अभिनेता सलमान खान को धमकी देने और राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद चर्चा में आए गैंगस्टर रोहित गोदारा ने अब हरियाणा के हिसार को अपना निशाना बनाया है। वह लॉरेंस बिश्नोई और गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का करीबी है। हिसार में सेक्टर 16-17 निवासी और शारदा अस्पताल के मेडिकल स्टोर के संचालक राजेंद्र शर्मा से रोहित गोदारा ने 2 करोड़ की फिरौती मांगी है। राजेंद्र शर्मा को रोहित गोदारा के नाम से व्हाट्सएप पर एक वॉयस मैसेज मिला है। ‘लाइन पर आजा नहीं तो ध्यान रखना कुत्ता भी कोनी छोड़े’ जिसमें कहा गया है कि ” राजेंद्र क्या हाल चाल है। रोहित गोदारा बोलू हूं। इतनी हिम्मत होगी कै, दो – दो नंबर ब्लॉक करे, 2 करोड़ की फरौती खातर (कारण) फोन करा है। पता कर लिए लाइन पर आजा, नहीं तो घर परिवार में ध्यान रखना कुत्ता भी कोनी छोड़े, मार्केट में पता कर लिए ब्लॉक करें तै क्या होएवे है। 2 दिन का टाइम है, 2 दिन में ना करिए फिर बातऊंगा, ब्लॉक करां तै कै होवे, दो दिना में बताइए”। राजेंद्र शर्मा ने सिविल लाइंस थाने में लिखित शिकायत दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि कहीं यह वॉयस मैसेज किसी की शरारत तो नहीं है। एसपी दीपक सहारण का कहना है कि साइबर एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। जल्द ही पता चल जाएगा कि धमकी देने वाला कौन है। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में भी शामिल हिसार में मेडिकल स्टोर संचालक से रंगदारी मांगने वाले गैंगस्टर रोहित गोदारा के खिलाफ 32 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। रोहित गोदारा राजस्थान के बीकानेर के लूणकरण सर का रहने वाला है। वह कई सालों से अपराध की दुनिया में जाना-पहचाना नाम है। रोहित गोदारा राजस्थान में ही व्यापारियों से 5 करोड़ से लेकर 17 करोड़ रुपये तक की रंगदारी मांग चुका है। उस पर सीकर में गैंगस्टर राजू तेहट की हत्या का भी आरोप है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया था। रोहित गोदारा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के लिए काम करता है। खबरों की मानें तो वह 13 जून 2022 को फर्जी पासपोर्ट पर दिल्ली से दुबई भाग गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रोहित गोदारा फिलहाल कनाडा में है। 24 जून को हिसार में शोरूम पर फायरिंग कर फैलाई थी दहशत इससे पहले 24 जून को दिनदहाड़े बाइक सवार 3 बदमाशों ने हिसार के ऑटो मार्केट में महिंद्रा शोरूम पर करीब 30 फायर किए और 5 करोड़ रुपये की रंगदारी( फिरौती) मांगते हुए नोट फेंका था। इसके बाद बदमाशों ने दो अन्य व्यापारियों से 2-2 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। व्यापारियों ने बदमाशों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहले ऑटो मार्केट और फिर हिसार बंद कर दिया था। 12 जुलाई को एसटीएफ और दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने फायरिंग के आरोपी आशीष उर्फ लालू, सन्नी खरड़ और विक्की को खरखौदा में एनकाउंटर में मार गिराया था। मामले के मुख्य आरोपी काला खैरमपुर को एसटीएफ ने विदेश से डिपोर्ट करवाकर गिरफ्तार किया था। व्यापार मंडल प्रधान ने एसपी से की बात हरियाणा व्यापार मंडल प्रधान बजरंग दास गर्ग ने बताया कि शारदा अस्पताल के मेडिकल स्टोर संचालक से रंगदारी मांगी गई है। रोहित गोदारा के नाम से धमकी भरा वॉयस मैसेज आया है। मेडिकल स्टोर संचालक अशोक शर्मा से बात की गई है और इसके बाद एसपी दीपक सहारण से भी बात की है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को जल्द ही सुलझा लेंगे। व्यापार मंडल मेडिकल स्टोर संचालक के साथ खड़ा है। अभिनेता सलमान खान को धमकी देने और राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद चर्चा में आए गैंगस्टर रोहित गोदारा ने अब हरियाणा के हिसार को अपना निशाना बनाया है। वह लॉरेंस बिश्नोई और गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का करीबी है। हिसार में सेक्टर 16-17 निवासी और शारदा अस्पताल के मेडिकल स्टोर के संचालक राजेंद्र शर्मा से रोहित गोदारा ने 2 करोड़ की फिरौती मांगी है। राजेंद्र शर्मा को रोहित गोदारा के नाम से व्हाट्सएप पर एक वॉयस मैसेज मिला है। ‘लाइन पर आजा नहीं तो ध्यान रखना कुत्ता भी कोनी छोड़े’ जिसमें कहा गया है कि ” राजेंद्र क्या हाल चाल है। रोहित गोदारा बोलू हूं। इतनी हिम्मत होगी कै, दो – दो नंबर ब्लॉक करे, 2 करोड़ की फरौती खातर (कारण) फोन करा है। पता कर लिए लाइन पर आजा, नहीं तो घर परिवार में ध्यान रखना कुत्ता भी कोनी छोड़े, मार्केट में पता कर लिए ब्लॉक करें तै क्या होएवे है। 2 दिन का टाइम है, 2 दिन में ना करिए फिर बातऊंगा, ब्लॉक करां तै कै होवे, दो दिना में बताइए”। राजेंद्र शर्मा ने सिविल लाइंस थाने में लिखित शिकायत दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि कहीं यह वॉयस मैसेज किसी की शरारत तो नहीं है। एसपी दीपक सहारण का कहना है कि साइबर एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। जल्द ही पता चल जाएगा कि धमकी देने वाला कौन है। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में भी शामिल हिसार में मेडिकल स्टोर संचालक से रंगदारी मांगने वाले गैंगस्टर रोहित गोदारा के खिलाफ 32 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। रोहित गोदारा राजस्थान के बीकानेर के लूणकरण सर का रहने वाला है। वह कई सालों से अपराध की दुनिया में जाना-पहचाना नाम है। रोहित गोदारा राजस्थान में ही व्यापारियों से 5 करोड़ से लेकर 17 करोड़ रुपये तक की रंगदारी मांग चुका है। उस पर सीकर में गैंगस्टर राजू तेहट की हत्या का भी आरोप है। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी उसका नाम सामने आया था। रोहित गोदारा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के लिए काम करता है। खबरों की मानें तो वह 13 जून 2022 को फर्जी पासपोर्ट पर दिल्ली से दुबई भाग गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रोहित गोदारा फिलहाल कनाडा में है। 24 जून को हिसार में शोरूम पर फायरिंग कर फैलाई थी दहशत इससे पहले 24 जून को दिनदहाड़े बाइक सवार 3 बदमाशों ने हिसार के ऑटो मार्केट में महिंद्रा शोरूम पर करीब 30 फायर किए और 5 करोड़ रुपये की रंगदारी( फिरौती) मांगते हुए नोट फेंका था। इसके बाद बदमाशों ने दो अन्य व्यापारियों से 2-2 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। व्यापारियों ने बदमाशों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहले ऑटो मार्केट और फिर हिसार बंद कर दिया था। 12 जुलाई को एसटीएफ और दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने फायरिंग के आरोपी आशीष उर्फ लालू, सन्नी खरड़ और विक्की को खरखौदा में एनकाउंटर में मार गिराया था। मामले के मुख्य आरोपी काला खैरमपुर को एसटीएफ ने विदेश से डिपोर्ट करवाकर गिरफ्तार किया था। व्यापार मंडल प्रधान ने एसपी से की बात हरियाणा व्यापार मंडल प्रधान बजरंग दास गर्ग ने बताया कि शारदा अस्पताल के मेडिकल स्टोर संचालक से रंगदारी मांगी गई है। रोहित गोदारा के नाम से धमकी भरा वॉयस मैसेज आया है। मेडिकल स्टोर संचालक अशोक शर्मा से बात की गई है और इसके बाद एसपी दीपक सहारण से भी बात की है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे कौन है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को जल्द ही सुलझा लेंगे। व्यापार मंडल मेडिकल स्टोर संचालक के साथ खड़ा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में संगठन नहीं खड़ा पा रही कांग्रेस:विधानसभा चुनाव से पहले रिस्क लेने से बच रही पार्टी, गुटबाजी और बढ़ने का डर
