कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वच्छता अभियान का आगाज किया। बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव से एक दिन पहले स्वच्छता अभियान बड़े स्तर पर चलाया गया। जिसमें सीएम सैनी खुद श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश देते हुए लोगों को जागरूक किया। महाभारत के 18 अध्यायों के आधार पर कुरुक्षेत्र शहर को 18 क्षेत्रों में विभाजित किया गया। शहर के सभी सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक और अन्य संस्थानों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया। शेखचिल्ली के मकबरे के पास से मुख्यमंत्री ने अभियान की शुरुआत की। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि इसी गीता की धरती से श्रीकृष्ण ने हजारों साल पहले पूरी मानवता को अमर संदेश दिया था। यहां दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं और ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी इस धार्मिक नगरी को पूरी तरह साफ-सुथरा रखें। ताकि यहां आने वाला हर व्यक्ति गीता के साथ-साथ स्वच्छता का भी संदेश लेकर जाए। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम इस धरती पर रहने वाले हैं। कुरुक्षेत्र में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वच्छता अभियान का आगाज किया। बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव से एक दिन पहले स्वच्छता अभियान बड़े स्तर पर चलाया गया। जिसमें सीएम सैनी खुद श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश देते हुए लोगों को जागरूक किया। महाभारत के 18 अध्यायों के आधार पर कुरुक्षेत्र शहर को 18 क्षेत्रों में विभाजित किया गया। शहर के सभी सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक और अन्य संस्थानों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया। शेखचिल्ली के मकबरे के पास से मुख्यमंत्री ने अभियान की शुरुआत की। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि इसी गीता की धरती से श्रीकृष्ण ने हजारों साल पहले पूरी मानवता को अमर संदेश दिया था। यहां दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं और ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी इस धार्मिक नगरी को पूरी तरह साफ-सुथरा रखें। ताकि यहां आने वाला हर व्यक्ति गीता के साथ-साथ स्वच्छता का भी संदेश लेकर जाए। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम इस धरती पर रहने वाले हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नूंह में बारिश से कच्चा मकान गिरा:गृहस्थी का सामान दबा, घर में नहीं था परिवार; पूर्व विधायक रहीश ने दी आर्थिक मदद नूंह जिले के पिनगवां खंड में बरसात के चलते अचानक मकान गिरने से गांव में हड़कंप मच गया। गृहस्थी का सामान दबने से नुकसान हो गया। ग़नीमत रही कि घटना के समय परिवार घर के अंदर नहीं था। घटना नसीरपुरी गांव की है। पीड़ित हलीम का परिवार अब पड़ोसी के घर पर रात बिताने को मजबूर हैं। हलीम मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता हैं। वह घर में पत्नी और दो जवान बेटियों व 9 बच्चों के साथ कच्चे मकान में रहता है। 5 दिन से हो रही बारिश में कच्चा मकान दरक गया था। गनीमत रही कि उस समय पूरा परिवार बाहर था। हलीम ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उसने कहा कि वह भूमिहीन है। उसे सरकारी आवास योजना का भी लाभ नहीं मिला है। पूर्व विधायक ने दी आर्थिक मदद पुन्हाना से पूर्व विधायक रहीश खान मौके पर पहुंचे और गरीब परिवार के को 20 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी।उन्होंने कहा कि हर सम्भव पीड़ित परिवार की मदद की जाएगी।
हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय
हरियाणा की पानीपत सीट, जहां जीतते रहे पुरुष:रोहिता रेवड़ी ने 2014 में खोला था बीजेपी का खाता, इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हरियाणा की पानीपत शहरी विधानसभा का इतिहास भी पुरुष प्रधान सीटों जैसा ही रहा है। यहां से 18 विधायक चुने गए हैं। इनमें से सिर्फ एक बार ही शहरवासियों ने महिला को विधायक बनने का मौका दिया है। इस सीट के बनने के बाद से भाजपा को यहां हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। 2014 में मोदी लहर में हुए पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा 32 साल बाद इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी। उस समय यहां से पहली महिला रोहिता रेवड़ी विधायक चुनी गई थीं। इसके बाद 2019 में उनका टिकट काटकर प्रमोद विज को टिकट दिया गया। प्रमोद विज ने यहां से भाजपा को दूसरी बार जीत दिलाई थी। इस बार चुनाव की खास बात यह है कि शहर सीट से एकमात्र विधायक रोहिता रेवड़ी अब निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतर गए हैं। जिसके बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। अब यहां मुकाबला भाजपा-कांग्रेस और निर्दलीय के बीच है। पानीपत शहर विधानसभा का इतिहास
