पंजाब के मोगा जिले में नशे के ओवरडोज से 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक परिवार का इकलौता बेटा था। करीब 2 साल पहले उसे नशे की लत लग गई थी। मृतक की पहचान मोगा के लोहारा गांव के हरमन सिंह के रूप में हुई है। परिवार ने शर्म के कारण पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी। जिसके बाद धर्मकोट पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। भले ही आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने ड्रग माफिया-पुलिस गठजोड़ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की हो और कम से कम 10,000 पुलिसकर्मियों को इधर से उधर किया हो, लेकिन इसके बावजूद मौतों का सिलसिला जारी है। पिछले दो हफ्तों में अकेले मोगा जिले में तीसरी मौत की खबर आई है। वीडियो में युवक के पास नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शन साफ देखे जा सकते हैं, लेकिन पुलिस ने इस पर कार्रवाई नहीं की और सिर्फ धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया। हरमन की मौत से पहले भलूर गांव में कथित तौर पर नशे की लत के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी। रविवार को घर से लड़ कर निकल गया था हरमन हरमन के माता-पिता ने कहा कि उनका बेटा रविवार को घर से निकला था और तब से लापता था। उनका बेटा करीब दो साल से नशा कर रहा था। वहीं गांव के सरपंच करमजीत सिंह गिल ने कहा कि उनके क्षेत्र में नशा फैला हुआ है और युवाओं की जान ले रहा है। यहां के युवा भी अब माता-पिता के हाथ से निकल रहे हैं। 2-3 साल से कर रहा था नशा धर्मकोट पुलिस स्टेशन के SHO इंस्पेक्टर नवदीप सिंह ने कहा कि मृतक युवक के परिवार ने शिकायत दर्ज नहीं कराई। जिसके बाद CRPC की धारा 174 के तहत जांच कार्यवाही दर्ज की गई है। मृतक के पिता के अनुसार हरमन लगभग तीन साल से दौरे से पीड़ित थे। वह नशे का आदी था और उसने नशामुक्ति का इलाज भी कराया था। 2-3 साल पहले जब उसने नशीली गोलियों का सेवन शुरू किया तो उसे इसकी लत लग गई। बिना पोस्टमॉर्टम किया संस्कार रविवार को जब पिता ने मोटरसाइकिल दिलाने से इनकार किया तो वे घर से लड़ कर चला गया। बीते बुधवार उसका शव कंडियाल गांव के पास मिला। परिवार ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाने से इनकार कर दिया और उसका संस्कार कर दिया। पंजाब के मोगा जिले में नशे के ओवरडोज से 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मृतक परिवार का इकलौता बेटा था। करीब 2 साल पहले उसे नशे की लत लग गई थी। मृतक की पहचान मोगा के लोहारा गांव के हरमन सिंह के रूप में हुई है। परिवार ने शर्म के कारण पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी। जिसके बाद धर्मकोट पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। भले ही आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने ड्रग माफिया-पुलिस गठजोड़ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की हो और कम से कम 10,000 पुलिसकर्मियों को इधर से उधर किया हो, लेकिन इसके बावजूद मौतों का सिलसिला जारी है। पिछले दो हफ्तों में अकेले मोगा जिले में तीसरी मौत की खबर आई है। वीडियो में युवक के पास नशे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शन साफ देखे जा सकते हैं, लेकिन पुलिस ने इस पर कार्रवाई नहीं की और सिर्फ धारा 174 के तहत मामला दर्ज किया। हरमन की मौत से पहले भलूर गांव में कथित तौर पर नशे की लत के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी। रविवार को घर से लड़ कर निकल गया था हरमन हरमन के माता-पिता ने कहा कि उनका बेटा रविवार को घर से निकला था और तब से लापता था। उनका बेटा करीब दो साल से नशा कर रहा था। वहीं गांव के सरपंच करमजीत सिंह गिल ने कहा कि उनके क्षेत्र में नशा फैला हुआ है और युवाओं की जान ले रहा है। यहां के युवा भी अब माता-पिता के हाथ से निकल रहे हैं। 2-3 साल से कर रहा था नशा धर्मकोट पुलिस स्टेशन के SHO इंस्पेक्टर नवदीप सिंह ने कहा कि मृतक युवक के परिवार ने शिकायत दर्ज नहीं कराई। जिसके बाद CRPC की धारा 174 के तहत जांच कार्यवाही दर्ज की गई है। मृतक के पिता के अनुसार हरमन लगभग तीन साल से दौरे से पीड़ित थे। वह नशे का आदी था और उसने नशामुक्ति का इलाज भी कराया था। 2-3 साल पहले जब उसने नशीली गोलियों का सेवन शुरू किया तो उसे इसकी लत लग गई। बिना पोस्टमॉर्टम किया संस्कार रविवार को जब पिता ने मोटरसाइकिल दिलाने से इनकार किया तो वे घर से लड़ कर चला गया। बीते बुधवार उसका शव कंडियाल गांव के पास मिला। परिवार ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाने से इनकार कर दिया और उसका संस्कार कर दिया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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