पंजाब में चल रहे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट्स को लेकर केंद्र व राज्य के बीच चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है। आज मंगवार सीएम भगवंत मान ने भी एक खत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी की नाराजगी के जवाब में लिख दिया। जिसमें उन्होंने ने केंद्र को सहयोग का विश्वास दिलाते हुए स्पष्ट किया कि दो दर्ज FIR में ठेकेदारों की गलतियां सामने आई हैं। सीएम भगवंत मान ने दो पन्नों के इस खत को 5 पॉइंट्स में अपनी बात रखी। जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री गड़करी की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब भी दिया और प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी के बारे में भी बता दिया। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही नितिन गड़करी ने मुख्यमंत्री को खत लिख कर NHAI के प्रोजेक्ट्स को लेकर नाराजगी जताई थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी की ओर से लिखे गए इस पत्र में NHAI अफसरों और ठेकेदारों की सुरक्षा के लिए AAP सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए गए थे। गड़करी ने यह भी लिखा कि अगर पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति नहीं सुधरती और अफसरों-ठेकेदारों के साथ मारपीट की घटनाएं होती रहीं तो केंद्र सरकार पंजाब में NHAI से जुड़े प्रोजेक्ट्स बंद करने को मजबूर हो जाएगा। पंजाब में इस समय NHAI के 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं जिनकी लागत 14,288 करोड़ रुपए है। पढ़ें, सीएम मान ने केंद्रीय मंत्री को लिखे खत में क्या कहा- 1. सबसे पहले, मैं यह कहना चाहूंगा कि हम देश और राज्य दोनों के लिए एनएचएआई परियोजनाओं के महत्व को पूरी तरह से समझते हैं और हम इन परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण और अन्य संबंधित मामलों में एनएचएआई को सक्रिय रूप से समर्थन दे रही है। यही कारण है कि कुछ अपवादों को छोड़कर अधिकांश एन.एच.ए.आई राज्य में परियोजनाएं पटरी पर हैं। 2. आपके द्वारा संदर्भित दोनों मामलों में, स्थानीय पुलिस ने तुरंत कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की। इसके अलावा इन दोनों मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि एक घटना एनएचएआई ठेकेदार द्वारा भूमि की अत्यधिक खुदाई का परिणाम थी। दूसरी घटना ठेकेदार द्वारा अपने उप-ठेकेदार को वित्तीय बकाया का भुगतान न करने का परिणाम थी। इस प्रकार, दोनों मामले ठेकेदार के कारण जिम्मेदार कारणों से उत्पन्न हुए। विशेष DGP (कानून एवं व्यवस्था) की विस्तृत रिपोर्ट इसके साथ संलग्न है। इन सबके बावजूद, पंजाब पुलिस बेहतरीन बलों में से एक होने के नाते एनएचएआई की सुरक्षा चिंताओं का ध्यान रखने के लिए प्रतिबद्ध है। स्थानीय पुलिस को कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में गश्ती दल तैनात करने का निर्देश दिया गया है। 3. जहां तक भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों का सवाल है, तो आपको ऐसा करना ही होगा। इस बात की सराहना करें कि राज्य के किसान अपनी भूमि से गहराई से जुड़े हुए हैं, क्योंकि यह उनकी बेशकीमती संपत्ति है और उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। इसके अलावा, पंजाब में जमीन की कीमतें ऊंचे स्तर पर हैं। यदि हमारे किसानों को लगता है कि मुआवजा पर्याप्त नहीं है तो वे अपनी जमीनें छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे कई मामले हैं जिनमें किसान मध्यस्थों द्वारा दिए गए पैसों से संतुष्ट थे और निर्धारित दरों पर अपनी जमीन का कब्जा एनएचएआई को सौंपने को तैयार थे। हालाँकि, एनएचएआई मध्यस्थ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया या फैसले को स्वीकार करने में अत्यधिक लंबा समय लिया। इससे अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी हुई। इसी तरह, ऐसे कई मामले हैं जिनमें जमीन का कब्जा एनएचएआई को दे दिया गया, लेकिन एनएचएआई के ठेकेदारों ने अपनी मशीनरी जुटाने और काम शुरू करने में काफी समय लगा दिया। बीच में किसान फिर से जमीन पर खेती करने लगे। एक बार जब राज्य के अधिकारियों ने भूमि का कब्ज़ा एनएचएआई को दे दिया है, तो कब्ज़ा बनाए रखना एनएचएआई या उसके ठेकेदारों का कर्तव्य है। 4. मेरे निर्देश पर, मुख्य सचिव पहले से ही एनएचएआई के सामने आने वाली बाधाओं को हल करने के लिए उपायुक्तों और आरओ एनएचएआई के साथ नियमित समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। इसके अलावा, मैं व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर किसानों के साथ जुड़ने की योजना बना रहा हूं। 