हरियाणा के कैथल जिले की 20 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो गई हैं। इस उपलब्धि पर डीसी प्रशांत पंवार ने लघु सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों को महात्मा गांधी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डीसी प्रशांत पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान चलाकर लोगों को प्रोत्साहित कर रहा है। टीबी मुक्त हो चुकी पंचायतों को सम्मानित किया गया है। उन्होंने सम्मानित होने वाली ग्राम पंचायतों से आह्वान किया कि वे इस टीबी मुक्त गांव का दर्जा बरकरार रखें और वर्ष 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने में शत-प्रतिशत योगदान दें। टीबी मुक्त भारत में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का संदेश उन्होने सभी सदस्यों को निक्षय मित्र बनने बारे प्रेरित किया तथा जिला कैथल की सभी ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय कार्यक्रम टीबी मुक्त भारत में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का संदेश दिया। सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि राज्य क्षयरोग कार्यालय पंचकूला से आई टीम के द्वारा सर्वे के आंकलन करने के बाद जिले की 20 ग्राम पंचायतें चयनित की। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने गांवों के लिए कुछ पैरामीटर निर्धारित किए हुए थे। इन पैरामीटर को पूरा करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया। डीसी ने गांव मंझेड़ी, बुडनपुर गुजरान, छन्ना जाटान, हरनौला, जनेदपुर, सुल्तानिया करतारपुर, कसौली, खेड़ी दाबन, मेगामाजरा, फर्शमाजरा, डडवाना, धेरडू, भालंग, दुमाड़ा, कलासर, नरवलगढ़, सिल्ला खेड़ा, बदनारा, जठेड़ी व मुन्नारेहड़ी की ग्राम पंचायत को सम्मानित किया। ये हैं टीबी के लक्षण सीएमओ डॉ. रेनू चावला ने कहा कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होने, खांसी के साथ बलगम या खून आने, सांस लेने पर सीने में दर्द होने, बेचैनी और थकान महसूस होने, शरीर में दर्द बने रहना, रात में बुखार व पसीना आना तथा भूख कम लगना और वजन घटना आदि है। इस प्रकार के लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और इलाज लें। हरियाणा के कैथल जिले की 20 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो गई हैं। इस उपलब्धि पर डीसी प्रशांत पंवार ने लघु सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों को महात्मा गांधी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डीसी प्रशांत पंवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान चलाकर लोगों को प्रोत्साहित कर रहा है। टीबी मुक्त हो चुकी पंचायतों को सम्मानित किया गया है। उन्होंने सम्मानित होने वाली ग्राम पंचायतों से आह्वान किया कि वे इस टीबी मुक्त गांव का दर्जा बरकरार रखें और वर्ष 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने में शत-प्रतिशत योगदान दें। टीबी मुक्त भारत में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का संदेश उन्होने सभी सदस्यों को निक्षय मित्र बनने बारे प्रेरित किया तथा जिला कैथल की सभी ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय कार्यक्रम टीबी मुक्त भारत में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का संदेश दिया। सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि राज्य क्षयरोग कार्यालय पंचकूला से आई टीम के द्वारा सर्वे के आंकलन करने के बाद जिले की 20 ग्राम पंचायतें चयनित की। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने गांवों के लिए कुछ पैरामीटर निर्धारित किए हुए थे। इन पैरामीटर को पूरा करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया। डीसी ने गांव मंझेड़ी, बुडनपुर गुजरान, छन्ना जाटान, हरनौला, जनेदपुर, सुल्तानिया करतारपुर, कसौली, खेड़ी दाबन, मेगामाजरा, फर्शमाजरा, डडवाना, धेरडू, भालंग, दुमाड़ा, कलासर, नरवलगढ़, सिल्ला खेड़ा, बदनारा, जठेड़ी व मुन्नारेहड़ी की ग्राम पंचायत को सम्मानित किया। ये हैं टीबी के लक्षण सीएमओ डॉ. रेनू चावला ने कहा कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होने, खांसी के साथ बलगम या खून आने, सांस लेने पर सीने में दर्द होने, बेचैनी और थकान महसूस होने, शरीर में दर्द बने रहना, रात में बुखार व पसीना आना तथा भूख कम लगना और वजन घटना आदि है। इस प्रकार के लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और इलाज लें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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