वाराणसी में एक गांव की 40 कुंवारी लड़कियों के पास गर्भवती होने या उनके बच्चे के रजिस्ट्रेशन का मैसेज आया है। अब परिवार हैरान है। वे कई तरह की आशंकाओं से घिर गए हैं। तो क्या गर्भवती महिलाओं को जारी होने वाले 5 हजार रुपए और पोषण आहार में बड़ा घोटाला हो रहा है…या माजरा कुछ और है? जानने को दैनिक भास्कर ने लड़कियों के परिवारों से बात की। उन्होंने कहा- अगर किसी को मालूम पड़े कि हमारी बेटी के पास गर्भवती और बच्चा होने का मैसेज आया है, तो क्या उनकी शादी होगी? हकीकत को करीब से समझने के लिए टीम वाराणसी के रमना (मलहिया) की सहानी बस्ती पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… दिवाली पर एक नवंबर को एक साथ आए मैसेज रमना गांव में करीब 60 परिवार रहते हैं। बात करने पर पता चला कि 1 नवंबर को एक साथ इस गांव की 40 लड़कियों के मोबाइल पर मैसेज आया। जिसमें उनके गर्भधारण और स्तनपान को लेकर जानकारी थी। यह मैसेज बाल विकास मंत्रालय से था। इन परिवारों ने ग्राम प्रधान और आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन लता से शिकायत की। सुमन ने कहा – घबराओ नहीं, मैसेज को डिलीट कर दो। इससे कुछ नहीं होगा। लेकिन परिवाररीजन नहीं माने। वे SDM से शिकायत करने पहुंच गए। बावजूद इसके महिला एवं बाल विकास विभाग के पोर्टल से इन लड़कियों के नाम नहीं हटे। गांव में दाखिल होते ही भास्कर टीम की मुलाकात श्याम बाबू से हुई। उन्होंने अपनी बहन के नाम से आए मैसेज को दिखाया। 5 मिनट के अंतराल पर दो मैसेज आए थे। 1 नवंबर, 2024 को पहला मैसेज 9.10 बजे आया था। पहला मैसेज प्रिय, बधाई हो! आपका बच्चा, Pihu पोषण ट्रैकर में सफलतापूर्वक पंजीकृत हो गया है। आप होम विजिट के जरिए से स्तनपान पर परामर्श, वृद्धिमाप, स्वास्थ्य रेफरल सेवाएं और टीकाकरण जैसी सेवाओं का लाभ आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से उठा सकते हैं। अधिक जानकारी या सहायता के लिए 14408 पर कॉल करें। -महिला एवं बाल विकास मंत्रालय। 5 मिनट बाद दूसरा मैसेज प्रिय, पोषण ट्रैकर में आपका स्वागत है। एक स्तनपान कराने वाली मां के रूप में आप हॉट कुक्ड मील या राशन, परामर्श, बाल स्वास्थ्य निगरानी और गृहभ्रमण के माध्यम से स्तनपान सहायता जैसी सेवाओं का फायदा आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से उठा सकती हैं। अधिक जानकारी एवं सहायता लिए 14408 पर कॉल करें, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय। श्याम बाबू जहां भास्कर टीम को मैसेज दिखा रहे थे, वहीं पास में एक लड़की खड़ी थी। हमें बताया गया कि उसके पास भी मैसेज आया था। उसने अपने आधार से लिंक उसकी मां के मोबाइल पर आया मैसेज दिखाया। यह मैसेज 22 अगस्त, 2024 की रात 12.22 बजे आया था। इसमें लिखा है- सही पोषण देश रोशन प्रिय, 25 दिनों अगस्त-2024 के लिए आपका टेक होम राशन (THR) आज दे दिया गया है। यदि आपको अपना THR प्राप्त नहीं हुआ है या आप अपनी प्रतिक्रिया साझा करना चाहते हैं, तो कृपया पोषण हेल्पलाइन 14408 पर संपर्क करें। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय। श्याम ने कहा- हम सबने एक एप्लिकेशन लिखकर अपर जिलाधिकारी यानी ADM को दी। आश्वासन मिला है कि पोर्टल से सभी का नाम हटा दिया जाएगा। अब गांव की लड़कियों से जानिए कैसे उनके आधार नंबर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन लता के पास पहुंचे… परिवार ने कहा – वोटर कार्ड लिंक करने को आधार लिए
मलहिया की रहने वाली रानी (बदला हुआ नाम) ने बताया- 26 अक्टूबर को सुमन लता हमारे घर आई थीं। उन्होंने हमसे कहा कि अपना आधार कार्ड दे दो, वोटर आईडी से लिंक करवाना है। हमने उन्हें दे दिया। हमें ये नहीं पता था कि वो हमारा आधार कार्ड किसलिए ले गई हैं।
1 नवंबर को हमारे मोबाइल पर एक मैसेज आया। हम जब सुमन के घर पहुंचे तो उन्होंने कहा- घबराओ मत, इस मैसेज को डिलीट कर दो। रानी ने कहा- हमें कुछ नहीं चाहिए, बस ये चाहिए कि हमारा नाम उस पोर्टल से हटाया जाए। मेरी बेटी की वोटर ID नहीं आई, फिर भी ले गईं आधार
मलहिया की रहने वाली सीमा ( बदला हुआ नाम) ने बताया- 26 अक्टूबर को दिन में 11 बजे सुमन लता आईं और दरवाजे के सामने ही लगे बिजली के खंबे की टेक लगाकर बैठ गई। उन्होंने मेरी बेटी रोशनी को बुलाया और कहा कि अपना आधार कार्ड दे दो, वोटर आईडी से लिंक करवाना है। इस पर मेरी बेटी ने कहा कि मेरा तो वोटर आईडी नहीं है। तो बोलीं कि हमें आधार कार्ड दो, हम कर लेंगे और फिर कार्ड लेकर चली गईं। इसके बाद हमारे पास मैसेज आया। घर गए तो बोली- इससे छेड़छाड़ न करो, कुछ नहीं होगा
मैसेज जब बेटी ने दिखाया तो हम लोग सुमन के घर पहुंचे और उनसे पूछा, तो उन्होंने कहा- अच्छा तुम्हारे घर भी पहुंच गया मैसेज। कोई बात नहीं, इससे छेड़छाड़ नहीं करना। कुछ नहीं होता इससे। इसे डिलीट मत करना। इसके बाद हमारे पति शाम में काम पर से लौटे तो हमने उन्हें पूरी घटना बताई। वो हम पर नाराज हुए कि तुम लोगों ने आधार कार्ड क्यों दिया? उसके बाद घर गए तो शिकायत करने पर उसके पति ने भी कहा कि तुमने ऐसा काम क्यों किया? कुंवारी लड़कियों का नाम क्यों लिस्ट में डाला। सुमन ने फिर कुछ नहीं कहा। हमनें 2 बेटियों से भी पूरे मामले काे समझने की कोशिश की… 4 महीने से मैसेज आ रहे, हर बार नाम अलग-अलग होते हैं
कक्षा 12 तक पढ़ाई कर चुकी मलहिया की लड़की ने बताया- पिछले चार महीने से हर महीने मेरे मोबाइल पर 22 से 25 तारीख के बीच एक मैसेज आ रहा है। उसमें बताया जा रहा है कि आप को THR यानी टेक होम राशन मिल गया है। यह मैसेज तीन नाम से श्वेता, विशाल और शालू के नाम से आया है। लड़की ने कहा कि मेरे पास स्तनपान और बच्चे से संबंधित मैसेज नहीं आया है। कक्षा 7 की लड़की के मोबाइल पर भी आया स्तनपान का मैसेज
मलहिया (रमना) की रहने वाली खुशबू (बदला हुआ नाम) कक्षा 7 में पढ़ती हैं। उन्होंने बताया- उनके आधार से लिंक भाई के मोबाइल नंबर पर बच्चे के रजिस्ट्रेशन और स्तनपान को लेकर दो मैसेज 1 नवंबर को आए थे। 26 अक्टूबर को आंगनबाड़ी कार्यकत्री को आधार कार्ड दिया था। इस गड़बड़ी के बाद BDO और CDPO के बाद DPRO जांच कर रहे हैं, भास्कर ने मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल से पूरे मामले पर बात की… सवाल : 40 कुंवारी लड़कियों के मोबाइल पर गर्भधारण के मैसेज पहुंचे, क्या कहेंगे?
सीडीओ : वाराणसी के रमना गांव से यह शिकायत मिली थी कि 40 कुंवारी लड़कियों का पंजीकरण गर्भवती महिलाओं के पोर्टल पर हो गया है। इसके बाद उन्हें दिवाली पर एक बाल विकास मंत्रालय से मैसेज मिला है। हमने जांच की तो पता चला की आगनबाड़ी कार्यकत्री गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों में पुष्टाहार बाटती है। वही सबका नाम पोर्टल पर चढ़ाती है। सवाल : इस मामले में गड़बड़ी क्या हुई है?
सीडीओ : रमना की आगनबाड़ी कार्यकत्री बीएलओ भी हैं। इस समय समरी रिवीजन का काम चल रहा है। जिसमें घर-घर जाकर 18 साल से अधिक आयु के युवक-युवती का आधार इकठ्ठा करके उनका फॉर्म-6 भरवाकर उनके नाम वोटर लिस्ट में एड कर रहीं है। उनकी वोटर आईडी बनवा रही हैं। इसी दौरान इकट्ठा फार्म और गर्भवती महिलाओं के डेटा के मिलने से यह दिक्कत आई है। आधार चेंज होने से पोर्टल पर नाम भरा गया। जिन्हें आगनबाड़ी कार्यकत्री ने डिलीट कर दिया है। सवाल : तो क्या इन लड़कियों के नाम पर पुष्टाहार जारी हो गया था?
सीडीओ : गलती तो हुई है। ऐसे में हमने सबसे पहले यह जांचा कि कहीं आगनबाड़ी कार्यकत्री ने इन कुंवारी लड़कियों को पुष्टाहार तो नहीं बांटा। जांच में यह बात सामने नहीं आई है। उसके बावजूद डीपीआरओ से जांच करवाई जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। अब जानिए सरकार क्या सुविधाएं और कितना पैसा गर्भवती महिलाओं को देती है… 2 लाख से कम आय वाले परिवार को 5 हजार
आगनबाड़ी सुपरवाइजर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया – अगर किसी परिवार की आय सालाना 2 लाख से कम है, तो उसे प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना के अंतर्गत गर्भ धारण करने पर ही 5 हजार रुपए मिलते हैं। मलहिया की सहानी बस्ती में ज्यादातर मजदूर परिवार हैं। जिनकी सालाना आय 2 लाख से कम है। एक महीने में 2 या 3 गर्भवती होती हैं रजिस्टर
उन्होंने आगे बताया- आबादी के हिसाब से आगनबाड़ी रखी जाती हैं। शहरी क्षेत्रों में कम लोगों पर आगनबाड़ी होती हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में ज्यादा लोगों पर होती हैं। जैसे कहीं 800 तो कहीं 1500 लोगों की आबादी का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक महीने में किसी भी आगनबाड़ी के क्षेत्र में 2 या 3 ही गर्भवती रजिस्टर हो पाती हैं। मिलती है पोषण पोटली, जिसमें होती है डेढ़ किलो दाल
उन्होंने बताया, किसी भी महिला के गर्भ धारण करने की जानकारी के बाद आगनबाड़ी उसके घर पहुंचती है। उससे गर्भावस्था का पता कैसे लगा और उसके पीरियड्स के बारे में पूछती है। उसके बाद जब क्लियर हो जाता है तो उसे टिटनेस का इंजेक्शन लाया जाता है। इसके बाद उसका पोषण ट्रैकर रजिस्ट्रेशन होता है। फिर उसे पोषण थैली मिलती है जिसमें दलिया, दाल, तेल और चावल होता है। बच्चा होने तक यह मिलता है। फिर बच्चा होने पर हाटकुक्ड मिल मिलने लगता है। जो 6 महीने तक मां को मिलता है। फिर 3 से 7 वर्ष तक बच्चे को मिलता है। ——————— यह खबर भी पढ़ें:- UP में अफसरों का 10% कमीशन फिक्स:पत्नी-बेटे के अकाउंट में रिश्वत मंगवाई, LIC किश्तें भरवाईं; बाबू की डायरी में काला सच UP में जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक के अफसर 10% रिश्वत से मैनेज होते हैं। रिश्वत की यह रकम पत्नी और बेटों के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कराते हैं। LIC की किश्त और किराया भी जमा कराते हैं। जो अफसर चालाक हैं वो कैश में रिश्वत लेते हैं या किसी के मार्फत। इस काले सच का खुलासा दैनिक भास्कर के इंवेस्टिगेशन में हुआ। पढ़ें पूरी खबर… वाराणसी में एक गांव की 40 कुंवारी लड़कियों के पास गर्भवती होने या उनके बच्चे के रजिस्ट्रेशन का मैसेज आया है। अब परिवार हैरान है। वे कई तरह की आशंकाओं से घिर गए हैं। तो क्या गर्भवती महिलाओं को जारी होने वाले 5 हजार रुपए और पोषण आहार में बड़ा घोटाला हो रहा है…या माजरा कुछ और है? जानने को दैनिक भास्कर ने लड़कियों के परिवारों से बात की। उन्होंने कहा- अगर किसी को मालूम पड़े कि हमारी बेटी के पास गर्भवती और बच्चा होने का मैसेज आया है, तो क्या उनकी शादी होगी? हकीकत को करीब से समझने के लिए टीम वाराणसी के रमना (मलहिया) की सहानी बस्ती पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… दिवाली पर एक नवंबर को एक साथ आए मैसेज रमना गांव में करीब 60 परिवार रहते हैं। बात करने पर पता चला कि 1 नवंबर को एक साथ इस गांव की 40 लड़कियों के मोबाइल पर मैसेज आया। जिसमें उनके गर्भधारण और स्तनपान को लेकर जानकारी थी। यह मैसेज बाल विकास मंत्रालय से था। इन परिवारों ने ग्राम प्रधान और आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन लता से शिकायत की। सुमन ने कहा – घबराओ नहीं, मैसेज को डिलीट कर दो। इससे कुछ नहीं होगा। लेकिन परिवाररीजन नहीं माने। वे SDM से शिकायत करने पहुंच गए। बावजूद इसके महिला एवं बाल विकास विभाग के पोर्टल से इन लड़कियों के नाम नहीं हटे। गांव में दाखिल होते ही भास्कर टीम की मुलाकात श्याम बाबू से हुई। उन्होंने अपनी बहन के नाम से आए मैसेज को दिखाया। 5 मिनट के अंतराल पर दो मैसेज आए थे। 1 नवंबर, 2024 को पहला मैसेज 9.10 बजे आया था। पहला मैसेज प्रिय, बधाई हो! आपका बच्चा, Pihu पोषण ट्रैकर में सफलतापूर्वक पंजीकृत हो गया है। आप होम विजिट के जरिए से स्तनपान पर परामर्श, वृद्धिमाप, स्वास्थ्य रेफरल सेवाएं और टीकाकरण जैसी सेवाओं का लाभ आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से उठा सकते हैं। अधिक जानकारी या सहायता के लिए 14408 पर कॉल करें। -महिला एवं बाल विकास मंत्रालय। 5 मिनट बाद दूसरा मैसेज प्रिय, पोषण ट्रैकर में आपका स्वागत है। एक स्तनपान कराने वाली मां के रूप में आप हॉट कुक्ड मील या राशन, परामर्श, बाल स्वास्थ्य निगरानी और गृहभ्रमण के माध्यम से स्तनपान सहायता जैसी सेवाओं का फायदा आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से उठा सकती हैं। अधिक जानकारी एवं सहायता लिए 14408 पर कॉल करें, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय। श्याम बाबू जहां भास्कर टीम को मैसेज दिखा रहे थे, वहीं पास में एक लड़की खड़ी थी। हमें बताया गया कि उसके पास भी मैसेज आया था। उसने अपने आधार से लिंक उसकी मां के मोबाइल पर आया मैसेज दिखाया। यह मैसेज 22 अगस्त, 2024 की रात 12.22 बजे आया था। इसमें लिखा है- सही पोषण देश रोशन प्रिय, 25 दिनों अगस्त-2024 के लिए आपका टेक होम राशन (THR) आज दे दिया गया है। यदि आपको अपना THR प्राप्त नहीं हुआ है या आप अपनी प्रतिक्रिया साझा करना चाहते हैं, तो कृपया पोषण हेल्पलाइन 14408 पर संपर्क करें। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय। श्याम ने कहा- हम सबने एक एप्लिकेशन लिखकर अपर जिलाधिकारी यानी ADM को दी। आश्वासन मिला है कि पोर्टल से सभी का नाम हटा दिया जाएगा। अब गांव की लड़कियों से जानिए कैसे उनके आधार नंबर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुमन लता के पास पहुंचे… परिवार ने कहा – वोटर कार्ड लिंक करने को आधार लिए
मलहिया की रहने वाली रानी (बदला हुआ नाम) ने बताया- 26 अक्टूबर को सुमन लता हमारे घर आई थीं। उन्होंने हमसे कहा कि अपना आधार कार्ड दे दो, वोटर आईडी से लिंक करवाना है। हमने उन्हें दे दिया। हमें ये नहीं पता था कि वो हमारा आधार कार्ड किसलिए ले गई हैं।
1 नवंबर को हमारे मोबाइल पर एक मैसेज आया। हम जब सुमन के घर पहुंचे तो उन्होंने कहा- घबराओ मत, इस मैसेज को डिलीट कर दो। रानी ने कहा- हमें कुछ नहीं चाहिए, बस ये चाहिए कि हमारा नाम उस पोर्टल से हटाया जाए। मेरी बेटी की वोटर ID नहीं आई, फिर भी ले गईं आधार
मलहिया की रहने वाली सीमा ( बदला हुआ नाम) ने बताया- 26 अक्टूबर को दिन में 11 बजे सुमन लता आईं और दरवाजे के सामने ही लगे बिजली के खंबे की टेक लगाकर बैठ गई। उन्होंने मेरी बेटी रोशनी को बुलाया और कहा कि अपना आधार कार्ड दे दो, वोटर आईडी से लिंक करवाना है। इस पर मेरी बेटी ने कहा कि मेरा तो वोटर आईडी नहीं है। तो बोलीं कि हमें आधार कार्ड दो, हम कर लेंगे और फिर कार्ड लेकर चली गईं। इसके बाद हमारे पास मैसेज आया। घर गए तो बोली- इससे छेड़छाड़ न करो, कुछ नहीं होगा
मैसेज जब बेटी ने दिखाया तो हम लोग सुमन के घर पहुंचे और उनसे पूछा, तो उन्होंने कहा- अच्छा तुम्हारे घर भी पहुंच गया मैसेज। कोई बात नहीं, इससे छेड़छाड़ नहीं करना। कुछ नहीं होता इससे। इसे डिलीट मत करना। इसके बाद हमारे पति शाम में काम पर से लौटे तो हमने उन्हें पूरी घटना बताई। वो हम पर नाराज हुए कि तुम लोगों ने आधार कार्ड क्यों दिया? उसके बाद घर गए तो शिकायत करने पर उसके पति ने भी कहा कि तुमने ऐसा काम क्यों किया? कुंवारी लड़कियों का नाम क्यों लिस्ट में डाला। सुमन ने फिर कुछ नहीं कहा। हमनें 2 बेटियों से भी पूरे मामले काे समझने की कोशिश की… 4 महीने से मैसेज आ रहे, हर बार नाम अलग-अलग होते हैं
कक्षा 12 तक पढ़ाई कर चुकी मलहिया की लड़की ने बताया- पिछले चार महीने से हर महीने मेरे मोबाइल पर 22 से 25 तारीख के बीच एक मैसेज आ रहा है। उसमें बताया जा रहा है कि आप को THR यानी टेक होम राशन मिल गया है। यह मैसेज तीन नाम से श्वेता, विशाल और शालू के नाम से आया है। लड़की ने कहा कि मेरे पास स्तनपान और बच्चे से संबंधित मैसेज नहीं आया है। कक्षा 7 की लड़की के मोबाइल पर भी आया स्तनपान का मैसेज
मलहिया (रमना) की रहने वाली खुशबू (बदला हुआ नाम) कक्षा 7 में पढ़ती हैं। उन्होंने बताया- उनके आधार से लिंक भाई के मोबाइल नंबर पर बच्चे के रजिस्ट्रेशन और स्तनपान को लेकर दो मैसेज 1 नवंबर को आए थे। 26 अक्टूबर को आंगनबाड़ी कार्यकत्री को आधार कार्ड दिया था। इस गड़बड़ी के बाद BDO और CDPO के बाद DPRO जांच कर रहे हैं, भास्कर ने मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल से पूरे मामले पर बात की… सवाल : 40 कुंवारी लड़कियों के मोबाइल पर गर्भधारण के मैसेज पहुंचे, क्या कहेंगे?
सीडीओ : वाराणसी के रमना गांव से यह शिकायत मिली थी कि 40 कुंवारी लड़कियों का पंजीकरण गर्भवती महिलाओं के पोर्टल पर हो गया है। इसके बाद उन्हें दिवाली पर एक बाल विकास मंत्रालय से मैसेज मिला है। हमने जांच की तो पता चला की आगनबाड़ी कार्यकत्री गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों में पुष्टाहार बाटती है। वही सबका नाम पोर्टल पर चढ़ाती है। सवाल : इस मामले में गड़बड़ी क्या हुई है?
सीडीओ : रमना की आगनबाड़ी कार्यकत्री बीएलओ भी हैं। इस समय समरी रिवीजन का काम चल रहा है। जिसमें घर-घर जाकर 18 साल से अधिक आयु के युवक-युवती का आधार इकठ्ठा करके उनका फॉर्म-6 भरवाकर उनके नाम वोटर लिस्ट में एड कर रहीं है। उनकी वोटर आईडी बनवा रही हैं। इसी दौरान इकट्ठा फार्म और गर्भवती महिलाओं के डेटा के मिलने से यह दिक्कत आई है। आधार चेंज होने से पोर्टल पर नाम भरा गया। जिन्हें आगनबाड़ी कार्यकत्री ने डिलीट कर दिया है। सवाल : तो क्या इन लड़कियों के नाम पर पुष्टाहार जारी हो गया था?
सीडीओ : गलती तो हुई है। ऐसे में हमने सबसे पहले यह जांचा कि कहीं आगनबाड़ी कार्यकत्री ने इन कुंवारी लड़कियों को पुष्टाहार तो नहीं बांटा। जांच में यह बात सामने नहीं आई है। उसके बावजूद डीपीआरओ से जांच करवाई जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। अब जानिए सरकार क्या सुविधाएं और कितना पैसा गर्भवती महिलाओं को देती है… 2 लाख से कम आय वाले परिवार को 5 हजार
आगनबाड़ी सुपरवाइजर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया – अगर किसी परिवार की आय सालाना 2 लाख से कम है, तो उसे प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना के अंतर्गत गर्भ धारण करने पर ही 5 हजार रुपए मिलते हैं। मलहिया की सहानी बस्ती में ज्यादातर मजदूर परिवार हैं। जिनकी सालाना आय 2 लाख से कम है। एक महीने में 2 या 3 गर्भवती होती हैं रजिस्टर
उन्होंने आगे बताया- आबादी के हिसाब से आगनबाड़ी रखी जाती हैं। शहरी क्षेत्रों में कम लोगों पर आगनबाड़ी होती हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में ज्यादा लोगों पर होती हैं। जैसे कहीं 800 तो कहीं 1500 लोगों की आबादी का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक महीने में किसी भी आगनबाड़ी के क्षेत्र में 2 या 3 ही गर्भवती रजिस्टर हो पाती हैं। मिलती है पोषण पोटली, जिसमें होती है डेढ़ किलो दाल
उन्होंने बताया, किसी भी महिला के गर्भ धारण करने की जानकारी के बाद आगनबाड़ी उसके घर पहुंचती है। उससे गर्भावस्था का पता कैसे लगा और उसके पीरियड्स के बारे में पूछती है। उसके बाद जब क्लियर हो जाता है तो उसे टिटनेस का इंजेक्शन लाया जाता है। इसके बाद उसका पोषण ट्रैकर रजिस्ट्रेशन होता है। फिर उसे पोषण थैली मिलती है जिसमें दलिया, दाल, तेल और चावल होता है। बच्चा होने तक यह मिलता है। फिर बच्चा होने पर हाटकुक्ड मिल मिलने लगता है। जो 6 महीने तक मां को मिलता है। फिर 3 से 7 वर्ष तक बच्चे को मिलता है। ——————— यह खबर भी पढ़ें:- UP में अफसरों का 10% कमीशन फिक्स:पत्नी-बेटे के अकाउंट में रिश्वत मंगवाई, LIC किश्तें भरवाईं; बाबू की डायरी में काला सच UP में जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक के अफसर 10% रिश्वत से मैनेज होते हैं। रिश्वत की यह रकम पत्नी और बेटों के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कराते हैं। LIC की किश्त और किराया भी जमा कराते हैं। जो अफसर चालाक हैं वो कैश में रिश्वत लेते हैं या किसी के मार्फत। इस काले सच का खुलासा दैनिक भास्कर के इंवेस्टिगेशन में हुआ। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर