काशी इस बार पूरी तरह से सावन के रंग में रंग गई है। शहर में हर तरफ दुकानें सजी हैं। अभी से खरीदारी करने वालों की भीड़ उमड़ने लगी है। फूल, माला, रुद्राक्ष, प्रसाद, फल और भगवा कपड़ों की खूब बिक्री हो रही है। इस बार महाकाल लिखी टी-शर्ट की स्पेशल डिमांड है। व्यापारियों का कहना है कि सावन में 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने आते हैं। इनमें 40% लोग खरीदारी भी करते हैं। इस बार पीतल की मूर्तियों का 4 करोड़ से ज्यादा का कारोबार पहुंचने की संभावना है। सावन से पहले ही 50 लाख के फूल-माला बिक गए। श्रद्धालुओं के अलावा, पूर्वांचल के 22 जिलों के व्यापारी पहुंच रहे हैं। स्पेशल मार्केट सज चुका है। दैनिक भास्कर की टीम ने काशी के फूल, माला, मूर्ति, बर्तन के दुकानदारों से जाना, कैसा है मार्केट का माहौल… आइए, सबसे पहले जानते हैं कैसा चल रहा कपड़े का मार्केट
वाराणसी में हर साल सावन में सोमवार को जलाभिषेक करने के लिए डाक-बम, बोल-बम, ताड़क-बम आदि कांवड़िए दर्शन पूजन के लिए आते हैं। सावन में केसरिया रंग की काफी मांग रहती है। ऐसे में थोक कपड़ा विक्रेताओं ने सावन के कपड़ों का नया स्टॉक मंगवा लिया है। दुकानदारों का कहना है कि दो-चार दिन में खरीदारी में तेजी आ गई है। 10 जिलों के व्यापारी करेंगे खरीदारी
वाराणसी के राजा दरवाजा के थोक व्यापारियों का कहना है कि वाराणसी से पूर्वांचल के 10 से अधिक जिलों में कपड़ों को थोक भाव में भेजा जा रहा हैं। दुकानदार सुनील शर्मा ने बताया- हमारी दुकान से यूपी के अंबेडकर नगर, टांडा, गाजीपुर, आजमगढ़, जलालपुर, मिर्जापुर सहित अन्य जनपदों में कपड़ा जा रहा है। दुकान में 55 रुपए से 150 रुपए तक का कपड़ा है। अगर एक आंकड़ा निकाला जाए, तो वाराणसी के गलियों में कुल 200 से अधिक दुकान कपड़ों की है। जहां पर 80 लाख तक का कारोबार सावन भर में होगा। महाकाल लिखी टी-शर्ट की खूब मांग
भगवान शिव की तस्वीर वाली टी-शर्ट की काफी डिमांड है। अधिकतर टी-शर्ट भगवान शिव के मुखाकृति नीले और सफेद रंग से बनाई गई है। वहीं, केसरिया रंग के कुर्ते पर महादेव लिखकर और त्रिशूल की आकृति की भी खूब मांग है। दुकानदार संदीप ने बताया- भक्तों के लिए बने परिधानों को बेचने में दुकानदार भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। इस बार हमारा बाजार काफी अच्छा चल रहा है। रोज हम 400 से 500 पीस कपड़े बेच रहे हैं। आइए अब जानते हैं फूल मार्केट के व्यापारियों ने क्या कहा…
वाराणसी के फूल मंडी से पूर्वांचल भर में फूल भेजा जाता है। फूल विक्रेताओं का कहना है- मदार की माला यहां की मंडी से पूरे पूर्वांचल में जाती है। इसके अलावा गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर तक सप्लाई होती है। यहां की 60% मदार माला काठमांडू में भी सप्लाई होती है। इस बार गर्मी के चलते थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन सावन माह में इसकी भरपाई हो जाएगी। फूलमंडी इंग्लिशिया लाइन और बांस फाटक में मदार, धतूरा के भाव बढ़ने पर गुलाब की माला का भी दाम बढ़ गया है। इस समय मंडियों में गुलाब माला 30 रुपए से लेकर 60, 100 रुपए प्रति पीस तक बिक रहा है। गेंदा माला का भी दाम भी बढ़ गया है। 40-50 लाख रुपए का बिक चुका है फूल
मनोज ने बताया- हम लोगों को फूलों का ऑर्डर फोन से आता है। कुछ लोग यहां आकर भी फूल खरीदते हैं। हफ्तेभर में बनारस के फूल मंडी में 40-50 लाख रुपए तक के फूल बुक हो चुके हैं। इस बार फूलों की खेती करने वाले किसानों का बहुत लाभ नहीं हो पा रहा हैं, क्योंकि गर्मी की वजह से फूल की फसल खराब भी हो गई हैं। 20 रुपए का बिकेगा मदार माला
