तारीख : 8 मार्च
जगह : सहारनपुर का गांव सुल्तानपुर किसान वेद प्रकाश ने खुद पर डीजल डालकर आग लगा ली। ऐसा उन्होंने 550 वर्गमीटर जमीन के टुकड़े के विवाद में किया। जमीन वेद प्रकाश के घर के पास थी, जिस पर वह खेती करते थे। इस जमीन से सटी जैन समाज मंदिर की 14 बीघा जमीन है। मंदिर कमेटी का दावा है कि 550 वर्गमीटर जमीन उनकी है, और वेदप्रकाश ने कब्जा कर रखी है। वेद प्रकाश के परिवार के मुताबिक, 2012 में वे लोग केस जीत गए थे। वहीं, जैन समाज मंदिर प्रबंधन के मुताबिक, SDM कोर्ट ने अक्टूबर, 2024 को उनके पक्ष में फैसला सुनाया। जमीन का विवाद क्या था? वेदप्रकाश की स्थिति क्या है? परिवार के लोगों के आरोप क्या हैं? प्रशासन ने कब-क्या कार्रवाई की, जो यहां तक नौबत पहुंच गई। ये जानने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम सहारनपुर से करीब 30 Km दूर गांव सुल्तानपुर में पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… पहले 8 मार्च को क्या हुआ, पुलिस कहानी समझिए… 5 मिनट तक जलते रहे किसान वेद
पुलिस के मुताबिक, 8 मार्च को दोपहर 2 बजे सरदार वेदप्रकाश के खेत पर SDM अंकुर वर्मा की टीम पैमाइश करने पहुंची थी। SDM नक्शे के हिसाब से पैमाइश करवा रहे थे। तभी घर के पीछे की तरफ से किसान वेदप्रकाश वहां पहुंचे। वह अपने ऊपर डीजल उड़ेलकर आए थे। उन्होंने खुद को आग लगा ली। पुलिसकर्मियों ने कंबल और बोरी से आग बुझाने की कोशिश की, मगर आग नहीं बुझ सकी। किसान करीब 5 मिनट तक जलते रहे। पुलिस किसान को राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर गई। वहां से गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल भेज दिया गया। अब गांव का माहौल पढ़िए… महिलाएं रो रहीं, पुरूष प्रदर्शन करने की चर्चा कर रहे
गांव में दाखिल होने के बाद लोग हमारी टीम को सीधे वेदप्रकाश के घर तक ले गए। पुलिस के जवान बैठे थे। पूछताछ होने के बाद हमें अंदर तक जाने दिया। घर के बाहर हाता में टेंट लगा हुआ था। बताया गया कि गांव के लोगों की एक मीटिंग चल रही है। परिवार के लोग गमगीन थे। घर में एक तरफ महिलाएं रो रही थीं। बाहर की तरफ पुरूषों का जमावड़ा था। इसमें सभी बिरादरी के लोग शामिल थे। वह प्रशासनिक अधिकारियों के ऑफिसों को घेरने की बात कर रहे थे। कुछ लोग प्रदर्शन के पक्ष में थे, कुछ लोग गुस्साए लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। परिवार के लोग क्या कहते हैं… पत्नी ने कहा- घर की महिलाओं, बच्चों को कमरे में बंद किया
घर में हमारी सबसे पहले मुलाकात किसान वेद प्रकाश की पत्नी ममता से हुई। वह रोते हुए कहती हैं- प्रशासन और जैन समाज के लोग 8 मार्च को अचानक ही घर पर आ गए। पहले से कोई नोटिस भी नहीं दिया था। मैं बच्चों को स्कूल से लेने गई थी, तभी मुझे रास्ते में ही महिला पुलिस ने पकड़ लिया। थाने नहीं ले जाया गया, बल्कि गांव के एक व्यक्ति के घर में ही बैठा दिया गया। उन्होंने कहा- सिर्फ हम महिलाओं को ही नहीं, हमारे पति और देवर को भी अपने कब्जे में कर लिया था। परिवार के बच्चों को भी कमरे में बंद कर दिया। ममता का आरोप है- मेरे पति ने खुद को आग नहीं लगाई। मिट्टी का तेल छिड़ककर पति को जिंदा जलाया गया है, जो हुआ अच्छा नहीं हुआ। बेटी बोली- पापा ने फोन पर कहा सब ठीक है, फिर झुलसे हुए दिखे
परिवार के लोगों ने बताया कि वेद प्रकाश का अपना कोई बेटा-बेटी नहीं है। वह अपने भाई के बच्चों को ही अपना समझते हैं। भाई लाजपत की बेटी खुशी ने कहा- मैं स्कूल में थी। मुझे जब पता चला, तब मैं घर आ रही थी। रास्ते में पुलिस मिल गई, मुझे भी घर आने नहीं दिया। लेकिन मैं किसी तरह खेत–खेत होकर घर तक आ गई। जब घर पहुंची, तब पता चला कि मेरी मम्मी को पुलिस पकड़कर ले गई। चाची को घर में बंद कर रखा था। पापा (वेद प्रकाश) खेत में पीछे काम कर रहे थे। छतों पर पुलिस खड़ी थी। मैं ऊपर पहुंची। इतना डर गई थी कि 5 मिनट में 10 बार पापा को कॉल किया। उन्होंने कहा– मैं ठीक हूं। तुम्हारी मम्मी के बारे में पता नहीं है। फिर कुछ देर में पापा को आग में झुलसे हुए देखा। जेठ बीड़ी-सिगरेट नहीं पीते, माचिस कहां से आई?
भाई लाजपत की पत्नी रीता रानी ने कहा- मुझे उस दिन बुखार था, कमरे में लेटी हुई थी। पति खाना खाकर खाट पर लेटे हुए थे। पुलिस आई तो पति को पकड़ लिया। जेठजी छत पर खाना खा रहे थे। उन्हें भी पकड़ लिया। खेत पर लेकर गई, खेत–घर सब जगह पुलिस ही पुलिस थी। ये लोग जमीन की पैमाइश करने लगे थे। तभी खेतों की तरफ से जेठजी के चिल्लाने की आवाज आई। हम भागने लगे। हम केरोसिन का यूज नहीं करते हैं। मेरे जेठजी बीड़ी-सिगरेट नहीं पीते हैं। माचिस कहां से आई? सही से जांच होनी चाहिए। पड़ोसन बोली-सारा खेल BJP विधायक का
पड़ोसी सुषमा का कहना है- 2 महीने से इस मामले को तूल दिया जा रहा है। 8 मार्च को ये लोग (प्रशासन) आए और किसी को पास भी जाने नहीं दिया। इन्होंने उन्हें कैसे जलाया और कैसे नहीं, ये किसी को दिखाई नहीं दिया। लेकिन सबने वेद प्रकाश को जलता हुआ देखा था। सुषमा ने कहा- ये लोग तीन भाई हैं। करीब 40 साल से यही लोग उस जमीन पर खेती-बाड़ी कर रहे है। महिला ने भाजपा विधायक मुकेश चौधरी पर आरोप लगाया। बोलीं- उन्होंने गुंडे पाल रखे हैं। भांजा बोला- मेरे मामा के पास सारे डॉक्यूमेंट्स
किसान के भांजे मुकेश कुमार का कहना है- मेरे मामा के पास जमीन के डॉक्यूमेंट्स हैं। 2012 में इस जमीन का केस भी कोर्ट से जीत गए थे। उसकी डिग्री भी है। प्रशासन के अफसर पहले भी तीन बार आ चुके हैं। ना नोटिस दिखाते हैं और ना कोई कागजात दिखाते हैं। किसी ने कोई डिग्री चेक नहीं की। थाने के बहाने मामी को लेकर गए और किसी और के घर बैठाए रखा। एक तरह से हमारी मामी को किडनैप करके ले गए। मुकेश का कहना है- 8 मार्च को करीब 250 पुलिसकर्मी थे। इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वाले क्यों बुलाए गए? ये कोई उग्रवादी नहीं थे। आग किसने लगाई, कोई नहीं जानता है। मामा का बयान किसी ने दर्ज नहीं किया। मामा गवाही देने की बात कह रहे थे। हम कह रहे थे कि चंडीगढ़ में हम अच्छा इलाज करवा सकते हैं, लेकिन इन लोगों ने उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भेज दिया। जमीन उनकी है तो जैन समाज ने कब्जा क्यों नहीं किया
सरसावा के रहने वाले गुरबाज सिंह वेद प्रकाश के पड़ोसी हैं। वह कहते हैं- जब हमें पता चला तो हम मौके पर पहुंचे। तब तक सरदार वेद प्रकाश झुलस चुके थे। पुलिस मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी। ये मामला भाजपा विधायक मुकेश चौधरी के यहां भी गया था। उन्होंने दोनों पक्षों को बुलाकर ये कहा था कि हम इसको अपने आप निपटा देंगे। प्रशासन को भी मना किया था। अब जैन समाज की बात कमेटी ने कहा- ये जमीन श्रीजी मंदिर की
पूरे मामले में पीड़ित पक्ष से बात करने के बाद दैनिक भास्कर की टीम जैन समाज का पक्ष जानने पहुंची। लेकिन उन्होंने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया। हमने कहा कि जमीन के मालिकाना हक को लेकर अपना पक्ष तो बता सकते हैं। वह कहते हैं कि इस पूरे मामले में वह सच के साथ खड़े हैं। ये जमीन हमारे भगवान श्रीजी के मंदिर की है। जिस पर सिख परिवार के लोगों ने कब्जा कर रखा है। सभी दस्तावेज प्रशासन के पास भी है, वहां से देख सकते हैं। SDM कोर्ट की कार्रवाई कोर्ट ने अक्टूबर, 2024 को मंदिर के पक्ष में फैसला दिया
SDM सदर अंकुर वर्मा के मुताबिक, खेत से सटी गांव के जैन मंदिर की 14 बीघा जमीन है। इस जमीन में 550 वर्गमीटर के जमीन के एक टुकड़े के लिए वेद प्रकाश और जैन मंदिर प्रबंध समिति के बीच SDM कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। अक्टूबर, 2024 में कोर्ट ने जैन मंदिर प्रबंध समिति के पक्ष में फैसला सुनाया। SDM ने कहा- कमेटी पदाधिकारी ने 3 साल पहले कब्जा हटवाने के लिए कहा
SDM सदर का कहना है- जैन समाज मंदिर कमेटी के पदाधिकारी राकेश जैन ने 14 नवंबर, 2022 को तहसीलदार को प्रार्थना पत्र देकर जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए। 21 नवंबर, 2022 को पैमाइश कर जांच आख्या मांगी थी। राजस्व निरीक्षक ने 6 जनवरी, 2023 को एक रिपोर्ट दी थी। इसके बाद पैमाइश होनी थी, जोकि सिख परिवार होने नहीं दे रहा था। टीम पूरी सुरक्षा के साथ गई थी। मगर फिर भी हादसा हो गया। 90% जले, चेहरे पर सूजन बढ़ी
दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल ने किसान वेदप्रकाश का मेडिकल बुलेटिन जारी किया। डॉक्टर के मुताबिक, वह 90% जल चुके थे। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। रविवार को वह बात कर पा रहे थे, मगर सोमवार को चेहरे पर सूजन आ गई है। लापरवाही के बाद SDM हटाए गए, इंस्पेक्टर लाइन हाजिर
SSP रोहित सिंह सजवाण ने किसान के आग में झुलसने के बाद थाना चिलकाना इंस्पेक्टर कपिल देव को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं, DM सहारनपुर ने लापरवाही के लिए SDM सदर अंकुर वर्मा को भी हटा दिया है। फिलहाल सदर तहसील का चार्ज किसी और को नहीं दिया गया है। BJP विधायक बोले- प्रशासन को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी
इस पूरे मामले में BJP विधायक मुकेश चौधरी दोनों पक्षों की पंचायत करवा रहे थे। उन्होंने कहा- मुझे पता नहीं कि क्यों प्रशासन ने इतनी जल्दबाजी दिखाई। यह मामला जोर आजमाइश करने का नहीं था। पंचायत से साल्व हो सकता था। मैं विधानसभा में बिजी था। वापस आने के बाद 8 मार्च को मीटिंग करके दोनों पक्षों को समझाने के लिए कहा था। फिर प्रशासन के लोग क्यों गए, ये वही लोग जाने। वहीं, वेद प्रकाश के परिवार का कहना था कि विधायकजी की भूमिका ठीक नहीं है। उन्हें किसी भी मीटिंग के बारे में बताया भी नहीं गया। ———————– यह खबर भी पढ़िए:- जहरीला इंजेक्शन लगाकर भाजपा नेता की हत्या:संभल में तड़पते हुए गई जान; मुलायम के खिलाफ 21 साल पहले लड़ा था विधानसभा चुनाव संभल में भाजपा नेता गुलफाम सिंह यादव की जहरीला इंजेक्शन देकर हत्या कर दी गई। वारदात को बाइक से आए 3 युवकों ने अंजाम दिया। इंजेक्शन लगने के बाद गुलफाम सिंह तड़पने लगे। इसके बाद उन्हें CHC ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर अलीगढ़ रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। मामला तहसील गुन्नौर के थाना जुनावई क्षेत्र के गांव दबथरा हिमाचल का है। गुलफाम सिंह यादव (65) ने 2004 के विधानसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ गुन्नौर से चुनाव लड़ा था। पढ़ें पूरी खबर… तारीख : 8 मार्च
जगह : सहारनपुर का गांव सुल्तानपुर किसान वेद प्रकाश ने खुद पर डीजल डालकर आग लगा ली। ऐसा उन्होंने 550 वर्गमीटर जमीन के टुकड़े के विवाद में किया। जमीन वेद प्रकाश के घर के पास थी, जिस पर वह खेती करते थे। इस जमीन से सटी जैन समाज मंदिर की 14 बीघा जमीन है। मंदिर कमेटी का दावा है कि 550 वर्गमीटर जमीन उनकी है, और वेदप्रकाश ने कब्जा कर रखी है। वेद प्रकाश के परिवार के मुताबिक, 2012 में वे लोग केस जीत गए थे। वहीं, जैन समाज मंदिर प्रबंधन के मुताबिक, SDM कोर्ट ने अक्टूबर, 2024 को उनके पक्ष में फैसला सुनाया। जमीन का विवाद क्या था? वेदप्रकाश की स्थिति क्या है? परिवार के लोगों के आरोप क्या हैं? प्रशासन ने कब-क्या कार्रवाई की, जो यहां तक नौबत पहुंच गई। ये जानने के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम सहारनपुर से करीब 30 Km दूर गांव सुल्तानपुर में पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… पहले 8 मार्च को क्या हुआ, पुलिस कहानी समझिए… 5 मिनट तक जलते रहे किसान वेद
