‘किसी भी पद को खत्म करने का फैसला…’, हिमाचल बिजली बोर्ड को खत्म करने की कोशिश? जानें पूरी बात

‘किसी भी पद को खत्म करने का फैसला…’, हिमाचल बिजली बोर्ड को खत्म करने की कोशिश? जानें पूरी बात

<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड कर्मचारी और अभियंता ज्वाइंट फ्रंट राज्य सरकार के खिलाफ मुखर नज़र आ रहा है. ज्वाइंट फ्रंट का मानना है कि युक्तिकरण के नाम पर बिजली बोर्ड को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. इस बीच बिजली बोर्ड के प्रवक्ता का स्पष्टीकरण सामने आया है. बिजली बोर्ड के प्रवक्ता के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से बोर्ड में किसी भी पद को खत्म करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है. सिर्फ नियामक आयोग के कहने पर सैलरी और पेंशन पर प्रति यूनिट होने वाले खर्च को कम करने की कोशिश की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पद खत्म करने के बारे में प्रवक्ता ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड में कोई भी पद समाप्त नहीं किया गया है. कर्मचारी संगठनों के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि बोर्ड केवल स्वतंत्र एजेंसी, हिमाचल प्रदेश बिजली नियामक आयोग के निर्देशों का पालन कर रहा है. आयोग ने बोर्ड से अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलने वाली सैलरी-पेंशन का खर्च कम करने को कहा है. हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का यह खर्च पूरे देश में सबसे अधिक 2.50 रुपये प्रति यूनिट है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कर्मचारी-अधिकारी को बताया बोर्ड की रीढ़&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिजली बोर्ड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने कहा कि कर्मचारी और अधिकारी बोर्ड की रीढ़ हैं, जो अपनी सेवा कर्मठता से दे रहे हैं. उनकी सेवाओं के देखते हुए ही बोर्ड ने अपने कर्मचारियों और पेंशनर को डीए के साथ संशोधित वेतनमान के एरियर के रूप में पिछले दो महीने में 134 करोड़ रुपये जारी किए हैं. पिछले कई सालों इतनी बड़ी धनराशि कभी जारी नहीं की गई. अगर सुधार नहीं किए गए, तो बोर्ड की वित्तीय स्थिति गंभीर हो जाएगी. भविष्य में एरियर देने में भी बोर्ड सक्षम नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्य काम अब बिजली उत्पादन नहीं&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुराग पराशर ने कहा कि आज बोर्ड सिर्फ बिजली वितरण करने वाली कंपनी का काम कर रही है. इसका काम प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है. इसके बावजूद बोर्ड के जेनरेशन विंग में 2 हजार पद हैं. इनमें जेई के 148 पद, एसडीओ के 102 पद, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के 19 पद, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के छह पद और चीफ इंजीनियर का एक पद शामिल है, जबकि कंपनी का मुख्य काम अब बिजली उत्पादन नहीं रह गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई पदों की अब जरूरत ही नहीं है- पराशर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इनमें सिविल एसडीओ (सिविल) के 7 पद, जेई (सिविल) के 30 पद और एसडीओ (इलेक्ट्रिक) के 15, जेई (इलेक्ट्रिक) के 16, एक्सन (इलेक्ट्रिक) और एसई (इलेक्ट्रिक) के एक-एक पद को एडजस्ट किया गया है. इसके अलावा मिस्त्री, डीजी ऑपरेटर, वेल्डर, टेलीफोन एटेंडेंट, गेज रीडर, कुक और फैरो प्रिंटर जैसे पदों की आज कोई जरूरत नहीं रह गई है. इन पदों की जगह टी-मैट के पद भरे जाएंगे. यह फैसला बिजली बोर्ड के हित में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-assembly-advisor-to-secretariat-misleading-allegations-rigging-recruitment-ann-2878656″>हिमाचल विधानसभा में हुई भर्तियों पर धांधली के आरोप! सचिवालय ने पेश किए ये तथ्य</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड कर्मचारी और अभियंता ज्वाइंट फ्रंट राज्य सरकार के खिलाफ मुखर नज़र आ रहा है. ज्वाइंट फ्रंट का मानना है कि युक्तिकरण के नाम पर बिजली बोर्ड को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. इस बीच बिजली बोर्ड के प्रवक्ता का स्पष्टीकरण सामने आया है. बिजली बोर्ड के प्रवक्ता के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से बोर्ड में किसी भी पद को खत्म करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है. सिर्फ नियामक आयोग के कहने पर सैलरी और पेंशन पर प्रति यूनिट होने वाले खर्च को कम करने की कोशिश की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पद खत्म करने के बारे में प्रवक्ता ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड में कोई भी पद समाप्त नहीं किया गया है. कर्मचारी संगठनों के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि बोर्ड केवल स्वतंत्र एजेंसी, हिमाचल प्रदेश बिजली नियामक आयोग के निर्देशों का पालन कर रहा है. आयोग ने बोर्ड से अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलने वाली सैलरी-पेंशन का खर्च कम करने को कहा है. हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का यह खर्च पूरे देश में सबसे अधिक 2.50 रुपये प्रति यूनिट है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कर्मचारी-अधिकारी को बताया बोर्ड की रीढ़&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिजली बोर्ड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने कहा कि कर्मचारी और अधिकारी बोर्ड की रीढ़ हैं, जो अपनी सेवा कर्मठता से दे रहे हैं. उनकी सेवाओं के देखते हुए ही बोर्ड ने अपने कर्मचारियों और पेंशनर को डीए के साथ संशोधित वेतनमान के एरियर के रूप में पिछले दो महीने में 134 करोड़ रुपये जारी किए हैं. पिछले कई सालों इतनी बड़ी धनराशि कभी जारी नहीं की गई. अगर सुधार नहीं किए गए, तो बोर्ड की वित्तीय स्थिति गंभीर हो जाएगी. भविष्य में एरियर देने में भी बोर्ड सक्षम नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुख्य काम अब बिजली उत्पादन नहीं&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुराग पराशर ने कहा कि आज बोर्ड सिर्फ बिजली वितरण करने वाली कंपनी का काम कर रही है. इसका काम प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है. इसके बावजूद बोर्ड के जेनरेशन विंग में 2 हजार पद हैं. इनमें जेई के 148 पद, एसडीओ के 102 पद, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के 19 पद, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के छह पद और चीफ इंजीनियर का एक पद शामिल है, जबकि कंपनी का मुख्य काम अब बिजली उत्पादन नहीं रह गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई पदों की अब जरूरत ही नहीं है- पराशर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इनमें सिविल एसडीओ (सिविल) के 7 पद, जेई (सिविल) के 30 पद और एसडीओ (इलेक्ट्रिक) के 15, जेई (इलेक्ट्रिक) के 16, एक्सन (इलेक्ट्रिक) और एसई (इलेक्ट्रिक) के एक-एक पद को एडजस्ट किया गया है. इसके अलावा मिस्त्री, डीजी ऑपरेटर, वेल्डर, टेलीफोन एटेंडेंट, गेज रीडर, कुक और फैरो प्रिंटर जैसे पदों की आज कोई जरूरत नहीं रह गई है. इन पदों की जगह टी-मैट के पद भरे जाएंगे. यह फैसला बिजली बोर्ड के हित में है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-assembly-advisor-to-secretariat-misleading-allegations-rigging-recruitment-ann-2878656″>हिमाचल विधानसभा में हुई भर्तियों पर धांधली के आरोप! सचिवालय ने पेश किए ये तथ्य</a></strong></p>  हिमाचल प्रदेश मध्य प्रदेश के CM मोहन यादव बोले, ‘तुलसी साहित्य और भारतीय संस्कृति का हो प्रचार-प्रसार’