कुलदीप यादव बोले-मुंबई की रैली आखिरी सांस तक याद रखूंगा:आखिरी के 4 ओवर दिल धक-धक हो रहा था; क्लासेन के आउट होते ही उम्मीद जगी

कुलदीप यादव बोले-मुंबई की रैली आखिरी सांस तक याद रखूंगा:आखिरी के 4 ओवर दिल धक-धक हो रहा था; क्लासेन के आउट होते ही उम्मीद जगी

बारबडोस में 29 जून को 17 साल बाद भारतीय टीम ने T-20 विश्व कप अपने नाम किया है। यह इतिहास रचने के बाद जब शुक्रवार देर रात स्टार बॉलर कुलदीप यादव अपने घर कानपुर पहुंचे, तो एयरपोर्ट से लेकर उनके होम ग्राउंड तक उनका जोरदार स्वागत हुआ। अपनी वर्ल्ड-कप की जर्नी शेयर करते हुए कुलदीप ने कहा-मुंबई की जो रैली थी, उसको तो मैं आखिरी सांस तक याद रखूंगा। मैच के वक्त आखिरी के 4 ओवर मेरा दिल धक-धक हो रहा था।क्लासेन के आउट होते ही उम्मीद जगी गई। मैं चाहता हूं कि कानपुर के बच्चे देश में अपना नाम रोशन करें। मुझे लगता है कि मैं ऐसा काम करूं कि जिससे मेरे ग्राउंड के यह बच्चे प्राऊड महसूस करें। भारत के लिए खेलना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैंने पहले ये सोचा था कि जब मैं खेलूं तो वर्ल्ड उठाऊं और 29 जून को ये सपना पूरा हो गया। पिछली बार वर्ल्ड कप हारे तो इतना दुख हुआ। उसको मैं बयां भी नहीं कर सकता। उस समय बहुत डिप्रेशन में था। कानपुर के बच्चे बहुत आगे निकलेंगे कुलदीप यादव ने कहा-मुझे पूरी उम्मीद है और भरोसा है कि ग्राउंड से और भी लोग आगे निकलेंगे। बल्कि यहां के लोग रोवर्स नहीं पूरे प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। जब से मैं क्रिकेट स्टार्ट किया है, तब से मुझे अपने शहर वासियों से काफी प्रेम मिला है। इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं। मुंबई की जो रैली थी उसको तो मैं आखिरी सांस तक याद रखूंगा। 10 लाख लोगों के बीच जब गुजरा तो वह मेरे लिए यादगार पल बन गया था। जिस जगह आज मैं खड़ा हूं, उस जगह पर चल कोई और लड़का खड़ा हो यही मैं चाहता हूं। क्लासन के आउट होते ही लगा कि जीत जाऊंगा
कुलदीप यादव ने कहा-वर्ल्ड कप के फाइनल में जिस तरह से हार्दिक ने क्लासन को आउट किया उससे कहीं ना कहीं लग रहा था कि मैच हम ही जीतेंगे। जो प्लान था उसमें हम लोग सक्सेसफुल रहे। लास्ट के जो दो ओवर बुमराह ने फिर अर्शदीप ने डाला वह भी काफी महत्वपूर्ण थे। मैं अपने कोच कपिल सर को थैंक्स बोलना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे बड़े-बड़े सपने दिखाए और इसके साथ ही उन्होंने मुझे खेल के टिप्स दिए। जब भी मैं मैच खेलता हूं तो मैं सोचता हूं कि मेरे रोवर्स ग्राउंड के बच्चे मुझे देख रहे हैं तो मैं यह सोचकर उनके लिए खेलता हूं। उनकी दुआएं मेरे साथ रहती है इसलिए मैं ऐक्स्ट्रा मोटिवेट होता हूं। एयरपोर्ट पर किया स्वागत
कुलदीप यादव रात करीब 10 बजे कानपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां पर उनके कोच कपिल देव पांडेय अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और कुलदीप का भव्य स्वागत करने के बाद उन्हें अपने रोवर्स ग्राउंड ले गए। गले में तिरंगा डालें कुलदीप यादव जैसे ही एयरपोर्ट के बाहर आए तो लोगों ने भारत माता की जय, कुलदीप…. कुलदीप…. के नाम के नारे लगाने लगे। यह जीत हमेशा याद रहेगी
