आंदोलनरत किसानों और केंद्र सरकार के बीच 7वीं मीटिंग का एजेंडा आ गया है। ये मीटिंग कल 19 मार्च को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में बुलाई गई है। फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी समेत 13 मुद्दों को लेकर किसानों की केंद्र सरकार से बातचीत चल रही है। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को मीटिंग का अधिकृत पत्र भेजा गया है। कल किसानों और केंद्र के बीच 7वीं मीटिंग है। इससे पहले हुई छह मीटिंग शाम के समय ही चंडीगढ़ में हुई थी। किसानों का संघर्ष एक साल से चल रहा है। किसानों का साफ कहना है कि जब तक उनकी सुनवाई नहीं होती है, तब तक वह संघर्ष खत्म नहीं करेंगे। डल्लेवाल ने कहा कि मीटिंग में दोनों फोरम के नेता शामिल होंगे। साथ ही वह इसमें अपना पक्ष रखेंगे। दूसरी तरफ मीटिंग में केंद्र सरकार के दो से तीन मंत्री व पंजाब सरकार के मंत्री शामिल होंगे। केंद्र सरकार द्वारा जारी पत्र की कॉपी डल्लेवाल का आमरण अनशन 113वें दाखिल जगजीत सिंह डल्लेवाल का पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 113वें दाखिल हो गया है। उन्होंने केंद्र सरकार का पत्र मिलने के बाद वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि 19 मार्च को जो हमारी केंद्र सरकार के साथ मीटिंग तय हुई थी। वह तय तारीख पर होगी। हालाकि मीटिंग का समय पहले शाम पांच बजे था, जिसे बदलकर अब सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में होगी। इस संबंधी हमें केंद्र सरकार से पत्र मिला है। साथ ही हम मीटिंग में हिस्सा लेकर अपनी बात रखेंगे। किसान केंद्र सरकार को भेज चुके है रिकॉर्ड इससे पहले किसानों और केंद्र सरकार के बीच 22 फरवरी को मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। मीटिंग करीब साढ़े तीन घंटे तक चली थी। इस मीटिंग में किसानों ने केंद्र सरकार को दलील दी थी कि अगर केंद्र सरकार एमएसपी देने का फैसला लेती है तो किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। उन्होंने इस संबंधी कुछ तथ्य मीटिंग में पेश किए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने यह तथ्य किसानों से मांगे थे, ताकि वह अपनी माहिरों से इस बारे में राय ले ले। इसके बाद किसानों ने केंद्र को अपना सारा रिकॉर्ड भेज दिया था। सााथ ही दावा किया था 25 से 30 हजार करोड़ में किसानों को एसएसपी दी जा सकती है। किसानों ने आगे के संघर्ष का प्लान किया है तैयार किसानों ने अपने संघर्ष को तेज करने का फैसला लिया है। इसके लिए पूरा प्रोग्राम तैयार किया गया। 21 मार्च को किसान सैकड़ों की संख्या में इकट्ठे हो कर शतराना, नरवाना, घनौर एवम अंबाला के विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि 23 मार्च को शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवम सुखदेव के शहादत दिवस पर तीनों मोर्चों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। 30 मार्च को -खनौरी एवम शम्भू मोर्चों पर “फसल बचाओ, नस्ल बचाओ” महापंचायत आयोजित करी जाएंगी । इसमें स्कूल के 8वीं से 12वीं एवम यूनिवर्सिटी/कॉलेज के छात्र बड़ी संख्या में भाग लेंगे। 30 मार्च को होने वाली महापंचायतों में छात्रों से खेती और MSP गारंटी कानून के महत्व पर विस्तृत चर्चा करी जाएगी। आंदोलनरत किसानों और केंद्र सरकार के बीच 7वीं मीटिंग का एजेंडा आ गया है। ये मीटिंग कल 19 मार्च को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में बुलाई गई है। फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी समेत 13 मुद्दों को लेकर किसानों की केंद्र सरकार से बातचीत चल रही है। जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को मीटिंग का अधिकृत पत्र भेजा गया है। कल किसानों और केंद्र के बीच 7वीं मीटिंग है। इससे पहले हुई छह मीटिंग शाम के समय ही चंडीगढ़ में हुई थी। किसानों का संघर्ष एक साल से चल रहा है। किसानों का साफ कहना है कि जब तक उनकी सुनवाई नहीं होती है, तब तक वह संघर्ष खत्म नहीं करेंगे। डल्लेवाल ने कहा कि मीटिंग में दोनों फोरम के नेता शामिल होंगे। साथ ही वह इसमें अपना पक्ष रखेंगे। दूसरी तरफ मीटिंग में केंद्र सरकार के दो से तीन मंत्री व पंजाब सरकार के मंत्री शामिल होंगे। केंद्र सरकार द्वारा जारी पत्र की कॉपी डल्लेवाल का आमरण अनशन 113वें दाखिल जगजीत सिंह डल्लेवाल का पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 113वें दाखिल हो गया है। उन्होंने केंद्र सरकार का पत्र मिलने के बाद वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि 19 मार्च को जो हमारी केंद्र सरकार के साथ मीटिंग तय हुई थी। वह तय तारीख पर होगी। हालाकि मीटिंग का समय पहले शाम पांच बजे था, जिसे बदलकर अब सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में होगी। इस संबंधी हमें केंद्र सरकार से पत्र मिला है। साथ ही हम मीटिंग में हिस्सा लेकर अपनी बात रखेंगे। किसान केंद्र सरकार को भेज चुके है रिकॉर्ड इससे पहले किसानों और केंद्र सरकार के बीच 22 फरवरी को मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। मीटिंग करीब साढ़े तीन घंटे तक चली थी। इस मीटिंग में किसानों ने केंद्र सरकार को दलील दी थी कि अगर केंद्र सरकार एमएसपी देने का फैसला लेती है तो किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। उन्होंने इस संबंधी कुछ तथ्य मीटिंग में पेश किए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने यह तथ्य किसानों से मांगे थे, ताकि वह अपनी माहिरों से इस बारे में राय ले ले। इसके बाद किसानों ने केंद्र को अपना सारा रिकॉर्ड भेज दिया था। सााथ ही दावा किया था 25 से 30 हजार करोड़ में किसानों को एसएसपी दी जा सकती है। किसानों ने आगे के संघर्ष का प्लान किया है तैयार किसानों ने अपने संघर्ष को तेज करने का फैसला लिया है। इसके लिए पूरा प्रोग्राम तैयार किया गया। 21 मार्च को किसान सैकड़ों की संख्या में इकट्ठे हो कर शतराना, नरवाना, घनौर एवम अंबाला के विधायकों को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि 23 मार्च को शहीद भगत सिंह, राजगुरु एवम सुखदेव के शहादत दिवस पर तीनों मोर्चों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। 30 मार्च को -खनौरी एवम शम्भू मोर्चों पर “फसल बचाओ, नस्ल बचाओ” महापंचायत आयोजित करी जाएंगी । इसमें स्कूल के 8वीं से 12वीं एवम यूनिवर्सिटी/कॉलेज के छात्र बड़ी संख्या में भाग लेंगे। 30 मार्च को होने वाली महापंचायतों में छात्रों से खेती और MSP गारंटी कानून के महत्व पर विस्तृत चर्चा करी जाएगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
