राज्यस्तरीय राहगिरी कार्यक्रम एक पेड़ मां के नाम समर्पित रहेगा और इसमें हजारों नागरिक एक साथ पौधा रोपण करेंगे। कुरूक्षेत्र स्थित ब्रहमसरोवर के वीवीआईपी घाट पर 21 जुलाई को सुबह 6 से 8 बजे तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन देर शाम लघु सचिवालय के सभागार में किया गया। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री के स्पेशल ऑफिसर एवं पुलिस विभाग के डीआईजी पंकज नैन ने की। अधिकारियों की हुई बैठक उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र की पावन धरा पर आयोजित यह राहगिरी कार्यक्रम बेहद उम्दा और यादगार रहेगा। इसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह के साथ-साथ हजारों नागरिक ब्रह्मसरोवर के आसपास पौधा रोपण करेंगे। डीआईजी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि हजारों नागरिक इस राहगिरी के तमाम सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रमों का आनंद लेने पहुंचेंगे, इसलिए इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए सभी अधिकारियों को समय रहते तैयारियां पूरी करनी हैं और पूरी ईमानदारी के साथ राहगिरी को आमजन तक पहुंचाना है। ओएसडी एवं डीआईजी पंकज नैन ने बैठक में राहगिरी कार्यक्रम के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्ष की। उपायुक्त शांतनु शर्मा ने प्रबंधों पर प्रकाश डाला और एडीसी डा. वैशाली शर्मा ने अभी तक किए गए प्रबंधों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। खिलाड़ियों को किया जाएगा सम्मानित स्पेशल आफिसर ने लोगों से भी अपील की कि यह एक सामाजिक कार्यक्रम है और इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर कार्यक्रम का आनंद उठाए। कार्यक्रम के दौरान स्कूली विद्यार्थियों, कॉलेज व विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, आईटीआई के साथ-साथ अन्य लोग शामिल होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाऐंगे। इसके साथ-साथ यहां पर हॉकी, कबड्डी, बैडमिंटन, गतका, मलखंभ, योग के साथ-साथ अन्य प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इस मौके पर राष्ट्रीय स्तर पर जिस खिलाड़ी या अन्य ने देश का नाम रोशन करने का काम किया है, उसे सम्मानित भी किया जाएगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा, अतिरिक्त उपायुक्त डा. वैशाली शर्मा, एसडीएम सुरेंद्र पाल, सीईओ जिला परिषद अशोक मुंजाल, नगराधीश डॉ. रमन गुप्ता, डीडीपीओ राजेश शर्मा, डीएसपी अशोक कुमार, पीएमओ अंजली वैद्य, जिला खेल अधिकारी मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। राज्यस्तरीय राहगिरी कार्यक्रम एक पेड़ मां के नाम समर्पित रहेगा और इसमें हजारों नागरिक एक साथ पौधा रोपण करेंगे। कुरूक्षेत्र स्थित ब्रहमसरोवर के वीवीआईपी घाट पर 21 जुलाई को सुबह 6 से 8 बजे तक आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन देर शाम लघु सचिवालय के सभागार में किया गया। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री के स्पेशल ऑफिसर एवं पुलिस विभाग के डीआईजी पंकज नैन ने की। अधिकारियों की हुई बैठक उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र की पावन धरा पर आयोजित यह राहगिरी कार्यक्रम बेहद उम्दा और यादगार रहेगा। इसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह के साथ-साथ हजारों नागरिक ब्रह्मसरोवर के आसपास पौधा रोपण करेंगे। डीआईजी ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि हजारों नागरिक इस राहगिरी के तमाम सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रमों का आनंद लेने पहुंचेंगे, इसलिए इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए सभी अधिकारियों को समय रहते तैयारियां पूरी करनी हैं और पूरी ईमानदारी के साथ राहगिरी को आमजन तक पहुंचाना है। ओएसडी एवं डीआईजी पंकज नैन ने बैठक में राहगिरी कार्यक्रम के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्ष की। उपायुक्त शांतनु शर्मा ने प्रबंधों पर प्रकाश डाला और एडीसी डा. वैशाली शर्मा ने अभी तक किए गए प्रबंधों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। खिलाड़ियों को किया जाएगा सम्मानित स्पेशल आफिसर ने लोगों से भी अपील की कि यह एक सामाजिक कार्यक्रम है और इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर कार्यक्रम का आनंद उठाए। कार्यक्रम के दौरान स्कूली विद्यार्थियों, कॉलेज व विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, आईटीआई के साथ-साथ अन्य लोग शामिल होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाऐंगे। इसके साथ-साथ यहां पर हॉकी, कबड्डी, बैडमिंटन, गतका, मलखंभ, योग के साथ-साथ अन्य प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इस मौके पर राष्ट्रीय स्तर पर जिस खिलाड़ी या अन्य ने देश का नाम रोशन करने का काम किया है, उसे सम्मानित भी किया जाएगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा, अतिरिक्त उपायुक्त डा. वैशाली शर्मा, एसडीएम सुरेंद्र पाल, सीईओ जिला परिषद अशोक मुंजाल, नगराधीश डॉ. रमन गुप्ता, डीडीपीओ राजेश शर्मा, डीएसपी अशोक कुमार, पीएमओ अंजली वैद्य, जिला खेल अधिकारी मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 15 से 20 कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम फाइनल:2 सितंबर तक आएगी पहली लिस्ट, 4 दिन चलेगी कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हरियाणा में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टिकट के दावेदारों के नामों की उलझन में फंसी हुई है। 26 अगस्त से अगले चार दिनों तक नई दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। जिसमें 90 सीटों के लिए आए दावेदारों के आवेदन को शॉर्ट लिस्ट करने का काम किया जाएगा। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया कह चुके हैं- हमारी कोशिश सिंगल नाम का पैनल बनाकर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने की रहेगी। ऐसे में चार दिन होने वाली बैठक में तमाम सीनियर नेता दावेदारों के नाम शॉर्ट लिस्ट कर सिंगल पैनल बनाने की कोशिश में जुटेंगे। कई सीटों पर 40 से अधिक दावेदार बता दें कि पिछले 10 सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस में इस बार टिकट को लेकर नेताओं में काफी क्रेज दिखने को मिल रहा है। जुलाई महीने में कांग्रेस ने चुनाव लड़ने वाले नेताओं से आवेदन मांगे थे। करीब 15 दिन चली प्रक्रिया के तहत 90 सीटों के लिए 2556 आवेदन आए हैं। कई सीटों पर तो 40 से ज्यादा दावेदारों की संख्या है। जिसके चलते सिंगल ही नहीं, बल्कि तीन-चार नाम ही शॉर्ट लिस्ट करना कांग्रेस के लिए सिरदर्दी बन गया है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी परेशानी गुटबाजी भी है, प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस में तीन गुट बने हुए हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला अलग-अलग ग्रुप में राजनीति कर रहे हैं। तीनों ही ग्रुप की कोशिश अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाने की है। 1 या 2 सितंबर को आ सकती है पहली लिस्ट दरअसल, चार दिन के मंथन के बाद कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति हरियाणा में चुनाव लड़ने वाले नेताओं पर अंतिम मोहर लगाएगी। गुटबाजी के कारण कांग्रेस हाईकमान ने टिकटों का वितरण अपने हाथों में ले लिया हैं। संभावना है कि स्क्रीनिंग कमेटी की तरफ से शॉट लिस्ट कर भेजे जाने वाले पैनल के बाद 1 या 2 सितंबर को कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो सकती हैं। क्योंकि 27 अगस्त को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की भी बैठक हैं। इस बैठक के बाद भाजपा भी इसी माह के अंत तक अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती हैं। 15 से 20 नामों की सूची फाइनल चार दिनों में भले ही स्क्रीनिंग कमेटी सिंगल नाम का पैनल बनाने की कोशिश करेगी। लेकिन प्रदेश की 15 से 20 सीटें ऐसी है, जिन पर एक तरह से सिंगल नाम तय भी हो चुके है। इनमें रोहतक, गढ़ी-सांपला-किलोई, रेवाड़ी, झज्जर, बेरी, महम, नूंह, पुन्हाना, पलवल, बड़खल, फरीदाबाद, कोसली, महेंद्रगढ़, थानेसर, बरौदा के अलावा कुछ अन्य सीटें शामिल है, जिनमें पर लगभग एक-एक नाम फाइनल हो चुके हैं। बस इन नामों को शॉर्ट लिस्ट कर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाना है। 5 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी हैं। 5 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी और 12 सितंबर को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि हैं। यानी अगले 10 दिनों के अंदर दोनों ही प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी के ज्यादातर उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी। 13 सितंबर को नामांकन की जांच होगी और 16 सितंबर नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है। चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग की थी BJP 22 अगस्त को भाजपा ने चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख बढ़ाने की मांग थी। भाजपा ने छुट्टियों का हवाला देते हुए कहा कि 1 अक्टूबर को मतदान आयोजित होने से वोटिंग प्रतिशत घटने की संभावना है। गैर जाट वोट बैंक पर कांग्रेस का फोकस अधिक हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में टिकटों पर मंथन के बीच विधानसभा सीटों का गुणा-गणित तैयार कर लिया है। इस बार कांग्रेस बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए गैर जाट वोट बैंक पर ज्यादा फोकस करेगी।
हरियाणा में बड़ौली BJP अध्यक्ष क्यों बने:ब्राह्मण वोटरों पर नजर, जीटी रोड बेल्ट की 30 सीटों समेत खट्टर की पसंद, RSS बैकग्राउंड वजह
हरियाणा में बड़ौली BJP अध्यक्ष क्यों बने:ब्राह्मण वोटरों पर नजर, जीटी रोड बेल्ट की 30 सीटों समेत खट्टर की पसंद, RSS बैकग्राउंड वजह हरियाणा में अगले चार माह के भीतर होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बड़ा उलटफेर किया गया है। सोनीपत जिले की राई विधानसभा से MLA मोहन लाल बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। बड़ौली की ताजपोशी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पसंद से ही हुई है। पार्टी ने दिग्गज ब्राह्मण चेहरा रामबिलास शर्मा को दरकिनार कर बड़ौली को प्रोजेक्ट किया है। अभी तक प्रदेशाध्यक्ष का पद मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास था। कई दिनों से प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर सीनियर नेताओं द्वारा लॉबिंग की जा रही थी, लेकिन आखिर में शीर्ष नेतृत्व ने मोहन लाल बड़ौली के नाम पर मोहर लगा दी। बड़ौली पर ही दांव क्यों…
मोहन लाल बड़ौली के प्रदेशाध्यक्ष बनने के तीन अहम कारण है। एक सूबे में बीजेपी के कौर वोटर्स के रूप में जाने वाला 7.5% ब्राह्मण वोट बैंक और दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पसंद। इसके अलावा तीसरा कारण बड़ौली का शुरू से RSS से जुड़ा होना भी रहा। क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले RSS की नाराजगी उजागर होने के बाद बीजेपी संगठन में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बैकग्राउंड वाले नेताओं को तवज्जों दे रही है। इसी के चलते बुड़ौली को संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि मोहन लाल बड़ौली को पूर्व सीएम खट्टर की सिफारिश पर ही सोनीपत लोकसभा सीट से टिकट मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी से चुनाव हार गए थे। 1. BJP का ब्राह्मण वोटर्स पर फोकस
हरियाणा में भले ही ब्राह्मण वोटर्स की संख्या 7.5% है, लेकिन ये बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक रहा है। पंजाबी, राजपूत के बाद ब्राह्मण ही पिछले 2 विधानसभा चुनाव में एक तरह से बीजेपी को एक तरफा बढ़त दिलाते रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में ब्राह्मणों की संख्या काफी ज्यादा है। फिलहाल नायब सैनी की कैबिनेट में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मूलचंद शर्मा मंत्री हैं, लेकिन संगठन में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मोहन लाल बड़ौली को अहम जिम्मेदारी दी गई है, जिससे बीजेपी अपने कौर वोट बैंक को और ज्यादा मजबूत कर सके। 2. खुद के किले जीटी रोड बेल्ट को मजबूत करने की कवायद
बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी अपने खुद के किले कहे जाने वाले जीटी रोड बेल्ट को पहले से अधिक मजबूत करने की कोशिश कर रही है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस बेल्ट में उम्मीद के अनुरूप सफलता नहीं मिल पाई। इस बेल्ट के अधीन आने वाली दो अहम सीट अंबाला और सोनीपत सीट बीजेपी हार गई। जबकि दक्षिणी हरियाणा के बाद अगर सूबे में बीजेपी की स्थिति 2014 से 2019 तक कहीं मजबूत रही तो वह जीटी बेल्ट में ही रही है। ऐसे में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपने किले को मजबूत करने की दिशा में जीटी बेल्ट से आने वाले मोहन लाल बड़ौली को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी है। 3. मोहन लाल बड़ौली का सियासी अनुभव
सोनीपत जिले की राई विधानसभा सीट के अधीन आने वाले गांव बड़ौली में जन्मे मोहन लाल का सियासी करियर नपा तुला रहा है। वे 1989 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए और बाद में भाजपा में शामिल हो गए। इनेलो की सरकार के वक्त मुरथल से जिला परिषद का चुनाव जीतने वाले वह पहले भाजपा उम्मीदवार थे। मोहन लाल को 2019 में बीजेपी ने सोनीपत की राई विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा और बड़ौली अपना पहला ही चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2020 में बड़ौली को सोनीपत भाजपा का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके अलावा 2021 में उन्हें प्रदेश महामंत्री के पद के साथ हरियाणा भाजपा की कोर टीम में शामिल किया गया। बड़ौली केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी हैं। इसी के चलते उन्हें हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सोनीपत सीट से कैंडिडेट बनाया गया, लेकिन बड़ौली इस बार चुनाव हार गए। 4. भाजपा की गैर जाट पॉलिटिक्स
बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने एक बार फिर हरियाणा में गैर जाट पॉलिटिक्स पर मोहर लगा दी है। 2014 में पहली बार सूबे में अपने दम पर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली बीजेपी ने जाट बाहुल्य इस राज्य में शुरू से ही गैर जाट की पॉलिटिक्स की और मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बना दिया। हालांकि बीजेपी ने अपने पहले कार्यकाल में जाट चेहरे के तौर पर सुभाष बराला को और दूसरे कार्यकाल में ओमप्रकाश धनखड़ को प्रदेशाध्यक्ष बनाया, लेकिन इसके बाद भी जाटों का साथ नहीं मिला तो ओबीसी चेहरे नायब सैनी को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। 2024 में लोकसभा चुनाव से एन वक्त पहले 12 मार्च को बीजेपी-जेजेपी का गठबंधन टूटा और सीएम मनोहर लाल ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सीएम मनोहर लाल के सबसे भरोसेमंद नायब सैनी को संगठन के साथ-साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया। नायब सैनी के सीएम बनने के बाद चर्चा चली की पार्टी अब फिर से किसी जाट नेता को प्रदेशाध्यक्ष बना सकती है। इसमें पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का नाम सबसे टॉप पर रहा। रामबिलास शर्मा क्यों पिछड़े…
हरियाणा में बीजेपी के दूसरे सबसे मजबूत किले दक्षिणी हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा सीनियॉरिटी के हिसाब से पार्टी में सूबे के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। रामबिलास शर्मा दो बार प्रदेशाध्यक्ष रहने के साथ ही प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। 2014 में उन्हीं की अगुआई में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। उस वक्त वे सीएम पद की दौड़ में भी शामिल थे, लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर उनसे प्रदेशाध्यक्ष पद वापस ले लिया गया। नायब सैनी के सीएम बनने के बाद अब एक बार फिर रामबिलास शर्मा के प्रदेशाध्यक्ष बनने की प्रबल संभावनाएं थी। रामबिलास शर्मा पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डटे हुए थे। रामबिलास केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा अन्य मंत्रियों से मुलाकात कर चुके थे, लेकिन पार्टी ने उन पर भरोसा जताने की बजाए बड़ौली को कमान सौंपी। रामबिलास शर्मा का प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए पिछड़ने का सबसे अहम कारण उनकी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से नजदीकियां भी रही। रामबिलास शर्मा खुलकर राव इंद्रजीत सिंह की तारीफ करते आए हैं, लेकिन बीजेपी का एक बड़ा धड़ा अंदरखाने राव इंद्रजीत सिंह की मुखालफत करता आया है। इसी की वजह से रामबिलास शर्मा पिछड़ गए। सैनी ही प्रदेश अध्यक्ष क्यों नहीं रखे
