शिमला में दृष्टिबाधितों ने सड़क जाम की:नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन, 3 घंटे तक धरने पर बैठें रहे, लंबा ट्रैफिक जाम लगा

शिमला में दृष्टिबाधितों ने सड़क जाम की:नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन, 3 घंटे तक धरने पर बैठें रहे, लंबा ट्रैफिक जाम लगा

हिमाचल प्रदेश के दृष्टिबाधित बेरोजगारों ने सोमवार को नौकरी की मांग को लेकर सचिवालय छोटा शिमला के बाहर प्रदर्शन किया। दृष्टिबाधित बेरोजगार छोटा शिमला पुलिस थाने के सामने बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। इससे शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई और सड़क के दोनों ओर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इससे स्कूली बच्चों और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दृष्टिबाधित बेरोजगारों ने सुबह करीब साढ़े नौ बजे धरना शुरू किया। लगभग एक घंटे तक सड़क को पूरी तरह बंद किया गया। इसके बाद पुलिस ने इन्हें समझाने की कोशिश की और सड़क से हटने को कहा। इस दौरान इनकी पुलिस के साथ भी हल्की झड़प हुई। दृष्टिबाधित संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, वह पिछले 535 दिनों से हड़ताल पर हैं। यह उनका 11वां चक्का जाम है। सचिवालय के बाहर भी 12 दिनों से धरना चल रहा है। मगर सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया और बार बार आश्वासन दिए जा रहे हैं। 2 साल से बैकलॉग भर्ती की मांग: राजेश राजेश ठाकुर ने कहा, दृष्टिबाधित संघ दो साल से विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर बैकलॉग भर्ती की मांग कर रहा हैं। मगर नौकरी देने के बजाय उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। बीते सप्ताह छोटा शिमला में प्रदर्शन के दौरान एक दृष्टिबाधित बेरोजगार गिरकर गंभीर रूप से घायल भी हो गया। अपर शिमला की बसें वाया भट्टाकुफर भेजी दृष्टिबाधित संघ के चक्का जाम के दौरान पुलिस को शहर में यातायात व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा। अपर शिमला से राजधानी आने वाली बसों को वाया भट्टाकुफर-मल्याणा होते हुए आईएसबीटी भेजा गया। मगर शिमला से संजौली और संजौली से शिमला जाने वाले यात्री ट्रैफिक जाम में फंसे हुए हैं। वहीं संजौली से कुछ लोकल बसें वाया लक्कड़ बाजार होते हुए ओल्ड बस स्टैंड भेजी गई। दोपहर 12 बजे के बाद स्थिति सामान्य हो पाई और वाहनों की आवाजाही सुचारू ढंग से शुरू हो पाई। इससे पहले एक घंटे तक वन वे ही वाहन भेजे गए। हिमाचल प्रदेश के दृष्टिबाधित बेरोजगारों ने सोमवार को नौकरी की मांग को लेकर सचिवालय छोटा शिमला के बाहर प्रदर्शन किया। दृष्टिबाधित बेरोजगार छोटा शिमला पुलिस थाने के सामने बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। इससे शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई और सड़क के दोनों ओर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इससे स्कूली बच्चों और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दृष्टिबाधित बेरोजगारों ने सुबह करीब साढ़े नौ बजे धरना शुरू किया। लगभग एक घंटे तक सड़क को पूरी तरह बंद किया गया। इसके बाद पुलिस ने इन्हें समझाने की कोशिश की और सड़क से हटने को कहा। इस दौरान इनकी पुलिस के साथ भी हल्की झड़प हुई। दृष्टिबाधित संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, वह पिछले 535 दिनों से हड़ताल पर हैं। यह उनका 11वां चक्का जाम है। सचिवालय के बाहर भी 12 दिनों से धरना चल रहा है। मगर सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया और बार बार आश्वासन दिए जा रहे हैं। 2 साल से बैकलॉग भर्ती की मांग: राजेश राजेश ठाकुर ने कहा, दृष्टिबाधित संघ दो साल से विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर बैकलॉग भर्ती की मांग कर रहा हैं। मगर नौकरी देने के बजाय उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। बीते सप्ताह छोटा शिमला में प्रदर्शन के दौरान एक दृष्टिबाधित बेरोजगार गिरकर गंभीर रूप से घायल भी हो गया। अपर शिमला की बसें वाया भट्टाकुफर भेजी दृष्टिबाधित संघ के चक्का जाम के दौरान पुलिस को शहर में यातायात व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा। अपर शिमला से राजधानी आने वाली बसों को वाया भट्टाकुफर-मल्याणा होते हुए आईएसबीटी भेजा गया। मगर शिमला से संजौली और संजौली से शिमला जाने वाले यात्री ट्रैफिक जाम में फंसे हुए हैं। वहीं संजौली से कुछ लोकल बसें वाया लक्कड़ बाजार होते हुए ओल्ड बस स्टैंड भेजी गई। दोपहर 12 बजे के बाद स्थिति सामान्य हो पाई और वाहनों की आवाजाही सुचारू ढंग से शुरू हो पाई। इससे पहले एक घंटे तक वन वे ही वाहन भेजे गए।   हिमाचल | दैनिक भास्कर