हरियाणा में संगठन नहीं खड़ा पा रही कांग्रेस:विधानसभा चुनाव से पहले रिस्क लेने से बच रही पार्टी, गुटबाजी और बढ़ने का डर हरियाणा में 2 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। सभी पार्टियां संगठन विस्तार और नए सिरे से संगठन बनाने में लगी है। मगर कांग्रेस हरियाणा में पिछले 10 साल से ना तो नया संगठन बना पाई है और ना ही इस तरफ गंभीर दिख रही है इसका कारण है आपसी गुटबाजी। हरियाणा में कांग्रेस को छोड़कर BJP, JJP, INLD और AAP ने अपना संगठन बना रखा है विस्तार में लगे हुए हैं। वहीं कांग्रेस को डर है कि विधानसभा चुनाव से पहले किए गए प्रयोग से आपसी खींचतान बढ़ेगी। वहीं कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने हाल ही में संकेत दिए थे कि कांग्रेस जल्द ही संगठन बना सकती है। इसकी कवायद चल रही है। मगर दूसरी तरफ प्रभारी को डर है कि चुनाव से पहले नया प्रयोग कहीं कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित ना हो जाए। क्योंकि जैसे ही प्रभारी ने संगठन बनाने का बयान दिया वैसे ही कांग्रेस के सभी गुट एक्टिव हो गए थे और नेताओं के पास कार्यकर्ताओं के फोन घनघनाने लग गए थे। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेस को इस तरह के प्रयोग से बचना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष के पास पड़ी है लिस्ट
बताया जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने प्रदेश पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की लिस्ट फाइनल कर लंबे समय से प्रदेश प्रभारी के पास भेज रखी है। इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पसंद के नेताओं को जगह दी गई है। विधानसभा चुनाव में एकजुटता का संदेश देने के लिहाज से कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव और बीरेंद्र सिंह की पसंद के कुछ नेताओं को भी संगठन में जगह देना जरूरी है। इसलिए कांग्रेस यह लिस्ट हाई कमान को भेजनी से कतरा रही है। वहीं सैलजा और दीपक बाबरिया के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है ऐसे में संगठन की लिस्ट से गुटबाजी और उभर के सामने आ सकती है। राहुल गांधी ने दिए थे निर्देश
हालांकि, पिछले दिनों राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल की हरियाणा के नेताओं के साथ बैठक में इस बात का पता चला कि अभी तक उनके पास ऐसी कोई लिस्ट मंजूरी के लिए पहुंची ही नहीं। तब राहुल गांधी ने केसी वेणुगोपाल और दीपक बाबरिया को हरियाणा का संगठन जल्दी बनाने के निर्देश दिए थे, मगर इस बात को भी 2 महीने बीतने वाले हैं। हरियाणा में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव बिना संगठन के ही लड़ा था। मगर संगठन के साथ लड़ने वाली BJP को कांग्रेस ने अच्छी टक्कर दी थी। 90 सीटों पर 2300 से अधिक आवेदन
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि राज्य में कांग्रेस का टिकट प्राप्त करने वालों में काफी उत्साह है। 90 विधानसभा सीटों के लिए 2300 से अधिक आवेदन आ चुके हैं। आवेदन करने की प्रक्रिया 10 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। एक हजार आवेदन और आने की संभावना है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह उत्साह पार्टी को विधानसभा चुनाव में जीत की ओर अग्रसर करेगा। BJP का वोट शेयर 11.06% घटने से पार्टी उत्साहित
हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है। वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है।
हरियाणा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स:निर्दलीय को समर्थन देकर पूर्व CM चौटाला को हराया था, इस बार 4 उम्मीदवार
हरियाणा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स:निर्दलीय को समर्थन देकर पूर्व CM चौटाला को हराया था, इस बार 4 उम्मीदवार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में खाप पॉलिटिक्स की चर्चा तेज है। इसका कारण खापों के 4 बड़े चेहरे चुनावी मैदान में होना है। खाप पॉलिटिक्स की चर्चा इसलिए भी अहम है कि राज्य में खापों का सामाजिक से लेकर राजनीतिक फैसलों में गहरा नाता रहा है। चाहे बात किसान आंदोलन की हो या फिर खिलाड़ियों के विरोध-प्रदर्शन की। इन दोनों ही घटनाक्रम में खापों ने अहम रोल निभाया था। ऐसे में इस बार खाप से जुड़े बड़े चेहरे चुनावी रण में उतरकर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। अहलावत खाप से जुड़ीं सोनू अहलावत को आम आदमी पार्टी (AAP) ने झज्जर की बेरी सीट से टिकट दी है। वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के खिलाफ उचाना कलां सीट पर 66 गांवों के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद खाप ने आजाद पालवा को उतारा है। इसी तरह बेरी सीट पर ही अहलावत खाप से जुड़े अमित अहलावत भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही 360 महरौली के प्रमुख गोवर्धन सिंह भी इसी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। बेरी में कांग्रेस-बीजेपी दोनों के लिए खतरा
बेरी सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 1,82,798 है। जाट बाहुल्य इस सीट पर कांग्रेस ने कद्दावर नेता और 6 बार के विधायक रघुबीर कादियान को फिर से चुनाव मैदान में उतारा हैं। वहीं बीजेपी ने संजय कबलाना के रूप में नया चेहरा दिया है। जेजेपी ने इस सीट पर सुनील दुजाना को टिकट दी हैं। तीनों ही नेता जाट हैं। वहीं खाप की तरफ से ताल्लुक रखने वाले अमित अहलावत, आप कैंडिडेट सोनू अहलावत और गोवर्धन सिंह भी जाट ही हैं। यहां बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन खाप उम्मीदवारों के आने से कांग्रेस के लिए कुछ मुश्किल हो सकती है। अब पढ़िए खापों की पॉलिटिक्स हरियाणा में कितनी असरदार है? खाप का इतिहास और उनके विवादित फैसले 2014 में कांग्रेस को दिया था समर्थन
हरियाणा की राजनीति में खाप और डेरे का फैक्टर हमेशा से हावी रहा है। 2014 से पहले डेरे और खाप के समर्थन को एक तरह से जीत की गारंटी माना जाता था, लेकिन 2014 में कई बड़े चेहरों की हार के बाद सवाल भी खड़े होने लगे। उस वक्त खापों ने कांग्रेस का समर्थन किया था, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई। इतना ही नहीं उस वक्त गठवाला के चौधरी बलजीत सिंह और खाप से जुड़ीं संतोष दहिया चुनाव हार गईं थीं। हालांकि 2019 के चुनाव में खाप का राज्य में बड़ा असर देखने को मिला। चरखी-दादरी सीट से सांगवान खाप के प्रमुख सोमबीर सांगवान ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और भाजपा उम्मीदवार दंगल गर्ल बबीता फोगाट को हरा दिया था। जून महीने में हुए लोकसभा चुनाव में भी खाप का असर देखने को मिला। 2019 में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार 5 सीटों पर आकर सिमट गई। बीजेपी की पांच सीटों पर हुई हार के पीछे भी खाप फैक्टर को ही माना गया। क्योंकि खापों ने बीजेपी उम्मीदवारों को हराने का लोकसभा चुनाव में ऐलान किया था। हरियाणा में ज्यादातर खापें जाट समाज से जुड़े हुई हैं और जाटों की बीजेपी से पहले ही नाराजगी बनी हुई थी। कई बार सरकारें भी घुटने टेकने को मजबूर हुईं
जातीय गोलबंदी की तरह काम करने वाली खापों का सियासी रसूख हरियाणा में बड़ा रहा है। कई बार इनके फैसलों के आगे सरकारें तक झुकने को मजबूर हुईं। हालांकि साल 2014 के बाद हरियाणा में खापों का असर कमजोर होने की बातें भी होती रही हैं, लेकिन हकीकत ये है कि आज भी खापों के निर्णय को राज्य के कुछ इलाकों में अंतिम निर्णय माना जाता हैं। खाप के समर्थन से दांगी ने चौटाला को हरा दिया था
