हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है। जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। उनकी देखरेख करने वाली सरकारी डॉक्टरों की टीम लगातार उन्हें हॉस्पिटलाइज्ड यानी अस्पताल में भर्ती करने की सिफारिश कर रही है। हालांकि डल्लेवाल फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत 13 मांगें पूरी न होने तक अनशन खत्म करने से इनकार कर चुके हैं। किसान नेता डल्लेवाल की हालत को लेकर दैनिक भास्कर ने अलग-अलग मेडिकल एक्सपर्ट्स से बात की। सबका यही कहना था कि अगर जल्द उनका आमरण अनशन तुड़वाकर अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया तो फिर उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। सबसे पहले इन 2 ग्राफिक्स में डल्लेवाल की हालत और उससे जुड़े 4 बड़े खतरे जानिए… मोहाली के लिवासा अस्पताल के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. प्रियांशु ने कहा- डल्लेवाल का भूखे रहना चिंताजनक है, इसकी 4 वजहें भी बताईं… 1. उम्र ज्यादा, कैंसर रोगी भी, लंबी फास्टिंग ठीक नहीं
डॉ. प्रियांशु कहते हैं कि जगजीत डल्लेवाल की उम्र 70 साल है। इस उम्र में शरीर के कई अंग बढ़ती आयु के साथ वैसे ही कमजोर पड़ जाते हैं। इस उम्र में भूखे रहना शरीर के लिए ठीक नहीं है। डल्लेवाल कैंसर के मरीज भी हैं। डॉक्टरों की ट्रीटमेंट एडवाइज वाले मेडिकल जनरल के अनुसार भी कैंसर पीड़ित या कैंसर ट्रीटमेंट ले रहे मरीज को लंबी फास्टिंग नहीं करने दी जाती। इसके उलट डल्लेवाल 23 दिन से सिर्फ पानी का सेवन कर रहे हैं। 2. इम्यूनिटी कम होगी, किडनी-लीवर पर बुरा असर
ज्यादा समय तक भूखे रहने से उन्हें मैल्यून्यूट्रिशन का खतरा है। इससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्यूनिटी कम हो जाती है। इससे किडनी और लीवर पर नेगेटिव इफेक्ट यानी बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा डल्लेवाल बुजुर्ग हैं और कैंसर होने के बावजूद वह लंबे टाइम से भूखे रह रहे हैं। ऐसे में उनकी शुगर लो हो सकती है। यह उनके मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का कारण बन सकता है। 3. किडनी फेल हो सकती है
डल्लेवाल की देखरेख करने वाले डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट के अनुसार उनके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ रहा है। क्रिएटिनिन वेस्ट प्रोडक्ट है, जो मांसपेशियों के टूटने से बनता है। सामान्य स्थिति में किडनी इसे रक्त से छानती है और यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन डल्लेवाल के मामले में यह क्रिएटिनिन खून में जमा हो रहा है। इससे उनका ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) गिरता जा रहा है। इसका मतलब उनकी किडनी की खून को फिल्टर करने की क्षमता घट रही है। उनके शरीर में कीटोन्स का लेवल भी बढ़ा हुआ है। इससे उनका खून विषाक्त हो सकता है। ऐसे में किडनी फेल हो सकती है। 4. यूरीन मे कीटोन्स से शरीर पर असर
डल्लेवाल के यूरीन में कीटोन्स की मौजूदगी मिली है। इससे पता चलता है कि उनका शरीर अब जीवित रहने के लिए फैट का प्रयोग कर रहा है, ग्लूकोज का नहीं। अगर यह लंबे टाइम तक चला तो फिर शरीर की पाचन क्रिया से लेकर याददाश्त तक पर असर पड़ सकता है। आमरण अनशन तोड़ने के बाद भी उन्हें कई बीमारियां घेर सकती हैं। अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल के सीनियर प्रोफेसर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राकेश शर्मा ने 4 बड़ी चिंताएं जताईं… 1. कैटाबोलिज्म स्टेज में पहुंचे, सेल्फ डिस्ट्रक्शन शुरू
इंसान के शरीर में 7-8 दिन का रिजर्व ग्लूकोज होता है। लीवर के लिए रिजर्व ग्लूकोज जैसे ही खत्म होता है तो हमारा शरीर मसल्स का ग्लूकोज खाना शुरू कर देता है। अगर वे सिर्फ पानी पी रहे हैं तो शरीर के लिए पर्याप्त मिनरल नहीं मिल पा रहे। फिर बॉडी की कैटाबोलिज्म स्टेज शुरू हो जाती है, जिसमें सेल्फ डिस्ट्रक्शन शुरू हो जाती है यानी शरीर खुद को खाना शुरू कर देता है। 2. कैंसर के बावजूद भूखे रहने से बॉडी कमजोर
डल्लेवाल प्रोस्टेट कैंसर के मरीज हैं। अगर वे पहले इसका ट्रीटमेंट ले चुके हैं तो उनके शरीर पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। मगर, भूखे रहने से बॉडी कमजोर होती है। आयु और कैंसर की वजह से उनका शरीर इसे झेल नहीं सकता। 3. बीपी घटा तो तुरंत फ्लूड ग्लूकोज देना होगा
सामान्य तौर पर 60 साल से अधिक पुरुषों का ब्लड प्रेशर 133/69 मिमी एचजी होता है। डल्लेवाल की जो मेडिकल बुलेटिन में रिपोर्ट आई, उसमें ब्लड प्रेशर 80/50 हो चुका है। डिहाइड्रेशन की वजह से डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर लगातार लो हो रहा है। ऐसी सूरत में उनके हार्ट पर इसका असर पड़ सकता है। ऐसी सूरत में उन्हें तुरंत फ्लूड ग्लूकोज लगाने की जरूरत है ताकि जिंदगी को कोई खतरा न हो। 4. मिनरल की कमी से पहले किडनी, फिर लिवर पर असर
एक सामान्य आदमी को दिन भर में एवरेज 2500 कैलोरी की जरूरत होती है, जिसकी एनर्जी से वह फिजिकल एक्टिविटी कर पाते हैं। चूंकि डल्लेवाल इस वक्त कोई शारीरिक काम नहीं कर रहे तो उनके शरीर की जरूरत 1000 कैलोरी की होगी। हालांकि अन्न का एक भी दाना न खाने से उनके शरीर में मिनरल की कमी हो जाएगी। जिससे पहले उनकी किडनी और लीवर पर फर्क पड़ेगा। आखिर में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो सकता है। खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल की सेहत के लिए क्या इंतजाम…
खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल की सेहत की निगरानी के लिए डॉक्टरों की 2 टीमें तैनात हैं। एक टीम पटियाला के सरकारी डॉक्टरों की है। दूसरी टीम किसानों की तरफ से लगाई गई है। सरकारी डॉक्टरों को तभी देखरेख की इजाजत मिली, जब उनकी रिपोर्ट किसानों के बुलाए डॉक्टरों की रिपोर्ट से मैच हुई थी। सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है। 13 दिसंबर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आंदोलन से ज्यादा जान जरूरी है। जिसके बाद पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को आदेश दिए गए कि वह तत्काल डल्लेवाल को डॉक्टरी मदद उपलब्ध कराएं। हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 23 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल (70) को मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा है। डल्लेवाल पहले से ही कैंसर के मरीज हैं। अनशन से उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है। जिससे हार्ट अटैक भी आ सकता है। उनकी देखरेख करने वाली सरकारी डॉक्टरों की टीम लगातार उन्हें हॉस्पिटलाइज्ड यानी अस्पताल में भर्ती करने की सिफारिश कर रही है। हालांकि डल्लेवाल फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत 13 मांगें पूरी न होने तक अनशन खत्म करने से इनकार कर चुके हैं। किसान नेता डल्लेवाल की हालत को लेकर दैनिक भास्कर ने अलग-अलग मेडिकल एक्सपर्ट्स से बात की। सबका यही कहना था कि अगर जल्द उनका आमरण अनशन तुड़वाकर अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया तो फिर उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। सबसे पहले इन 2 ग्राफिक्स में डल्लेवाल की हालत और उससे जुड़े 4 बड़े खतरे जानिए… मोहाली के लिवासा अस्पताल के कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. प्रियांशु ने कहा- डल्लेवाल का भूखे रहना चिंताजनक है, इसकी 4 वजहें भी बताईं… 1. उम्र ज्यादा, कैंसर रोगी भी, लंबी फास्टिंग ठीक नहीं
डॉ. प्रियांशु कहते हैं कि जगजीत डल्लेवाल की उम्र 70 साल है। इस उम्र में शरीर के कई अंग बढ़ती आयु के साथ वैसे ही कमजोर पड़ जाते हैं। इस उम्र में भूखे रहना शरीर के लिए ठीक नहीं है। डल्लेवाल कैंसर के मरीज भी हैं। डॉक्टरों की ट्रीटमेंट एडवाइज वाले मेडिकल जनरल के अनुसार भी कैंसर पीड़ित या कैंसर ट्रीटमेंट ले रहे मरीज को लंबी फास्टिंग नहीं करने दी जाती। इसके उलट डल्लेवाल 23 दिन से सिर्फ पानी का सेवन कर रहे हैं। 2. इम्यूनिटी कम होगी, किडनी-लीवर पर बुरा असर
ज्यादा समय तक भूखे रहने से उन्हें मैल्यून्यूट्रिशन का खतरा है। इससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता यानी इम्यूनिटी कम हो जाती है। इससे किडनी और लीवर पर नेगेटिव इफेक्ट यानी बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा डल्लेवाल बुजुर्ग हैं और कैंसर होने के बावजूद वह लंबे टाइम से भूखे रह रहे हैं। ऐसे में उनकी शुगर लो हो सकती है। यह उनके मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का कारण बन सकता है। 3. किडनी फेल हो सकती है
डल्लेवाल की देखरेख करने वाले डॉक्टरों की जांच रिपोर्ट के अनुसार उनके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ रहा है। क्रिएटिनिन वेस्ट प्रोडक्ट है, जो मांसपेशियों के टूटने से बनता है। सामान्य स्थिति में किडनी इसे रक्त से छानती है और यूरीन के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन डल्लेवाल के मामले में यह क्रिएटिनिन खून में जमा हो रहा है। इससे उनका ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR) गिरता जा रहा है। इसका मतलब उनकी किडनी की खून को फिल्टर करने की क्षमता घट रही है। उनके शरीर में कीटोन्स का लेवल भी बढ़ा हुआ है। इससे उनका खून विषाक्त हो सकता है। ऐसे में किडनी फेल हो सकती है। 4. यूरीन मे कीटोन्स से शरीर पर असर
डल्लेवाल के यूरीन में कीटोन्स की मौजूदगी मिली है। इससे पता चलता है कि उनका शरीर अब जीवित रहने के लिए फैट का प्रयोग कर रहा है, ग्लूकोज का नहीं। अगर यह लंबे टाइम तक चला तो फिर शरीर की पाचन क्रिया से लेकर याददाश्त तक पर असर पड़ सकता है। आमरण अनशन तोड़ने के बाद भी उन्हें कई बीमारियां घेर सकती हैं। अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल के सीनियर प्रोफेसर ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राकेश शर्मा ने 4 बड़ी चिंताएं जताईं… 1. कैटाबोलिज्म स्टेज में पहुंचे, सेल्फ डिस्ट्रक्शन शुरू
इंसान के शरीर में 7-8 दिन का रिजर्व ग्लूकोज होता है। लीवर के लिए रिजर्व ग्लूकोज जैसे ही खत्म होता है तो हमारा शरीर मसल्स का ग्लूकोज खाना शुरू कर देता है। अगर वे सिर्फ पानी पी रहे हैं तो शरीर के लिए पर्याप्त मिनरल नहीं मिल पा रहे। फिर बॉडी की कैटाबोलिज्म स्टेज शुरू हो जाती है, जिसमें सेल्फ डिस्ट्रक्शन शुरू हो जाती है यानी शरीर खुद को खाना शुरू कर देता है। 2. कैंसर के बावजूद भूखे रहने से बॉडी कमजोर
डल्लेवाल प्रोस्टेट कैंसर के मरीज हैं। अगर वे पहले इसका ट्रीटमेंट ले चुके हैं तो उनके शरीर पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा। मगर, भूखे रहने से बॉडी कमजोर होती है। आयु और कैंसर की वजह से उनका शरीर इसे झेल नहीं सकता। 3. बीपी घटा तो तुरंत फ्लूड ग्लूकोज देना होगा
सामान्य तौर पर 60 साल से अधिक पुरुषों का ब्लड प्रेशर 133/69 मिमी एचजी होता है। डल्लेवाल की जो मेडिकल बुलेटिन में रिपोर्ट आई, उसमें ब्लड प्रेशर 80/50 हो चुका है। डिहाइड्रेशन की वजह से डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर लगातार लो हो रहा है। ऐसी सूरत में उनके हार्ट पर इसका असर पड़ सकता है। ऐसी सूरत में उन्हें तुरंत फ्लूड ग्लूकोज लगाने की जरूरत है ताकि जिंदगी को कोई खतरा न हो। 4. मिनरल की कमी से पहले किडनी, फिर लिवर पर असर
एक सामान्य आदमी को दिन भर में एवरेज 2500 कैलोरी की जरूरत होती है, जिसकी एनर्जी से वह फिजिकल एक्टिविटी कर पाते हैं। चूंकि डल्लेवाल इस वक्त कोई शारीरिक काम नहीं कर रहे तो उनके शरीर की जरूरत 1000 कैलोरी की होगी। हालांकि अन्न का एक भी दाना न खाने से उनके शरीर में मिनरल की कमी हो जाएगी। जिससे पहले उनकी किडनी और लीवर पर फर्क पड़ेगा। आखिर में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो सकता है। खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल की सेहत के लिए क्या इंतजाम…
खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल की सेहत की निगरानी के लिए डॉक्टरों की 2 टीमें तैनात हैं। एक टीम पटियाला के सरकारी डॉक्टरों की है। दूसरी टीम किसानों की तरफ से लगाई गई है। सरकारी डॉक्टरों को तभी देखरेख की इजाजत मिली, जब उनकी रिपोर्ट किसानों के बुलाए डॉक्टरों की रिपोर्ट से मैच हुई थी। सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है। 13 दिसंबर को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आंदोलन से ज्यादा जान जरूरी है। जिसके बाद पंजाब सरकार और केंद्र सरकार को आदेश दिए गए कि वह तत्काल डल्लेवाल को डॉक्टरी मदद उपलब्ध कराएं। पंजाब | दैनिक भास्कर