पुलिस के मुताबिक, 8 मार्च को दोपहर 2 बजे सरदार वेदप्रकाश के खेत पर SDM अंकुर वर्मा की टीम पैमाइश करने पहुंची थी। SDM नक्शे के हिसाब से पैमाइश करवा रहे थे। तभी घर के पीछे की तरफ से किसान वेदप्रकाश वहां पहुंचे। वह अपने ऊपर डीजल उड़ेलकर आए थे। उन्होंने खुद को आग लगा ली। पुलिसकर्मियों ने कंबल और बोरी से आग बुझाने की कोशिश की, मगर आग नहीं बुझ सकी। किसान करीब 5 मिनट तक जलते रहे। पुलिस किसान को राजकीय मेडिकल कॉलेज लेकर गई। वहां से गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल भेज दिया गया। अब गांव का माहौल पढ़िए… महिलाएं रो रहीं, पुरूष प्रदर्शन करने की चर्चा कर रहे
गांव में दाखिल होने के बाद लोग हमारी टीम को सीधे वेदप्रकाश के घर तक ले गए। पुलिस के जवान बैठे थे। पूछताछ होने के बाद हमें अंदर तक जाने दिया। घर के बाहर हाता में टेंट लगा हुआ था। बताया गया कि गांव के लोगों की एक मीटिंग चल रही है। परिवार के लोग गमगीन थे। घर में एक तरफ महिलाएं रो रही थीं। बाहर की तरफ पुरूषों का जमावड़ा था। इसमें सभी बिरादरी के लोग शामिल थे। वह प्रशासनिक अधिकारियों के ऑफिसों को घेरने की बात कर रहे थे। कुछ लोग प्रदर्शन के पक्ष में थे, कुछ लोग गुस्साए लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। परिवार के लोग क्या कहते हैं… पत्नी ने कहा- घर की महिलाओं, बच्चों को कमरे में बंद किया
घर में हमारी सबसे पहले मुलाकात किसान वेद प्रकाश की पत्नी ममता से हुई। वह रोते हुए कहती हैं- प्रशासन और जैन समाज के लोग 8 मार्च को अचानक ही घर पर आ गए। पहले से कोई नोटिस भी नहीं दिया था। मैं बच्चों को स्कूल से लेने गई थी, तभी मुझे रास्ते में ही महिला पुलिस ने पकड़ लिया। थाने नहीं ले जाया गया, बल्कि गांव के एक व्यक्ति के घर में ही बैठा दिया गया। उन्होंने कहा- सिर्फ हम महिलाओं को ही नहीं, हमारे पति और देवर को भी अपने कब्जे में कर लिया था। परिवार के बच्चों को भी कमरे में बंद कर दिया। ममता का आरोप है- मेरे पति ने खुद को आग नहीं लगाई। मिट्टी का तेल छिड़ककर पति को जिंदा जलाया गया है, जो हुआ अच्छा नहीं हुआ। बेटी बोली- पापा ने फोन पर कहा सब ठीक है, फिर झुलसे हुए दिखे
परिवार के लोगों ने बताया कि वेद प्रकाश का अपना कोई बेटा-बेटी नहीं है। वह अपने भाई के बच्चों को ही अपना समझते हैं। भाई लाजपत की बेटी खुशी ने कहा- मैं स्कूल में थी। मुझे जब पता चला, तब मैं घर आ रही थी। रास्ते में पुलिस मिल गई, मुझे भी घर आने नहीं दिया। लेकिन मैं किसी तरह खेत–खेत होकर घर तक आ गई। जब घर पहुंची, तब पता चला कि मेरी मम्मी को पुलिस पकड़कर ले गई। चाची को घर में बंद कर रखा था। पापा (वेद प्रकाश) खेत में पीछे काम कर रहे थे। छतों पर पुलिस खड़ी थी। मैं ऊपर पहुंची। इतना डर गई थी कि 5 मिनट में 10 बार पापा को कॉल किया। उन्होंने कहा– मैं ठीक हूं। तुम्हारी मम्मी के बारे में पता नहीं है। फिर कुछ देर में पापा को आग में झुलसे हुए देखा। जेठ बीड़ी-सिगरेट नहीं पीते, माचिस कहां से आई?
भाई लाजपत की पत्नी रीता रानी ने कहा- मुझे उस दिन बुखार था, कमरे में लेटी हुई थी। पति खाना खाकर खाट पर लेटे हुए थे। पुलिस आई तो पति को पकड़ लिया। जेठजी छत पर खाना खा रहे थे। उन्हें भी पकड़ लिया। खेत पर लेकर गई, खेत–घर सब जगह पुलिस ही पुलिस थी। ये लोग जमीन की पैमाइश करने लगे थे। तभी खेतों की तरफ से जेठजी के चिल्लाने की आवाज आई। हम भागने लगे। हम केरोसिन का यूज नहीं करते हैं। मेरे जेठजी बीड़ी-सिगरेट नहीं पीते हैं। माचिस कहां से आई? सही से जांच होनी चाहिए। पड़ोसन बोली-सारा खेल BJP विधायक का
पड़ोसी सुषमा का कहना है- 2 महीने से इस मामले को तूल दिया जा रहा है। 8 मार्च को ये लोग (प्रशासन) आए और किसी को पास भी जाने नहीं दिया। इन्होंने उन्हें कैसे जलाया और कैसे नहीं, ये किसी को दिखाई नहीं दिया। लेकिन सबने वेद प्रकाश को जलता हुआ देखा था। सुषमा ने कहा- ये लोग तीन भाई हैं। करीब 40 साल से यही लोग उस जमीन पर खेती-बाड़ी कर रहे है। महिला ने भाजपा विधायक मुकेश चौधरी पर आरोप लगाया। बोलीं- उन्होंने गुंडे पाल रखे हैं। भांजा बोला- मेरे मामा के पास सारे डॉक्यूमेंट्स
किसान के भांजे मुकेश कुमार का कहना है- मेरे मामा के पास जमीन के डॉक्यूमेंट्स हैं। 2012 में इस जमीन का केस भी कोर्ट से जीत गए थे। उसकी डिग्री भी है। प्रशासन के अफसर पहले भी तीन बार आ चुके हैं। ना नोटिस दिखाते हैं और ना कोई कागजात दिखाते हैं। किसी ने कोई डिग्री चेक नहीं की। थाने के बहाने मामी को लेकर गए और किसी और के घर बैठाए रखा। एक तरह से हमारी मामी को किडनैप करके ले गए। मुकेश का कहना है- 8 मार्च को करीब 250 पुलिसकर्मी थे। इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वाले क्यों बुलाए गए? ये कोई उग्रवादी नहीं थे। आग किसने लगाई, कोई नहीं जानता है। मामा का बयान किसी ने दर्ज नहीं किया। मामा गवाही देने की बात कह रहे थे। हम कह रहे थे कि चंडीगढ़ में हम अच्छा इलाज करवा सकते हैं, लेकिन इन लोगों ने उन्हें दिल्ली के अस्पताल में भेज दिया। जमीन उनकी है तो जैन समाज ने कब्जा क्यों नहीं किया
सरसावा के रहने वाले गुरबाज सिंह वेद प्रकाश के पड़ोसी हैं। वह कहते हैं- जब हमें पता चला तो हम मौके पर पहुंचे। तब तक सरदार वेद प्रकाश झुलस चुके थे। पुलिस मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी। ये मामला भाजपा विधायक मुकेश चौधरी के यहां भी गया था। उन्होंने दोनों पक्षों को बुलाकर ये कहा था कि हम इसको अपने आप निपटा देंगे। प्रशासन को भी मना किया था। अब जैन समाज की बात कमेटी ने कहा- ये जमीन श्रीजी मंदिर की
पूरे मामले में पीड़ित पक्ष से बात करने के बाद दैनिक भास्कर की टीम जैन समाज का पक्ष जानने पहुंची। लेकिन उन्होंने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया। हमने कहा कि जमीन के मालिकाना हक को लेकर अपना पक्ष तो बता सकते हैं। वह कहते हैं कि इस पूरे मामले में वह सच के साथ खड़े हैं। ये जमीन हमारे भगवान श्रीजी के मंदिर की है। जिस पर सिख परिवार के लोगों ने कब्जा कर रखा है। सभी दस्तावेज प्रशासन के पास भी है, वहां से देख सकते हैं। SDM कोर्ट की कार्रवाई कोर्ट ने अक्टूबर, 2024 को मंदिर के पक्ष में फैसला दिया
SDM सदर अंकुर वर्मा के मुताबिक, खेत से सटी गांव के जैन मंदिर की 14 बीघा जमीन है। इस जमीन में 550 वर्गमीटर के जमीन के एक टुकड़े के लिए वेद प्रकाश और जैन मंदिर प्रबंध समिति के बीच SDM कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। अक्टूबर, 2024 में कोर्ट ने जैन मंदिर प्रबंध समिति के पक्ष में फैसला सुनाया। SDM ने कहा- कमेटी पदाधिकारी ने 3 साल पहले कब्जा हटवाने के लिए कहा
SDM सदर का कहना है- जैन समाज मंदिर कमेटी के पदाधिकारी राकेश जैन ने 14 नवंबर, 2022 को तहसीलदार को प्रार्थना पत्र देकर जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए। 21 नवंबर, 2022 को पैमाइश कर जांच आख्या मांगी थी। राजस्व निरीक्षक ने 6 जनवरी, 2023 को एक रिपोर्ट दी थी। इसके बाद पैमाइश होनी थी, जोकि सिख परिवार होने नहीं दे रहा था। टीम पूरी सुरक्षा के साथ गई थी। मगर फिर भी हादसा हो गया। 90% जले, चेहरे पर सूजन बढ़ी
दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल ने किसान वेदप्रकाश का मेडिकल बुलेटिन जारी किया। डॉक्टर के मुताबिक, वह 90% जल चुके थे। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। रविवार को वह बात कर पा रहे थे, मगर सोमवार को चेहरे पर सूजन आ गई है। लापरवाही के बाद SDM हटाए गए, इंस्पेक्टर लाइन हाजिर
SSP रोहित सिंह सजवाण ने किसान के आग में झुलसने के बाद थाना चिलकाना इंस्पेक्टर कपिल देव को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं, DM सहारनपुर ने लापरवाही के लिए SDM सदर अंकुर वर्मा को भी हटा दिया है। फिलहाल सदर तहसील का चार्ज किसी और को नहीं दिया गया है। BJP विधायक बोले- प्रशासन को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी
इस पूरे मामले में BJP विधायक मुकेश चौधरी दोनों पक्षों की पंचायत करवा रहे थे। उन्होंने कहा- मुझे पता नहीं कि क्यों प्रशासन ने इतनी जल्दबाजी दिखाई। यह मामला जोर आजमाइश करने का नहीं था। पंचायत से साल्व हो सकता था। मैं विधानसभा में बिजी था। वापस आने के बाद 8 मार्च को मीटिंग करके दोनों पक्षों को समझाने के लिए कहा था। फिर प्रशासन के लोग क्यों गए, ये वही लोग जाने। वहीं, वेद प्रकाश के परिवार का कहना था कि विधायकजी की भूमिका ठीक नहीं है। उन्हें किसी भी मीटिंग के बारे में बताया भी नहीं गया। ———————– यह खबर भी पढ़िए:- जहरीला इंजेक्शन लगाकर भाजपा नेता की हत्या:संभल में तड़पते हुए गई जान; मुलायम के खिलाफ 21 साल पहले लड़ा था विधानसभा चुनाव संभल में भाजपा नेता गुलफाम सिंह यादव की जहरीला इंजेक्शन देकर हत्या कर दी गई। वारदात को बाइक से आए 3 युवकों ने अंजाम दिया। इंजेक्शन लगने के बाद गुलफाम सिंह तड़पने लगे। इसके बाद उन्हें CHC ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर अलीगढ़ रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। मामला तहसील गुन्नौर के थाना जुनावई क्षेत्र के गांव दबथरा हिमाचल का है। गुलफाम सिंह यादव (65) ने 2004 के विधानसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ गुन्नौर से चुनाव लड़ा था। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
सहारनपुर में किसान की पत्नी बोली- पति को जिंदा जलाया:परिवार ने कहा- BJP विधायक की साजिश; 250 पुलिसवाले आए, क्या हम उग्रवादी हैं…
