इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पॉक्सो एक्ट का उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देना है, न कि किशोरों के बीच आपसी सहमति से बने प्रेम संबंधों को अपराध की श्रेणी में डालना। न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने यह टिप्पणी राज सोनकर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कही। जिसे एक नाबालिग लड़की से प्रेम संबंध के मामले में गिरफ्तार किया गया था। चंदौली निवासी 18 साल के राज सोनकर पर थाना चकिया, चंदौली में भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2), 87, 65(1) तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। राज सोनकर की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि आरोपी पूर्णतः निर्दोष है और उसे झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एफआईआर दर्ज करने में 15 दिनों की अत्यधिक देरी हुई है, जिसके पीछे कोई तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। पीड़िता की उम्र भले ही शैक्षणिक अभिलेखों के अनुसार 16 वर्ष से थोड़ी कम है, परंतु आरोपी स्वयं भी मात्र 18 वर्ष का किशोर है। इस प्रकरण में दोनों के बीच सहमति से बना प्रेम संबंध है, जो कि किशोरावस्था का एक स्वाभाविक व्यवहार माना जाना चाहिए। बच्चों को यौन शोषण से सुरक्षा देने के लिए बना था कानून कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि “पॉक्सो एक्ट का निर्माण 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन शोषण से सुरक्षा देने के लिए किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में यह कानून कई बार स्वयं किशोरों के शोषण का माध्यम बनता जा रहा है। यह अधिनियम कभी भी किशोरों के आपसी सहमति वाले प्रेम संबंधों को अपराध मानने के लिए नहीं बना था। कोर्ट को हर मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर विचार करना होता है। अगर प्रेम संबंध सहमति से बने हों और पीड़िता भी आरोपी के पक्ष में बयान देती है, तो आरोपी को जेल में रखना न्याय की भावना के विरुद्ध होगा।” कोर्ट ने आरोपी को दी जमानत कोर्ट ने जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि आरोपी के विरुद्ध कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है और वह 7 मार्च 2025 से जेल में बंद है। घटना की मेडिकल पुष्टि भी नहीं हो सकी है, और एफआईआर दर्ज करने में असामान्य विलंब हुआ। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को सशर्त जमानत प्रदान की जाती है। पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कहा था कि POCSO एक्ट के तहत सहमति की उम्र पर चर्चा जरूरी चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका को POCSO एक्ट के तहत कंसेंट (सहमति) की उम्र कम करने को लेकर चल रही बहस पर ध्यान देना चाहिए। नई दिल्ली में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेन्सेस (POCSO) एक्ट पर हुए कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सब जानते हैं कि POCSO एक्ट 18 साल से कम उम्र वालों के बीच सेक्शुअल एक्ट को आपराधिक मानता है, ये देखे बिना कि नाबालिगों के बीच सहमति थी या नहीं, क्योंकि कानून के मुताबिक 18 से कम उम्र वालों के बीच सहमति नहीं होती है। पूर्व CJI ने कहा था कि, ‘जज रहते हुए मैंने देखा है इस कैटेगरी के केस जजों के सामने बड़े सवाल खड़े करते हैं। इस मुद्दे को लेकर एक चिंता का माहौल बनता जा रहा है, जिस पर न्यायपालिका को ध्यान देने की जरूरत है। इसमें युवा हेल्थकेयर सेक्टर के एक्सपर्ट्स की तरफ से की गईं भरोसेमंद रिसर्च को आधार बनाना चाहिए।’ ———– यह खबर भी पढ़िए LIVE- यूपी में रेड अलर्ट-काशी में 200 जवान बाइक से निकले:बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के समय पुलिस सड़कों पर उतरी, रातभर होटल और गाड़ियों की चेकिंग भारत-पाकिस्तान के बीच जंग जैसे हालात हैं। यूपी में DGP ने रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे में रातभर पूरे प्रदेश में पुलिस सड़कों पर उतरी। होटल, स्टेशनों, मंदिर और अन्य भीड़भाड़ वाली जगहों पर चेकिंग की। लोगों के सामान और गाड़ियों की तलाशी ली। वाराणसी में 100 बाइक से फैंटम के 200 जवान सड़क पर उतरे। भोर में बाबा काशी विश्वनाथ की मंगला आरती के समय मंदिर के आसपास जवानों ने गश्त की। मंदिर से गोदौलिया, कैंट रेलवे और बस स्टेशन होते हुए सर्किट हाउस और हाईवे की ओर फैंटम से जवान निकले। 100 फैंटम बाइक के सायरन से कई घंटे तक शहर गूंजता रहा। पुलिस के जवानों ने शहर के लोगों और श्रद्धालुओं को सुरक्षा का एहसास दिलाया। पूरी खबर पढ़िए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पॉक्सो एक्ट का उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देना है, न कि किशोरों के बीच आपसी सहमति से बने प्रेम संबंधों को अपराध की श्रेणी में डालना। न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने यह टिप्पणी राज सोनकर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कही। जिसे एक नाबालिग लड़की से प्रेम संबंध के मामले में गिरफ्तार किया गया था। चंदौली निवासी 18 साल के राज सोनकर पर थाना चकिया, चंदौली में भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2), 87, 65(1) तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। राज सोनकर की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि आरोपी पूर्णतः निर्दोष है और उसे झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एफआईआर दर्ज करने में 15 दिनों की अत्यधिक देरी हुई है, जिसके पीछे कोई तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। पीड़िता की उम्र भले ही शैक्षणिक अभिलेखों के अनुसार 16 वर्ष से थोड़ी कम है, परंतु आरोपी स्वयं भी मात्र 18 वर्ष का किशोर है। इस प्रकरण में दोनों के बीच सहमति से बना प्रेम संबंध है, जो कि किशोरावस्था का एक स्वाभाविक व्यवहार माना जाना चाहिए। बच्चों को यौन शोषण से सुरक्षा देने के लिए बना था कानून कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि “पॉक्सो एक्ट का निर्माण 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को यौन शोषण से सुरक्षा देने के लिए किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में यह कानून कई बार स्वयं किशोरों के शोषण का माध्यम बनता जा रहा है। यह अधिनियम कभी भी किशोरों के आपसी सहमति वाले प्रेम संबंधों को अपराध मानने के लिए नहीं बना था। कोर्ट को हर मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर विचार करना होता है। अगर प्रेम संबंध सहमति से बने हों और पीड़िता भी आरोपी के पक्ष में बयान देती है, तो आरोपी को जेल में रखना न्याय की भावना के विरुद्ध होगा।” कोर्ट ने आरोपी को दी जमानत कोर्ट ने जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि आरोपी के विरुद्ध कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है और वह 7 मार्च 2025 से जेल में बंद है। घटना की मेडिकल पुष्टि भी नहीं हो सकी है, और एफआईआर दर्ज करने में असामान्य विलंब हुआ। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आरोपी को सशर्त जमानत प्रदान की जाती है। पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कहा था कि POCSO एक्ट के तहत सहमति की उम्र पर चर्चा जरूरी चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका को POCSO एक्ट के तहत कंसेंट (सहमति) की उम्र कम करने को लेकर चल रही बहस पर ध्यान देना चाहिए। नई दिल्ली में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेन्सेस (POCSO) एक्ट पर हुए कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सब जानते हैं कि POCSO एक्ट 18 साल से कम उम्र वालों के बीच सेक्शुअल एक्ट को आपराधिक मानता है, ये देखे बिना कि नाबालिगों के बीच सहमति थी या नहीं, क्योंकि कानून के मुताबिक 18 से कम उम्र वालों के बीच सहमति नहीं होती है। पूर्व CJI ने कहा था कि, ‘जज रहते हुए मैंने देखा है इस कैटेगरी के केस जजों के सामने बड़े सवाल खड़े करते हैं। इस मुद्दे को लेकर एक चिंता का माहौल बनता जा रहा है, जिस पर न्यायपालिका को ध्यान देने की जरूरत है। इसमें युवा हेल्थकेयर सेक्टर के एक्सपर्ट्स की तरफ से की गईं भरोसेमंद रिसर्च को आधार बनाना चाहिए।’ ———– यह खबर भी पढ़िए LIVE- यूपी में रेड अलर्ट-काशी में 200 जवान बाइक से निकले:बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के समय पुलिस सड़कों पर उतरी, रातभर होटल और गाड़ियों की चेकिंग भारत-पाकिस्तान के बीच जंग जैसे हालात हैं। यूपी में DGP ने रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे में रातभर पूरे प्रदेश में पुलिस सड़कों पर उतरी। होटल, स्टेशनों, मंदिर और अन्य भीड़भाड़ वाली जगहों पर चेकिंग की। लोगों के सामान और गाड़ियों की तलाशी ली। वाराणसी में 100 बाइक से फैंटम के 200 जवान सड़क पर उतरे। भोर में बाबा काशी विश्वनाथ की मंगला आरती के समय मंदिर के आसपास जवानों ने गश्त की। मंदिर से गोदौलिया, कैंट रेलवे और बस स्टेशन होते हुए सर्किट हाउस और हाईवे की ओर फैंटम से जवान निकले। 100 फैंटम बाइक के सायरन से कई घंटे तक शहर गूंजता रहा। पुलिस के जवानों ने शहर के लोगों और श्रद्धालुओं को सुरक्षा का एहसास दिलाया। पूरी खबर पढ़िए उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
किशोरों के बीच सहमति से बना प्रेम संबंध अपराध नहीं:हाईकोर्ट ने कहा- पॉक्सो एक्ट का उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा देना, न कि अपराध की श्रेणी में डालना
