किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी की दूसरी मीटिंग रद्द:उग्राहां ग्रुप ने भी शामिल होने से किया इनकार; विशेषज्ञों से अब बातचीत करेगी कमेटी

किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी की दूसरी मीटिंग रद्द:उग्राहां ग्रुप ने भी शामिल होने से किया इनकार; विशेषज्ञों से अब बातचीत करेगी कमेटी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की बैठक भी आज (शनिवार) रद्द कर दी गई। किसानों के उग्राहां समूह के साथ बैठक होनी थी, लेकिन उनके शामिल न होने के फैसले के कारण यह बैठक भी रद्द कर दी गई। किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी और किसान संगठनों के बीच प्रस्तावित वार्ता में गतिरोध जारी है। 3 जनवरी को किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व वाले समूह ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके कारण उस दिन की बैठक रद्द करनी पड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने उग्राहां समूह को आज बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन इस समूह ने भी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। किसानों की आपत्तियां और विरोध बिना बैठक समाधान खोजना मुश्किल सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने कहा है कि किसानों के साथ बातचीत करने के लिए मंच तैयार है, लेकिन अगर किसान शामिल नहीं होते, तो समाधान खोजना मुश्किल होगा। सरकार का दावा है कि वे किसानों की सभी जायज मांगों पर विचार करने के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ सरकार के गतिरोध को खत्म करने के लिए यह हाई पावर कमेटी बनाई थी। लेकिन, किसानों को इस कमेटी पर भरोसा नहीं है। उनकी मांग है कि एमएसपी पर कानून बनाया जाए और फसलों की खरीद सुनिश्चित हो। विशेषज्ञों से अब बातचीत करेगी कमेटी किसानों के बातचीत के लिए नहीं आने पर हाई पावर कमेटी एमएसपी की गुत्थी सुलझाने के लिए अब कृषि से जुड़े आयोगों, निजी एजेंसियों व विशेषज्ञों से बातचीत करने का सिलसिला शुरू करने जा रही है। कमेटी ने सात जनवरी से उन संस्थानों को चर्चा के लिए न्यौता दिया है जो न केवल एमएसपी निर्धारित करते हैं और कृषि नीतियों पर काम करते हैं। कमेटी ने सबसे पहले खेती लागत एवं मूल्य आयोग के चेयरमैन विजयपाल शर्मा को बुलाया है, ताकि एमएसपी के गणित को समझा जा सके। इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद को भी न्यौता भेजा गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी की बैठक भी आज (शनिवार) रद्द कर दी गई। किसानों के उग्राहां समूह के साथ बैठक होनी थी, लेकिन उनके शामिल न होने के फैसले के कारण यह बैठक भी रद्द कर दी गई। किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी और किसान संगठनों के बीच प्रस्तावित वार्ता में गतिरोध जारी है। 3 जनवरी को किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व वाले समूह ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके कारण उस दिन की बैठक रद्द करनी पड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने उग्राहां समूह को आज बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन इस समूह ने भी बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। किसानों की आपत्तियां और विरोध बिना बैठक समाधान खोजना मुश्किल सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने कहा है कि किसानों के साथ बातचीत करने के लिए मंच तैयार है, लेकिन अगर किसान शामिल नहीं होते, तो समाधान खोजना मुश्किल होगा। सरकार का दावा है कि वे किसानों की सभी जायज मांगों पर विचार करने के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के साथ सरकार के गतिरोध को खत्म करने के लिए यह हाई पावर कमेटी बनाई थी। लेकिन, किसानों को इस कमेटी पर भरोसा नहीं है। उनकी मांग है कि एमएसपी पर कानून बनाया जाए और फसलों की खरीद सुनिश्चित हो। विशेषज्ञों से अब बातचीत करेगी कमेटी किसानों के बातचीत के लिए नहीं आने पर हाई पावर कमेटी एमएसपी की गुत्थी सुलझाने के लिए अब कृषि से जुड़े आयोगों, निजी एजेंसियों व विशेषज्ञों से बातचीत करने का सिलसिला शुरू करने जा रही है। कमेटी ने सात जनवरी से उन संस्थानों को चर्चा के लिए न्यौता दिया है जो न केवल एमएसपी निर्धारित करते हैं और कृषि नीतियों पर काम करते हैं। कमेटी ने सबसे पहले खेती लागत एवं मूल्य आयोग के चेयरमैन विजयपाल शर्मा को बुलाया है, ताकि एमएसपी के गणित को समझा जा सके। इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद को भी न्यौता भेजा गया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर