हरियाणा में नायब सैनी सरकार अब प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए काम कर रही है, अब हरियाणा को पूरी तरह से नशा मुक्त करना करने लिए सरकार के आदेश पुलिस विभाग को मिले हैं, जिनमें 20 साल पुराने दर्ज मामलों में नशा तस्करों का रिकॉर्ड खंगाल जाए और जो लोग अभी नशा तस्करी में शामिल हैं उनके ऊपर कार्रवाई की जाए। इसको कैथल पुलिस भी जिले के हर थाने में 20 साल पूर्व के नशा तस्करों का रिकॉर्ड खंगाला गया और उनकी रिपोर्ट तैयार कर उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई। ताकि दोबारा से कोई भी नशा तस्कर इस धंधे में एक्टिव ना रहे। इसके लिए थाना शहर के एसएचओ बीर सिंह ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देशों अनुसार रविवार की सुबह शहर में पांच टीमों का गठन किया गया। जिन्होंने लगभग 100 ऐसे नशा तस्करों के ठिकानों पर छापे मारे, जो पिछले 20 साल में नशा तस्करी में एक्टिव रहे है। लेकिन पुलिस को कहीं भी कुछ नशे से संबंधित सामग्री नहीं मिली। पुलिस का कहना है कि पुलिस की सख्ती के कारण ऐसा संभव हो पाया कि लोग नशा तस्करी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कुछ ऐसे चिन्हित स्थानों पर लोगों को इकट्ठा किया और उनसे बातचीत की और समझाया कि नशा तस्करी एक अपराध है। जिसको दूर करने के लिए आमजन को भी सरकार का साथ देना होगा, प्रदेश में नशा तस्करों पर सरकार भी पूरी तरह से सख्त हैं, अगर कोई भी व्यक्ति नशा तस्करी में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, इसके अलावा जो कोई व्यक्ति नशा तस्कर के खिलाफ पुलिस को इसकी सूचना देगा तो पुलिस द्वारा उसे सम्मानित भी किया जाएगा और उसका नाम भी गुप्त रखा जाएगा। हरियाणा में नायब सैनी सरकार अब प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए काम कर रही है, अब हरियाणा को पूरी तरह से नशा मुक्त करना करने लिए सरकार के आदेश पुलिस विभाग को मिले हैं, जिनमें 20 साल पुराने दर्ज मामलों में नशा तस्करों का रिकॉर्ड खंगाल जाए और जो लोग अभी नशा तस्करी में शामिल हैं उनके ऊपर कार्रवाई की जाए। इसको कैथल पुलिस भी जिले के हर थाने में 20 साल पूर्व के नशा तस्करों का रिकॉर्ड खंगाला गया और उनकी रिपोर्ट तैयार कर उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई। ताकि दोबारा से कोई भी नशा तस्कर इस धंधे में एक्टिव ना रहे। इसके लिए थाना शहर के एसएचओ बीर सिंह ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देशों अनुसार रविवार की सुबह शहर में पांच टीमों का गठन किया गया। जिन्होंने लगभग 100 ऐसे नशा तस्करों के ठिकानों पर छापे मारे, जो पिछले 20 साल में नशा तस्करी में एक्टिव रहे है। लेकिन पुलिस को कहीं भी कुछ नशे से संबंधित सामग्री नहीं मिली। पुलिस का कहना है कि पुलिस की सख्ती के कारण ऐसा संभव हो पाया कि लोग नशा तस्करी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कुछ ऐसे चिन्हित स्थानों पर लोगों को इकट्ठा किया और उनसे बातचीत की और समझाया कि नशा तस्करी एक अपराध है। जिसको दूर करने के लिए आमजन को भी सरकार का साथ देना होगा, प्रदेश में नशा तस्करों पर सरकार भी पूरी तरह से सख्त हैं, अगर कोई भी व्यक्ति नशा तस्करी में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, इसके अलावा जो कोई व्यक्ति नशा तस्कर के खिलाफ पुलिस को इसकी सूचना देगा तो पुलिस द्वारा उसे सम्मानित भी किया जाएगा और उसका नाम भी गुप्त रखा जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बेटे की हार पर फूटा पूर्व कांग्रेस मंत्री का गुस्सा:अजय बोले-हमने अपने दम पर प्रचारक बुलाए, मैं फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को सब बताऊंगा हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में घमासान मच गया है। कांग्रेस OBC सेल के राष्ट्रीय चेयरमैन और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव लगातार पार्टी नेताओं पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा- फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को आने दीजिए। हम जरूर बताएंगे कि चुनाव में क्या-क्या हुआ। कैप्टन ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के कई अलग-अलग कारण गिनाएं। इनमें EVM, फिरोजपुर-झिरका सीट से चुनाव जीते नूंह हिंसा के आरोपी मामन खान के अलावा सीनियर नेताओं द्वारा खुद को दरकिनार करने जैसे कारण गिनाएं। दरअसल, कैप्टन अजय यादव के बेटे और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव ने 28 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया। बेटे की हार के बाद कैप्टन अजय यादव का गुस्सा लगातार सीनियर नेताओं पर फूट रहा है। कैप्टन में कहीं 5 बड़ी बातें 1. कैंपेन कमेटी ने हमसे संपर्क नहीं किया
कैप्टन अजय यादव ने कहा कि हम लोगों से पूरे चुनाव में कैंपेन कमेटी के किसी भी सदस्य ने संपर्क नहीं किया। किस तरीके से रणनीति बनाना है, किस तरह से लोगों के बीच पहुंचना है। हमें कुछ नहीं बताया गया। हमने तो अपने दम पर अपने हिसाब से प्रचार करने के लिए लोगों को अपने क्षेत्र में बुलाया। 2. सीएम कौन, इसमें व्यस्त रहे नेता
हमारे नेता सीएम कौन, सीएम कौन में व्यस्त थे। पीसीसी प्रेसिडेंट खुद चुनाव लड़ रहे थे। प्रभारी बीमार हो गए थे। प्रभारी अगर बीमार थे तो उनको अपनी जगह सीनियर्स को कह कर किसी और को प्रभारी बनवाना चाहिए था। ताकि वह चुनावों के ठीक पहले तमाम जरूरत को पूरा कर पाते। हमारी बात सुनने के लिए कोई फ्रंट फुट पर उपलब्ध नहीं था। 3. मुख्यमंत्री का फैसला विधायक दल की बैठक में होता है
जब चुनाव होते हैं तो सबसे बड़ा लक्ष्य जीतने का होता है। उस वक्त मुख्यमंत्री बनने की बातें मीडिया में आती हैं तो वह पार्टी के लिए कोई अच्छे संकेत नही हैं। पहले बहुमत तो आने दीजिए। उसके बाद ही आप क्लेम करें। कौन मुख्यमंत्री होगा। इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होता है। इसके बाद हाईकमान जिसे चाहे उसका नाम मुख्यमंत्री के लिए मनोनीत कर सकता है 4. मामन खान के बयान का असर पड़ा
मामन खान ने जो बयान दिया वो दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्हें जनता से इस बात को लेकर माफी मांगनी चाहिए। उनकी जीत में कोई शंका नहीं थी, लेकिन उनके बयान का असर बाकी जगह पड़ा। ये बात मैं पहले भी कह सकता था, लेकिन चुनाव के बीच इस तरह की बात कहना मैंने ठीक नहीं समझा। 5. संगठन में बदलाव की जरूरत
संगठन में आज बदलाव की जरूरत है। आज तक हमारे जिला अध्यक्ष नहीं बन पाए ना ही ब्लॉक अध्यक्ष बन पाए। ये आत्मचिंतन की बात है। इस चुनाव में हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हमारा संगठन नहीं होना ही था। कैप्टन खुद और बेटे चिरंजीव रह चुके विधायक
बता दें कि रेवाड़ी विधानसभा सीट से कैप्टन अजय यादव लगातार 6 बार चुनाव जीते। कैप्टन ने 1991 में हुए उप चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की थी। इसके बाद वह इस सीट पर 2014 तक विधायक रहे। हालांकि 2014 के चुनाव में हार के बाद कैप्टन अजय यादव ने 2019 में अपने बेटे चिरंजीव राव को चुनाव लड़ाया। उस चुनाव में चिरंजीव राव ने जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार चिरंजीव राव चुनाव हार गए।
कांग्रेस-BJP हाईकमान ने हरियाणा की सीटवाइज रिपोर्ट तलब की:कांग्रेस बोली- पूर्ण बहुमत, 19 सीटों की अलग ब्यौरा भेजा; BJP बोली- हम जीत रहे
कांग्रेस-BJP हाईकमान ने हरियाणा की सीटवाइज रिपोर्ट तलब की:कांग्रेस बोली- पूर्ण बहुमत, 19 सीटों की अलग ब्यौरा भेजा; BJP बोली- हम जीत रहे हरियाणा में वोटिंग के बाद कांग्रेस और BJP हाईकमान ने प्रदेश के नेताओं से सभी 90 सीटों की रिपोर्ट तलब कर ली है। कांग्रेस हाईकमान ने तो सीधे पूछा है कि पार्टी कितनी सीटें जीतकर सत्ता में आ रही है। प्रदेश कांग्रेस की भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें पूर्ण बहुमत मिल रहा है। जिससे सरकार बननी तय है। कांग्रेस ने उन 19 सीटों की रिपोर्ट भी भेजी है, जो BJP के साथ कड़े मुकाबले में फंसी हैं। जिन सीटों पर पार्टी सीधे चुनाव जीत रही है, उनकी डिटेल अलग से भेजी गई है। वहीं एग्जिट पोल में पिछड़ने वाली BJP भी हर सीट से जानकारी जुटा चुकी है। हालांकि CM नायब सैनी एग्जिट पोल्स को झुठलाकर दावा कर चुके हैं कि उनके पास वोटिंग की सारी रिपोर्ट आ चुकी हैं। BJP बहुमत के साथ सरकार बना रही है। उन्हें किसी से गठबंधन तक की जरूरत नहीं पड़ेगी। BJP प्रभारी बोले- तीसरी बार सरकार बनाएंगे
भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा प्रभारी सतीश पूनिया का कहना है कि भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी। प्रदेश की जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है। उनका कहना है कि कार्यवाहक सीएम नायब सैनी के सरकार बनाने के दावे से वे सहमत हैं। कांग्रेस प्रभारी का दावा- 60 सीटें जीतेंगे
टिकट बंटवारे के तुरंत बाद बीमार पड़े कांग्रेस पार्टी के प्रभारी दीपक बाबरिया अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं। वह अभी गुजरात में ट्रिटमैंट करा रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी को जनता ने पूरा समर्थन दिया है और कांग्रेस 60 सीट जीतकर सरकार बनाएगी। भाजपा को प्रदेश की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है। एग्जिट पोल को लेकर किसने क्या कहा…. कांग्रेस अध्यक्ष बोले- 70 सीटें जीत रहे
हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने कहा कि इस बार कांग्रेस 70 के आसपास सीटें जीत रही है। उनके मुताबिक इस बार कांग्रेस 2005 में जीतीं 67 सीटों से भी ज्यादा सीटें जीतेगी। 8 अक्टूबर के सारे दावे ध्वस्त होंगे
इनेलो महासचिव अभय चौटाला ने कहा- जो भी लोग 8 अक्टूबर को सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं, 8 अक्टूबर को उनके सारे दावे ध्वस्त होने वाले हैं। अनिल विज बोले- मेरी वोटिंग बढ़ी, हुड्डा की घटी, रुझान BJP के पक्ष में
पूर्व BJP मंत्री अनिल विज ने कहा कि ऐसे एग्जिट पोल्स की हवा पहले भी निकली है। भूपेंद्र हुड्डा की सीट पर वोटिंग प्रतिशत कम हुआ है और अंबाला कैंट की सीट पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है जिससे साफ है कि प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ रुझान बढ़ा है।
हरियाणा में ग्रुप C भर्ती से पहले शॉर्टलिस्टिंग पर विवाद:HSSC उसी फॉर्मूले को लागू कर रहा, जिसे हाईकोर्ट खारिज कर चुका
हरियाणा में ग्रुप C भर्ती से पहले शॉर्टलिस्टिंग पर विवाद:HSSC उसी फॉर्मूले को लागू कर रहा, जिसे हाईकोर्ट खारिज कर चुका हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने ग्रुप C के 15,755 पदों पर नई भर्ती के लिए कैंडिडेट शॉर्टलिस्ट करने का फॉर्मूला विवादों में घिरने लगा है। असल में आयोग ने समान शैक्षणिक योग्यता के लिए कैंडिडेट्स की शॉर्टलिस्टिंग अंकों के बजाय पदों के हिसाब से करने की योजना बनाई है। शॉर्टलिस्टिंग का ये वही तरीका है, जिसे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। ऐसे में अगर आयोग इसी फॉर्मूले पर चला तो मामला कोर्ट पहुंचने पर पूरी भर्ती पर अड़ंगा लग सकता है। हालांकि आयोग के अधिकारी अभी इस पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला आयोग ने पद बढ़ाकर भर्ती निकाली
HSSC ने ग्रुप C के पदों के लिए इस बार पद बढ़ाकर भर्ती निकाली है। पहले यह भर्ती 12,310 पदों पर होनी थी। इसके बाद इसमें 2 हजार पद और शामिल कर इसे 15 हजार 755 कर दिया गया। इसके लिए विज्ञापन जारी किया जा चुका है। आयोग कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के तहत इसके एग्जाम लेगा। शॉर्टलिस्टिंग का यह फॉर्मूला बनाया
आयोग ने भर्ती विज्ञापन में स्पष्ट किया कि एग्जाम एक साथ होगा। हालांकि कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट करने की सिलेक्शन पदों के हिसाब से होगी। इसमें अगर किसी विभाग में 30 पद हैं तो 5 गुना कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। अगर पदों की संख्या 30 से 40 के बीच है तो 150 और 40 से ज्यादा है तो 4 गुना को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। शॉर्टलिस्टिंग CET में मिले अंकों के आधार पर की जाएगी। श्रेणी और समूहों की वजह से विवाद
शॉर्टलिस्टिंग की प्रक्रिया में विवाद की वजह आयोग की श्रेणी या समूहों को लेकर है। आयोग सिविल सर्विस की तरह सीधे परीक्षा लेकर एक समान मेरिट नहीं निकाल रहा। इसकी जगह कैंडिडेट्स को आवेदन करते वक्त विभागों के लिहाज से बनाई श्रेणी और समूहों को भी चुनने के लिए कह रहा है। इस विवाद को ऐसे समझें… मान लीजिए, कैंडिडेट्स की शैक्षणिक योग्यता समान है। अगर किसी कैंडिडेट्स के अच्छे नंबर आए लेकिन कम पद की वजह से उसकी चॉइस वाले श्रेणी या समूह में वह शॉर्टलिस्ट होने से रह गया। दूसरी श्रेणी या समूह को उसने चॉइस के रूप में नहीं भरा लेकिन वहां चॉइस भरने वाले शॉर्टलिस्ट हुए कैंडिडेट से उसके नंबर ज्यादा हैं तो उसे सरकारी नौकरी के लिए मौका नहीं मिल पाएगा। हाईकोर्ट ने इसी वजह से खारिज किया था फॉर्मूला
CET एग्जाम को लेकर दायर एक याचिका में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आयोग के योग्यता के आधार पर शॉर्टलिस्टिंग के तरीके को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि आयोग के हलफनामे में कहा गया कि 63 समूहों में विभाजित 401 श्रेणियों के विज्ञापन में एक समान शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता थी। जिसमें आवेदन के वक्त ही विकल्प दिया गया था कि वे योग्यता और अनुभव के आधार पर विभिन्न श्रेणियों या समूहों के लिए आवेदन कर सकते हैं। हाईकोर्ट का मानना था कि जब शैक्षणिक योग्यता एक समान है तो फिर श्रेणी और समूह जैसे विकल्प रखने की क्या जरूरत है?। CET में जनरल कैटेगरी के पासिंग मार्क्स 48.75, रिजर्व के लिए 39
आयोग की तरफ से नई भर्ती के लिए कराए जाने वाले CET एग्जाम में पासिंग मार्क्स के लिए भी फैसला लिया जा चुका है। इसमें जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 48.75 और आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को न्यूनतम 39 अंक लेने जरूरी होंगे। इन पदों के लिए लिखित परीक्षा जुलाई 2024 में पूरी करने की तैयारी की जा रही है। एग्जाम में कुल 100 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न के उत्तर के 0.975 अंक मिलेंगे। OMR सीट में हर प्रश्न के उत्तर के 5 विकल्प होंगे। पांच में से किसी न किसी विकल्प को भरना होगा। अगर पांचों विकल्प खाली छोड़ दिए तो हर खाली छोड़े प्रश्न का 0.975 अंक को जाएंगे। बिना बोनस अंकों के होगी भर्ती
ग्रुप सी की यह भर्ती बिना बोनस अंकों के होगी। हरियाणा सरकार सामाजिक-आर्थिक आधार पर सालाना 1.80 लाख से कम इनकम वाले परिवारों के कैंडिडेट्स को 5 बोनस अंक देती थी। इसमें यह भी शर्त थी कि उनके परिवार में पहले से कोई सरकारी नौकरी पर न हो। मगर, हाल ही में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक तरह से आर्टिफिशियल रिजर्वेशन है। हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहरा दिया। जिसके बाद सरकार को अपने फैसले से पलटना पड़ा है।