बुलंदशहर में कोहरे के चलते स्विफ्ट कार 20 फीट गहरी नहर में गिर गई। हादसे में कार सवार कारोबारी-इंजीनियर बह गए। दोनों की तलाश में रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अब तक पता नहीं चला है। अब NDRF को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया है। रात में तलाशी के दौरान गोताखोरों को एक अज्ञात शव मिला है। बुलंदशहर के आनंद विहार इलाके में रहने वाले अर्पित (28) अपने दोस्त अनिरुद्ध (30) बुधवार रात को अलीगढ़ जा रहे थे। रात 10 बजे वलीपुरा पहुंचे। कोहरा बेहद घना था। विजिबिलिटी शून्य हो गई थी। कार की स्पीड तेज थी, इसलिए नहर नहीं दिखाई दी। कंट्रोल करने से पहले कार नहर में गिर गई। यह देखकर राहगीरों ने शोर मचाया। पुलिस को इसकी जानकारी दी। सूचना पर डीएम-SSP मौके पर पहुंचे। गोताखारों और क्रेन को बुलाया गया। 4 घंटे बाद कार को बाहर निकलवाया। कार की खिड़की खुली हुई थी। पुलिस को शक है कि दोनों खिड़की तोड़कर बाहर निकले, लेकिन नहर में पानी का बहाव तेज था, इसलिए तैर कर बाहर नहीं आ पाए और बह गए। हादसे की 3 तस्वीरें देखिए…. नहर का पानी रुकवा कर चलाया रेस्क्यू
कार सवार अर्पित बुलंदशहर में आइसक्रीम का बिजनेस करता है। अनिरुद्ध एक प्राइवेट इंजीनियर है। डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा- कार सवार दो शख्स को पानी के तेज बहाव में बहते हुए देखा गया, लेकिन उनका भी कोई सुराग नहीं लग सका। फिलहाल, नहर का पानी रुकवा दिया गया है। रेस्क्यू के लिए NDRF टीम को बुलाया गया है। नहर का बहाव तेज था, इसलिए रात में रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई। दोनों युवकों की अब तक पता नहीं चल पाया है। कार नहर पर बने पुल के गेट में फंस गई थी। क्रेन बुलवाकर 4 घंटे बाद कार को बाहर निकाला गया। कार की खिड़कियां खुली मिलीं
ASP ऋजुल कुमार ने बताया- कार के नंबर से गाड़ी मालिक का पता लगाया गया। कार की खिड़कियां खुली मिलीं। आशंका है कि खुद को बेचने लिए कार सवार खिड़की खोलकर कार से निकले होंगे। नहर का बहाव तेज था, इसलिए रात में रेस्क्यू रोक दिया गया था। सुबह फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। ———————————————————– ये भी पढ़ें…. मुरादाबाद मॉब लिंचिंग-500 रुपए कमाने निकला था शाहेदीन:भाई बोला-9 दिन हो गए, CCTV से हत्यारे तक नहीं पहचाने जा सके
‘मैं मानता हूं, मेरे भाई से गलती हुई। उसने गलत किया। लेकिन भीड़ को सजा देने का हक किसने दिया? सजा तो पुलिस और कानून ही दे सकते थे। मेरा भाई तो चला गया। अब वापस नहीं आएगा। हम अब बस यही चाहते हैं कि उन लोगों को भी सजा मिले, जिन्होंने मेरे भाई शाहेदीन कुरैशी की जान ली।’ पढ़ें पूरी खबर… बुलंदशहर में कोहरे के चलते स्विफ्ट कार 20 फीट गहरी नहर में गिर गई। हादसे में कार सवार कारोबारी-इंजीनियर बह गए। दोनों की तलाश में रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन अब तक पता नहीं चला है। अब NDRF को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया है। रात में तलाशी के दौरान गोताखोरों को एक अज्ञात शव मिला है। बुलंदशहर के आनंद विहार इलाके में रहने वाले अर्पित (28) अपने दोस्त अनिरुद्ध (30) बुधवार रात को अलीगढ़ जा रहे थे। रात 10 बजे वलीपुरा पहुंचे। कोहरा बेहद घना था। विजिबिलिटी शून्य हो गई थी। कार की स्पीड तेज थी, इसलिए नहर नहीं दिखाई दी। कंट्रोल करने से पहले कार नहर में गिर गई। यह देखकर राहगीरों ने शोर मचाया। पुलिस को इसकी जानकारी दी। सूचना पर डीएम-SSP मौके पर पहुंचे। गोताखारों और क्रेन को बुलाया गया। 4 घंटे बाद कार को बाहर निकलवाया। कार की खिड़की खुली हुई थी। पुलिस को शक है कि दोनों खिड़की तोड़कर बाहर निकले, लेकिन नहर में पानी का बहाव तेज था, इसलिए तैर कर बाहर नहीं आ पाए और बह गए। हादसे की 3 तस्वीरें देखिए…. नहर का पानी रुकवा कर चलाया रेस्क्यू
कार सवार अर्पित बुलंदशहर में आइसक्रीम का बिजनेस करता है। अनिरुद्ध एक प्राइवेट इंजीनियर है। डीएम चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा- कार सवार दो शख्स को पानी के तेज बहाव में बहते हुए देखा गया, लेकिन उनका भी कोई सुराग नहीं लग सका। फिलहाल, नहर का पानी रुकवा दिया गया है। रेस्क्यू के लिए NDRF टीम को बुलाया गया है। नहर का बहाव तेज था, इसलिए रात में रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई। दोनों युवकों की अब तक पता नहीं चल पाया है। कार नहर पर बने पुल के गेट में फंस गई थी। क्रेन बुलवाकर 4 घंटे बाद कार को बाहर निकाला गया। कार की खिड़कियां खुली मिलीं
ASP ऋजुल कुमार ने बताया- कार के नंबर से गाड़ी मालिक का पता लगाया गया। कार की खिड़कियां खुली मिलीं। आशंका है कि खुद को बेचने लिए कार सवार खिड़की खोलकर कार से निकले होंगे। नहर का बहाव तेज था, इसलिए रात में रेस्क्यू रोक दिया गया था। सुबह फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। ———————————————————– ये भी पढ़ें…. मुरादाबाद मॉब लिंचिंग-500 रुपए कमाने निकला था शाहेदीन:भाई बोला-9 दिन हो गए, CCTV से हत्यारे तक नहीं पहचाने जा सके
‘मैं मानता हूं, मेरे भाई से गलती हुई। उसने गलत किया। लेकिन भीड़ को सजा देने का हक किसने दिया? सजा तो पुलिस और कानून ही दे सकते थे। मेरा भाई तो चला गया। अब वापस नहीं आएगा। हम अब बस यही चाहते हैं कि उन लोगों को भी सजा मिले, जिन्होंने मेरे भाई शाहेदीन कुरैशी की जान ली।’ पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर