कैथल के गांव मानस में एक घर के कमरे में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाकर भ्रूण लिंग जांच करने के मामले में पुलिस ने आरोपी ऋषिपाल के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में सिविल अस्पताल के पीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी डॉ. गौरव पूनिया के बयान दर्ज किए गए हैं। आरोपी को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी के पास से बरामद 2015 मॉडल की अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदने का कोई लाइसेंस नहीं है। मशीन रखने की अनुमति नहीं आरोपी ने यह मशीन किसी से अवैध रूप से खरीदी है, क्योंकि इस मशीन को केवल उन्हीं अस्पताल संचालकों को खरीदने की अनुमति है, जिनके पास विशेषज्ञ हों। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने मशीन चलाना कहां से सीखा। इसके अलावा उन लोगों का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है, जो आरोपी के पास जाकर भ्रूण की जांच कराते थे। एक दिन पहले रंगे हाथों पकड़ा गया गौरतलब है कि शनिवार को कैथल और कुरुक्षेत्र की संयुक्त टीम ने अवैध रूप से लिंग जांच करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में गांव कैलरम निवासी आरोपी ऋषिपाल को अल्ट्रासाउंड मशीन और 30 हजार रुपये नकद के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने योजना बनाकर एक गर्भवती महिला को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा, जिसके बाद आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया। काफी समय से सूचना मिल रही थी कि आरोपी ऋषिपाल गांवों में गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के लिंग की जांच कर रहा है। इसके लिए वह अलग-अलग जगहों पर अल्ट्रासाउंड मशीनें लगाकर गुप्त रूप से लिंग जांच का अवैध धंधा चला रहा था। आरोपी लिंग जांच के बदले महिलाओं से 30 से 40 हजार रुपये लेता था। घर पर ही लगाई मशीन पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी ने गांव मानस में चंद्र सुनार के घर पर मशीन लगाई हुई थी। आरोपी वहां महिलाओं को बुलाकर लिंग जांच करता था। पुलिस टीम ने घर से अल्ट्रासाउंड मशीन और 30 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं। आरोपी ऋषिपाल को 2016 में भी इसी तरह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सदर थाना एसएचओ मुकेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने डॉ. गौरव पूनिया की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। आज आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया जाएगा। कैथल के गांव मानस में एक घर के कमरे में अल्ट्रासाउंड मशीन लगाकर भ्रूण लिंग जांच करने के मामले में पुलिस ने आरोपी ऋषिपाल के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में सिविल अस्पताल के पीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी डॉ. गौरव पूनिया के बयान दर्ज किए गए हैं। आरोपी को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी के पास से बरामद 2015 मॉडल की अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदने का कोई लाइसेंस नहीं है। मशीन रखने की अनुमति नहीं आरोपी ने यह मशीन किसी से अवैध रूप से खरीदी है, क्योंकि इस मशीन को केवल उन्हीं अस्पताल संचालकों को खरीदने की अनुमति है, जिनके पास विशेषज्ञ हों। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी ने मशीन चलाना कहां से सीखा। इसके अलावा उन लोगों का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है, जो आरोपी के पास जाकर भ्रूण की जांच कराते थे। एक दिन पहले रंगे हाथों पकड़ा गया गौरतलब है कि शनिवार को कैथल और कुरुक्षेत्र की संयुक्त टीम ने अवैध रूप से लिंग जांच करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में गांव कैलरम निवासी आरोपी ऋषिपाल को अल्ट्रासाउंड मशीन और 30 हजार रुपये नकद के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने योजना बनाकर एक गर्भवती महिला को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा, जिसके बाद आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया। काफी समय से सूचना मिल रही थी कि आरोपी ऋषिपाल गांवों में गर्भवती महिलाओं के भ्रूण के लिंग की जांच कर रहा है। इसके लिए वह अलग-अलग जगहों पर अल्ट्रासाउंड मशीनें लगाकर गुप्त रूप से लिंग जांच का अवैध धंधा चला रहा था। आरोपी लिंग जांच के बदले महिलाओं से 30 से 40 हजार रुपये लेता था। घर पर ही लगाई मशीन पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी ने गांव मानस में चंद्र सुनार के घर पर मशीन लगाई हुई थी। आरोपी वहां महिलाओं को बुलाकर लिंग जांच करता था। पुलिस टीम ने घर से अल्ट्रासाउंड मशीन और 30 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं। आरोपी ऋषिपाल को 2016 में भी इसी तरह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। सदर थाना एसएचओ मुकेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने डॉ. गौरव पूनिया की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। आज आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