पानीपत शहर विधानसभा के चुनाव पहली बार 1952 में हुए थे। तब यह सीट कांग्रेस ने जीती थी। कांग्रेस के कृष्ण गोपाल दत्त पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने जनसंघ के कुंदन लाल को हराया था। लगातार दो चुनावों में यहां कांग्रेस का दबदबा रहा लेकिन 10 साल बाद जनसंघ ने वापसी की
कांग्रेस का रहा वर्चस्व
जनसंघ के फतेहचंद 1967 और 1968 में हुए विधानसभा चुनाव में पानीपत सिटी सीट जीते थे। यह सीट लगातार तीन बार कांग्रेस के खाते में रही लेकिन कांग्रेस के हुकूमत रे शाह ने 1972 के चुनाव में फतेहचंद को हराकर सीट जीत ली थी। 1977 के चुनाव में फतेह सिंह फिर से चुनाव जीत गए थे। देवीलाल के दौर में भी पानीपत से नहीं डगमगाई कांग्रेस
बलबीर पाल शाह ने 1987 में चुनाव जीता था। इस साल उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया था, क्योंकि वह चौधरी देवीलाल का दौर था। चौधरी देवीलाल की आंधी में भी बलबीर ने अपनी सीट बचाई थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। निर्दलीय से हारी थी कांग्रेस
1996 में बलबीर पाल शाह निर्दलीय प्रत्याशी ओम प्रकाश जैन से चुनाव हार गए थे। बलबीर पाल 2000, 2005 और 2009 में पानीपत सिटी से विधायक रहे। 2014 में कांग्रेस ने उनके छोटे भाई वीरेंद्र बुल्ले शाह को टिकट दिया और वह रोहिता रेवड़ी से चुनाव हार गए। इस बार चार महिलाएं मैदान में
इस बार चार महिलाएं चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। जिसमें से तीन महिलाएं अलग-अलग पार्टियों से जुड़ी हैं। जबकि एक महिला ही निर्दलीय चुनाव लड़ रही है। इस बार सरोज बाला गुर बहुजन समाज पार्टी से, रितु अरोड़ा आम आदमी पार्टी से, भतेरी राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। जबकि निर्दलीय रोहिता रेवड़ी हैं। रोहिता ने 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।
आज दूसरे मेडल के लिए निशाना लगाएगी मनु भाकर:पेरिस ओलिंपिक में हरियाणा के शूटर सरबजोत संग टीम मुकाबला; ब्रान्ज जीत चुकी
आज दूसरे मेडल के लिए निशाना लगाएगी मनु भाकर:पेरिस ओलिंपिक में हरियाणा के शूटर सरबजोत संग टीम मुकाबला; ब्रान्ज जीत चुकी हरियाणा की शूटर मनु भाकर और सरबजोत सिंह पेरिस ओलिंपिक में आज 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेंगे। उनका मुकाबला कोरिया की टीम से होगा। सोमवार को हुए मुकाबले में मनु भाकर और सरबजोत ने 580 पॉइंट के साथ मेडल राउंड में जगह बनाई। इससे पहले, मनु भाकर 10 मीटर एयर पिस्टल सिंगल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। अगर आज भी मेडल जीतती हैं तो वह ओलिंपिक में 2 मेडल जीतने वाली पहली महिला भारतीय शूटर बन जाएंगी। सोमवार को फाइनल में पहुंचने के बाद सरबजोत सिंह ने कहा, ‘रात को सोने से पहले वह लिखता हूं, जो अगले दिन चाहता हूं, उसके बाद सुबह जल्दी उठकर उसी संकल्प के साथ अभ्यास करता हूं। कामयाबी का अभी तक यही मंत्र रहा है। मनु मजबूत खिलाड़ी है। अंतिम शॉट तक उम्मीद नहीं छोड़नी है, अब उसे चैंपियन की तरह प्रदर्शन करना है। उधर, पुरुष 51 किलोग्राम राउंड के बॉक्सिंग इवेंट में रोहतक के अमित पंघाल का आज शाम सवा 7 बजे 16 ऑफ का मैच होगा। उनका मुकाबला जांबिया के पेट्रिक चियेंबा से होगा। अमित, जांबयाई मुक्केबाज को कॉमनवेल्थ गेम्स में हरा चुके हैं। सरबजोत सिंह और मनु भाकर के बारे में जानिए… 1. सरबजोत सिंह सरबजोत सिंह का जन्म 30 सितंबर 2001 को हुआ। वह हरियाणा में अंबाला जिले के मुलाना के अंतर्गत आने वाले धीन गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता जतिंदर सिंह किसान हैं। मां हरदीप कौर गृहिणी हैं। सरबजोत चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित DAV कॉलेज के छात्र हैं। सरबजोत ने स्कूल टाइम में ही शूटिंग करना शुरू कर दिया था। वह सेंट्रल फीनिक्स क्लब में अंबाला कैंट स्थित एआर शूटिंग एकेडमी के कोच अभिषेक राणा के अंडर ट्रेनिंग लेते हैं। 2. मनु भाकर मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को हुआ था। वह हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में हैं। एक दिन मनु अपने पापा के साथ शूटिंग रेज में घूम रही थी। अचानक मनु शूटिंग करने लगी। उसने बिल्कुल बीच में 10 नंबर टारगेट पर निशाना साधा। यह देखकर पिता ने मनु को शूटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया और बंदूक खरीदकर दी। मनु को नेशनल कोच यशपाल राणा ने शूटिंग के गुर सिखाए। शूटिंग से पहले मनु खुद को कराटे, थांग टा, टांता, स्केटिंग, स्वीमिंग और टेनिस में आजमा चुकी हैं। कराटे, थांग टा और टांता में मनु नेशनल मेडलिस्ट है। टांता में 3 बार की नेशनल चैंपियन है। स्केटिंग में स्टेट मेडल जीत चुकी हैं। उन्होंने स्कूल में स्वीमिंग और टेनिस खेला है। ये खबरें भी पढ़ें :- हरियाणवी छोरी ने देश को दिलाया पहला मेडल:पेरिस ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज, पहली भारतीय महिला शूटर बनीं, दादी बोलीं- सोने की टूम पहनाऊंगी हरियाणा की मनु भाकर को संसद में बधाई:ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता, कल PM ने फोन पर बात की; मां बोलीं-जल्द सरप्राइज देंगे हरियाणा की मनु भाकर एक और मेडल की दौड़ में:मिक्स टीम के फाइनल में पहुंची, कल ब्रॉन्ज जीता; कुरुक्षेत्र की रमिता फाइनल में हारीं