हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने आज किरण चौधरी के भाजपा ज्वाइन करने पर मीडिया कर्मियों से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “इसका मतलब है एसआरके ग्रुप टूट गया। यह बहुत अच्छी बात है। अगर वो भाजपा में आ गई हैं तो और भी अच्छी बात है”। अनिल विज हुए हैरान गौरतलब है कि किरण चौधरी के इस्तीफे की खबर सुनकर अनिल विज हैरान हो गए। विज ने हैरानी भरे अंदाज में कहा कि किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ दी? हरियाणा में मची सियासी हलचल के बीच कांग्रेस की सीनियर लीडर एवं विधायक किरण चौधरी ने बेटी श्रुति चौधरी के साथ कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। इनके दिमाग का दिवाला निकल चुका- विज हाल ही में राहुल गांधी ने ईवीएम को ब्लैक बॉक्स करार दिया है। इस पर भी अनिल विज ने तीखी प्रतिक्रिया दी और राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि इनके दिमाग का दिवाला निकल चुका है। विज ने कहा कि जहां ये चुनाव जीत जाते हैं वहां ईवीएम की बात नहीं करते, जब हार जाते हैं तो ईवीएम की बात करते हैं। विज ने कहा कि अगर हम ईवीएम टेंपर कर पाते तो हम 400 पार होते हमारी 240 सीटें न रहती। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने आज किरण चौधरी के भाजपा ज्वाइन करने पर मीडिया कर्मियों से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “इसका मतलब है एसआरके ग्रुप टूट गया। यह बहुत अच्छी बात है। अगर वो भाजपा में आ गई हैं तो और भी अच्छी बात है”। अनिल विज हुए हैरान गौरतलब है कि किरण चौधरी के इस्तीफे की खबर सुनकर अनिल विज हैरान हो गए। विज ने हैरानी भरे अंदाज में कहा कि किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ दी? हरियाणा में मची सियासी हलचल के बीच कांग्रेस की सीनियर लीडर एवं विधायक किरण चौधरी ने बेटी श्रुति चौधरी के साथ कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है। इनके दिमाग का दिवाला निकल चुका- विज हाल ही में राहुल गांधी ने ईवीएम को ब्लैक बॉक्स करार दिया है। इस पर भी अनिल विज ने तीखी प्रतिक्रिया दी और राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि इनके दिमाग का दिवाला निकल चुका है। विज ने कहा कि जहां ये चुनाव जीत जाते हैं वहां ईवीएम की बात नहीं करते, जब हार जाते हैं तो ईवीएम की बात करते हैं। विज ने कहा कि अगर हम ईवीएम टेंपर कर पाते तो हम 400 पार होते हमारी 240 सीटें न रहती। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा की राजनीति के योद्धा व विकास पुरुष कहलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने 1995-96 में कांग्रेस का दामन छोड़कर नई हरियाणा विकास पार्टी का गठन किया था। जिसके बाद बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, लेकिन चौधरी बंसीलाल व बीजेपी का सफर लंबा नहीं चला और गठबंधन टूट गया। इसके बाद दिल्ली की राजनीति कर रही उनकी पुत्रवधू किरण चौधरी की एंट्री हरियाणा की राजनीति में हुई। किसी तरह अपने जिद्दी व राजनीतिक सूझबूझ वाले ससुर बंसीलाल को मना कर किरण ने ही हरियाणा विकास पार्टी का विलय कांग्रेस में करवाया था। चौधरी बंसीलाल की निधन के बाद उनकी पोती श्रुति चौधरी को पगड़ी पहना कर राजनीति विरासत सौंपी गई। तब से ही किरण चौधरी व श्रुति चौधरी द्वारा चौधरी बंसीलाल की विरासत को सक्रियता के साथ संभाला जा रहा है। चौधरी बंसीलाल की कोठी का झंडा दो दशक के बाद बदल कर भाजपा का हो गया है। इसकी भी साक्षी किरण चौधरी बनी है।