वर्ष 1989 की बात है। केंद्र में वीपी सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद देवीलाल को उपप्रधानमंत्री बनाया गया। उस वक्त देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और रोहतक की महम सीट से विधायक थे। सीएम की कुर्सी छोड़ने से पहले देवीलाल महम चौबीसी खाप के समर्थन से ना केवल चुनाव लड़ते बल्कि जीतते भी आए थे। देवीलाल के दिल्ली में शिफ्ट होने के बाद प्रदेश की सिसायत की कमान उनके बेटे ओमप्रकाश चौटाला के हाथ में आई। उस समय ओमप्रकाश चौटाला राज्यसभा सांसद थे। CM बने रहने के लिए 6 महीने के भीतर उन्हें विधायक बनना था। देवीवाल के इस्तीफा देने के बाद महम सीट पर उपचुनाव हुआ। ओमप्रकाश चौटाला चुनाव लड़े, लेकिन तब खाप ने चौटाला के खिलाफ चुनाव में उतरे आनंद सिंह दांगी को समर्थन दे दिया। जिसके बाद कई बार हिंसा के चलते उपचुनाव संपन्न नहीं हो पाया। आखिर में ओपी चौटाला ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में फिर से इस सीट पर चुनाव कराया गया। चौटाला दोबारा चुनाव लड़े, लेकिन खाप के समर्थन से आनंद सिंह दांगी ने चौटाला को हरा दिया। खाप पंचायत के इस फैसले की चर्चा आज भी हरियाणा ही नहीं, बल्कि देशभर में होती है। खिलाड़ियों के मामले में खापों की एंट्री के बाद एक्शन में आई सरकार
पिछले साल 2023 में हरियाणा के नामी पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक ने भारतीय कुश्ती संग (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए दिल्ली में प्रदर्शन किया था। 2023 में अप्रैल महीने में जब दोबारा से खिलाड़ी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे तो खाप पंचायतों ने भी खिलाड़ियों का समर्थन कर दिया था। जंतर-मंतर पर हुई खापों की पंचायत में केंद्र सरकार को 9 जून तक प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों से बातचीत करने का अल्टीमेटम दिया था। इसका असर ये हुआ है कि अल्टीमेटम से एक सप्ताह पहले ही प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों के पास गृहमंत्री से बातचीत का बुलावा आ गया था। अब पढ़िए खाप क्या है… एक गोत्र या बिरादरी के सदस्यों का समूह
कनाडा में प्रोफेसर रहे एमसी प्रधान ‘द जर्नल ऑफ एशियन स्टडीज’ किताब के पेज नंबर 664 में खाप के बारे में बताते हैं। ‘खाप’ एक गोत्र या जाति बिरादरी के सदस्यों का समूह होता है। इनमें एक क्षेत्र या कुछ गांव के उस जाति से जुड़े लोग शामिल होते हैं। उस जाति के बुजुर्ग और दबंग लोग इन खाप का नेतृत्व करते हैं। इन खापों के प्रधान एक परिवार या वंश के ही लोग होते हैं। जो शख्स इस समय किसी खाप का प्रधान है आने वाले समय में उसका बेटा उस खाप का प्रधान बनता है। जब किसी मुद्दे पर सार्वजनिक फैसला लेने के लिए किसी खाप के प्रधान सभा बुलाते हैं तो इसे खाप पंचायत कहते हैं। खाप प्रधान को चुनने के लिए कोई तय स्ट्रक्चर या नियम नहीं होते हैं। कई बार खाप प्रधान के पद पर एक ही परिवार या वंश के दो या ज्यादा लोग भी दावा करते हैं। करीब 600 साल पहले शुरुआत, कई दस्तावेजों में जिक्र
पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनियर रिसर्चर रितिका ठाकुर के मुताबिक खाप की शुरुआत 14वीं सदी के दौरान हुई थी। इसके अलावा कानूनी कागजों में खाप शब्द का प्रयोग पहली बार 1890-91 में जोधपुर की जनगणना रिपोर्ट में किया गया था, जो धर्म और जाति पर आधारित थी। कुछ एक्सपर्ट मानते हैं कि ‘खाप’ शब्द संभवतः ‘शक’ भाषा के खतप से लिया गया है, जिसका अर्थ है एक विशेष कबीले द्वारा बसा हुआ क्षेत्र। सबसे पहले खाप का नाम क्या था, ये हमारे रिसर्च में पता नहीं चला। हालांकि कुछ रिसर्च पेपर में इसका जिक्र है कि पहली खाप से 84 गांवों के लोग जुड़े थे। 1950 में पश्चिमी UP के मुजफ्फरनगर जिले के सोरेम में हुई खाप पंचायत का जिक्र कई रिसर्च पेपर में मिलता है। आजादी के बाद हुई इस सर्वखाप पंचायत के प्रधान बीनरा निवास गांव के चौधरी जवान सिंह गुर्जर थे। इस खाप पंचायत में पुनियाला गांव के ठाकुर यशपाल सिंह उपप्रधान थे, जबकि सोरेम गांव के चौधरी काबुल सिंह इसके मंत्री थे। जिन तीन लोगों के नेतृत्व में इस पंचायत का आयोजन हुआ उनमें चौधरी काबुल सिंह एकमात्र जाट थे। हालांकि पिछले कुछ सालों में जाटों का दबदबा खाप पंचायतों में बढ़ा है, इसीलिए कई बार खाप पंचायतों को सीधे जाटों से जोड़ दिया जाता है। खाप पंचायतों के 4 विवादित फैसले… 1. रेप रोकने के लिए 15 साल की उम्र में शादी कर दी जाए
जुलाई 2010 में हरियाणा की सर्वखाप जाट पंचायत ने कहा कि लड़कियों की शादी के लिए उनके बालिग होने का इंतजार नहीं करना है। उनकी शादी अब 15 साल में ही कर देनी है। रेप की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए यह आदेश जारी किया गया था। 2. लड़कियों को जींस पहनने से मना किया
अगस्त 2014 में मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में हुई एक खाप पंचायत ने लड़कियों के जींस पहनने, उनके फोन और इंटरनेट यूज करने पर बैन लगाया था। कुछ लड़कियों के घर से भागने के बाद समाधान के रूप में यह ऐलान किया गया था। 3. भाई की सजा बहनों को दे दी
अगस्त 2015 में बागपत में एक खाप पंचायत ने दो बहनों के साथ रेप करने और उन्हें निर्वस्त्र करके गांव में घुमाने का आदेश जारी किया था। उन्हें उनके भाई के अपराध की सजा दी जानी थी। उनका भाई एक ऊंची जाति की महिला के साथ भाग गया था। खाप पंचायत के इस आदेश के बाद ब्रिटिश संसद तक में मांग उठी कि आरोपी की 23 और 15 साल की बहनों को सुरक्षा दी जाए। 4. परंपराओं में हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं
फरवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने खाप से जुड़े एक मामले में कहा था कि दो रजामंद वयस्कों को अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार है। खाप पंचायत किसी वयस्क को अंतरजातीय विवाह करने से रोक नहीं सकती। इससे नाराज होकर नरेश टिकैत ने कहा- अगर हमारी परंपराओं में हस्तक्षेप किया गया तो उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर इस तरह के आदेश पारित होते हैं तो हम न तो लड़कियां पैदा करेंगे और न ही लड़कियों को पैदा होने देंगे। हरियाणा में 120 से ज्यादा खापें
हरियाणा में जाट बड़ा वोट बैंक हैं। जाटों की आबादी 25% से अधिक है। जाट बाहुल्य राज्य होने से खाप भी इसकी पहचान से जुड़ी हुई हैं। प्रदेश में वर्तमान में 120 से ज्यादा खापें हैं। जिनमें सर्वखाप, महम चौबीसी, फोगाट खाप, सांगवान खाप, श्योराण, धनखड़, सतगामा, हवेली, मलिक, जाखड़, हुड्डा, कंडेला, बिनैन, गठवाला मलिक आदि प्रमुख हैं। कंडेला खाप के प्रमुख धर्मपाल कंडेला हैं तो वहीं सातबास खाप के बलवान सिंह मलिक। खाप पॉलिटिक्स में फोगाट खाप के प्रमुख बलवंत नंबरदार, सांगवान खाप के सोमवीर सांगवान भी बड़ा चेहरा हैं।
हिसार में आज फिर प्रदर्शन करेंगे ऑटो व्यापारी:5 जुलाई को बाजार बंद; 9 करोड़ फिरौती का मामला, पुलिस को नहीं मिली सफलता
हिसार में आज फिर प्रदर्शन करेंगे ऑटो व्यापारी:5 जुलाई को बाजार बंद; 9 करोड़ फिरौती का मामला, पुलिस को नहीं मिली सफलता हरियाणा के हिसार में ऑटो मार्केट के 3 व्यापारियों से 9 करोड़ की रंगदारी मांगने वाले बदमाशों की गिरफ्तारी न होने से व्यापारियों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। व्यापारी डर के साये में जी रहे हैं। व्यापारियों को फोन पर धमकी भरे मैसेज आ रहे हैं। इसको लेकर व्यापारी पुलिस प्रशासन और हरियाणा सरकार से नाराज हैं। हिसार के व्यापारियों ने रविवार को ऑटो मार्केट में बैठक की। बैठक की अध्यक्षता हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने की। इस बैठक में सभी मार्केट एसोसिएशन ने भाग लिया। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर पुलिस ने गुरुवार 4 जुलाई तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो शुक्रवार 5 जुलाई को हिसार के सभी बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे। वहीं, आज से नागोरी गेट हनुमान मंदिर के सामने 2 घंटे का धरना दिया जाएगा। इस धरने का नेतृत्व खुद व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग करेंगे। इसके अलावा सभी मार्केट एसोसिएशन के सदस्य इस धरने में भाग लेंगे। पुलिस ने धरना स्थल के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। पुलिस सिर्फ आश्वासन दे रही है: बजरंग दास गर्ग इस मौके पर व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग ने कहा कि पुलिस के पास अभी गुरुवार तक का समय है। पुलिस सिर्फ आश्वासन दे रही है, व्यापारी सिर्फ आश्वासनों से शांत बैठने वाले नहीं हैं। सरकार और प्रशासन को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जब तक सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तब तक व्यापारी चुप नहीं बैठेंगे। अगर सरकार समय रहते अपराधियों को नहीं पकड़ती तो आने वाले दिनों में हम करनाल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे। जरूरत पड़ी तो प्रदेश के व्यापारियों की बैठक बुलाकर प्रदेश बंद का आह्वान भी किया जाएगा। 7 दिन बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं ऑटो मार्केट के 3 व्यापारियों से 9 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पिछले सोमवार को ऑटो मार्केट में महिंद्रा शोरूम के मालिक इनेलो नेता रामभगत गुप्ता से 5 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। अगले दिन भीम ऑटो मोबाइल्स से 2 करोड़ और गोयल तिरपाल हाउस से 2 करोड़ की फिरौती मांगी गई। अभी तक सभी मामले पुलिस के हाथ में हैं। रंगदारी मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपी गई है। उनकी टीम अपराधियों की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिया है। पुलिस ने 2 हजार सीसीटीवी खंगाले
दूसरी ओर, पुलिस टीमों को नए इनपुट मिले हैं। पुलिस टीम शहर और आसपास के इलाकों के करीब 2000 सीसीटीवी कैमरे खंगाल चुकी है। फुटेज की जांच में पता चला है कि बदमाशों ने रंगदारी के लिए सीधा रास्ता नहीं अपनाया। बदमाश ऑटो मार्केट से आसपास के इलाके में घूमने के बाद ऑटो मार्केट में दाखिल हुए। इसके बाद दो बदमाशों ने एक दुकान पर रेकी करने के बाद करीब 500 रुपए का सामान भी खरीदा। पुलिस टीमों ने उन युवकों की फुटेज भी अपने कब्जे में ले ली है। फुटेज से पता चला है कि इन वारदातों को अंजाम देने के लिए चार बाइक और दो गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था। 28 जून को ऑटो मार्केट बंद कर जताया था विरोध
अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पहले व्यापार मंडल ने पुलिस को शुक्रवार 28 जून का समय दिया था मगर पुलिस पहचान करने के बावजूद आरोपितों को नहीं पकड़ पाई थी। इसके बाद व्यापारियों ने ऑटो मार्केट और अनाज मंडी पूरी तरह बंद कर दिए थे। व्यापारियों ने सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी और अपराधियों पर शिकंजा कसने की मांग की थी। इस दौरान व्यापारियों ने ऐलान किया था कि अगर दो दिन बाद भी बदमाश नहीं पकड़े गए तो रविवार को मीटिंग बुलाएंगे। इसी को लेकर रविवार को मीटिंग बुलाई गई थी।