कैथल में पटवारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद पटवार संगठन ने प्रदर्शन किया। पटवारी कैथल के कमेटी चौक स्थित पटवार भवन में इकट्ठे हुए और वहां से रैली निकालकर लघु सचिवालय में पहुंचे। उन्होंने डीसी को सरकार के नाम ज्ञापन देकर सूची जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पटवारियों ने कहा कि वे लगातार तीन दिन तक काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे। केवल उन्हें गांवों का कार्य किया जाएगा, जो उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। अतिरिक्त चार्ज उन्हें दिया गया है, उन गांवों का कार्य बिल्कुल नहीं करेंगे। वहीं सर्व कर्मचारी संघ ने भी पटवार संगठन का समर्थन किया। पटवारियों ने कहा कि अगर उन्हें जरूरत पड़ी तो वे न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सूची जारी कर उन पर आरोप लगाए गए हैं, उसे देखकर उन्हें स्वयं शर्म महसूस होती है। 46 पटवारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप गौरतलब है कि 16 जनवरी को प्रदेश के भ्रष्ट पटवारियों की एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसमें जिले के 46 पटवारियों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा कैथल के ही सात पटवारियों ने अपने सहायक रखे हुए हैं। जारी हुई सूची के अनुसार ये पटवारी काम करने के नाम पर लोगों से रिश्वत लेते हैं। रजिस्ट्री और इंतकाल के लिए पैसे की मांग करते हैं। इन आरोपों के बाद पटवारियों में रोष बढ़ा है। कैथल में पटवारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद पटवार संगठन ने प्रदर्शन किया। पटवारी कैथल के कमेटी चौक स्थित पटवार भवन में इकट्ठे हुए और वहां से रैली निकालकर लघु सचिवालय में पहुंचे। उन्होंने डीसी को सरकार के नाम ज्ञापन देकर सूची जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पटवारियों ने कहा कि वे लगातार तीन दिन तक काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे। केवल उन्हें गांवों का कार्य किया जाएगा, जो उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं। अतिरिक्त चार्ज उन्हें दिया गया है, उन गांवों का कार्य बिल्कुल नहीं करेंगे। वहीं सर्व कर्मचारी संघ ने भी पटवार संगठन का समर्थन किया। पटवारियों ने कहा कि अगर उन्हें जरूरत पड़ी तो वे न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सूची जारी कर उन पर आरोप लगाए गए हैं, उसे देखकर उन्हें स्वयं शर्म महसूस होती है। 46 पटवारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप गौरतलब है कि 16 जनवरी को प्रदेश के भ्रष्ट पटवारियों की एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इसमें जिले के 46 पटवारियों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा कैथल के ही सात पटवारियों ने अपने सहायक रखे हुए हैं। जारी हुई सूची के अनुसार ये पटवारी काम करने के नाम पर लोगों से रिश्वत लेते हैं। रजिस्ट्री और इंतकाल के लिए पैसे की मांग करते हैं। इन आरोपों के बाद पटवारियों में रोष बढ़ा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हुड्डा के कार्यकाल में लगे अधिकारी-कर्मचारी निशाने पर:हरियाणा CM सैनी के पास लिस्ट पहुंची; चुनाव में एकपक्षीय काम करने की शिकायतें मिलीं
हुड्डा के कार्यकाल में लगे अधिकारी-कर्मचारी निशाने पर:हरियाणा CM सैनी के पास लिस्ट पहुंची; चुनाव में एकपक्षीय काम करने की शिकायतें मिलीं हरियाणा विधानसभा चुनाव में 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बना चुकी भाजपा अब भी हारी सीटों का मंथन करने में लगी हुई है। अभी तक हुए मंथन में पार्टी के बागियों के अलावा BJP उम्मीदवारों को हराने में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका होने की बात सामने आई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद पार्टी के हारे हुए कैंडिडेट्स के बाद अब विधायकों से इनपुट ले रहे हैं। अब तक जो इनपुट मिले हैं, उसके हिसाब से चुनाव में उन अधिकारियों और कर्मचारियों ने भीतरघात किया है, जो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में लगे थे। इनकी लिस्ट भी पार्टी के विधायकों ने CM सैनी को सौंप दी है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारियों में HAS और HPS लेवल के अधिकारियों के साथ कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारी शामिल हैं। जल्द ही सरकार इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करेगी। मीटिंग में बताया- चुनाव में अधिकारियों ने अपनाया एकपक्षीय रवैया
हरियाणा CM सैनी चुनाव में अधिकारियों के रवैये को लेकर हारे हुए उम्मीदवारों के बाद विधायकों और मंत्रियों से इनपुट ले रहे हैं। बीते सोमवार और मंगलवार को CM ने पार्टी विधायकों और मंत्रियों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में विधायकों और मंत्रियों ने चुनाव में अधिकारियों के एकपक्षीय रवैये की शिकायत की। कुछ विधायकों ने अधिकारियों की लिस्ट के साथ उसके सबूत भी सौंपे। इन सबूतों के अनुसार, प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्राउंड पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के उम्मीदवारों के पक्ष में काम किया। किस BJP विधायक ने क्या कहा… 1. विधानसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों द्वारा सही भूमिका न निभाने के आरोप और कार्रवाई करने को लेकर भाजपा विधायक धनेश अदलखा बोले, ‘मैंने भी मीटिंग के दौरान ऐसे अधिकारियों की लिस्ट CM को सौंपी है। IAS अधिकारी लंबी सोच के साथ काम करता है। इस चुनाव में छोटे लेवल के कर्मचारी कहीं न कहीं चुनाव में डगमगा जाते हैं। जब बिना पर्ची बिना खर्ची के कर्मचारी लगे होते हैं, तो वह निष्पक्ष काम करते हैं, लेकिन जो पर्ची-खर्ची से नौकरी पाए होते हैं तो वह अपना काम सही नहीं करते हैं।’ 2. भाजपा विधायक जगमोहन आनंद ने बताया कि CM के साथ बैठक में चुनाव के दौरान भीतरघात और राजधर्म न निभाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने भी ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की एक लिस्ट CM सैनी को सौंपी है। इन पर कार्रवाई जरूर होगी। दिग्गज नेता भी हार चुके चुनाव
वहीं, विधानसभा चुनाव को लेकर पंचकूला में हुई 2 दिवसीय बैठक में मुख्यमंत्री नायब सैनी, प्रदेश प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और संगठन मंत्री फणींद्रनाथ शर्मा शामिल हुए थे। इसमें 40 हारे हुए उम्मीदवार अपनी हार की वजह बता चुके हैं। इस चुनाव में विधानसभा स्पीकर के अलावा भाजपा के 7 मंत्री चुनाव हारे। इनमें कंवरपाल गुर्जर, जयप्रकाश दलाल, असीम गोयल, सुभाष सुधा, डॉ. कमल गुप्ता, डॉ. अभय सिंह यादव, संजय सिंह और पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता शामिल हैं। सिर्फ मंत्री महिपाल ढांडा और मूलचंद शर्मा ही जीत पाए थे। हारे उम्मीदवारों ने ये बताई थीं हार की वजहें… पूर्व कैबिनेट मंत्री बोले- मुझे हराने के लिए टिकट दी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में हिसार से चुनाव हारे डॉ. कमल गुप्ता के तेवर बेहद तल्ख थे। गुप्ता ने कहा कि उनके चुनाव में काम करने वाले पार्टी के कई नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार का साथ दिया। कई नेता ऐसे थे, जो दिखावे के तौर पर साथ नजर आते थे, लेकिन अंदर से वह दूसरों के लिए काम कर रहे थे। गुप्ता ने पार्टी नेताओं से कहा कि यदि उनके साथ ऐसा ही करना था तो फिर टिकट क्यों दिया? अधिकारियों पर फोड़ा हार का ठीकरा
वहीं, विधानसभा के पूर्व स्पीकर एवं पंचकूला से चुनाव हारने वाले ज्ञानचंद गुप्ता ने भी पार्टी के कई नेताओं पर चुनाव में काम न करने का आरोप लगाया। गुप्ता ने प्रशासन के कई अधिकारियों पर भी हार का ठीकरा फोड़ा। दिनेश कौशिक बोले- परिवार ने नहीं दिया साथ
बहादुरगढ़ से चुनाव हारे दिनेश कौशिक ने अपने परिवार के लोगों पर साथ न देने का आरोप लगाया। पूर्व कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि चुनाव में उन्हें पार्टी के लोगों का पूरा साथ मिला। वह किसी के खिलाफ नहीं हैं। कई उम्मीदवारों ने कांग्रेस की हवा को हार का कारण बताया। *********** हरियाणा सरकार की ये खबरें भी पढ़ें… बागियों की पोल खोलने से डरे हारे BJP उम्मीदवार:हरियाणा CM-केंद्रीय नेताओं ने लिस्ट मांगी; अपने नेताओं-अफसरों, परिवार पर उठाए थे सवाल हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हारने वाले BJP उम्मीदवार पार्टी के फैसले से असमंजस में पड़ गए हैं। 19 नवंबर को पंचकूला में BJP ने चुनाव हारे उम्मीदवारों के साथ मंथन किया था। तब उनसे हार के कारण पूछे गए। यहां नेताओं ने बागियों की वजह से चुनाव हारने की वजह बताई। इस पर पार्टी ने सभी नेताओं से बागियों के नाम की लिस्ट और सबूत मांग लिए। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा BJP अध्यक्ष की बागियों को दोटूक:दोबारा पार्टी में शामिल नहीं करेंगे, भीतरघात करने वालों की लिस्ट तैयार, CM भी इनकार कर चुके हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने पार्टी छोड़ने वाले बागियों को भाजपा में एंट्री से साफ इनकार कर दिया है। शुक्रवार को रोहतक पहुंचे बड़ौली ने कहा कि अभी किसी को जॉइन नहीं कराया जाएगा। पार्टी के पुराने नेताओं के अलावा दूसरे दलों के नेताओं को भी शामिल नहीं किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…
रेवाड़ी में मिला राजस्थान पुलिस के जवान का शव:निजी कंपनी के सामने नाले में पड़ा था, अलवर का रहने वाला
रेवाड़ी में मिला राजस्थान पुलिस के जवान का शव:निजी कंपनी के सामने नाले में पड़ा था, अलवर का रहने वाला रेवाड़ी जिले के औद्योगिक क्षेत्र बावल के दिल्ली जयपुर हाईवे स्थित एक निजी कंपनी के समीप बने नाले में आज सुबह एक व्यक्ति का शव पड़ा मिला। सूचना पाकर मौके पर पहुंची कसोला थाना पुलिस ने मृतक की जेब से एक आईडी कार्ड बरामद किया है। जिससे यह जानकारी मिली कि मृतक राजस्थान पुलिस में कार्यरत है। मृतक की उम्र लगभग 30 वर्ष के करीब बताई जा रही है। नाले में पड़ा मिला शव जानकारी के अनुसार मृतक का नाम उपेंद्र पुत्र उदय सिंह गांव माणका, थाना मुंडावर जिला अलवर राजस्थान का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार उन्हें आज सूचना मिली कि दिल्ली जयपुर हाईवे स्थित नाले में एक व्यक्ति का शव मिला है। मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक की तलाशी ली तो उसकी जेब से एक आईडी कार्ड मिला। जिससे उसकी पहचान हो पाई। वह राजस्थान पुलिस में कर्मचारी है। मृतक ने पुलिस की वर्दी वाली खाकी पेंट तथा काले जूते पहने हुए हैं और सफेद रंग की शर्ट पहनी हुई है। मामले की जांच में जुटी पुलिस पुलिस के अनुसार उसके पैर और सर पर चोट की निशान है। सिर पर लगी चोट मृतक की मौत की वजह हो सकती है। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शव गृह में रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
नूंह के राकेश ने फतह किया माउंट एवरेस्ट:विश्व की दो ऊंची चोटियों पर फहराया तिरंगा; जेल विभाग में कार्यरत है
नूंह के राकेश ने फतह किया माउंट एवरेस्ट:विश्व की दो ऊंची चोटियों पर फहराया तिरंगा; जेल विभाग में कार्यरत है हरियाणा में नूंह की जेल में तैनात राकेश कादियान ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) और माउंट लोहतसे (8516 मीटर) दोनों पर एक साथ भारत का झंडा फहरा कर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। राकेश ने बताया कि इससे पहले भी राकेश वह अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर केवल 15 घण्टे और 53 मिनट में तिरंगा फहराने पर 42 वर्ष की उम्र में भारत देश का प्रथम पर्वतारोही होने का गौरव अपने नाम कर चुका है। माउंट एवरेस्ट फतह करने की तैयारी के लिए इससे पहले राकेश कादियान ने भारत देश की ऊंची चोटी मांउट सतोपंथ 7100 मीटर, माउंट नून 7135 मीटर, कांग यात्से-1 को जो 6400 मीटर ऊंची है, पर तिरंगा फहराया है। 45 वर्ष की उम्र में अब सभी सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करके भारत देश और हरियाणा प्रदेश व जेल विभाग हरियाणा का प्रथम अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही बन बन गया है। राकेश कादियान जेल विभाग हरियाणा का प्रथम अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही होने का गौरव भी अपने नाम कर चुका है। राकेश कादियान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मास्टर एथलेटिक्स में अब तक 40 स्वर्ण पदक तथा 37 रजत पदक जीत कर हरियाणा प्रदेश का नाम भी भारत वर्ष में रोशन कर चुका है। कादियान ने बताया कि अब वह 45 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद एशिया महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटि माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) ओर माउंट लोहतसे (8516 मीटर) पर तिरंगा फहराकर भारत देश का प्रथम पर्वतारोही बन बन गया है।