कुलदीप यादव ने कहा-अपने शहर का यह प्रेम मुझे हमेशा ही उत्साहित करता रहता है। T-20 की यह जीत हमेशा याद की जाएगी। भारतीय टीम ने फाइनल मुकाबले में कड़ी मेहनत की थी। हर खिलाड़ी ने इसमें अपना प्रदर्शन दिखाया। टीम के संयुक्त प्रयास से ही हम विश्व कप जीत सके हैं। जब प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई तो उन्होंने भी जीत की बधाई दी और भविष्य में इसी तरह खेलने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा था कि यह टीम इंडिया की जीत नहीं यह पूरे देशवासियों की जीत है, जिसने हम सभी को गौरवान्वित किया है। बारबडोस में 29 जून को 17 साल बाद भारतीय टीम ने T-20 विश्व कप अपने नाम किया है। यह इतिहास रचने के बाद जब शुक्रवार देर रात स्टार बॉलर कुलदीप यादव अपने घर कानपुर पहुंचे, तो एयरपोर्ट से लेकर उनके होम ग्राउंड तक उनका जोरदार स्वागत हुआ। अपनी वर्ल्ड-कप की जर्नी शेयर करते हुए कुलदीप ने कहा-मुंबई की जो रैली थी, उसको तो मैं आखिरी सांस तक याद रखूंगा। मैच के वक्त आखिरी के 4 ओवर मेरा दिल धक-धक हो रहा था।क्लासेन के आउट होते ही उम्मीद जगी गई। मैं चाहता हूं कि कानपुर के बच्चे देश में अपना नाम रोशन करें। मुझे लगता है कि मैं ऐसा काम करूं कि जिससे मेरे ग्राउंड के यह बच्चे प्राऊड महसूस करें। भारत के लिए खेलना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैंने पहले ये सोचा था कि जब मैं खेलूं तो वर्ल्ड उठाऊं और 29 जून को ये सपना पूरा हो गया। पिछली बार वर्ल्ड कप हारे तो इतना दुख हुआ। उसको मैं बयां भी नहीं कर सकता। उस समय बहुत डिप्रेशन में था। कानपुर के बच्चे बहुत आगे निकलेंगे कुलदीप यादव ने कहा-मुझे पूरी उम्मीद है और भरोसा है कि ग्राउंड से और भी लोग आगे निकलेंगे। बल्कि यहां के लोग रोवर्स नहीं पूरे प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। जब से मैं क्रिकेट स्टार्ट किया है, तब से मुझे अपने शहर वासियों से काफी प्रेम मिला है। इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं। मुंबई की जो रैली थी उसको तो मैं आखिरी सांस तक याद रखूंगा। 10 लाख लोगों के बीच जब गुजरा तो वह मेरे लिए यादगार पल बन गया था। जिस जगह आज मैं खड़ा हूं, उस जगह पर चल कोई और लड़का खड़ा हो यही मैं चाहता हूं। क्लासन के आउट होते ही लगा कि जीत जाऊंगा
कुलदीप यादव ने कहा-वर्ल्ड कप के फाइनल में जिस तरह से हार्दिक ने क्लासन को आउट किया उससे कहीं ना कहीं लग रहा था कि मैच हम ही जीतेंगे। जो प्लान था उसमें हम लोग सक्सेसफुल रहे। लास्ट के जो दो ओवर बुमराह ने फिर अर्शदीप ने डाला वह भी काफी महत्वपूर्ण थे। मैं अपने कोच कपिल सर को थैंक्स बोलना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे बड़े-बड़े सपने दिखाए और इसके साथ ही उन्होंने मुझे खेल के टिप्स दिए। जब भी मैं मैच खेलता हूं तो मैं सोचता हूं कि मेरे रोवर्स ग्राउंड के बच्चे मुझे देख रहे हैं तो मैं यह सोचकर उनके लिए खेलता हूं। उनकी दुआएं मेरे साथ रहती है इसलिए मैं ऐक्स्ट्रा मोटिवेट होता हूं। एयरपोर्ट पर किया स्वागत
कुलदीप यादव रात करीब 10 बजे कानपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां पर उनके कोच कपिल देव पांडेय अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और कुलदीप का भव्य स्वागत करने के बाद उन्हें अपने रोवर्स ग्राउंड ले गए। गले में तिरंगा डालें कुलदीप यादव जैसे ही एयरपोर्ट के बाहर आए तो लोगों ने भारत माता की जय, कुलदीप…. कुलदीप…. के नाम के नारे लगाने लगे। यह जीत हमेशा याद रहेगी
कुलदीप यादव ने कहा-अपने शहर का यह प्रेम मुझे हमेशा ही उत्साहित करता रहता है। T-20 की यह जीत हमेशा याद की जाएगी। भारतीय टीम ने फाइनल मुकाबले में कड़ी मेहनत की थी। हर खिलाड़ी ने इसमें अपना प्रदर्शन दिखाया। टीम के संयुक्त प्रयास से ही हम विश्व कप जीत सके हैं। जब प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई तो उन्होंने भी जीत की बधाई दी और भविष्य में इसी तरह खेलने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा था कि यह टीम इंडिया की जीत नहीं यह पूरे देशवासियों की जीत है, जिसने हम सभी को गौरवान्वित किया है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर