हरियाणा के कैथल में संत रविदास जयंती समारोह के दौरान अचानक हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में पांच महिलाएं घायल हो गईं हैं। बलराज नगर में गुरुवार शाम को जब दलित समाज की महिलाएं सत्संग और पालकी यात्रा की तैयारी कर रही थीं, तभी कुछ युवकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में पथराव होने लगा। हिंसा में घायल पांच महिलाओं में से दो की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। अंबेडकर सभा के प्रधान जगदीश चंद्र के अनुसार, कुछ शरारती तत्वों ने जानबूझकर विवाद खड़ा किया और दलित समाज को सत्संग करने से रोकने का प्रयास किया। दलित समाज ने की एसपी से मुलाकात दलित समाज के प्रतिनिधियों ने कैथल के एसपी से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सिविल लाइन थाने के एसएचओ शिव कुमार ने बताया कि पीड़ित पक्ष की शिकायत पर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अन्य दोषियों की पहचान की जा रही है। स्थानीय पुलिस ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हरियाणा के कैथल में संत रविदास जयंती समारोह के दौरान अचानक हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में पांच महिलाएं घायल हो गईं हैं। बलराज नगर में गुरुवार शाम को जब दलित समाज की महिलाएं सत्संग और पालकी यात्रा की तैयारी कर रही थीं, तभी कुछ युवकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों में पथराव होने लगा। हिंसा में घायल पांच महिलाओं में से दो की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। अंबेडकर सभा के प्रधान जगदीश चंद्र के अनुसार, कुछ शरारती तत्वों ने जानबूझकर विवाद खड़ा किया और दलित समाज को सत्संग करने से रोकने का प्रयास किया। दलित समाज ने की एसपी से मुलाकात दलित समाज के प्रतिनिधियों ने कैथल के एसपी से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सिविल लाइन थाने के एसएचओ शिव कुमार ने बताया कि पीड़ित पक्ष की शिकायत पर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अन्य दोषियों की पहचान की जा रही है। स्थानीय पुलिस ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में घर में लगी आग, कैश व सामान जला:पति-पत्नी काम पर गए थे; पड़ोसियों ने दी सूचना, छत भी गिरी
हिसार में घर में लगी आग, कैश व सामान जला:पति-पत्नी काम पर गए थे; पड़ोसियों ने दी सूचना, छत भी गिरी हरियाणा के हिसार के शास्त्री नगर में एक मकान में अज्ञात कारण के चलते आग लग गई। आगजनी से घर का सारा सामान जलकर राख हो गया। आगजनी के दौरान घर में रहने वाले पति-पत्नी मजदूरी करने के लिए गए थे। पड़ोसियों ने आगजनी की सूचना फायर ब्रिगेड को दी। दो गाडियों ने करीब 1 घंटे पर आग पर काबू पाया। आग से मकान की छत गिर गई। 3 लाख रुपए से ज्यादा नुकसान होने की संभावना जताई गई है। जानकारी के अनुसार शास्त्री नगर के रहने वाले मंगू ने बताया कि वह और उसकी पत्नी मजदूरी करते हैं। सुबह 7 बजे उसकी पत्नी मजदूरी करने के लिए चली गई। इसके बाद वह 8 बजे वह भी चला गया। 12 बजे पड़ोसियों ने फोन कर घर पर आग लगने की सूचना दी। पड़ोसियों ने फायर ब्रिगेड को भी फोन कर दिया। मौके पर पहुंची 2 गाड़ियों ने आग पर करीब 1 घंटे में काबू पाया। तब तक घर का सारा सामान जल चुका था। मकान की गिरी छत मकान मालिक ने बताया कि उसका कच्चा मकान था और छत भी लकड़ी से बनी हुई थी। जो आगजनी के कारण छत गिर गई। वही संदूक में रखे करीब 30 हजार रुपए भी जल कर राख हो गए। मौके पर पहुंचे तो फायर ब्रिगेड टीम ने कमरे से 2 गैस सिलेंडर को बाहर निकाल लिया। इसके चलते सिलेंडर फटने से बच गए। आग लगने की सूचना मिलने पर आजाद नगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर साधु राम पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
