कानपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर छत से गिरी, मौत:2 डॉक्टर बोले- पार्टी के बाद हम छत पर गए, जिस जगह वो बैठी, वही टूट गई

कानपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर छत से गिरी, मौत:2 डॉक्टर बोले- पार्टी के बाद हम छत पर गए, जिस जगह वो बैठी, वही टूट गई

कानपुर मेडिकल कॉलेज की छत से गिरकर MBBS डॉक्टर की मौत हो गई। उनका नाम दीक्षा तिवारी (26) था। उन्होंने 2024 सत्र में ही MBBS की पढ़ाई पूरी की। 25 जून को मेरठ मेडिकल कॉलेज में उन्हें जॉइनिंग लेनी थी। दीक्षा के पिता के मुताबिक, उनकी बेटी की मौत की परिस्थितियां संदिग्ध हैं, जांच होनी चाहिए। जबकि, घटना के वक्त छत पर मौजूद 2 साथी डॉक्टर ने कहा- यह एक हादसा था। दीक्षा जहां बैठी थी, वो जगह टूट गई। इसलिए वो नीचे गिर गई। पुलिस CCTV के मदद से जांच कर रही है। पुलिस ने 2 साथी डॉक्टर को हिरासत में लिया है। मेडिकल स्टूडेंट बोले- वो जहां बैठी वो जगह टूट गई बरेली में रहने वाली दीक्षा तिवारी ने 2024 में MBBS की पढ़ाई पूरी की। वह स्वरूपनगर (कानपुर) में किराये पर रहती थीं। उनके पिता प्रदीप तिवारी का बरेली में प्रिंटिंग प्रेस का काम है। परिवार में मां रेनू तिवारी, भाई मयंक तिवारी हैं। मयंक पुणे में प्राइवेट नौकरी करता है। दीक्षा का मेरठ मेडिकल कॉलेज में चयन भी हो गया था। वह एक दिन पहले ही NEET पीजी की परीक्षा देने के लिए कानपुर आई थीं। साथी डॉक्टरों के मुताबिक, बुधवार रात को फाइनल ईयर की पढ़ाई पूरी होने की पार्टी रखी गई थी। हम लोगों ने पहले कमरे में पार्टी की। फिर हम एग्जामिनेशन बिल्डिंग की 5 मंजिला इमारत की छत पर चले गए। रात में करीब 12 से 1 बजे के बीच हम मेडिकल कॉलेज की छत पर थे। दीक्षा बात करते हुए छत पर एक जगह बैठ गई। शायद वह जगह पहले से कमजोर थी। अचानक टूटने की वजह से हादसा हो गया। दीक्षा नीचे जाकर गिर गई। दोस्तों के मुताबिक, हम डर गए। हादसे के बारे में मेडिकल कॉलेज प्रशासन को बताया। उन्होंने बरेली से पिता प्रदीप तिवारी को दी। चचेरे भाई गौरव ने कहा- छत पर पैर के घसीटने के निशान
चचेरे भाई गौरव ने कहा- मेरी बहन की मौत की जो कहानी सुनाई गई है, वो ठीक नहीं लग रही है। उसके दोस्त, जिस लोहे के दरवाजे को तोड़ने के बारे में बता रहे हैं। उसमें निशान तक नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए। छत पर पैर के घसीटने के निशान हैं। मेरी बहन जो नीचे गिरी है, वो पैरों में चप्पल के साथ गिरी है। हमें संदेह लग रहा है। दीक्षा के मौसा बोले- फोरेंसिक टीम ने दिखावटी जांच की
बरेली से आए दीक्षा के मौसा अरुण दुबे ने कहा- फोरेंसिक टीम ने ठीक से जांच नहीं की, केवल खानापूर्ति की। छत पर पैरों के घसीटने के निशान बने हुए हैं, उसे पुलिस ने नजरअंदाज किया। अभी तक पुलिस ने CCTV तक ठीक से नहीं देखे हैं। जॉइंट जेसीपी ने कहा- दोनों डॉक्टर अच्छे दोस्त, पूछताछ चल रही
पुलिस ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर जांच शुरू की। CCTV देखे जा रहे हैं। जॉइंट जेसीपी हरिश्चंद्र ने कहा- दो साथी डॉक्टर हिरासत में हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। परिवार से बात करने के बाद सामने आया कि दोनों साथी डॉक्टर परिवार के भी टच में थे। सब अच्छे परिचित थे। घर का आना-जाना भी था। छत और उस स्पॉट पर जांच की। फोरेंसिक टीम ने बॉडी पर लगी चोट और स्पॉट की जांच की। फिलहाल दीक्षा का पोस्टमॉर्टम चल रहा है। उसके बार स्थितियां स्पष्ट हो सकेंगी। कानपुर मेडिकल कॉलेज की छत से गिरकर MBBS डॉक्टर की मौत हो गई। उनका नाम दीक्षा तिवारी (26) था। उन्होंने 2024 सत्र में ही MBBS की पढ़ाई पूरी की। 25 जून को मेरठ मेडिकल कॉलेज में उन्हें जॉइनिंग लेनी थी। दीक्षा के पिता के मुताबिक, उनकी बेटी की मौत की परिस्थितियां संदिग्ध हैं, जांच होनी चाहिए। जबकि, घटना के वक्त छत पर मौजूद 2 साथी डॉक्टर ने कहा- यह एक हादसा था। दीक्षा जहां बैठी थी, वो जगह टूट गई। इसलिए वो नीचे गिर गई। पुलिस CCTV के मदद से जांच कर रही है। पुलिस ने 2 साथी डॉक्टर को हिरासत में लिया है। मेडिकल स्टूडेंट बोले- वो जहां बैठी वो जगह टूट गई बरेली में रहने वाली दीक्षा तिवारी ने 2024 में MBBS की पढ़ाई पूरी की। वह स्वरूपनगर (कानपुर) में किराये पर रहती थीं। उनके पिता प्रदीप तिवारी का बरेली में प्रिंटिंग प्रेस का काम है। परिवार में मां रेनू तिवारी, भाई मयंक तिवारी हैं। मयंक पुणे में प्राइवेट नौकरी करता है। दीक्षा का मेरठ मेडिकल कॉलेज में चयन भी हो गया था। वह एक दिन पहले ही NEET पीजी की परीक्षा देने के लिए कानपुर आई थीं। साथी डॉक्टरों के मुताबिक, बुधवार रात को फाइनल ईयर की पढ़ाई पूरी होने की पार्टी रखी गई थी। हम लोगों ने पहले कमरे में पार्टी की। फिर हम एग्जामिनेशन बिल्डिंग की 5 मंजिला इमारत की छत पर चले गए। रात में करीब 12 से 1 बजे के बीच हम मेडिकल कॉलेज की छत पर थे। दीक्षा बात करते हुए छत पर एक जगह बैठ गई। शायद वह जगह पहले से कमजोर थी। अचानक टूटने की वजह से हादसा हो गया। दीक्षा नीचे जाकर गिर गई। दोस्तों के मुताबिक, हम डर गए। हादसे के बारे में मेडिकल कॉलेज प्रशासन को बताया। उन्होंने बरेली से पिता प्रदीप तिवारी को दी। चचेरे भाई गौरव ने कहा- छत पर पैर के घसीटने के निशान
चचेरे भाई गौरव ने कहा- मेरी बहन की मौत की जो कहानी सुनाई गई है, वो ठीक नहीं लग रही है। उसके दोस्त, जिस लोहे के दरवाजे को तोड़ने के बारे में बता रहे हैं। उसमें निशान तक नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए। छत पर पैर के घसीटने के निशान हैं। मेरी बहन जो नीचे गिरी है, वो पैरों में चप्पल के साथ गिरी है। हमें संदेह लग रहा है। दीक्षा के मौसा बोले- फोरेंसिक टीम ने दिखावटी जांच की
बरेली से आए दीक्षा के मौसा अरुण दुबे ने कहा- फोरेंसिक टीम ने ठीक से जांच नहीं की, केवल खानापूर्ति की। छत पर पैरों के घसीटने के निशान बने हुए हैं, उसे पुलिस ने नजरअंदाज किया। अभी तक पुलिस ने CCTV तक ठीक से नहीं देखे हैं। जॉइंट जेसीपी ने कहा- दोनों डॉक्टर अच्छे दोस्त, पूछताछ चल रही
पुलिस ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर जांच शुरू की। CCTV देखे जा रहे हैं। जॉइंट जेसीपी हरिश्चंद्र ने कहा- दो साथी डॉक्टर हिरासत में हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है। परिवार से बात करने के बाद सामने आया कि दोनों साथी डॉक्टर परिवार के भी टच में थे। सब अच्छे परिचित थे। घर का आना-जाना भी था। छत और उस स्पॉट पर जांच की। फोरेंसिक टीम ने बॉडी पर लगी चोट और स्पॉट की जांच की। फिलहाल दीक्षा का पोस्टमॉर्टम चल रहा है। उसके बार स्थितियां स्पष्ट हो सकेंगी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर