा संगठन के शीर्ष नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है कि वे नेताओं पर नजर रखें। दूसरी ओर, कांग्रेस ने अभी से यह पेशकश शुरू कर दी है कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिलेगा, कांग्रेस की सरकार आने पर उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। यह बात प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने हिसार में कांग्रेस सम्मेलन में मंच से कही। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टियों का वोट प्रतिशत हरियाणा में भाजपा के खिलाफ वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। इस लोकसभा चुनाव में 53.89 % वोट भाजपा के खिलाफ पड़े। सभी दलों की नजर इसी आंकड़े पर है। वहीं भाजपा अपने 46.11% वोटों को बचाए रखने की जुगत में हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मिला वोट विधानसभा में छिटक सकता है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बंटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बिठाय इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर