जिले में डेढ़ वर्ष से एडीएम लैंड के पद की जिम्मेदारी संभाल रहीं रिंकी जायसवाल को शासन ने सस्पेंड कर दिया है। वर्ष-2018 में शासन ने इन्हें इलाहाबाद से ट्रांसफर कर अधीनस्थ चयन सेवा आयोग लखनऊ में उपसचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। यहां करीब दो वर्ष तक तैनात रहीं। 5 साल बाद हुई कार्रवाई
इसी दौरान कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर परीक्षा कराने वाली एजेंसी की तरफ से शासन में शिकायत की गई थी। जिसको लेकर जांच चल रही थी। जांच पूरी होने के पांच साल बाद शासन ने दोषी मानते हुए कार्रवाई कर दी है। 2011 बैच की पीसीएस अधिकारी
रिंकी जायसवाल 2011 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। वर्ष 2023 में शासन ने इन्हें एडीएम लैंड के पद पर कानपुर में तैनाती दी थी। इससे पहले वर्ष 2018 में लखनऊ में उपसचिव अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के पद पर तैनात की गईं थी। यहां पर भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारियों को संभाल रहीं थीं। सहारनपुर में भी हुई थी तैनाती
तभी परीक्षा एजेंसी की तरफ नाराजगी जाहिर करते शासन में शिकायत की गई। जिसकी जांच चल रही थी। इसके बाद वर्ष 2020 में लखनऊ से तबादला कर उपनिदेशक मंडी परिषद सहारनपुर में तैनात कर दिया था। यहां पर करीब तीन वर्ष तैनात रहकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन किया। इसके बाद इन्हें कानपुर जिले में तैनात किया गया था। पांच साल बाद मामले की जांच पूरी हुई तो शासन ने दोषी मानते हुए कार्रवाई कर दी। जिले में डेढ़ वर्ष से एडीएम लैंड के पद की जिम्मेदारी संभाल रहीं रिंकी जायसवाल को शासन ने सस्पेंड कर दिया है। वर्ष-2018 में शासन ने इन्हें इलाहाबाद से ट्रांसफर कर अधीनस्थ चयन सेवा आयोग लखनऊ में उपसचिव के पद की जिम्मेदारी सौंपी थी। यहां करीब दो वर्ष तक तैनात रहीं। 5 साल बाद हुई कार्रवाई
इसी दौरान कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर परीक्षा कराने वाली एजेंसी की तरफ से शासन में शिकायत की गई थी। जिसको लेकर जांच चल रही थी। जांच पूरी होने के पांच साल बाद शासन ने दोषी मानते हुए कार्रवाई कर दी है। 2011 बैच की पीसीएस अधिकारी
रिंकी जायसवाल 2011 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। वर्ष 2023 में शासन ने इन्हें एडीएम लैंड के पद पर कानपुर में तैनाती दी थी। इससे पहले वर्ष 2018 में लखनऊ में उपसचिव अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के पद पर तैनात की गईं थी। यहां पर भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारियों को संभाल रहीं थीं। सहारनपुर में भी हुई थी तैनाती
तभी परीक्षा एजेंसी की तरफ नाराजगी जाहिर करते शासन में शिकायत की गई। जिसकी जांच चल रही थी। इसके बाद वर्ष 2020 में लखनऊ से तबादला कर उपनिदेशक मंडी परिषद सहारनपुर में तैनात कर दिया था। यहां पर करीब तीन वर्ष तैनात रहकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन किया। इसके बाद इन्हें कानपुर जिले में तैनात किया गया था। पांच साल बाद मामले की जांच पूरी हुई तो शासन ने दोषी मानते हुए कार्रवाई कर दी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर