कुरुक्षेत्र में ओलावृष्टि से 45 हजार एकड़ फसल बर्बाद:ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने भाकियू ने DC को लिखा पत्र; बोले-तहसीलदार ने गलत रिपोर्ट बनाई

कुरुक्षेत्र में ओलावृष्टि से 45 हजार एकड़ फसल बर्बाद:ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने भाकियू ने DC को लिखा पत्र; बोले-तहसीलदार ने गलत रिपोर्ट बनाई

कुरुक्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने DC को पत्र लिखकर ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल जल्द खोलने की गुहार लगाई है। यहां 28 फरवरी से 1 मार्च के बीच हुई बारिश और ओलावृष्टि से शाहाबाद के कई गांवों की रबी की फसल को भारी नुकसान हुआ है, मगर पोर्टल नहीं खुलने के कारण किसान अपनी बर्बाद फसल का ब्योरा दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। भाकियू के प्रवक्ता राकेश बैंस ने आरोप लगाया कि तहसीलदार की गलत रिपोर्ट के कारण किसानों में रोष पनप रहा है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से कोई नुकसान नहीं हुआ है। इस वजह से कुरुक्षेत्र का ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल बंद रखा गया है, जबकि दाऊ माजरा, संभालखी, लंडी, कल्याणा, रामनगर, पट्टी काकड़ा और पट्टी तगड़ा रबी की फसलों को नुकसान हुआ है। स्पेशल गिरदावरी की मांग प्रवक्ता ने कहा कि किसानों को उनकी खराब हुई फसलों का उचित मुआवजा दिया जाए। भाकियू ने मांग रखी कि शाहाबाद के प्रभावित गांवों में स्पेशल गिरदावरी कराई जाए, क्योंकि सरकार ने पोर्टल पर खराब फसल का ब्योरा दर्ज कराने की अंतिम तिथि 10 मार्च घोषित की है। प्रशासन को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और तत्काल पोर्टल खोला जाए। आंदोलन की चेतावनी उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल नहीं खोला, तो किसान मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे। भाकियू ने प्रशासन को तत्काल निर्णय लेने की चेतावनी दी है, ताकि किसानों को समय पर अपनी खराब फसल का ब्योरा दर्ज कर मुआवजा मिल सके। जिले में गेहूं और सूरजमुखी को नुकसान जिले में हुई बारिश और ओलावृष्टि से करीब 45 हजार एकड़ में फसलों के नुकसान की आशंका है। इसमें सबसे ज्यादा गेहूं करीब 29 हजार एकड़ और 6 हजार में खड़ी सूरजमुखी की फसल शामिल है। जिले में शाहाबाद और बाबैन इलाके में नुकसान की ज्यादा आशंका है। इसलिए भाकियू ने प्रशासन ने तुरंत पोर्टल खोलने की मांग रखी है। कुरुक्षेत्र में भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने DC को पत्र लिखकर ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल जल्द खोलने की गुहार लगाई है। यहां 28 फरवरी से 1 मार्च के बीच हुई बारिश और ओलावृष्टि से शाहाबाद के कई गांवों की रबी की फसल को भारी नुकसान हुआ है, मगर पोर्टल नहीं खुलने के कारण किसान अपनी बर्बाद फसल का ब्योरा दर्ज नहीं कर पा रहे हैं। भाकियू के प्रवक्ता राकेश बैंस ने आरोप लगाया कि तहसीलदार की गलत रिपोर्ट के कारण किसानों में रोष पनप रहा है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से कोई नुकसान नहीं हुआ है। इस वजह से कुरुक्षेत्र का ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल बंद रखा गया है, जबकि दाऊ माजरा, संभालखी, लंडी, कल्याणा, रामनगर, पट्टी काकड़ा और पट्टी तगड़ा रबी की फसलों को नुकसान हुआ है। स्पेशल गिरदावरी की मांग प्रवक्ता ने कहा कि किसानों को उनकी खराब हुई फसलों का उचित मुआवजा दिया जाए। भाकियू ने मांग रखी कि शाहाबाद के प्रभावित गांवों में स्पेशल गिरदावरी कराई जाए, क्योंकि सरकार ने पोर्टल पर खराब फसल का ब्योरा दर्ज कराने की अंतिम तिथि 10 मार्च घोषित की है। प्रशासन को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और तत्काल पोर्टल खोला जाए। आंदोलन की चेतावनी उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल नहीं खोला, तो किसान मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाने से पीछे नहीं हटेंगे। भाकियू ने प्रशासन को तत्काल निर्णय लेने की चेतावनी दी है, ताकि किसानों को समय पर अपनी खराब फसल का ब्योरा दर्ज कर मुआवजा मिल सके। जिले में गेहूं और सूरजमुखी को नुकसान जिले में हुई बारिश और ओलावृष्टि से करीब 45 हजार एकड़ में फसलों के नुकसान की आशंका है। इसमें सबसे ज्यादा गेहूं करीब 29 हजार एकड़ और 6 हजार में खड़ी सूरजमुखी की फसल शामिल है। जिले में शाहाबाद और बाबैन इलाके में नुकसान की ज्यादा आशंका है। इसलिए भाकियू ने प्रशासन ने तुरंत पोर्टल खोलने की मांग रखी है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर