कानपुर देहात में गद्दा फैक्ट्री में आग लगने से अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। 4 की हालत नाजुक है। घटना से जुड़े वीडियो सामने आए हैं, जिनमें दिख रहा है कि सड़क पर एक युवक लेटा हुआ तड़प रहा है। वह चीख रहा है। हाथ जोड़कर बचाने की गुहार लगा रहा है। दूसरे वीडियो में दो युवक तड़पते दिख रहे हैं। दोनों 70 प्रतिशत तक जल चुके हैं। एक युवक के पूरे कपड़े जल गए। वह टहलता-चीखता दिखाई दे रहा है। दरअसल, शनिवार सुबह 6 बजे औद्योगिक क्षेत्र रनियां में गद्दा फैक्ट्री के LPG यूनिट में गैस रिसाव हो गया। इसके बाद तेज धमाका हुआ और आग लग गई। गोदाम में काम कर रहे 11 मजदूरों में से 10 अंदर ही फंस गए। 3 मजदूर फैक्ट्री में जिंदा जल गए। सूचना पर पुलिसकर्मियों की टीम पहुंची और किसी तरह 7 को बाहर निकाला गया। तीन घायलों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। अभी भी मलबा हटाया जा रहा है। हादसे की 3 तस्वीरें… आग लगने से फोम के बंडल मजदूरों पर गिरे
शुरुआती जांच के मुताबिक, गोदाम की ऊंचाई करीब 20-25 फीट है, जिसके अंदर ऊपर तक दीवार के चारों ओर फोम के बंडल भरे पड़े थे। आग के कारण ये जल-जलकर गिरने लगे। फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर आग लगने के बाद भागने लगे और फोम के बंडल उन पर गिर गए। बिना फायर NOC के चल रही थी फैक्ट्री
जांच के मुताबिक, आग लगने की वजह गैस रिसाव और स्पार्किंग बताई जा रही है। दरअसल, इंवेस्टर्स समिट में एमओयू के बाद डेढ़ साल पहले मानकों को दरकिनार कर फैक्ट्री में उत्पादन शुरू कर दिया। फैक्ट्री के निर्माण के दौरान प्रोविजनल (अस्थायी) प्रमाणपत्र तक नहीं लिया गया। फैक्ट्री बिना फायर NOC के चल रही थी और सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। आग बुझाने के लिए जो वाटर टैंक था, उसमें पानी भी बहुत कम था। दमकल को आसपास की फैक्ट्रियों से पानी लेना पड़ा, जिससे आग बुझाने में दिक्कत आई। डीएम बोले- जांच के बाद कार्रवाई करेंगे
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले अस्थायी अनापत्ति के लिए आवेदन किया गया था। नियमानुसार आवेदन नहीं होने पर अनापत्ति देने से मना कर दिया गया था। वहीं, डीएम आलोक सिंह ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। किस स्तर पर लापरवाही रही, इसका पता लगाया जा रहा है। फैक्ट्री प्रबंधन पीड़ितों की मदद कर रहा है। जांच के बाद एक्शन लेंगे। यह खबर भी पढ़ें.. कानपुर में पटरी पर फिर रखा सिलेंडर:ट्रेन पलटाने की साजिश, इमरजेंसी ब्रेक लगाकर 10 फीट पहले रोकी मालगाड़ी कानपुर में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश की गई। यहां पटरी पर गैस सिलेंडर रखा गया। रविवार सुबह कानपुर से प्रयागराज जाने वाली मालगाड़ी ट्रेन के लोको पायलट ने ट्रैक पर सिलेंडर रखा देखा, तो इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकी। पढ़ें पूरी खबर कानपुर देहात में गद्दा फैक्ट्री में आग लगने से अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। 4 की हालत नाजुक है। घटना से जुड़े वीडियो सामने आए हैं, जिनमें दिख रहा है कि सड़क पर एक युवक लेटा हुआ तड़प रहा है। वह चीख रहा है। हाथ जोड़कर बचाने की गुहार लगा रहा है। दूसरे वीडियो में दो युवक तड़पते दिख रहे हैं। दोनों 70 प्रतिशत तक जल चुके हैं। एक युवक के पूरे कपड़े जल गए। वह टहलता-चीखता दिखाई दे रहा है। दरअसल, शनिवार सुबह 6 बजे औद्योगिक क्षेत्र रनियां में गद्दा फैक्ट्री के LPG यूनिट में गैस रिसाव हो गया। इसके बाद तेज धमाका हुआ और आग लग गई। गोदाम में काम कर रहे 11 मजदूरों में से 10 अंदर ही फंस गए। 3 मजदूर फैक्ट्री में जिंदा जल गए। सूचना पर पुलिसकर्मियों की टीम पहुंची और किसी तरह 7 को बाहर निकाला गया। तीन घायलों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। अभी भी मलबा हटाया जा रहा है। हादसे की 3 तस्वीरें… आग लगने से फोम के बंडल मजदूरों पर गिरे
शुरुआती जांच के मुताबिक, गोदाम की ऊंचाई करीब 20-25 फीट है, जिसके अंदर ऊपर तक दीवार के चारों ओर फोम के बंडल भरे पड़े थे। आग के कारण ये जल-जलकर गिरने लगे। फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर आग लगने के बाद भागने लगे और फोम के बंडल उन पर गिर गए। बिना फायर NOC के चल रही थी फैक्ट्री
जांच के मुताबिक, आग लगने की वजह गैस रिसाव और स्पार्किंग बताई जा रही है। दरअसल, इंवेस्टर्स समिट में एमओयू के बाद डेढ़ साल पहले मानकों को दरकिनार कर फैक्ट्री में उत्पादन शुरू कर दिया। फैक्ट्री के निर्माण के दौरान प्रोविजनल (अस्थायी) प्रमाणपत्र तक नहीं लिया गया। फैक्ट्री बिना फायर NOC के चल रही थी और सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। आग बुझाने के लिए जो वाटर टैंक था, उसमें पानी भी बहुत कम था। दमकल को आसपास की फैक्ट्रियों से पानी लेना पड़ा, जिससे आग बुझाने में दिक्कत आई। डीएम बोले- जांच के बाद कार्रवाई करेंगे
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले अस्थायी अनापत्ति के लिए आवेदन किया गया था। नियमानुसार आवेदन नहीं होने पर अनापत्ति देने से मना कर दिया गया था। वहीं, डीएम आलोक सिंह ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। किस स्तर पर लापरवाही रही, इसका पता लगाया जा रहा है। फैक्ट्री प्रबंधन पीड़ितों की मदद कर रहा है। जांच के बाद एक्शन लेंगे। यह खबर भी पढ़ें.. कानपुर में पटरी पर फिर रखा सिलेंडर:ट्रेन पलटाने की साजिश, इमरजेंसी ब्रेक लगाकर 10 फीट पहले रोकी मालगाड़ी कानपुर में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश की गई। यहां पटरी पर गैस सिलेंडर रखा गया। रविवार सुबह कानपुर से प्रयागराज जाने वाली मालगाड़ी ट्रेन के लोको पायलट ने ट्रैक पर सिलेंडर रखा देखा, तो इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकी। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर