हरियाणा के फतेहाबाद के भट्टू खंड निवासी एक पुलिस जवान की सीढ़ियों से फिसल कर गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। वह गांव ढांड का रहने वाला था। दुर्घटना के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हादसा बरसात के चलते हुआ बताया गया है। जानकारी के अनुसार ढांड निवासी मांगे राम हरियाणा पुलिस की चतुर्थ बटालियन में बतौर सिपाही तैनात था। मांगे राम के भाई मनोज ने पुलिस को दी जानकारी में बताया कि कल शाम को वह परमिशन लेकर घर आया था और घर आकर वह चौबारे पर सो गया था। रात को बरसात होने लगी और सुबह भी होती रही। उसने बताया कि सुबह जब मांगे राम उठकर नीचे आने लगा तो सीढ़ियों पर बरसात के पानी में वह फिसल गया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस द्वारा मामले में इत्फ़ाकिया कार्रवाई की गई है। मांगेराम शादीशुदा था और उसकी दो बेटियां हैं। वह 3 मार्च 2019 को पुलिस में भर्ती हुआ था। फिलहाल वह मधुबन में तैनात था और उसे डबवाली थाना अलॉट हो चुका था। बताया गया है कि हाल ही में उसका सिलेक्शन जूनियर लेक्चरर के लिए भी हो गया था। हरियाणा के फतेहाबाद के भट्टू खंड निवासी एक पुलिस जवान की सीढ़ियों से फिसल कर गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। वह गांव ढांड का रहने वाला था। दुर्घटना के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हादसा बरसात के चलते हुआ बताया गया है। जानकारी के अनुसार ढांड निवासी मांगे राम हरियाणा पुलिस की चतुर्थ बटालियन में बतौर सिपाही तैनात था। मांगे राम के भाई मनोज ने पुलिस को दी जानकारी में बताया कि कल शाम को वह परमिशन लेकर घर आया था और घर आकर वह चौबारे पर सो गया था। रात को बरसात होने लगी और सुबह भी होती रही। उसने बताया कि सुबह जब मांगे राम उठकर नीचे आने लगा तो सीढ़ियों पर बरसात के पानी में वह फिसल गया। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस द्वारा मामले में इत्फ़ाकिया कार्रवाई की गई है। मांगेराम शादीशुदा था और उसकी दो बेटियां हैं। वह 3 मार्च 2019 को पुलिस में भर्ती हुआ था। फिलहाल वह मधुबन में तैनात था और उसे डबवाली थाना अलॉट हो चुका था। बताया गया है कि हाल ही में उसका सिलेक्शन जूनियर लेक्चरर के लिए भी हो गया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बरवाला में कांग्रेस नेताओं ने घोड़ेला से बनाई दूरी:टिकट के दावेदार नेता नहीं कर रहे प्रचार, गंगवा और संजना में बना मुकाबला हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास घोड़ेला मुश्किलों में पड़ते नजर आ रहे हैं। गुटबाजी के कारण यहां कांग्रेस की लड़ाई खुद से हैं। इसी कारण दूसरे उम्मीदवार भाजपा के रणबीर गंगवा और इनेलो की संजना सातरोड़ में मुकाबला बनता दिख रहा है। शहरों व साथ लगते इलाकों में जहां गंगवा की टीमें एक्टिव हैं तो वहीं ग्रामीण इलाकों में संजना सातरोड़ लगातार प्रचार कर रही हैं। रामनिवास घोड़ेला पर 2 बार लगातार हार का टैग भी है, और सीएलयू कांड के आरोपों पर हलके में ही लोगों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। किसान नेताओं ने पिछले दिनों पंचायत कर रामनिवास घोड़ेला की उम्मीदवारी का विरोध जताया था। अब किसान नेताओं ने इसको लेकर 20 सितंबर को पंचायत बुलाई है। बता दें कि किसानों ने एआईसीसी दफ्तर दिल्ली में पिछले दिनों टिकट वितरण को लेकर भारी विरोध किया था। मगर कांग्रेस ने बरवाला में सीएलयू कांड के आरोपी को टिकट दे दिया। गंगवा को ओबीसी और संजना को जाट वर्ग दे रहा समर्थन रणबीर गंगवा पूर्व डिप्टी स्पीकर रहे हैं। वह करीब 10 साल से विधायक हैं और 2010 से 2014 तक राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। उनके राजनीतिक जीवन में उन पर किसी तरह का दाग नहीं है। यही कारण है कि घोड़ेला को छोड़ ओबीसी वर्ग गंगवा को समर्थन करने में लगा है। पहले कुम्हार सभा और अब उसके बाद जांगड़ा सभा ने भी रणबीर गंगवा का समर्थन किया है। इसके अलावा प्रमुख पार्टियों से ओबीसी फेस मैदान में है, तो इनेलो ने जाट फेस संजना सातरोड़ पर दांव खेला है। संजना हलके में लगातार सक्रिय है। इनेलो से टिकट मिलने पर उनकी स्थिति और मजबूत मानी जा रही है। मुकाबला गंगवा और संजना के बीच देखने को मिल रहा है। घोड़ेला को अपनों का ही साथ नहीं बता दें कि सीएलयू कांड में राम निवास घोड़ेला पर आरोप लगे हैं। उम्मीदवार का विरोध टिकट मिलने से पहले हो रहा था। ऐसे में कांग्रेस के स्थानीय नेता भी घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राजेंद्र सूरा, रणधीर धीरा, राजेश संदलाना, कृष्ण सातरोड़ और भूपेंद्र गंगवा कांग्रेस प्रत्याशी से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए चुनाव में आगे और मुश्किलें बढ़ने वाली है। राम निवास घोड़ेला पर दर्ज हुआ था केस 2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने सीएलयू करवाने के लिए, वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम एनजीओ को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले के बारे में एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की थी। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित करके जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं एसआईटी के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर इन सबके खिलाफ मुकदमे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे। विनोद भ्याना का पीए जेल में भी रहा और उसके खिलाफ हिसार में मुकदमा चल रहा है।
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रेवाड़ी में कल से स्टार प्रचारकों के दौरे शुरू:केजीरवाल-भगवंत मान करेंगे दौरा; तेजस्वी यादव जीजा चिरंजीव राव के लिए करेंगे प्रचार हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान रेवाड़ी सीट पर कल यानी 21 सितंबर से स्टार प्रचारकों के दौरे शुरू हो जाएंगी। इसकी शुरुआत पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान करेंगे। वे रेवाड़ी सीट से आप कैंडिडेट सतीश यादव के समर्थन में जनसभा करेंगे। इसके अगले दिन 22 सितंबर को राज्यसभा सांसद संजय सिंह आएंगे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव के लिए वोट की अपील करने बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पहुंचेंगे। इतना ही नहीं राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी रेवाड़ी आएंगे। 29 सितंबर को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल सतीश यादव के समर्थन में रेवाड़ी में डोर-टू-डोर कैंपेन करेंगे। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव के समर्थन में भी बीजेपी के कई सीनियर नेता जनसभाएं करने पहुंचेंगे। जिनके कार्यक्रम को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है। जल्द ही डेट और स्थान तय किए जाएंगे। बावल-कोसली में सीधा मुकालबा, रेवाड़ी में त्रिकोणीय बता दें कि रेवाड़ी जिले में 3 विधानसभा सीटें हैं। इनमें बावल और कोसली में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है। जबकि रेवाड़ी सीट पर बीजेपी से बागी होकर आप के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सतीश यादव के कारण मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा हैं। कोसली में कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई राव यादवेंद्र का टिकट काटकर पूर्व मंत्री जगदीश यादव को चुनाव लड़ाया है। ऐसे में यहां कांग्रेस के अंदर भीतरघात की संभावनाएं दिख रही है। वहीं भाजपा ने यहां केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के खास समर्थक अनिल डहीना को टिकट दिया हैं। इसी तरह बावल सीट पर राव इंद्रजीत सिंह के खास और हेल्थ डिपार्टमेंट में डायरेक्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए डॉ. कृष्ण कुमार और कांग्रेस के डॉ. एमएल रंगा के बीच सीधा मुकाबला है। बावल सीट पर कांग्रेस के टिकट के लिए सबसे ज्यादा 52 लोगों ने आवेदन किया था। जबकि बीजेपी ने यहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल का टिकट काटकर डॉ. कृष्ण कुमार को चुनाव लड़वाया है।
CM सैनी बोले- हरियाणा में 50 हजार सरकारी नौकरी देंगे:नए HSSC चेयरमैन को शपथ दिलाई; सैनी ने कहा- ग्रुप D के पद भरेंगे
CM सैनी बोले- हरियाणा में 50 हजार सरकारी नौकरी देंगे:नए HSSC चेयरमैन को शपथ दिलाई; सैनी ने कहा- ग्रुप D के पद भरेंगे हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन(HSSC) को नया चेयरमैन मिल गया है। हरियाणा सरकार ने असिस्टेंट एडवोकेट जनरल को चेयरमैन बना दिया है। उनकी नियुक्ति की घोषणा लोकसभा चुनाव के दौरान ही कर दी गई थी। हालांकि तब चुनाव आचार संहिता की वजह से न तो इसकी अधिसूचना जारी हुई और न ही उन्हें शपथ नहीं दिलाई जा सकी थी। अब शनिवार को उन्हें CM नायब सैनी ने चंडीगढ़ में शपथ दिलाई। शपथ दिलाने के बाद सीएम ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने HSSC के चेयरमैन को शपथ दिलाने के बाद दावा किया कि प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों में 50,000 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अलावा, युवाओं को ग्रुप-D की नौकरियां भी दी जाएंगी। वहीं HSSC के नवनियुक्त चेयरमैन हिम्मत सिंह ने कहा- ”जिन बच्चों ने एग्जाम दिया है, उनके साथ हम खड़े हैं। अभी जो CET का जजमेंट आया है हम उनकी लड़ाई लड़ेंगे, हम बच्चों के साथ हैं। प्रियॉरिटी हमारी यही रहेगी कि जल्दी से जल्दी भर्ती पूरी हो। मेरी व्यक्तिगत कोशिश यही रहेगी कि एनुअल बेसिस पर बच्चों को रेग्यूलर शेड्यूल बन जाए।” उन्होंने आगे कहा- ” मुझे कानून का अच्छा अनुभव है। उन अनुभवों का मैं प्रयोग करूंगा। जो भी मामले कोर्ट में है, उनको मैं पर्सनल परस्यू करूंगा। पहले हरियाणा में यह माहौल था कि मीडिया के लोग एक दिन पहले ही बता देते थे कि इनका सिलेक्शन होने वाला है। हरियाणा में अभी भर्ती रोको गैंग एक्टिव है, जो ये प्रयास कर रहा है कि भर्तियां न हों।” मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार युवाओं को पूरा मान-सम्मान दे रही है। जल्द ही सरकार 50 हजार नए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने जा रही है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बिना किसी भेदभाव के पूरी तरह से योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं और यह पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि युवाओं का सरकार की कार्यप्रणाली में विश्वास बढ़ा है क्योंकि वे बिना किसी ‘खर्ची-पर्ची’ (रिश्वत और पक्षपात) के सरकारी नौकरियां हासिल कर रहे हैं, जो पिछली सरकारों में चलती थी। कौन हैं हरियाणा के नए HSSC चेयरमैन
1. कैथल के रहने वाले, 20 साल से वकालत की प्रैक्टिस
हिम्मत सिंह कैथल जिले के खेड़ी मटरवा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से BA-LLB और LLM किया है। उन्हें वकील के तौर पर प्रैक्टिस करते हुए करीब 16 साल हो गए हैं। मौजूदा समय में वह एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 2. डिजिटल इंडिया में भी काम कर चुके
हिम्मत सिंह ई-कस्टडी सर्टिफिकेट पहल, डिजिटल इंडिया अभियान का विकास और कार्यान्वयन का भी हिस्सा रहे हैं। उन्होंने हरियाणा में अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) डेटा एकीकरण परियोजना के को-ऑर्डिनेटर के रूप में भी कार्य किया है। 3. रोड समाज से हिम्मत सिंह
हिम्मत सिंह रोड समुदाय से हैं। करनाल और कुरूक्षेत्र इस समुदाय का गढ़ है। चुनावों के वक्त भी उम्मीदवारों की हार-जीत में इस समुदाय की अहम भूमिका रहती है। हिम्मत सिंह की नियुक्ति को राज्य सरकार में रोड समुदाय को प्रतिनिधित्व देने से जोड़कर देखा जा रहा है। जानिए.. लोकसभा चुनाव के बीच घोषणा क्यों हुई
हिम्मत सिंह को HSSC चेयरमैन की घोषणा लोकसभा चुनावों के बीच कर दी गई। सियासी जानकार इसकी वजह करनाल लोकसभा सीट को मानते हैं। यहां से पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर BJP के उम्मीदवार थे। रोड समुदाय को हरियाणा सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। इस वजह से वे नाराज थे। करनाल में जब वीरेंद्र मराठा ने NCP से चुनाव लड़ने का ऐलान किया और इनेलो सपोर्ट में आई तो खट्टर की राह मुश्किल होने लगी। इस वजह से उसी दौरान रोड समाज को खुश करने के लिए उनके नाम की घोषणा कर दी गई। HSSC चेयरमैन का पद खाली क्यों हुआ?
इससे पहले भोपाल सिंह खदरी HSSC के चेयरमैन थे। उन्हें पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है। हालांकि खट्टर को भाजपा ने अचानक सीएम की कुर्सी से हटा दिया। 12 मार्च को नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए CM बना दिए गए। इसके बाद 15 मार्च को भोपाल खदरी ने भी इस्तीफा दे दिया। हालांकि खदरी की छवि इतनी थी कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रतनलाल कटारिया के सचिव भी रह चुके हैं।