मुख्यमंत्री नायब सैनी एक साल से भी ज्यादा वक्त तक प्रदेशाध्यक्ष पद पर रहे हैं। ऐसे में सवाल ये उठा कि आखिर सैनी को ही प्रदेशाध्यक्ष क्यों नहीं रखा गया। इसके पीछे दो अहम कारण हैं… 1. मुख्यमंत्री हैं, उनकी अगुआई में चुनाव लड़ेंगे
इनमें पहला मुख्यमंत्री है और उनकी अगुआई में बीजेपी को विधानसभा चुनाव लड़ना है। दूसरा वो ओबीसी चेहरा हैं। प्रदेश में सीएम पद देने के बाद बीजेपी ओबीसी वोट बैंक को साध चुकी। ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष पद किसी और जाति के नेता को मिलना था। 2. ओबीसी चेहरा हैं, 2 पदों पर एक ही व्यक्ति नहीं
एक और अहम कारण यह है कि पार्टी द्वारा 2 पदों पर एक ही व्यक्ति को नहीं रखने की पॉलिसी भी है। ये खबर भी पढ़ें… लोकसभा चुनाव हारे बड़ौली हरियाणा BJP के नए अध्यक्ष बने:विधानसभा चुनाव से पहले CM सैनी को बदला; जाट-OBC के बाद ब्राह्मण वोटर्स पर नजर हरियाणा में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। भाजपा ने सोनीपत के राई से विधायक मोहन लाल बड़ौली को नया अध्यक्ष बना दिया है। बड़ौली पार्टी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं। अभी तक हरियाणा में BJP का प्रदेश अध्यक्ष पद CM नायब सैनी के ही पास था। (पूरी खबर पढ़ें)
नायब सैनी के मंत्रियों की सीट का हाल:पहले राउंड में संजय सिंह, रणजीत चौटाला, ज्ञानचंद गुप्ता पिछड़े; सिर्फ 2 मंत्री आगे
नायब सैनी के मंत्रियों की सीट का हाल:पहले राउंड में संजय सिंह, रणजीत चौटाला, ज्ञानचंद गुप्ता पिछड़े; सिर्फ 2 मंत्री आगे हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए काउंटिंग चल रही हैं। सभी की नजरें नायब सैनी की सरकार में मंत्री रहे नेताओं की सीट पर लगी हुई है। 10 मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 4 मंत्रियों को टिकट नहीं दिया। रणजीत चौटाला बागी होकर रानियां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। मनोहर-नायब सरकार में स्पीकर रहे ज्ञानचंद गुप्ता भी चुनाव लड़ रहे हैं। शुरुआती रुझान में नूंह से पूर्व मंत्री संजय सिंह पीछे चल रहे हैं। रानियां में पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला पीछे हैं। पानीपत ग्रामीण सीट पर महिपाल ढांडा आगे चल रहे हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में प्रदेश में 67.90% फीसदी वोटिंग हुई है, जो पिछले चुनाव से 0.03% कम है। लाइव अपडेट्स… अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए इनकी सीटों का हाल…. पंचकूला : ज्ञानचंद गुप्ता मनोहर-नायब सरकार में स्पीकर रहे मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में स्पीकर रहे ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा के टिकट पर पंचकूला से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई को टिकट दिया है। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में पंचकूला विधानसभा सीट पर 59.37 प्रतिशत वोटिंग हुई है। जगाधरी : सैनी सरकार में कृषि मंत्री रहे कंवरपाल गुर्जर कंवरपाल गुर्जर नायब सैनी सरकार में कृषि मंत्री थे। भाजपा ने उन्हें लगातार तीसरी बार जगाधरी से टिकट दिया है। यहां कांग्रेस के चौधरी अकरम खान और आम आदमी पार्टी (AAP) के आदर्श पाल सिंह चुनाव मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में जगाधरी विधानसभा सीट पर 78.34 प्रतिशत वोटिंग हुई है। बल्लभगढ़ : सैनी सरकार में इंडस्ट्रीज मंत्री रहे मूलचंद शर्मा मूलचंद शर्मा नायब सैनी की सरकार में इंडस्ट्रीज मंत्री थे। भाजपा ने उन्हें बल्लभगढ़ सीट से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस के पराग शर्मा हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में बल्लभगढ़ विधानसभा सीट पर 53.27 प्रतिशत वोटिंग हुई है। लोहारू : जेपी दलाल सैनी सरकार में वित्त मंत्री रहे जयप्रकाश दलाल मनोहर लाल खट्टर की दूसरी टर्म की सरकार में कृषि मंत्री थे। नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें वित्त मंत्रालय दिया गया। भाजपा ने उन्हें लोहारू से दोबारा टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस के राजबीर फरटिया हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में लोहारू विधानसभा सीट पर 73.66 प्रतिशत वोटिंग हुई है। रानियां : भाजपा से बागी होकर लड़ रहे रणजीत चौटाला रानियां : रणजीत चौटाला मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी की सरकार में उर्जा और जेल मंत्री रहे। 2024 लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से चुनाव लड़ने के कारण उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इस बार वह रानियां सीट से भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। भाजपा से बागी होकर वह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस के सर्वमित्र कंबोज, भाजपा के शीशपाल कंबोज और इनेलो के अर्जुन चौटाला चुनाव मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में रानियां विधानसभा सीट पर 75.91 प्रतिशत वोटिंग हुई। हिसार : खट्टर सरकार में निकाय और सैनी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. कमल गुप्ता को मनोहर लाल खट्टर की दूसरी टर्म की सरकार में निकाय मंत्री बनाया गया था। नायब सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें स्वास्थ्य विभाग सौंपा गया। भाजपा ने उन्हें लगातार तीसरी बार हिसार से टिकट दिया है। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में हिसार विधानसभा सीट पर 61.44 प्रतिशत वोटिंग हुई है। पानीपत ग्रामीण : सैनी सरकार में सहकारिता मंत्री बने ढांडा महिपाल ढांडा को नायब सिंह सैनी सरकार में पंचायत, विकास और सहकारिता विभाग दिया गया था। भाजपा ने उन्हें लगातार तीसरी बार पानीपत ग्रामीण सीट से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस के सचिन कुंडू मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में 69.34 प्रतिशत वोटिंग हुई है। अंबाला सिटी : असीम गोयल सैनी सरकार में परिवहन मंत्री बने असीम गोयल को नायब सिंह सैनी की सरकार में परिवहन राज्यमंत्री बनाया गया था। भाजपा ने उन्हें दोबारा अंबाला सिटी से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री निर्मल सिंह मोहड़ा चुनाव मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में अंबाला सिटी विधानसभा सीट पर 63.02 प्रतिशत वोटिंग हुई है। थानेसर : सैनी सरकार में निकाय मंत्री बने सुधा सुभाष सुधा को नायब सिंह सैनी की सरकार में शहरी निकाय मंत्रालय दिया गया था। भाजपा ने दोबारा उन्हें थानेसर से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस के अशोक अरोड़ा चुनाव मैदान में हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में थानेसर विधानसभा सीट पर 65.01 प्रतिशत वोटिंग हुई है। नूंह : संजय सिंह की सीट बदली संजय सिंह 2019 विधानसभा चुनाव में सोहना से विधायक बने थे। इस चुनाव में भाजपा ने उन्हें नूंह से उम्मीदवार बनाया है। नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी मंत्री बनाया गया था। उनके सामने कांग्रेस के आफताब अहमद उम्मीदवार हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में नूंह विधानसभा सीट पर 74.42 प्रतिशत वोटिंग हुई है। नांगल चौधरी : सैनी सरकार में सिंचाई मंत्री रहे अभय यादव अभय सिंह यादव को नायब सिंह सैनी सरकार में सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री बनाया गया था। भाजपा ने उन्हें दोबारा नांगल चौधरी से टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस की मंजू चौधरी हैं। 5 अक्टूबर को हुए चुनाव में नांगल चौधरी विधानसभा सीट पर 70.42 प्रतिशत वोटिंग हुई है।