कुल्लू जिले के कुलान्तक पीठ खराहल घाटी की न्योली पंचायत के गांव न्योली मुआफ़ीदार जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को शिवलिंग पर सतयुगी मोहरा मुकुट देव परम्परा अनुसार स्थापित किया। जिसे स्थानीय बोली में बीठ निकलना कहते हैं। शिवलिंग पर मोहर स्थापित होते ही आसपास के 12 गांव के हारियानों अनुयायियों के लिये कृषि कार्य पर पाबन्दी लग जाती है। यह पाबन्दी पांच दिन तक रहेगी। जानकारी अनुसार न्योली, जुआणी, जगोट, ओड़ीदार,ग्राहण, थरमाण, थरमाण सेरी, लुगडभट्ठी, जुआणी रोपा, जोकरपोधा, देवधार आदि गांव के लोग कृषि कार्य ही नहीं, बल्कि धरती पर या खेतों में लोहा से छुएंगे भी नहीं। अनुश्रुति अनुसार जब स्थानीय महिला खेत मे गुड़ाई कर रही थी तो कुदाली लगने से मोहरा जमीन से निकला था। किसी को नहीं मोहरा देखने की इजाज़त शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार निकलता है। बैसाखी व सावन में भादो माह लगते से पूर्व देव भंडार से निकालकर शिवलिंग में स्थापित किया जाता है। इस मोहरें को किसी को भी देखने की इजाजत नहीं है। वाद्य यंत्रों सहित मशालों की रोशनी में निकाला मोहरा न्योली में जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को वाद्य यंत्रों की थाप पर मशालों की रोशनी में मोहरा लाया गया। मोहरा मंदिर पहुँचते ही विधिवत शिवलिंग में स्थापित किया गया। शिवलिंग का श्रृंगार किया। महादेव के रथ का श्रृंगार मोहरा स्थापित करने के पश्चात वाद्य यंत्रों की विशेष धुन पर महादेव के रथ के श्रृंगार की प्रक्रिया एक घण्टे तक चली। महादेव के अन्य 16 मोहरों को स्थापित किया गया इनमें से कुल्लू के राजा मान सिंह ने 1717 ईस्वी में जुआणी महादेव को दिया वो मोहरा भी शामिल है। क्या कहते है देवता के कारदार देव प्रशासन में मुख्य अधिकारी कारदार होता है महादेव के कारदार ओम प्रकाश महन्त से बात की तो उन्होंने ने कहा कि शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार देवता के भंडार से निकाला जाता है। मोहरा निकलने के बाद स्थानीय वासियों के लिए कृषि कार्य पर पाबन्दी लगती है। कुल्लू जिले के कुलान्तक पीठ खराहल घाटी की न्योली पंचायत के गांव न्योली मुआफ़ीदार जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को शिवलिंग पर सतयुगी मोहरा मुकुट देव परम्परा अनुसार स्थापित किया। जिसे स्थानीय बोली में बीठ निकलना कहते हैं। शिवलिंग पर मोहर स्थापित होते ही आसपास के 12 गांव के हारियानों अनुयायियों के लिये कृषि कार्य पर पाबन्दी लग जाती है। यह पाबन्दी पांच दिन तक रहेगी। जानकारी अनुसार न्योली, जुआणी, जगोट, ओड़ीदार,ग्राहण, थरमाण, थरमाण सेरी, लुगडभट्ठी, जुआणी रोपा, जोकरपोधा, देवधार आदि गांव के लोग कृषि कार्य ही नहीं, बल्कि धरती पर या खेतों में लोहा से छुएंगे भी नहीं। अनुश्रुति अनुसार जब स्थानीय महिला खेत मे गुड़ाई कर रही थी तो कुदाली लगने से मोहरा जमीन से निकला था। किसी को नहीं मोहरा देखने की इजाज़त शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार निकलता है। बैसाखी व सावन में भादो माह लगते से पूर्व देव भंडार से निकालकर शिवलिंग में स्थापित किया जाता है। इस मोहरें को किसी को भी देखने की इजाजत नहीं है। वाद्य यंत्रों सहित मशालों की रोशनी में निकाला मोहरा न्योली में जुआणी महादेव मंदिर में मध्य रात्रि को वाद्य यंत्रों की थाप पर मशालों की रोशनी में मोहरा लाया गया। मोहरा मंदिर पहुँचते ही विधिवत शिवलिंग में स्थापित किया गया। शिवलिंग का श्रृंगार किया। महादेव के रथ का श्रृंगार मोहरा स्थापित करने के पश्चात वाद्य यंत्रों की विशेष धुन पर महादेव के रथ के श्रृंगार की प्रक्रिया एक घण्टे तक चली। महादेव के अन्य 16 मोहरों को स्थापित किया गया इनमें से कुल्लू के राजा मान सिंह ने 1717 ईस्वी में जुआणी महादेव को दिया वो मोहरा भी शामिल है। क्या कहते है देवता के कारदार देव प्रशासन में मुख्य अधिकारी कारदार होता है महादेव के कारदार ओम प्रकाश महन्त से बात की तो उन्होंने ने कहा कि शिवलिंग का मोहरा साल में दो बार देवता के भंडार से निकाला जाता है। मोहरा निकलने के बाद स्थानीय वासियों के लिए कृषि कार्य पर पाबन्दी लगती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कल से बारिश-बर्फबारी:आज रात एक्टिव होगा वेस्टर्न डिस्टरबेंस, 48 घंटे तक बरसेंगे बादल, 4 जिलों में आंधी-तूफान का अलर्ट हिमाचल प्रदेश में आज रात से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) एक्टिव हो रहा है। इससे अगले 48 घंटे तक पहाड़ों पर बारिश व बर्फबारी हो सकती है। 11 जनवरी को WD ज्यादा स्ट्रांग रहेगा। प्रदेश के ज्यादातर भागों में इससे बादल बरस सकते हैं, जबकि 12 जनवरी को WD थोड़ा कमजोर जरूर रहेगा। इस दौरान हल्की बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग (IMD) मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में कल के लिए आंधी तूफान चलने का येलो अलर्ट जारी किया है। आज और कल ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अच्छी बर्फबारी हो सकती है। मैदानी इलाकों में कोहरा छाने की चेतावनी इसी तरह मैदानी इलाकों में आज शीतलहर और घना कोहरा छाने की भी चेतावनी दी गई है। यह चेतावनी ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी जिले को दी गई है। इन जिलों में बीते तीन दिन से घना कोहरा लोगों को परेशान कर रहा है। शीतलहर की वजह से रात और सुबह के वक्त लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ेगा। इससे मैदानी इलाकों में रात का तापमान गिर रहा है। बद्दी में भी कोहरे से हालात खराब सोलन जिला के बद्दी में भी कोहरे से हालात खराब है और सुबह के वक्त विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम हो रही है। इससे वाहन चालकों को दोपहर तक गाड़ी चलाने में परेशानी हो रही है। बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा और ऊना के कई क्षेत्रों में भी तीन दिन से घना कोहरा पड़ रहा है।
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हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी भारत 15 अगस्त को देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना चुका है। मगर हिमाचल में एक शहर ऐसा है जहां आजादी दिवस आज मनाया जा रहा है। शिमला से लगभग 33 किलोमीटर दूर ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाने की परंपरा 1947 से चली आ रही है। यहां आजादी दिवस को ‘जलसा’ फेस्टिवल के तौर पर मनाया जाता है। इसके पीछे का इतिहास गौरवमयी है। नीचे इसके पीछे की पूरी वजह पढ़िए… साल 1946 में देश 360 रियासतों के राजाओं, राणाओं, नवाब और निजाम के शासन से मुक्ति के लिए लड़ रहा था। 1946 में ही ठियोग रियासत की जनता ने राजाओं की सत्ता से मुक्ति पाई। इसी साल ठियोग में देश के पहले प्रजामंडल का गठन किया गया। 16 अगस्त 1947 को लोग बासा ठियोग में राजा कर्मचंद के महल के बाहर इकट्ठे हुए। जनता के दबाव में राजा को को गद्दी छोड़नी पड़ी। देश में पहली डेमोक्रेटिक सरकार ठियोग में बनी
इसी दिन ठियोग में देश की पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी। प्रजामंडल के प्रधानमंत्री सूरत राम प्रकाश बने। इनके साथ गृह मंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा समेत अन्य 8 अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली। तब से ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाया जा रहा है। देश के लिए बलिदान देने वालों को किया जाता है याद
इस जलसा पर्व में न केवल देश के लिए बलिदान देने वाले महान सपूतों को याद किया जाता है, बल्कि सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम और विभिन्न खेलकूद का भी आयोजन होता है। यह आयोजन 15 और 16 अगस्त दो दिन चलता है। पूरी ठियोग रियासत की जनता इस पर्व के लिए ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड पहुंचती है। क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों के बच्चे इसमें प्रस्तुतियां देते हैं। वीरभद्र सरकार ने जलसा को जिला स्तरीय का दर्जा दिया