5. अंत में, मैं फिर से यह उल्लेख करना चाहूंगा कि हमारी सरकार एनएचएआई को उसके प्रयासों में समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है और हम देश और राज्य की प्रगति के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। मुख्यमंत्री मान की तरफ से भेजा गया लैटर- बीते दिन ही गवर्नर ने NHAI अधिकारियों से की थी बात ये मामला तब बढ़ा जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मुलाकात की। उन्होंने फिलहाल पंजाब सरकार को तो इन मामलों में कुछ नहीं कहा, लेकिन स्पष्ट किया कि हर तीन महीने में वे इस तरह की बैठकें करेंगे। जिसमें वे पंजाब में चल रहे केंद्र के प्रोजेक्ट्स की विस्तृत जानकारियां हासिल करेंगे। जानें क्या कहा था केंद्रीय मंत्री ने नितिन गडकरी ने गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र में लिख कर राज्य में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पर हाल में हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। इस प्रोजेक्ट का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे जुड़ी तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में FIR दर्ज की गई लेकिन अपराधियों पर सख्त एक्शन नहीं लिया गया। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई थी। यहां दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के ठेकेदार के कैंप पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों-कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में NHAI के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी मगर पुलिस ने न तो FIR दर्ज नहीं की और न हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने लेटर में लिखा- मेरी जानकारी में आया है कि पंजाब में स्थिति और खराब हो रही है। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए कई ठेकेदार काम करने से इनकार कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के चलते केंद्र को पंजाब में पहले भी 104 किलोमीटर के प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अभी भी पंजाब सरकार की ओर से NHAI के काम में अड़चने खड़ी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो राज्य में 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स बन करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो यह कॉरिडोर किसी काम का नहीं रहेगा। पंजाब में चल रहे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट्स को लेकर केंद्र व राज्य के बीच चल रहा विवाद बढ़ता जा रहा है। आज मंगवार सीएम भगवंत मान ने भी एक खत केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी की नाराजगी के जवाब में लिख दिया। जिसमें उन्होंने ने केंद्र को सहयोग का विश्वास दिलाते हुए स्पष्ट किया कि दो दर्ज FIR में ठेकेदारों की गलतियां सामने आई हैं। सीएम भगवंत मान ने दो पन्नों के इस खत को 5 पॉइंट्स में अपनी बात रखी। जिसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री गड़करी की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब भी दिया और प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी के बारे में भी बता दिया। गौरतलब है कि तीन दिन पहले ही नितिन गड़करी ने मुख्यमंत्री को खत लिख कर NHAI के प्रोजेक्ट्स को लेकर नाराजगी जताई थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी की ओर से लिखे गए इस पत्र में NHAI अफसरों और ठेकेदारों की सुरक्षा के लिए AAP सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए गए थे। गड़करी ने यह भी लिखा कि अगर पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति नहीं सुधरती और अफसरों-ठेकेदारों के साथ मारपीट की घटनाएं होती रहीं तो केंद्र सरकार पंजाब में NHAI से जुड़े प्रोजेक्ट्स बंद करने को मजबूर हो जाएगा। पंजाब में इस समय NHAI के 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं जिनकी लागत 14,288 करोड़ रुपए है। पढ़ें, सीएम मान ने केंद्रीय मंत्री को लिखे खत में क्या कहा- 1. सबसे पहले, मैं यह कहना चाहूंगा कि हम देश और राज्य दोनों के लिए एनएचएआई परियोजनाओं के महत्व को पूरी तरह से समझते हैं और हम इन परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण और अन्य संबंधित मामलों में एनएचएआई को सक्रिय रूप से समर्थन दे रही है। यही कारण है कि कुछ अपवादों को छोड़कर अधिकांश एन.एच.ए.आई राज्य में परियोजनाएं पटरी पर हैं। 2. आपके द्वारा संदर्भित दोनों मामलों में, स्थानीय पुलिस ने तुरंत कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की। इसके अलावा इन दोनों मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। हालांकि, जांच में यह पाया गया कि एक घटना एनएचएआई ठेकेदार द्वारा भूमि की अत्यधिक खुदाई का परिणाम थी। दूसरी घटना ठेकेदार द्वारा अपने उप-ठेकेदार को वित्तीय बकाया का भुगतान न करने का परिणाम थी। इस प्रकार, दोनों मामले ठेकेदार के कारण जिम्मेदार कारणों से उत्पन्न हुए। विशेष DGP (कानून एवं व्यवस्था) की विस्तृत रिपोर्ट इसके साथ संलग्न है। इन सबके बावजूद, पंजाब पुलिस बेहतरीन बलों में से एक होने के नाते एनएचएआई की सुरक्षा चिंताओं का ध्यान रखने के लिए प्रतिबद्ध है। स्थानीय पुलिस को कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए क्षेत्र में गश्ती दल तैनात करने का निर्देश दिया गया है। 3. जहां तक भूमि अधिग्रहण से संबंधित मुद्दों का सवाल है, तो आपको ऐसा करना ही होगा। इस बात की सराहना करें कि राज्य के किसान अपनी भूमि से गहराई से जुड़े हुए हैं, क्योंकि यह उनकी बेशकीमती संपत्ति है और उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। इसके अलावा, पंजाब में जमीन की कीमतें ऊंचे स्तर पर हैं। यदि हमारे किसानों को लगता है कि मुआवजा पर्याप्त नहीं है तो वे अपनी जमीनें छोड़ने को तैयार नहीं हैं। ऐसे कई मामले हैं जिनमें किसान मध्यस्थों द्वारा दिए गए पैसों से संतुष्ट थे और निर्धारित दरों पर अपनी जमीन का कब्जा एनएचएआई को सौंपने को तैयार थे। हालाँकि, एनएचएआई मध्यस्थ के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया या फैसले को स्वीकार करने में अत्यधिक लंबा समय लिया। इससे अधिग्रहण प्रक्रिया में देरी हुई। इसी तरह, ऐसे कई मामले हैं जिनमें जमीन का कब्जा एनएचएआई को दे दिया गया, लेकिन एनएचएआई के ठेकेदारों ने अपनी मशीनरी जुटाने और काम शुरू करने में काफी समय लगा दिया। बीच में किसान फिर से जमीन पर खेती करने लगे। एक बार जब राज्य के अधिकारियों ने भूमि का कब्ज़ा एनएचएआई को दे दिया है, तो कब्ज़ा बनाए रखना एनएचएआई या उसके ठेकेदारों का कर्तव्य है। 4. मेरे निर्देश पर, मुख्य सचिव पहले से ही एनएचएआई के सामने आने वाली बाधाओं को हल करने के लिए उपायुक्तों और आरओ एनएचएआई के साथ नियमित समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। इसके अलावा, मैं व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे पर किसानों के साथ जुड़ने की योजना बना रहा हूं। 5. अंत में, मैं फिर से यह उल्लेख करना चाहूंगा कि हमारी सरकार एनएचएआई को उसके प्रयासों में समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है और हम देश और राज्य की प्रगति के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। मुख्यमंत्री मान की तरफ से भेजा गया लैटर- बीते दिन ही गवर्नर ने NHAI अधिकारियों से की थी बात ये मामला तब बढ़ा जब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ पंजाब के नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मुलाकात की। उन्होंने फिलहाल पंजाब सरकार को तो इन मामलों में कुछ नहीं कहा, लेकिन स्पष्ट किया कि हर तीन महीने में वे इस तरह की बैठकें करेंगे। जिसमें वे पंजाब में चल रहे केंद्र के प्रोजेक्ट्स की विस्तृत जानकारियां हासिल करेंगे। जानें क्या कहा था केंद्रीय मंत्री ने नितिन गडकरी ने गडकरी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र में लिख कर राज्य में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- मुझे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पर हाल में हुई दो अलग-अलग घटनाओं के बारे में पता चला। इस प्रोजेक्ट का जो हिस्सा जालंधर जिले में आता है, वहां काम कर रहे एक ठेकेदार के इंजीनियर को बेरहमी से पीटा गया। मैं इससे जुड़ी तस्वीर भी भेज रहा हूं। इस घटना के संबंध में FIR दर्ज की गई लेकिन अपराधियों पर सख्त एक्शन नहीं लिया गया। गडकरी ने अपने पत्र में जिस दूसरी घटना का जिक्र किया है, वह लुधियाना जिले में हुई थी। यहां दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के ठेकेदार के कैंप पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरों ने कैंप में मौजूद इंजीनियरों-कर्मचारियों को जिंदा जलाने की धमकी दी। इस मामले में NHAI के अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी मगर पुलिस ने न तो FIR दर्ज नहीं की और न हमला करने वाले बदमाशों को पकड़ा। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई का अनुरोध किया था। प्रोजेक्ट बंद करने का अल्टीमेटम गडकरी ने अपने लेटर में लिखा- मेरी जानकारी में आया है कि पंजाब में स्थिति और खराब हो रही है। सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए कई ठेकेदार काम करने से इनकार कर रहे हैं। इसी तरह की घटनाओं के चलते केंद्र को पंजाब में पहले भी 104 किलोमीटर के प्रोजेक्ट बंद करने पड़े थे। उन प्रोजेक्ट की कुल लागत 3263 करोड़ थी। अगर अभी भी पंजाब सरकार की ओर से NHAI के काम में अड़चने खड़ी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो राज्य में 293KM लंबे प्रोजेक्ट्स बन करने पड़ेंगे। दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट 14288 करोड़ का है। अगर इसे बंद करना पड़ा तो यह कॉरिडोर किसी काम का नहीं रहेगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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