इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नवनियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला के बयान पर पूर्व इनेलो नेता एवं कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा है कि एक जिम्मेदार पद बैठे व्यक्ति को इस तरह के गैरजिम्मेदार बयान नहीं देना चाहिए। इस प्रकार के बयान देने से लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। मीडिया में दिए बयान में अशोक अरोड़ा ने बताया कि मैं जब से कांग्रेस पार्टी में गया हूं, पार्टी के हर नेता की तरफ से, चाहे वह राष्ट्रीय नेता है या प्रदेश के नेता है, चाहे वह हरियाणा प्रदेश के छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं की ओर से पूरा सम्मान मिला है। हमने भी कांग्रेस पार्टी में, जो जिम्मेदारी पार्टी की ओर से मिली है, बखूबी निभा रहे हैं। जनता ने जो जिम्मेदारी सौंपी उसे निभा रहे अरोड़ा ने कहा कि आज थानेसर की जनता ने कांग्रेस एमएलए के रूप में जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे निभा रहे हैं। उसको सड़क पर भी, विधानसभा में भी अच्छे ढंग से निभा रहे हैं। मेरी उनसे सलाह है अपनी वो पार्टी को बढ़ाने के लिए कोई भी बात करें, वो एक अच्छी बात है। परंतु किसी के ऊपर इस प्रकार की बात करना वो ठीक बात नहीं है। इससे लोगों में भ्रम फैलता है। जानकारी के अनुसार गुरुग्राम में इनेलो पार्टी संगठन विस्तार को लेकर मीटिंग हुई थी। उसी दौरान अभय चौटाला ने विधायक अशोक अरोड़ा को पार्टी में शामिल होने पर वैसा ही सम्मान देने की बात की थी, जो पहले उनको पार्टी में मिलता था। इस ऑफर को विधायक अशोका अरोड़ा ने ठुकराते हुए अभय चौटाला को ही नसीहत दे डाली। गुरुग्राम में इनेलो पार्टी संगठन विस्तार में दिया था ऑफर मीटिंग में इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला ने कहा था कि अशोक अरोड़ा की बात है वो आज भी महसूस तो करता है इस बात को। चाहे कहे कुछ। वो अलग बात है। परेशान है वो। दम वहां भी घुट रहा है आज। हमारे यहां इज्जत थी, मान-सम्मान था, रिस्पेक्ट थी, एक-एक कार्यकर्ता हमारा रिस्पेक्ट देता था। आज कोई कुर्सी देने को तैयार नहीं। अगर उन्हें लग रहा है कि अपमान हो रहा है, परेशान है तो इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी में उनका सम्मान है, इज्जत है। अगर वो आएंगे हमारे पास तो हम उसी तरह का सम्मान देंगे। ना तो मैं इस चीज की पहल करूं उनके लिए, क्योंकि वो मेरे से बहुत ज्यादा इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी को जानते और समझते हैं। चौटाला परिवार के करीबी रहे अरोड़ा
अशोक अरोड़ा इनेलो पार्टी ही नहीं चौटाला परिवार के पारिवारिक रिश्तों से भी बेहद करीबी रहे हैं। वह इनेलो में काफी अहम पदों पर रहे हैं। इनेलो में वह लगभग 14 साल तक अध्यक्ष के पद पर रहे। इनेलो सरकार में वह मंत्री भी रह चुके हैं। पूर्व सीएम ओपी चौटाला के काफी विश्वसनीय रहे हैं। जब पार्टी छोड़ी, उस समय थे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
जब उन्होंने इनेलो को छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की थी। तब उनके पास इनेलो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पदभार था। पार्टी छोड़ने पर इनेलो को गहरा झटका लगा था। कांग्रेस में भी वह अच्छी पैठ बनाए हुए है। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नवनियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला के बयान पर पूर्व इनेलो नेता एवं कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा है कि एक जिम्मेदार पद बैठे व्यक्ति को इस तरह के गैरजिम्मेदार बयान नहीं देना चाहिए। इस प्रकार के बयान देने से लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। मीडिया में दिए बयान में अशोक अरोड़ा ने बताया कि मैं जब से कांग्रेस पार्टी में गया हूं, पार्टी के हर नेता की तरफ से, चाहे वह राष्ट्रीय नेता है या प्रदेश के नेता है, चाहे वह हरियाणा प्रदेश के छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं की ओर से पूरा सम्मान मिला है। हमने भी कांग्रेस पार्टी में, जो जिम्मेदारी पार्टी की ओर से मिली है, बखूबी निभा रहे हैं। जनता ने जो जिम्मेदारी सौंपी उसे निभा रहे अरोड़ा ने कहा कि आज थानेसर की जनता ने कांग्रेस एमएलए के रूप में जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे निभा रहे हैं। उसको सड़क पर भी, विधानसभा में भी अच्छे ढंग से निभा रहे हैं। मेरी उनसे सलाह है अपनी वो पार्टी को बढ़ाने के लिए कोई भी बात करें, वो एक अच्छी बात है। परंतु किसी के ऊपर इस प्रकार की बात करना वो ठीक बात नहीं है। इससे लोगों में भ्रम फैलता है। जानकारी के अनुसार गुरुग्राम में इनेलो पार्टी संगठन विस्तार को लेकर मीटिंग हुई थी। उसी दौरान अभय चौटाला ने विधायक अशोक अरोड़ा को पार्टी में शामिल होने पर वैसा ही सम्मान देने की बात की थी, जो पहले उनको पार्टी में मिलता था। इस ऑफर को विधायक अशोका अरोड़ा ने ठुकराते हुए अभय चौटाला को ही नसीहत दे डाली। गुरुग्राम में इनेलो पार्टी संगठन विस्तार में दिया था ऑफर मीटिंग में इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय चौटाला ने कहा था कि अशोक अरोड़ा की बात है वो आज भी महसूस तो करता है इस बात को। चाहे कहे कुछ। वो अलग बात है। परेशान है वो। दम वहां भी घुट रहा है आज। हमारे यहां इज्जत थी, मान-सम्मान था, रिस्पेक्ट थी, एक-एक कार्यकर्ता हमारा रिस्पेक्ट देता था। आज कोई कुर्सी देने को तैयार नहीं। अगर उन्हें लग रहा है कि अपमान हो रहा है, परेशान है तो इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी में उनका सम्मान है, इज्जत है। अगर वो आएंगे हमारे पास तो हम उसी तरह का सम्मान देंगे। ना तो मैं इस चीज की पहल करूं उनके लिए, क्योंकि वो मेरे से बहुत ज्यादा इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी को जानते और समझते हैं। चौटाला परिवार के करीबी रहे अरोड़ा
अशोक अरोड़ा इनेलो पार्टी ही नहीं चौटाला परिवार के पारिवारिक रिश्तों से भी बेहद करीबी रहे हैं। वह इनेलो में काफी अहम पदों पर रहे हैं। इनेलो में वह लगभग 14 साल तक अध्यक्ष के पद पर रहे। इनेलो सरकार में वह मंत्री भी रह चुके हैं। पूर्व सीएम ओपी चौटाला के काफी विश्वसनीय रहे हैं। जब पार्टी छोड़ी, उस समय थे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
जब उन्होंने इनेलो को छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन की थी। तब उनके पास इनेलो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पदभार था। पार्टी छोड़ने पर इनेलो को गहरा झटका लगा था। कांग्रेस में भी वह अच्छी पैठ बनाए हुए है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