जलसा पर्व के लिए ठियोग में हर साल 16 अगस्त की लोकल छुट्टी रहती है। पूर्व वीरभद्र सरकार ने ठियोग के इस जलसा पर्व को जिला स्तरीय का दर्जा दिया। परंपरा यह रही कि जलसा पर्व के लिए क्षेत्र के लोग हर साल नए कपड़ों की खरीददारी करते हैं। नए कपड़े पहनकर मेले में पहुंचते हैं। मेला स्थल पर अगले 15 से 20 दिन इलाके के लोग खरीदारी के लिए पहुंचते है। कहां बसा है ठियोग शहर
ठियोग कस्बा शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे पर बसा है। शिमला से ठियोग पहुंचने में गाड़ी में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के लिए दूसरा कोई जरिया नहीं है। पहले प्रजामंडल के PM के बेटे बोले-
जलसा पर्व को लेकर प्रजामंडल के पहले प्रधानमंत्री रहे सूरत राम प्रकाश के बेटे एवं रिटायर्ड शास्त्री जय प्रकाश ने बताया कि कहा कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, मगर ठियोग से पहले कहीं भी न प्रजामंडल बना और न मिनिस्ट्री का गठन हुआ। 16 अगस्त 1947 को ठियोग में प्रधानमंत्री समेत 8 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
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हिमाचल के तपोवन में कल से विधानसभा का विंटर-सेशन:पूरी सरकार आज धर्मशाला रवाना होगी; इस सप्ताह शिमला में नहीं मिलेंगे CM-मंत्री और अधिकारी हिमाचल प्रदेश विधानसभा का विंटर सेशन कल से धर्मशाला के तपोवन में शुरू हो रहा है। इसके लिए आज पूरी सरकार शिमला से धर्मशाला रवाना होगी। बुधवार सुबह 11 बजे से तपोवन में चार दिन चलने वाला शीत सत्र शुरू हो रहा है। लिहाजा इस सप्ताह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उनके कैबिनेट मंत्री और विभागीय सचिव भी शिमला में नहीं मिलेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू दोपहर बाद धर्मशाला पहुंचेंगे, जबकि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान बीती शाम को धर्मशाला पहुंच गए हैं। उधर, चीफ सेक्रेटरी कान्फ्रेंस में शामिल होने दिल्ली गए मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना दिल्ली से सीधे धर्मशाला पहुंचेगे। जाहिर है कि अगले चार दिन तक तपोवन धर्मशाला में तपिश देखने को मिलेगी। इसकी रणनीति कांग्रेस और भाजपा विधायक दल आज शाम को धर्मशाला में बनाएंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर दोनों नेताओं ने शाम को धर्मशाला में विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। इस सत्र के दौरान बीजेपी भ्रष्टाचार के उन मुद्दों को उठा सकती है, जो बीजेपी को राज्यपाल को सौंपे गए कच्चा चिट्ठा नाम के दस्तावेज में लगाए हैं। बीजेपी ने कच्चा चिट्ठा दस्तावेज में मुख्यमंत्री कार्यालय पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। लैंड सीलिंग एक्ट पर तप सकता है सदन सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन को विधेयक लाने जा रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन राधा स्वामी सत्संग ब्यास की सहयोगी संस्था के नाम ट्रांसफर करने का भरोसा दिया है। अभी यहां पर राधा स्वामी सत्संग ब्यास अस्पताल चला रहा है। लैंड सीलिंग एक्ट के हिसाब से दान की हुई जमीन ट्रांसफर नहीं की जा सकती। ऐसे में कांग्रेस सरकार एक्ट में संशोधन लाना चाह रही है। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में तकरार देखने को मिल सकती है, क्योंकि पूर्व बीजेपी सरकार भी इसमें संशोधन करना चाह रही थी। मगर तब विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने इसे हिमाचल को बेचने जैसा प्रयास बताया था। बीजेपी कल करेगी प्रदर्शन वहीं BJP ने सत्र के पहले दिन ही धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। इसे देखते हुए भी सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों विधायक दल में रणनीति बनाएंगे।