धनतेरस के मौके पर यूपी की बाजारों में भीड़ उमड़ी है। लखनऊ में VIP नंबर 0001 के लिए 21 लाख रुपए की बोली लगी। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 50 हजार लोगों ने शॉपिंग की है। तुर्की की मिठाई, पीतल मूर्तियां, कश्मीर की साड़ियां सबसे ज्यादा पसंद की गईं। कानपुर में 3-3 करोड़ की 3 BMW-XM कार बिकी। 25 लाख की स्टाइलिश 100 RR भी खरीदी गई। प्रयागराज में ऑटोमोबाइल सेक्टर ने करीब 320 करोड़ का कारोबार किया है। वाराणसी में सबसे ज्यादा मोबाइल बिक रहे हैं। एक लाख कीमत वाले करीब 5 हजार हैंडसेट लोगों ने खरीदे हैं। बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं है। दुकानों और शोरूम को रंग-बिरंगी लाइट्स से सजाया गया है। सोने, चांदी, बर्तन, गाड़ी और कपड़ों की जमकर खरीदारी की जा रही है। अयोध्या को फूलों से सजाया गया है। भगवान रामलला और तीनों भाइयों को राजस्थान की पारंपरिक बंधेज शैली से बने मनमोहक वस्त्र धारण कराए गए। राम की पैड़ी पर लाइट एंड साउंड लेजर शो दिखाया गया। 2 फोटो देखिए… पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… धनतेरस के मौके पर यूपी की बाजारों में भीड़ उमड़ी है। लखनऊ में VIP नंबर 0001 के लिए 21 लाख रुपए की बोली लगी। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 50 हजार लोगों ने शॉपिंग की है। तुर्की की मिठाई, पीतल मूर्तियां, कश्मीर की साड़ियां सबसे ज्यादा पसंद की गईं। कानपुर में 3-3 करोड़ की 3 BMW-XM कार बिकी। 25 लाख की स्टाइलिश 100 RR भी खरीदी गई। प्रयागराज में ऑटोमोबाइल सेक्टर ने करीब 320 करोड़ का कारोबार किया है। वाराणसी में सबसे ज्यादा मोबाइल बिक रहे हैं। एक लाख कीमत वाले करीब 5 हजार हैंडसेट लोगों ने खरीदे हैं। बाजारों में पैर रखने की जगह नहीं है। दुकानों और शोरूम को रंग-बिरंगी लाइट्स से सजाया गया है। सोने, चांदी, बर्तन, गाड़ी और कपड़ों की जमकर खरीदारी की जा रही है। अयोध्या को फूलों से सजाया गया है। भगवान रामलला और तीनों भाइयों को राजस्थान की पारंपरिक बंधेज शैली से बने मनमोहक वस्त्र धारण कराए गए। राम की पैड़ी पर लाइट एंड साउंड लेजर शो दिखाया गया। 2 फोटो देखिए… पल-पल की अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दिल्ली के ऑटो चालकों से मनीष सिसोदिया ने किया संवाद, कहा- ‘दबाव के बावजूद…’
दिल्ली के ऑटो चालकों से मनीष सिसोदिया ने किया संवाद, कहा- ‘दबाव के बावजूद…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Election 2025:</strong> आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने रविवार को बुराड़ी विधानसभा में ऑटो चालकों से संवाद किया. ऑटो चालकों ने पूर्व उपमुख्यमंत्री के साथ दर्द साझा किए. मनीष सिसोदिया ने ऑटो चालकों को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का संदेश सुनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल का दर्द समझते हैं. एक ऑटो वाले ने सरकारी स्कूल में बेटी की शिक्षा और नौकरी का जिक्र किया. उसने बताया कि बेटी दिल्ली के केंद्रीय विद्यालय में टीचर है. एक ऑटो वाले ने बताया कि बेटे को प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऑटो चालकों ने कहा कि अब बार- बार ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं. मनीष सिसोदिया ने स्कूल दौरे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि छात्रों से पिता के ऑटो चलाने का सुनकर लगता है कि भाई के बच्चे हैं. 2013 से आम आदमी पार्टी को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में ऑटो वालों की बड़ी भूमिका है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऑटो वालों को खूब धक्के खाने पड़ते थे. अब अधिकारियों के चक्कर लगाने की व्यवस्था खत्म कर दी गयी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी शासित राज्यों के स्कूलों का पूछ लें हाल-सिसोदिया </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व उपमुख्यमंत्री ने बीजेपी शासित राज्यों का हाल सुनाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में रहने वाले परिजनों से सरकारी स्कूलों की स्थिति पता कर लें. दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाएं बीजेपी शासित राज्यों से बेहतर है. प्राइवेट अस्पताल में लाखों रुपये के इलाज का खर्च सरकार उठाती है. यूपी, बिहार, राजस्थान में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा की हालत दयनीय है. शहरों में घंटों बिजली गुल रहती है. बीजेपी शासित राज्यों में बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा का बुरा हाल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी वाले बड़े जोर-शोर से कहते थे कि ‘मुफ्त की रेवड़ी’ नहीं चाहिए. दो साल पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा कि फ्री बिजली की सुविधा नहीं लेने वाले फॉर्म न भरें. देखने में आया कि मुफ्त की रेवड़ी का विरोध करने वालों ने भी फ्री बिजली का लाभ उठाने के लिए फॉर्म भर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ईडी सीबीआई पर बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जेल में अरविंद केजरीवाल का साथ छोड़ने के लिए दबाव डाला गया. बीजेपी की साजिश से अरविंद केजरीवाल भी छह महीने सलाखों के पीछे रहे. जेल से निकलने के बाद अरविंद केजरीवाल दिल्ली वालों के और बुलंद हौसले से काम कर रहे हैं. मनीष सिसोदिया ने ऑटो चालकों से अरविंद केजरीवाल का साथ देने की अपील की. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”‘अपराध की घटनाओं में राजनीतिक लाभ ढूंढते हैं अरविंद केजरीवाल’, BJP ने बोला हमला” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-assembly-election-2025-bjp-hits-back-at-arvind-kejriwal-aap-over-law-and-order-crime-ann-2838717″ target=”_self”>’अपराध की घटनाओं में राजनीतिक लाभ ढूंढते हैं अरविंद केजरीवाल’, BJP ने बोला हमला</a></strong></p>
पंजाब की 13 सीटों पर कौन-कहां मजबूत?:AAP-कांग्रेस टफ फाइट में; दोनों में से कोई भी जीते फायदा I.N.D.I.A. का; हरसिमरत टक्कर में फंसी
पंजाब की 13 सीटों पर कौन-कहां मजबूत?:AAP-कांग्रेस टफ फाइट में; दोनों में से कोई भी जीते फायदा I.N.D.I.A. का; हरसिमरत टक्कर में फंसी पंजाब में चुनावी शोर थम चुका है। बीते कल यानी 1 जून को 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। अब सभी की नजरें 4 जून पर टिक गई हैं, क्योंकि इस दिन रिजल्ट आने हैं। इलेक्शन कमीशन के ऐप वोटर टर्नआउट के मुताबिक 62.06% वोटिंग हुई, जोकि पिछले चुनाव की तुलना में 3.9% कम है। पिछले चुनाव में 65.96% वोटिंग हुई थी। लंबे समय के बाद पंजाब का ये पहला चुनाव है, जब कोई भी बड़ी पार्टी गठजोड़ में नहीं हैं। ऐसे में इस बार 6 से 8 सीटों पर कांग्रेस, 4 से 6 पर आम आदमी पार्टी (AAP), 2 पर भाजपा और 1 पर अकाली दल फाइट में दिख रहे हैं। हालांकि पंजाब में कांग्रेस और AAP दोनों INDIA गठबंधन के तहत नहीं उतरे, लेकिन अंत में दोनों की सीटें INDIA गठबंधन में जुड़ने वाली हैं। यानी INDA गठबंधन आसानी से 8 से 10 सीटों पर काबिज हो सकता है। पटियाला में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर का पटियाला में कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी और AAP के कैंडिडेट बलबीर सिंह से मुकाबला है। दूसरी हॉट सीट लुधियाना है। यहां कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग मैदान में हैं, लेकिन AAP के अशोक पराशर पप्पी भी स्ट्रॉन्ग हैं। वहीं, पिछले 3 चुनाव में अकाली दल के कब्जे में बठिंडा सीट पर इस बार AAP व कांग्रेस के कैंडिडेट के कारण मुकाबला टफ है। इसके अलावा खडूर साहिब सीट नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के कारण चर्चा में हैं। जेल से चुनाव लड़ने के बावजूद वह कांग्रेस और AAP कैंडिडेट के साथ क्लोज फाइट में है। किसान आंदोलन से बिगड़ा भाजपा का समीकरण
पंजाब में भाजपा इस बार चर्चा में हैं। हिंदू व शहरी वोटर भाजपा की तरफ झुका है, लेकिन किसानों ने भाजपा का समीकरण बिगाड़ दिया। पंजाब की 65% आबादी गांवों में हैं। पंजाब में 58% आबादी सिख है, जबकि 35% आबादी हिंदू है। मालवा व माझा के ग्रामीण इलाकों में किसान आंदोलन का असर है। वहीं अधिकतर सिख वोटों का रुझान भी भाजपा की तरफ नहीं है। तीन सीटों पर खालिस्तान समर्थक मैदान में, 2 पर टफ फाइट
पंजाब में 3 सीटों पर खालिस्तान समर्थक मैदान में हैं। इनमें सबसे पहला नाम सिमरनजीत सिंह मान का है, जो संगरूर से मौजूदा सांसद हैं। इस बार वोटर उनकी तरफ नहीं झुकता नहीं दिख रहा। दूसरा नाम देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह का हैं। वे इस समय फरीदकोट से चुनाव लड़ रहे हैं और क्लोज फाइट में हैं। तीसरी सीट खडूर साहिब है, जहां से वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल सिंह मैदान में है। तीन सीटों में से 2 पर अमृतपाल सिंह व सरबजीत सिंह क्लोज फाइट में हैं। अब पढ़िए 13 सीटों पर क्या समीकरण बन रहे हैं… गुरदासपुर: कम वोटिंग से AAP को नुकसान
गुरदासपुर सीट पर अलग चुनाव लड़ने से अकाली दल व भाजपा को नुकसान होता दिख रहा है। यहां कांग्रेस ने पूर्व डिप्टी CM सुखजिंदर रंधावा तो AAP ने शैरी कलसी को मैदान में उतार रखा है, जिनमें क्लोज फाइट चल रही है। यहां इस बार 65.77% वोट मतदान हुआ। जबकि 2019 के चुनाव में कुल वोटिंग 69.26% थी। इसका सीधा नुकसान मौजूदा राज्य सरकार को दिख रहा है और फायदा कांग्रेस को। अमृतसर: भाजपा-कांग्रेस क्लोज फाइट में
अमृतसर जिले के 11 में से 9 विधानसभा हलके अमृतसर लोकसभा में आते हैं, जबकि दो बाबा बकाला व जंडियाला खडूर साहिब में आते हैं। 2019 में यहां 57.07% वोटिंग हुई थी, लेकिन इस साल 56.07% ही वोट पड़े हैं। आम आदमी पार्टी के मंत्री कुलदीप धालीवाल यहां से उम्मीदवार हैं, इसके बावजूद वे यहां वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में असमर्थ रहे। यहां भाजपा शहर में मजबूत स्थिति में दिखी, लेकिन गांवों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मजूबत रही। जिसके चलते सांसद गुरजीत औजला को इस बार भाजपा के साथ क्लोज फाइट लड़नी पड़ रही है। खडूर साहिब: अमृतपाल के कारण सबसे चर्चित सीट
पंजाब में कई वीवीआईपी सीटों को पछाड़ खडूर साहिब राज्य की सबसे चर्चित सीट है। क्योंकि यहां से वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ रहा है। यहां भी आम आदमी पार्टी के मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर मैदान में हैं, लेकिन इस बार यहां वोटिंग में 3 प्रतिशत गिरावट आई। कुल 61.60% वोटिंग हुई है, जो मौजूदा सरकार के लिए सही नहीं है। वहीं, कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा और भाजपा के मनजीत सिंह मियांविंड मैदान में हैं। यहां क्लोज फाइट अमृतपाल सिंह की लालजीत सिंह भुल्लर व कुलबीर सिंह जीरा के साथ है। जालंधर: दलबदलुओं से नाराज हुए वोटर
जालंधर की सीट शुरू से कांग्रेस की झोली में रही है, लेकिन 2022 के उपचुनाव में यहां AAP ने जीत हासिल की। इस बार कांग्रेस ने यहां पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को उतारा। जबकि AAP ने पहले यहां टिकट मौजूदा सांसद सुशील कुमार रिंकू को दी थी, लेकिन वे भाजपा में पलटी मार गए। इसके बाद AAP ने पवन कुमार टीनू को टिकट दी। इस बार यहां 59.67% वोटिंग हुई है, जो 2019 क चुनाव से करीब 4 प्रतिशत कम है। इसका नुकसान मौजूदा सरकार को होना संभावित है, वहीं कांग्रेस यहां बढ़त में दिख रही है। होशियारपुर: AAP को बढ़त, भाजपा की साख दांव पर
होशियारपुर को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन टिकट बंटवारे की नाराजगी ने भाजपा को यहां कमजोर भी किया। इसका फायदा आम आदमी पार्टी को दिख रहा है। यहां आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को छोड़कर आए डॉ. राज कुमार चब्बेवाल को मैदान में उतारा। भाजपा ने इस बार केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश की पत्नी अनीता सोम प्रकाश को दिया। वहीं, कांग्रेस ने यामिनी गोमर को मैदान में उतारा। होशियारपुर में इस साल तकरीबन 4% गिरावट के साथ 58.86% वोट डले हैं। आनंदपुर साहिब: कांग्रेस स्ट्रॉन्ग, AAP क्लोज फाइट में
आनंदपुर साहिब में हिंदू वोटर अधिक हैं। यहां इस बार 60.02% वोटिंग हुई, जो 2019 के चुनाव से तकरीबन 3% कम है। पिछले 3 चुनाव में ये सीट दो बार कांग्रेस के पास रही। इस बार कांग्रेस ने अपना कैंडिडेट बदल विजय इंदर सिंगला को टिकट दी। वहीं आम आदमी पार्टी ने मालविंदर सिंह कंग को मैदान में उतारा। इसके अलावा अकाली दल ने प्रेम सिंह चंदूमाजरा व बसपा ने जसवीर गढ़ी को उतार समीकरण ही बदल दिए। जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को दिख रहा है। इस बार वह टफ फाइट में हैं। ऐसे में मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच है। लुधियाना: पप्पी पराशर ने मुकाबला त्रिकोणीय बनाया
लुधियाना सीट हॉट सीटों में शामिल है। यहां से मौजूदा सांसद रवनीत बिट्टू चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले तक कांग्रेस में थे। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें लुधियाना से ही कैंडिडेट बनाया। उन्हें हराने के लिए कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को मैदान में उतारा। इस बीच AAP भी पीछे ना रही और लुधियाना सेंट्रल के विधायक अशोक पराशर पप्पी को मुकाबले में उतार दिया। यहां इस बार 59% वोट पड़े, जो 2019 के चुनाव के मुकाबले तकरीबन 3% कम है। पप्पी पराशर के मैदान में आने के बाद ये मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। फतेहगढ़ साहिब: लोगों की नाराजगी कांग्रेस पर भारी
फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट के लिए लड़ाई दिलचस्प है। AAP ने कांग्रेस के पूर्व नेता गुरप्रीत सिंह जीपी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस के मौजूदा सांसद व उम्मीदवार अमर सिंह गैरमौजूदगी के कारण फंसते दिख रहे हैं। वहीं, पंजाब सफाई सेवक संघ का प्रतिनिधित्व कर चुके भाजपा के गेजा राम वाल्मीकि व अकाली दल के बिक्रमजीत सिंह ने चुनाव को रोचक बना दिया है। इस बार यहां चौकाना मुकाबला है। इस बार यहां 2019 के मुकाबले 4% कम वोटिंग हुई। इलेक्शन कमीशन के ऐप वोटर टर्नआउट के मुताबिक 61.18% वोटिंग हुई। फरीदकोट: AAP-आजाद उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला
यहां इस बार 63.17% वोटिंग हुई, जबकि 2019 के चुनाव में 63.25% मतदान हुआ था। इस सीट पर मौजूदा सांसद कांग्रेस के हैं, लेकिन इस बार समीकरण बदल चुके हैं। इस बार AAP उम्मीदवार करमजीत सिंह अनमोल और आजाद उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा के बीच टफ फाइट मानी जा रही है। भाजपा ने यहां फेमस सूफी सिंगर हंसराज हंस को उतारा, लेकिन किसानों के विरोध के कारण नुकसान होता दिख रहा है। फिरोजपुर: अकाली दल की होम सीट पर कांग्रेस स्ट्रॉन्ग
बठिंडा की तरह फिरोजपुर को भी हमेशा अकाली दल की सीट माना जाता रहा है, लेकिन 2019 में अकाली दल छोड़ कांग्रेस में आए शेर सिंह घुबाया यहां स्ट्रॉन्ग दिख रहे हैं। यहां 2019 में वोट प्रतिशत 72.47% रहा था, लेकिन इस साल ये 65.95% रहा। यहां मौजूदा सांसद सुखबीर बादल हैं, लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव न लड़ने की घोषणा की और नरदेव सिंह बॉबी मान को टिकट दी। यहां कंबोज बिरादरी काफी मजबूत है। रिपोर्ट्स के अनुसार उनका समर्थन घुबाया को मिल चुका है, जो उन्हें यहां स्ट्रॉन्ग कर रहा है। बठिंडा: अकाली दल अस्तित्व बचाने की कोशिश में
बठिंडा को अकाली दल का गढ़ माना जाता है। यहां मौजूदा सांसद और कैंडिडेट हरसिमरत कौर बादल हैं। 2019 के चुनाव के मुकाबले इस साल यहां करीब 8 प्रतिशत कम यानी 67.97% वोट डले। कांग्रेस के जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू तो भाजपा के परमपाल कौर सिद्धू मैदान में हैं। हरसिमरत कौर के सामने AAP ने यहां पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल को हराने वाले गुरमीत सिंह खुडियां को मैदान में उतार रखा है। ऐसे में यहां मुकाबला टफ हो गया है। हरसिमरत 2014 के चुनाव में 1 लाख से अधिक वोटों से जीतीं थी और 2019 में ये जीत का मार्जिन तकरीबन 21 हजार रह गया था। यहां गुरमीत खुडि्डयां व हरसिमरत कौर बादल के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। जीत-हार बताना मुश्किल है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि जीत का मार्जिन काफी कम रहने वाला है। संगरूर; सीएम मान की साख दांव पर
संगरूर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का गृह जिला है। यहीं से वह 2 बार जीतकर संसद में गए, लेकिन आज ये सीट फंस चुकी है। कांग्रेस ने यहां मौजूदा विधायक सुखपाल खैहरा को टिकट दी। करीब 1 महीने वह यहां जुट रहे। कैंपेन इतना जबरदस्त रहा कि भगवंत मान को खुद आना पड़ा और वोटरों को AAP के समर्थन में वोट डालने को कहना पड़ा। इस बार यहां 64.63% वोटिंग हुई। 2019 के चुनाव में यहां 72.40% वोट पड़े। इस सीट पर AAP के मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और कांग्रेस के सुखपाल खैहरा के बीच कड़ा मुकाबला है। यहां सीएम भगवंत मान की साख दांव पर है। पटियाला: मोती महल का असर कम हुआ, दो डॉक्टरों के बीच मुकाबला
मोती महल के कारण शाही सीट कही जाने वाली पटियाला में अधिकतर समय कैप्टन अमरिंदर सिंह व परनीत कौर के कारण कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन इस बार शाही घराने ने कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा का दामन थाम लिया। जिसका फायदा AAP और कांग्रेस के मौजूदा उम्मीदवारों को दिख रहा है। भाजपा की टिकट पर महारानी परनीत कौर के होने के बावजूद मुकाबला कांग्रेस के डॉ. धर्मवीर गांधी व AAP के मौजूदा मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के बीच है। इस बार यहां 63.63% वोटिंग हुई, जो 2019 के चुनाव से 4% कम है।
लुधियाना में कूड़े में मिला सफाई कर्मी का शव:परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप, दोस्तों के साथ घर से निकला था
लुधियाना में कूड़े में मिला सफाई कर्मी का शव:परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप, दोस्तों के साथ घर से निकला था लुधियाना में एक सफाई कर्मी की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई। परिवार ने उसके मर्डर करने की आशंका जताई, और सीसीटीवी में कैद हुए दोषियों की पहचान कर पुलिस ने एक दोषी को पहले पकड़ लिया। लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया। जिससे मृतक के परिवार वाले भड़क गए और शुक्रवार देर शाम को पीड़ित परिवार ने थाने का घेराव कर जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक पुलिस दोषियों को पकड़ नहीं लेगी तब तक वह मृतक का दाह संस्कार नहीं करेंगे। घूमने की बात कहकर ले गए थे दोषी मृतक का नाम सन्नी है। जो डिवीजन नंबर-3 के अधीन आते गौशाला रोड के पास रहता है। सन्नी कॉर्पोरेशन में सफाई कर्मी था। सन्नी के भाई बीरू ने बताया कि उसके भाई को उसके 2 दोस्त काकू और एक अन्य युवक था। जो उसे वीरवार सुबह 6 बजे घर से बाहर घूमने का बहाना बना साजिश के तहत ले गए थे। लेकिन सन्नी देर रात तक वापस घर नहीं लौटा। कूड़े के ढेर के पास मिला शव बीरू ने बताया कि सारा दिन सन्नी अपने दोस्तों के साथ था और रात तक जब वापस नहीं आया तो उसे फोन कर घर आने को बोला। उसने थोड़े समय में घर आने की बात कही। लेकिन रात 3 बजे के बाद उसका मोबाइल बंद आ रहा था। उसकी लोकेशन कश्मीर नगर, गौशाला रोड की ही आ रही थी। जब हमने उसे खोजने की कोशिश की तो उसका शव गौशाला रोड के पास कूड़े के ढेर के पास पड़ा मिला। दो दिन पहले मिला था वेतन बीरू ने बताया कि उसके भाई सन्नी को दो दिन पहले ही कार्पोरेशन से 11 हजार रूपए सैलरी मिली थी। दोषी साजिश के तहत उससे पैसे हड़पने के लिए घूमने का बहाना लगा। उसे घर से ले गए और उन्हें पुरा यकीन है कि उसके भाई को काकू और अन्य व्यक्तियों ने मिलकर मार दिया है। सीसीटीवी में कैद हुए दोषियों को चेहरे बीरू ने बताया कि उसके भाई सन्नी को दोषी काकू और दो युवक स्कूटी पर घर पहुंचे थे। जो उसे घूमने के बहाने ले गए थे। जिनके चेहरे सीसीटीवी में कैद हो गए, और सारी सीसीटीवी पुलिस को दी है। पुलिस को सीसीटीवी सौंपने के बाद पुलिस ने दोषी काकू को पहले पकड़ लिया। लेकिन बाद में छोड़ने के बाद मृतक के परिजन भड़क गए। परिजनों ने शुक्रवार देर शाम को थाना डिवीजन नंबर-3 के आगे धरना लगा दिया, और पुलिस खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। दोषी ना पकड़ने तक नही करेंगे संस्कार पीड़ित परिवार ने कहा कि जब तक पुलिस दोषियों को काबू नहीं कर लेती तब तक वह दाह संस्कार नहीं करेंगे। इस मामले को लेकर एसएचओ अमृतपाल शर्मा ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अगली करवाई करेंगे। सीसीटीवी को भी कब्जे में ले लिया है। उन्होंने कहा कि अभी मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।