हरियाणा BJP सांसद की भतीजी युगांडा जेल में बंद:पंजाब के कारोबारी ओसवाल की बेटी, करोड़ों की हेराफेरी के केस में फंसी वसुंधरा
हरियाणा BJP सांसद की भतीजी युगांडा जेल में बंद:पंजाब के कारोबारी ओसवाल की बेटी, करोड़ों की हेराफेरी के केस में फंसी वसुंधरा हरियाणा के कुरुक्षेत्र से BJP सांसद नवीन जिंदल की पत्नी शालू जिंदल की भतीजी और पंजाब के ओसवाल ग्रुप के मालिक पंकज ओसवाल की बेटी वसुंधरा 3 अक्टूबर से युगांडा की जेल में बंद है। वसुंधरा पर करोड़ों रुपए की हेराफेरी का आरोप है। पंकज ओसवाल पिछले 17 दिनों से बेटी को ढूंढ रहे थे। परिवार ने बेटी को अवैध हिरासत में रखने के आरोप लगाए थे। पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि पंकज ने भारत सरकार के अलावा यूनाइटेड नेशंस वर्किंग ग्रुप से मदद मांगी थी। मामला सामने आने के बाद युगांडा सरकार ने वसुंधरा को कानूनी सहायता देने का भरोसा दिया है। वसुंधरा मंगलवार (22 अक्टूबर) तक जेल से बाहर आ सकती है। युगांडा में रह रहे भारतीयों ने PM से लगाई गुहार
युगांडा में रह रहे भारतीयों को मीडिया रिपोर्ट्स से जब वसुंधरा के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने और गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखे जाने के बारे में पता चला तो उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री से संपर्क साधने की कोशिश की। उन्होंने सरकार से वसुंधरा के बारे में डिटेल मांगी। जिसके बाद युगांडा सरकार की तरफ से भारत सरकार को बताया कि वसुंधरा युगांडा के कपाला शहर की नाकासोंगोला जेल मे बंद है। तंजानिया सरकार की तरफ से वसुंधरा पर यह कार्रवाई की गई। युगांडा सरकार की तरफ से भारत सरकार को ये भी स्पष्टीकरण दिया गया कि वसुंधरा पर सरकार या वहां की पुलिस की तरफ से किसी तरह का टॉर्चर नहीं किया गया, न ही उसे गैरकानूनी ढंग से रखा गया है। वसुंधरा को पहले हुई पूछताछ के आधार पर केस दर्ज कर जेल में बंद किया गया है। पूरी कार्रवाई कानूनी रूप से की गई है। ओसवाल के प्लांट से ही हुई गिरफ्तार
रिपोर्ट्स के मुताबिक वसुंधरा को युगांडा में ओसवाल के प्लांट से करीब 20 हथियारबंद लोगों ने पकड़ा था। उन्होंने गिरफ्तार करने से पहले अपनी पहचान या वारंट नहीं दिखाया था। पंकज ने दावा किया कि कॉर्पोरेट और राजनीतिक हेरफेर के कारण उनकी बेटी की गिरफ्तारी हुई है। उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं, इसलिए उसे अवैध रूप से रखा गया है। पंकज के मुताबिक एक पूर्व कर्मचारी ने गारंटर के तौर पर ओसवाल के परिवार के साथ 2 लाख डॉलर का लोन लिया था। जब ओसवाल परिवार ने गारंटी लेने से इनकार कर दिया तो उसने वसुंधरा के खिलाफ झूठे आरोप लगा दिए। बाद में वह शख्स युगांडा से भाग गया। युगांडा में कंपनी की डायरेक्टर है वसुंधरा
पंकज ओसवाल और उनकी पत्नी राधिका ओसवाल पिछले 10 साल से स्विट्जरलैंड में रह रहे हैं। वह एक आलीशान महल में रहते हैं, जिसकी कीमत 1649 करोड़ रुपए है। वहां वह अपना कारोबार चला रहे हैं। उनकी बेटी वसुंधरा युगांडा में PRO इंडस्ट्रीज की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर है। कंपनी का पूरा कामकाज वसुंधरा ही संभालती है। ऑस्ट्रेलिया में भी विवादों में रह चुके ओसवाल दंपती
पंकज ओसवाल और उनकी पत्नी राधिका पहले भी विवादों में रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में उन पर 100 मिलियन के डॉलर टैक्स चोरी करने और लोन में धांधली के गंभीर आरोप लगे थे। इसके बाद दोनों दंपती ने दिसंबर 2010 में ऑस्ट्रेलिया छोड़ दिया था। पंकज ओसवाल ने ऑस्ट्रेलिया में ताजमहल जैसा महल बनवाना शुरू किया था। करीब 70 मिलियन डॉलर (करीब 588 करोड़ रुपए) की लागत वाले बंगले का नाम ‘ताज महल ऑन द स्वान’ रखा गया था। टैक्स न चुकाने और बिल्डिंग से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने की वजह से 2010 में इसका निर्माण रोक दिया गया और 2016 में इसे गिराने का आदेश दिया गया। वे इस पर करीब 22 मिलियन डॉलर (185 करोड़) खर्च भी कर चुके थे।
दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा सीट जीतना BJP के लिए मुश्किल:भाजपा के पास विपक्ष से कम विधायक; JJP-इनेलो से सपोर्ट मिला तो फिर कांग्रेस जीतेगी
दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा सीट जीतना BJP के लिए मुश्किल:भाजपा के पास विपक्ष से कम विधायक; JJP-इनेलो से सपोर्ट मिला तो फिर कांग्रेस जीतेगी हरियाणा में रोहतक सीट से दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सांसद बनते ही राज्यसभा की सीट खाली हो गई है। अब इलेक्शन कमीशन जल्द ही (ECI) इस सीट पर चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगा। सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर ही चुनाव कराने जरूरी होते हैं। हरियाणा में साल के लास्ट में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए आयोग उससे पहले ही इस सीट पर चुनाव कराएगा। राज्यसभा की सीट खाली होते ही भाजपा और कांग्रेस ने अपना-अपना दावा पेश करना शुरू कर दिया है। मौजूदा दलीय स्थिति को देखते हुए भाजपा इस सीट की प्रबल दावेदार मानी जा रही है, लेकिन यदि JJP-इनेलो का कांग्रेस को साथ मिल जाता है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसलिए सांसद बनते ही रिक्त हो गई सीट
कानूनी विश्लेषक हेमंत का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे। 2026 तक था दीपेंद्र का कार्यकाल
दीपेंद्र सिंह का राज्यसभा कार्यकाल अप्रैल 2020 से अप्रैल 2026 तक था। इसलिए उनके रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद उनकी राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है। आगामी कुछ सप्ताह में भारतीय निर्वाचन आयोग देश के विभिन्न राज्यों में रिक्त हुई उन सभी राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव कराएगा, जहां-जहां से मौजूदा राज्यसभा सांसद लोकसभा चुनाव जीते हैं। अब पढ़िए भाजपा के मजबूत दावे की 3 वजहें… अभी सत्ता में भाजपा
भाजपा का दावा मजबूत होने की पहली वजह यह है कि वह अभी सत्ता में है। इसके साथ ही विधानसभा में 41 विधायकों के साथ सबसे बड़ा दल भी है। हलोपा और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन मिलने के बाद अभी भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन है। जजपा के बागी भी साथ
भाजपा का राज्यसभा सीट पर दावा मजबूत होने की दूसरी बड़ी वजह यह है कि जजपा के बागी विधायकों का भी उन्हें साथ है। जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ऐसे हैं, जो खुलेआम लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन कर चुके हैं। इसके अलावा तीन और जजपा के बागी विधायक राम कुमार गौतम, देवेंद्र बबली और ईश्वर सिंह भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं। अभी जजपा के पास 10 विधायक हैं। सेंधमारी कर सकती है भाजपा
दूसरे दलों में बीजेपी सेंधमारी कर सकती है। अभी सूबे में भाजपा सत्ता में है। दूसरे दलों के कई विधायक सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के संपर्क में हैं। ऐसे में राज्यसभा सांसद के लिए होने वाली वोटिंग में भाजपा कैंडिडेट को फायदा मिल सकता है। कांग्रेस का दावा मजबूत होने की सिर्फ एक यही वजह
भाजपा के मुकाबले इस सीट पर कांग्रेस के मजबूत दावे की सिर्फ एक ही वजह है। वह यह है कि कांग्रेस को जजपा और INLD के साथ निर्दलीय विधायकों का साथ मिल जाए। अभी कांग्रेस के पास 29 विधायक ( वरुण चौधरी के लोकसभा सांसद बनने के बाद) हैं। जबकि अन्य विपक्षी दलों में जजपा के 10, 4 निर्दलीय और एक इनेलो के एक अभय चौटाला हैं। कुल मिलाकर विधानसभा में विपक्ष के पास 44 विधायक हैं, जो अभी भाजपा से एक ज्यादा है।