फूलमंडियों में मदार, नीलकंठ की माला आने लगे हैं। आम दिनों में जहां मदार माला 10 रुपए प्रति पीस बिक रहा था, बढ़कर 20 रुपए हो गया है। यही हाल नीलकंठ माला का है, वह भी 50 से लेकर 70 रुपए प्रति पीस की दर से बिक रहा है। धतूरा 300 रुपए किलो तो बेलपत्र भी दो से ढाई सौ रुपए किलो की दर से बिक रहा है। अब जानते हैं वाराणसी में पीतल-तांबा की बिक्री कैसी है…
इस बार सावन में पीतल-तांबा पूजन सामग्री बाजार में 30% तक तेजी का अनुमान लगाया जा रहा है। गोदौलिया से लेकर चौक और मैदागिन तक में फैले सैकड़ों पूजन सामग्री दुकानों पर भीड़ देखी जा सकती है। इसके अलावा घाट किनारे लगी दुकानाें पर भी खरीदारी की जा रही है। दुकान मालिक ने बताया- एक माह तक चलने वाले सावन में हर कोई पीतल या तांबे के बर्तन से पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा मंदिरों के बाहर बहुत से लोग अपने तरीके से रोजगार भी कर रहे हैं, जिसमें वह इन्हीं तांबे-पीतल के लोटों और थाली में फूल आदि सजाकर बेचते हैं। प्रति थाली 50 से 100 रुपए लिए जाते हैं। उनका भी इन्हीं बर्तनों से रोजगार चलता है। ये भी पढ़ें:- अब काशी विश्वनाथ में भी दुकानों पर लिखना होगा नाम: हिंदू संगठन ने कहा- भगवा झंडा लगाएं, आधार कार्ड भी रखें वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के आसपास दुकानदारों को बोर्ड पर अपना नाम लिखना होगा। गोदौलिया में शनिवार को पुलिस ने दुकानदारों से बात की और उन्हें अपना नाम लिखने के लिए कहा। काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में करीब 500 दुकानें हैं, इनमें 15% दुकानें मुस्लिमों की तो 85% हिंदू और अन्य की हैं। राष्ट्रीय हिंदू दल के पदाधिकारियों ने भी दुकानों पर पहुंचकर भगवा झंडा और आधार कार्ड रखने के लिए कहा। पढ़ें पूरी खबर… काशी इस बार पूरी तरह से सावन के रंग में रंग गई है। शहर में हर तरफ दुकानें सजी हैं। अभी से खरीदारी करने वालों की भीड़ उमड़ने लगी है। फूल, माला, रुद्राक्ष, प्रसाद, फल और भगवा कपड़ों की खूब बिक्री हो रही है। इस बार महाकाल लिखी टी-शर्ट की स्पेशल डिमांड है। व्यापारियों का कहना है कि सावन में 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने आते हैं। इनमें 40% लोग खरीदारी भी करते हैं। इस बार पीतल की मूर्तियों का 4 करोड़ से ज्यादा का कारोबार पहुंचने की संभावना है। सावन से पहले ही 50 लाख के फूल-माला बिक गए। श्रद्धालुओं के अलावा, पूर्वांचल के 22 जिलों के व्यापारी पहुंच रहे हैं। स्पेशल मार्केट सज चुका है। दैनिक भास्कर की टीम ने काशी के फूल, माला, मूर्ति, बर्तन के दुकानदारों से जाना, कैसा है मार्केट का माहौल… आइए, सबसे पहले जानते हैं कैसा चल रहा कपड़े का मार्केट
वाराणसी में हर साल सावन में सोमवार को जलाभिषेक करने के लिए डाक-बम, बोल-बम, ताड़क-बम आदि कांवड़िए दर्शन पूजन के लिए आते हैं। सावन में केसरिया रंग की काफी मांग रहती है। ऐसे में थोक कपड़ा विक्रेताओं ने सावन के कपड़ों का नया स्टॉक मंगवा लिया है। दुकानदारों का कहना है कि दो-चार दिन में खरीदारी में तेजी आ गई है। 10 जिलों के व्यापारी करेंगे खरीदारी
वाराणसी के राजा दरवाजा के थोक व्यापारियों का कहना है कि वाराणसी से पूर्वांचल के 10 से अधिक जिलों में कपड़ों को थोक भाव में भेजा जा रहा हैं। दुकानदार सुनील शर्मा ने बताया- हमारी दुकान से यूपी के अंबेडकर नगर, टांडा, गाजीपुर, आजमगढ़, जलालपुर, मिर्जापुर सहित अन्य जनपदों में कपड़ा जा रहा है। दुकान में 55 रुपए से 150 रुपए तक का कपड़ा है। अगर एक आंकड़ा निकाला जाए, तो वाराणसी के गलियों में कुल 200 से अधिक दुकान कपड़ों की है। जहां पर 80 लाख तक का कारोबार सावन भर में होगा। महाकाल लिखी टी-शर्ट की खूब मांग
भगवान शिव की तस्वीर वाली टी-शर्ट की काफी डिमांड है। अधिकतर टी-शर्ट भगवान शिव के मुखाकृति नीले और सफेद रंग से बनाई गई है। वहीं, केसरिया रंग के कुर्ते पर महादेव लिखकर और त्रिशूल की आकृति की भी खूब मांग है। दुकानदार संदीप ने बताया- भक्तों के लिए बने परिधानों को बेचने में दुकानदार भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। इस बार हमारा बाजार काफी अच्छा चल रहा है। रोज हम 400 से 500 पीस कपड़े बेच रहे हैं। आइए अब जानते हैं फूल मार्केट के व्यापारियों ने क्या कहा…
वाराणसी के फूल मंडी से पूर्वांचल भर में फूल भेजा जाता है। फूल विक्रेताओं का कहना है- मदार की माला यहां की मंडी से पूरे पूर्वांचल में जाती है। इसके अलावा गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर तक सप्लाई होती है। यहां की 60% मदार माला काठमांडू में भी सप्लाई होती है। इस बार गर्मी के चलते थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है, लेकिन सावन माह में इसकी भरपाई हो जाएगी। फूलमंडी इंग्लिशिया लाइन और बांस फाटक में मदार, धतूरा के भाव बढ़ने पर गुलाब की माला का भी दाम बढ़ गया है। इस समय मंडियों में गुलाब माला 30 रुपए से लेकर 60, 100 रुपए प्रति पीस तक बिक रहा है। गेंदा माला का भी दाम भी बढ़ गया है। 40-50 लाख रुपए का बिक चुका है फूल
मनोज ने बताया- हम लोगों को फूलों का ऑर्डर फोन से आता है। कुछ लोग यहां आकर भी फूल खरीदते हैं। हफ्तेभर में बनारस के फूल मंडी में 40-50 लाख रुपए तक के फूल बुक हो चुके हैं। इस बार फूलों की खेती करने वाले किसानों का बहुत लाभ नहीं हो पा रहा हैं, क्योंकि गर्मी की वजह से फूल की फसल खराब भी हो गई हैं। 20 रुपए का बिकेगा मदार माला
फूलमंडियों में मदार, नीलकंठ की माला आने लगे हैं। आम दिनों में जहां मदार माला 10 रुपए प्रति पीस बिक रहा था, बढ़कर 20 रुपए हो गया है। यही हाल नीलकंठ माला का है, वह भी 50 से लेकर 70 रुपए प्रति पीस की दर से बिक रहा है। धतूरा 300 रुपए किलो तो बेलपत्र भी दो से ढाई सौ रुपए किलो की दर से बिक रहा है। अब जानते हैं वाराणसी में पीतल-तांबा की बिक्री कैसी है…
इस बार सावन में पीतल-तांबा पूजन सामग्री बाजार में 30% तक तेजी का अनुमान लगाया जा रहा है। गोदौलिया से लेकर चौक और मैदागिन तक में फैले सैकड़ों पूजन सामग्री दुकानों पर भीड़ देखी जा सकती है। इसके अलावा घाट किनारे लगी दुकानाें पर भी खरीदारी की जा रही है। दुकान मालिक ने बताया- एक माह तक चलने वाले सावन में हर कोई पीतल या तांबे के बर्तन से पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा मंदिरों के बाहर बहुत से लोग अपने तरीके से रोजगार भी कर रहे हैं, जिसमें वह इन्हीं तांबे-पीतल के लोटों और थाली में फूल आदि सजाकर बेचते हैं। प्रति थाली 50 से 100 रुपए लिए जाते हैं। उनका भी इन्हीं बर्तनों से रोजगार चलता है। ये भी पढ़ें:- अब काशी विश्वनाथ में भी दुकानों पर लिखना होगा नाम: हिंदू संगठन ने कहा- भगवा झंडा लगाएं, आधार कार्ड भी रखें वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के आसपास दुकानदारों को बोर्ड पर अपना नाम लिखना होगा। गोदौलिया में शनिवार को पुलिस ने दुकानदारों से बात की और उन्हें अपना नाम लिखने के लिए कहा। काशी विश्वनाथ परिक्षेत्र में करीब 500 दुकानें हैं, इनमें 15% दुकानें मुस्लिमों की तो 85% हिंदू और अन्य की हैं। राष्ट्रीय हिंदू दल के पदाधिकारियों ने भी दुकानों पर पहुंचकर भगवा झंडा और आधार कार्ड रखने के लिए कहा। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर