अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को हरियाणा के कैथल में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक के बाद सुरजेवाला ने समर्थन मूल्य पर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी तो नहीं की, लेकिन उन्हें दर्द जरूर दिया। देश के किसानों ने 10 साल पुरानी मोदी सरकार को हराकर बैसाखी पर ला खड़ा किया, लेकिन बैसाखी के सहारे चल रही सरकार किसानों पर बर्बरता करने से बाज नहीं आ रही है। न तो किसानों के समर्थन मूल्य के लिए कानून बना रही है और न ही किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लागत से 50 प्रतिशत अधिक मुनाफा दे रही है। सत्ता में आने से पहले किसानों से किए दो बड़े वायदे खरीफ फसल 2024-25 का MSP ‘‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’’ पर निर्धारित नहीं किया गया। मोदी व भाजपा किसान से दो बड़े वादे कर सत्ता में आए। पहला वादा था, किसान के MSP को ‘‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’’ पर निर्धारित करना। दूसरा वायदा था कि इस एमएसपी निर्धारण के फॉर्मूले से साल 2022 तक देश के 62 करोड़ किसान की आय दोगुनी हो जाना। दोनों बातें सफेद झूठ साबित हुई हैं। ख़रीफ़ की फसलों MSP निर्धारित करते हुए मोदी सरकार ने न तो भाजपा शासित प्रांतों की सिफारिश मानी, और न ही लागत+50 प्रतिशत मुनाफा के आधार पर MSP निर्धारित किया। भाजपाई डीएनए ही किसान विरोधी है। मोदी सरकार की सत्ता स्वभाव से ही निर्दयी, क्रूर, व किसान विरोधी है। भाजपाई जनतंत्र देश के किसान का ‘जानलेवा तंत्र’ बन गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार को हरियाणा के कैथल में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। बैठक के बाद सुरजेवाला ने समर्थन मूल्य पर भाजपा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी तो नहीं की, लेकिन उन्हें दर्द जरूर दिया। देश के किसानों ने 10 साल पुरानी मोदी सरकार को हराकर बैसाखी पर ला खड़ा किया, लेकिन बैसाखी के सहारे चल रही सरकार किसानों पर बर्बरता करने से बाज नहीं आ रही है। न तो किसानों के समर्थन मूल्य के लिए कानून बना रही है और न ही किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लागत से 50 प्रतिशत अधिक मुनाफा दे रही है। सत्ता में आने से पहले किसानों से किए दो बड़े वायदे खरीफ फसल 2024-25 का MSP ‘‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’’ पर निर्धारित नहीं किया गया। मोदी व भाजपा किसान से दो बड़े वादे कर सत्ता में आए। पहला वादा था, किसान के MSP को ‘‘लागत+50 प्रतिशत मुनाफा’’ पर निर्धारित करना। दूसरा वायदा था कि इस एमएसपी निर्धारण के फॉर्मूले से साल 2022 तक देश के 62 करोड़ किसान की आय दोगुनी हो जाना। दोनों बातें सफेद झूठ साबित हुई हैं। ख़रीफ़ की फसलों MSP निर्धारित करते हुए मोदी सरकार ने न तो भाजपा शासित प्रांतों की सिफारिश मानी, और न ही लागत+50 प्रतिशत मुनाफा के आधार पर MSP निर्धारित किया। भाजपाई डीएनए ही किसान विरोधी है। मोदी सरकार की सत्ता स्वभाव से ही निर्दयी, क्रूर, व किसान विरोधी है। भाजपाई जनतंत्र देश के किसान का ‘जानलेवा तंत्र’ बन गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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