पंजाब में 4 सीटों पर विधानसभा के उप-चुनाव हो रहे हैं। सभी सीटों पर केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू चुनाव प्रचार करने पहुंच रहे हैं। उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बिट्टू चूरापोस्त का समर्थन करते नजर आए। वीडियो में बिट्टू जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वह केंद्र सरकार से चूरापोस्त व अन्य पारंपरिक चीजों के बंद होने के बारे जरूर बात करेंगे। चूरापोस्त व अन्य चीजों के बंद होने से हुआ पंजाब को नुकसान बिट्टू ने कहा कि चूरापोस्त या अन्य चीजों पर पाबंदी लगने के कारण पंजाब को काफी नुकसान हुआ है। पारंपरिक चीजों का इस्तेमाल करके पंजाब के लोग कड़ी मेहनत करते थे। पंजाब के लोग ही हरित क्रांति लाए है। इन पर प्रतिबंध लगाने से चिट्टा (हेरोइन) पंजाब में आ गया। इस बड़े फैसले पर केंद्र सरकार से चर्चा कर इसे फिर से शुरू करवाने के लिए पुनर्विचार किया जाएगा। बता दें कि, इससे पहले पिछले साल पंजाब के पंचायत व कृषि मंत्री रहे कुलदीप धालीवाल ने भी पंजाब में अफीम की खेती का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि पंजाब में अफीम की खेती पर सरकार विचार कर सकती है। उस समय उन्होंने कहा था कि अगर किसानों को अफीम की खेती से फायदा होता है तो जरूर इस पर विचार किया जा सकता है। पंजाब में 4 सीटों पर विधानसभा के उप-चुनाव हो रहे हैं। सभी सीटों पर केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू चुनाव प्रचार करने पहुंच रहे हैं। उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बिट्टू चूरापोस्त का समर्थन करते नजर आए। वीडियो में बिट्टू जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि वह केंद्र सरकार से चूरापोस्त व अन्य पारंपरिक चीजों के बंद होने के बारे जरूर बात करेंगे। चूरापोस्त व अन्य चीजों के बंद होने से हुआ पंजाब को नुकसान बिट्टू ने कहा कि चूरापोस्त या अन्य चीजों पर पाबंदी लगने के कारण पंजाब को काफी नुकसान हुआ है। पारंपरिक चीजों का इस्तेमाल करके पंजाब के लोग कड़ी मेहनत करते थे। पंजाब के लोग ही हरित क्रांति लाए है। इन पर प्रतिबंध लगाने से चिट्टा (हेरोइन) पंजाब में आ गया। इस बड़े फैसले पर केंद्र सरकार से चर्चा कर इसे फिर से शुरू करवाने के लिए पुनर्विचार किया जाएगा। बता दें कि, इससे पहले पिछले साल पंजाब के पंचायत व कृषि मंत्री रहे कुलदीप धालीवाल ने भी पंजाब में अफीम की खेती का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि पंजाब में अफीम की खेती पर सरकार विचार कर सकती है। उस समय उन्होंने कहा था कि अगर किसानों को अफीम की खेती से फायदा होता है तो जरूर इस पर विचार किया जा सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोहाली के कर्नल मनप्रीत सिंह को कीर्ति चक्र:अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान हुए थे शहीद, 2003 में हुए थे भर्ती
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शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह मरने से 2 साल पहले सेना पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे। वह 19 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। 2021 में अंधाधुंध गोलीबारी करने वाले आतंकवादियों से इसी बटालियन ने सामना किया था। तब मनप्रीत सिंह ने आतंकवादियों को मार गिराया था। इसी बटालियन ने 2016 में आतंकवादी बुरहान वानी को मारा था। 2003 में लेफ्टिनेंट के पद पर हुए थे भर्ती
शहीद मनप्रीत सिंह 2003 में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हुए थे। 2020 में वह कर्नल बने थे। उनके पिता अपनी रिटायरमेंट के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में सुरक्षाकर्मी के तौर पर काम करने लग गए थे। उनकी मृत्यु जॉब के दौरान हुई थी। इसलिए शहीद मनप्रीत सिंह के छोटे भाई संदीप सिंह को नॉन टीचिंग स्टाफ में भर्ती किया गया था। वह अभी पंजाब यूनिवर्सिटी में ही काम करते हैं।