हरियाणा कांग्रेस लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को लेटर लिखा है। इस लेटर में उन्होंने जर्जर सड़कों का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है, रेवाड़ी – फतेहाबाद मार्ग और महिला कॉलेज तक की सड़क जर्जर हो चुकी है, इसके निर्माण कार्य में हो रही देरी से हजारों लोगों को दिक्कत हो रही है। आशा है कि सरकार जल्द कार्रवाई कर नागरिकों की समस्याओं का समाधान करेगी। उन्होंने अपने इस लेटर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर भी पोस्ट किया है। सैलजा इन दिनों दिल्ली में चल रहे शीतकालीन सत्र को लेकर एक्टिव हैं। यहां पढ़िए क्या है लेटर में… 1. लेटर में सैलजा ने लिखा है, आपका ध्यान जिला फतेहाबाद के रतिया में हरियाणा – पंजाब को जोड़ने वाले स्टेट हाईवे और फतेहाबाद रोड से महिला कॉलेज तक जाने वाली सड़क के निर्माण के संदर्भ में आकर्षित करना चाहती हूं। मेरे लोकसभा क्षेत्र सिरसा के नगर रतिया में हरिणाणा और पंजाब को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण काफी समय से अधूरा लटका हुआ है, इस सड़क के एक हिस्से का निर्माण कार्य एक माह से बंद पड़ा है जिसके कारण वहां से आने – जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो होती है। 2. सैलजा ने खराब सड़क को लेकर लिखा, जर्जर सड़क के कारण रात में आए दिन सड़क हादसे होते रहते है, दिन में लोगों को दूसरे रास्तों से होकर आना – जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। 3. रतिया में फतेहाबाद रोड से महिला कॉलेज तक जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य भी अधूरा लटका हुआ है, ठेकेदार ने सड़क तोड़ तो दी पर उसे अभी तक नहीं बनाया गया है, इस रोड से होकर प्रतिदिन हजारों छात्राएं कॉलेज आती जाती हैं, जिन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर समय धूल उड़ती रहती है और हादसों का डर रहता है। मुझे आशा है कि आप इस समस्या के बारे में संज्ञान लेते हुए दोनों सड़कों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करवाने के निर्देश देंगे, जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। लेटर में उन्होंने सीएम सैनी को धन्यवाद भी किया है। यहां देखिए लेटर… हरियाणा कांग्रेस लोकसभा सांसद कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को लेटर लिखा है। इस लेटर में उन्होंने जर्जर सड़कों का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है, रेवाड़ी – फतेहाबाद मार्ग और महिला कॉलेज तक की सड़क जर्जर हो चुकी है, इसके निर्माण कार्य में हो रही देरी से हजारों लोगों को दिक्कत हो रही है। आशा है कि सरकार जल्द कार्रवाई कर नागरिकों की समस्याओं का समाधान करेगी। उन्होंने अपने इस लेटर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर भी पोस्ट किया है। सैलजा इन दिनों दिल्ली में चल रहे शीतकालीन सत्र को लेकर एक्टिव हैं। यहां पढ़िए क्या है लेटर में… 1. लेटर में सैलजा ने लिखा है, आपका ध्यान जिला फतेहाबाद के रतिया में हरियाणा – पंजाब को जोड़ने वाले स्टेट हाईवे और फतेहाबाद रोड से महिला कॉलेज तक जाने वाली सड़क के निर्माण के संदर्भ में आकर्षित करना चाहती हूं। मेरे लोकसभा क्षेत्र सिरसा के नगर रतिया में हरिणाणा और पंजाब को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण काफी समय से अधूरा लटका हुआ है, इस सड़क के एक हिस्से का निर्माण कार्य एक माह से बंद पड़ा है जिसके कारण वहां से आने – जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हो होती है। 2. सैलजा ने खराब सड़क को लेकर लिखा, जर्जर सड़क के कारण रात में आए दिन सड़क हादसे होते रहते है, दिन में लोगों को दूसरे रास्तों से होकर आना – जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है। 3. रतिया में फतेहाबाद रोड से महिला कॉलेज तक जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य भी अधूरा लटका हुआ है, ठेकेदार ने सड़क तोड़ तो दी पर उसे अभी तक नहीं बनाया गया है, इस रोड से होकर प्रतिदिन हजारों छात्राएं कॉलेज आती जाती हैं, जिन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर समय धूल उड़ती रहती है और हादसों का डर रहता है। मुझे आशा है कि आप इस समस्या के बारे में संज्ञान लेते हुए दोनों सड़कों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करवाने के निर्देश देंगे, जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। लेटर में उन्होंने सीएम सैनी को धन्यवाद भी किया है। यहां देखिए लेटर… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सिरसा में सीने में चाकू घोंपकर की हत्या:चचेरे भाई ने ही दिया घटना को अंजाम, बचाव करने आए लोगों पर भी किया हमला
सिरसा में सीने में चाकू घोंपकर की हत्या:चचेरे भाई ने ही दिया घटना को अंजाम, बचाव करने आए लोगों पर भी किया हमला हरियाणा के सिरसा शहर की रानियां चुंगी में दो चचेरे भाइयों के बीच झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ गया कि एक ने दूसरे को चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी। घटना की सूचना मिलने पर शहर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शनिवार को पुलिस ने मृतक के परिजनों का बयान दर्ज करके आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया। चचेरे भाई ने चाकू से किया हमला जानकारी के अनुसार रानियां चुंगी निवासी हरप्रीत उर्फ टोनी पेंटर का काम करता था। शुक्रवार रात को हरप्रीत अपने घर पर बैठा था। इसके बाद वह अपने चाचा के बेटे अर्शदीप उर्फ आशु के साथ बाहर चला गया। कुछ देर बाद घरवालों को बाहर से शोर शराबे की आवाजें सुनाई दी। इसके बाद घरवाले दौड़कर बाहर गए तो अर्शदीप हाथ में चाकू लेकर हरप्रीत पर वार कर रहा था। डॉक्टर ने किया मृत घोषित हरप्रीत के छोटे भाई गुरप्रीत सिंह का कहना है कि उसने अर्शदीप को रोकने की काफी कोशिश की, लेकिन वह हरप्रीत के सीने में चाकू से वार करता रहा। इतना ही नहीं अर्शदीप ने उस पर व बीच बचाव कर रहे अन्य लोगों पर भी चाकू से वार कर दिया। गुरप्रीत सिंह का कहना है कि वह गंभीर रूप से घायल हरप्रीत को सिविल हॉस्पिटल लेकर गए। जहां डॉक्टर ने उसकी जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की जांच में जुटी पुलिस वहीं, घटना की सूचना मिलते ही शहर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस का कहना है कि मृतक हरप्रीत के घरवालों का बयान दर्ज कर आरोपी अर्शदीप के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ही हत्या का मुख्य कारण पता चल पाएगा। शनिवार को शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया। बताया जा रहा है कि अर्शदीप ने चाकू से हरप्रीत के सीने पर 10 वार किए जिससे उसकी मौत हो गई।
महाराष्ट्र चुनाव में रणदीप सुरजेवाला बने स्टार प्रचारक:40 की लिस्ट में हरियाणा से हुड्डा परिवार का नाम नहीं; कुमारी शैलजा ने हस्ताक्षर किए
महाराष्ट्र चुनाव में रणदीप सुरजेवाला बने स्टार प्रचारक:40 की लिस्ट में हरियाणा से हुड्डा परिवार का नाम नहीं; कुमारी शैलजा ने हस्ताक्षर किए कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और राज्य की नांदेड़ लोकसभा सीट पर उप-चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इसमें हरियाणा की राजनीति में सक्रिय वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला को जगह मिली है। वह महाराष्ट्र में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए चुनावी रैलियां और रोड शो करेंगे, और लोगों से वोट देने की अपील करेंगे। हैरानी की बात यह है कि 40 स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में हरियाणा के हुड्डा परिवार का नाम नहीं है। कांग्रेस ने न तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इसमें जगह दी है, और न ही उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा को प्रचारक बनाया है। लिस्ट में एक खास बात यह भी है कि स्टार प्रचारकों के सभी नामों पर सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हस्ताक्षर किए हैं। पार्टी की ओर से जारी सूची… गुटबाजी के चलते हाल में हरियाणा हारी है कांग्रेस
कुमारी सैलजा हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस की सांसद हैं और इस समय उन्हें जनरल सेक्रेटरी भी नियुक्त किया गया है। हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को आश्चर्यजनक हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद से ही कांग्रेस हाईकमान कुुमारी सैलजा के नजदीक और हुड्डा परिवार से दूर नजर आ रही है। बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने पूर्व CM भूपेंद्र हु्ड्डा के नेतृत्व में ही लड़ा था। टिकट के बंटवारे से लेकर स्टार कैंपेनरों की रैलियों तक में हुड्डा की ज्यादा चली। इसी बीच कुमारी सैलजा कहीं फ्रंट पर नहीं दिखीं। इसे कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में हार का एक बड़ा कारण भी माना है। इस गुटबाजी के कारण संगठन कमजोर हुआ। सैलजा और हुड्डा के बीच नाराजगी की 3 वजहें 1. सैलजा ने CM कुर्सी का दावा ठोका
चुनाव की घोषणा के बाद सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने सीएम कुर्सी पर दावा ठोक दिया। सैलजा ने कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति का सीएम होना चाहिए। चूंकि इस वक्त भूपेंद्र हुड्डा सीएम कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार हैं। इस वजह से हुड्डा समर्थक इससे नाराज हो गए। 2. टिकट बंटवारे में हुड्डा की चली
कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर सैलजा ने समर्थकों को टिकट दिलाने की पूरी कोशिश की। हालांकि इसमें हुड्डा की चली। 90 टिकटों में से सबसे ज्यादा 72 हुड्डा के ही समर्थकों को मिल गई। इसकी वजह से सैलजा नाराज हो गई। 3. जातिसूचक शब्द से ज्यादा नाराज हुईं, प्रचार छोड़ा
इसके बाद एक सीट पर सैलजा मंच से पहले घोषणा करने के बावजूद अपने समर्थक को टिकट नहीं दिला सकी। यहां से हुड्डा समर्थक को टिकट मिल गया। इसके बाद इसी सीट के उम्मीदवार से जुड़े समर्थक ने सैलजा के प्रति जातिसूचक शब्द कहे। इससे सैलजा इस कदर नाराज हुईं कि उन्होंने चुनाव प्रचार छोड़ दिया। वह नाराज होकर घर बैठ गईं। गुटबाजी खत्म करने के लिए हाथ मिलवाए
हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए राहुल गांधी प्रचार के साथ-साथ कांग्रेसी नेताओं की गुटबाजी दूर करने की कोशिश भी कर रहे थे। उन्होंने अंबाला के नारायणगढ़ से ‘हरियाणा विजय संकल्प यात्रा’ शुरू की थी। इस मौके पर जनसभा में भीड़ के अभिवादन के दौरान राहुल ने पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा के हाथ भी मिलवाए। 12 सितंबर को टिकटों का ऐलान होने के बाद सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी, क्योंकि हाईकमान ने उनके समर्थक उम्मीदवारों को कम टिकट दिए थे। जबकि, भूपेंद्र हुड्डा के समर्थकों को सबसे ज्यादा टिकट दिए गए। सैलजा ने 25 सितंबर तक प्रदेशभर में कहीं कोई प्रोग्राम नहीं किया। 26 सितंबर को खुद राहुल गांधी उन्हें दिल्ली से लेकर करनाल की रैली में पहुंचे थे। इसके बाद भी सैलजा और हुड्डा की नजदीकियां नहीं बढ़ीं। नतीजा यह हुआ कि हरियाणा में कांग्रेस की हवा होते हुए भी पार्टी चुनाव हार गई। इसके बाद सैलजा ने संगठन में एकता न होने को ही हार का कारण बताया। वहीं, हुड्डा ने EVM पर हार का ठीकरा फोड़ दिया। हालांकि, रिव्यू मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा कि कुछ नेताओं के अपने हित पार्टी से बड़े रहे, इसलिए हार मिली। इसके बाद से सैलजा तो लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच एक्टिव रहीं, लेकिन हुड्डा कहीं दिखे नहीं। अब उन्हें स्टार प्रचारकों में से भी बाहर कर दिया है, जबकि सैलजा के ही समर्थन में रहे रणदीप सुरजेवाला को लिस्ट में जगह मिली है।
हरियाणा में टिकट दावेदार बढ़ाएंगे कांग्रेस हाईकमान का सिरदर्द:हर विधानसभा में 10-15 तक जता रहे उम्मीदवारी, अगले महीने से पार्टी मांगेगी आवेदन
हरियाणा में टिकट दावेदार बढ़ाएंगे कांग्रेस हाईकमान का सिरदर्द:हर विधानसभा में 10-15 तक जता रहे उम्मीदवारी, अगले महीने से पार्टी मांगेगी आवेदन हरियाणा में विधानसभा चुनाव को महज 3 महीने का ही समय बचा है। चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार खुलकर कांग्रेस का टिकट मांग रहे हैं और अपने आपको दावेदार बता रहे हैं। मगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह ही सर्वे के आधार पर टिकट इस बार देखा। ऐसे में नेताओं ने फिल्ड में रहना शुरू कर दिया है ताकि सर्वे में उनकी रिपोर्ट अच्छी आए। वहीं कुछ नेता ऑनलाइन सर्वे करवाकर खुद को बाकि की तुलना में अधिक असरदार व मजबूत कैंडिडेट बता रहे हैं। खास बात है कि इस बार कांग्रेस का टिकट लेने के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रहने के आसार हैं। कांग्रेस के हर विधानसभा में 10 से लेकर 15 दावेदार हैं। ऐसे में यह दावेदार कांग्रेस हाईकमान का सिर दर्द बढ़ाएंगे। कांग्रेस इन दावेदारों से अगले महीने आवेदन मांगना शुरू कर सकती है। कांग्रेस का पहला सर्वे अभी चल रहा है। दूसरा सर्वे शुरू होते ही कांग्रेस आवेदन मांगना शुरू करेगी। जल्द ही कांग्रेस आवेदन के लिए घोषणा करने वाली है। ऐसे में टिकट पाने वालों ने बायोडाटा बनवाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा कांग्रेस न्यायपत्र बनाने की भी तैयारियों में लगी है। राहुल की मीटिंग के बाद बयानबाजी थमी हरियाणा कांग्रेस की हाईकमान के साथ बैठक के बाद बयानबाजी थम गई है। हुड्डा खेमे और SRK गुट की तरफ से कोई बयानबाजी राहुल गांधी की नसीहत के बाद सामने नहीं आई है। मगर वहीं जनता के सामने कांग्रेस की गुटबाजी जगजाहिर है। ऊपर से चाहे कितना भी एक होने का संदेश देगी मगर धरातल पर दोनों गुटों के नेताओं के कार्यकर्ता एक दूसरे के आमने-सामने रहते हैं। कांग्रेस के सम्मेलनों में गुटबाजी देखने को मिल रही है। जींद में हुए सम्मेलन में चौधरी बीरेंद्र सिंह ग़ैरमौजूद रहे। वहीं उचाना में जयप्रकाश के कार्यक्रमों से बृजेंद्र सिंह गायब दिखे। विधानसभा में कांग्रेस के पास 3 बड़े ऐज 1. सत्ता विरोधी लहर : भाजपा हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। हरियाणा में 10 साल से भाजपा की सरकार है। हरियाणा की जनता प्रदेश में बदलाव की ओर देख रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदला मगर इसका फायदा लोकसभा चुनाव में नहीं मिला। लोकसभा चुनाव में भाजपा को जरूर मोदी के नाम के वोट मिले मगर अबकी बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समाज की नाराजगी : भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समाज को साधने की है। लोकसभा चुनाव में दोनों समाज ने भाजपा के खिलाफ होकर एकजुट होकर वोट किया। इसका परिणाम था कि जिन विधानसभा में जाट समाज या एससी समाज का प्रभाव है उन विधानसभा में भाजपा की हार हुई है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना : भाजपा के सामने केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों में नाराजगी है। केंद्र सरकार की ओर से बनाए तीन कृषि कानून को लेकर काफी लंबा आंदोलन हुआ। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर जबरदस्ती की और साथ नहीं दिया। इस कारण किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं केंद्र की अग्निवीर योजना से हरियाणा के युवा खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा नाराज हैं। हरियाणा में बड़े स्तर पर युवा आर्मी भर्ती की तैयारी करते हैं। कांग्रेस को इन चुनौतियों से पारा पाना होगा 1. गुटबाजी हरियाणा में कांग्रेसी नेताओं की धड़ेबंदी जगजाहिर है और पार्टी ने इसका नुकसान कम से कम 2 सीटें गवांकर चुकाया। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर पूर्व मंत्री किरण चौधरी और गुरुग्राम में पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट कटने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर जताई। इसी तरह हिसार सीट पर2 गुटबाजी देखने को मिली। सैजला समर्थकों ने जयप्रकाश के प्रचार से दूरी बनाए रखी। इससे हिसार में जीत का मार्जिन कम हो गया। अगर विधानसभा वाइस सीटें देखें तो कांग्रेस को हिसार, कैथल, जींद, गुरुग्राम, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा लोकसभा जैसी विधानसभाओं में गुटबाजी से पार पाना होगा। 2. पार्टी के भीतर चौधर की लड़ाई लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं के बीच चलने वाली चौधर की लड़ाई भी जमकर देखने को मिली। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह शुरू से आखिर तक बांगर बेल्ट में हिसार के उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी को नीचा दिखाने की कोशिश करते नजर आए। हालांकि चुनाव नतीजों में जेपी को सबसे बड़ी लीड बीरेंद्र सिंह के गढ़ उचाना से ही मिली। जयप्रकाश जेपी के हुड्डा कैंप से जुड़े होने के कारण सैलजा रणदीप सुरजेवाला ने हिसार में एक सभा तक नहीं की। सैलजा सिरसा तक सिमटी रही तो रणदीप सिरसा के अलावा कुरुक्षेत्र एरिया में एक्टिव रहे। 3. कुरुक्षेत्र में गठबंधन को सीट दी विधानसभा में पड़ेगा असर कांग्रेस ने I.N.D.I.A. अलायंस के तहत कुरूक्षेत्र सीट आम आदमी पार्टी (AAP) को दी थी। इसलिए यहां कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गायब रहा। इसका असर विधानसभा में भी पड़ना तय है। अगर यहां कांग्रेस और आप के बीच वोट बंटे तो इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। आप यहां मजबूती से चुनाव लड़ने का विचार मन बना रही है। पंजाब के साथ लगती हरियाणा की बेल्ट में आप कांग्रेस को चुनौती देगी।