कैथल के गुहला चीका विधानसभा में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे हरियाणा के कार्यकारी मुख्यमंत्री नायब सैनी कुमारी सैलजा का पक्ष लेते नजर आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से बौखला चुकी है, कांग्रेस के लोगों ने कुमारी सैलजा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है, इससे उनके मन को ठेस पहुंची है। कुमारी सैलजा को दबाना चाहती है कांग्रेस- CM सैनी नायब सैनी ने कहा कि वह कांग्रेस की सीनियर लीडर हैं, उसने पार्टी के लिए अपना जीवन लगाया है, वह मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जता सकती हैं, यह उसका हक है। कांग्रेस के लोग दलित समाज को देखकर खुश नहीं हैं, यह कुमारी सैलजा को दबाना चाहते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आज उनके नेताओं को ना व्यापारी दिख रहा है, ना दलित दिख रहा है। इसलिए यह बौखलाए हुए फिरते हैं, 8 तारीख के बाद ही अपने घरों में आराम से बैठ जाएंगे। भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल पर उठाए सवाल युवाओं को नौकरी देने के सवाल पर नायब सैनी बोले कि उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा से सवाल पूछा था, कि भूपेंद्र हुड्डा 10 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे उनके कार्यकाल में कितने युवाओं को रोजगार दिया इसके बारे में जवाब दें, उन्होंने इस सवाल का जवाब आज तक नहीं दिया। विधानसभा गुहला के क्षेत्र सीवन में भाजपा प्रत्याशी कुलवंत बाजीगर के समर्थन में रैली करने पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी बोले तीसरी बार हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम विकास के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे किसी व्यक्ति के सम्मान में कोई कमी नहीं आने देंगे। कैथल के गुहला चीका विधानसभा में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे हरियाणा के कार्यकारी मुख्यमंत्री नायब सैनी कुमारी सैलजा का पक्ष लेते नजर आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से बौखला चुकी है, कांग्रेस के लोगों ने कुमारी सैलजा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है, इससे उनके मन को ठेस पहुंची है। कुमारी सैलजा को दबाना चाहती है कांग्रेस- CM सैनी नायब सैनी ने कहा कि वह कांग्रेस की सीनियर लीडर हैं, उसने पार्टी के लिए अपना जीवन लगाया है, वह मुख्यमंत्री पद की दावेदारी जता सकती हैं, यह उसका हक है। कांग्रेस के लोग दलित समाज को देखकर खुश नहीं हैं, यह कुमारी सैलजा को दबाना चाहते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आज उनके नेताओं को ना व्यापारी दिख रहा है, ना दलित दिख रहा है। इसलिए यह बौखलाए हुए फिरते हैं, 8 तारीख के बाद ही अपने घरों में आराम से बैठ जाएंगे। भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल पर उठाए सवाल युवाओं को नौकरी देने के सवाल पर नायब सैनी बोले कि उन्होंने दीपेंद्र हुड्डा से सवाल पूछा था, कि भूपेंद्र हुड्डा 10 साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे उनके कार्यकाल में कितने युवाओं को रोजगार दिया इसके बारे में जवाब दें, उन्होंने इस सवाल का जवाब आज तक नहीं दिया। विधानसभा गुहला के क्षेत्र सीवन में भाजपा प्रत्याशी कुलवंत बाजीगर के समर्थन में रैली करने पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सैनी बोले तीसरी बार हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम विकास के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे किसी व्यक्ति के सम्मान में कोई कमी नहीं आने देंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिसार में सीएम की रैली में तोड़ी आचार संहिता:शाहपुरा गांव में सरकारी स्कूल की दीवार तोड़कर रैली स्थल बनाया, DC बोले- ऐसा नहीं हो सकता
हिसार में सीएम की रैली में तोड़ी आचार संहिता:शाहपुरा गांव में सरकारी स्कूल की दीवार तोड़कर रैली स्थल बनाया, DC बोले- ऐसा नहीं हो सकता हरियाणा के हिसार में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की रैली के लिए आचार संहिता तोड़ने का मामला सामने आया है। यह घटना हिसार के शाहपुर गांव में हुई। मुख्यमंत्री यहां नलवा से भाजपा विधायक और डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा के पक्ष में विजय संकल्प रैली करने आए थे। इस रैली के लिए सरकारी स्कूल को चुना गया जबकि नियमानुसार कोड ऑफ कंडक्ट लगने के बाद किसी भी सरकारी बिल्डिंग या धार्मिक स्थल में कोई रैली नहीं की जा सकती। शाहपुर गांव में मुख्यमंत्री के लिए सरकारी स्कूल की चारदीवारी तोड़कर स्कूल ग्राउंड को रैली स्थल बनाया गया। 16 अगस्त को हरियाणा विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। कोड ऑफ कंडक्ट लगने के बाद नलवा विधानसभा हलके में भाजपा नेता रणबीर सिंह गंगवा के लिए मुख्यमंत्री की यह पहली रैली रखी गई। डीसी बोले- स्कूल ग्राउंड में नहीं हो सकती रैली सीएम की रैली के लिए आचार संहिता तोड़े जाने की घटना से जुड़े मैसेज तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। इनमें लिखा गया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह ने सरकारी नियमों और आचार संहिता की धज्जियां उड़ाईं। शाहपुर गांव के सरकारी स्कूल में चुनावी रैली की गई और इस रैली के लिए रास्ता स्कूल की दीवार तोड़कर बनाया गया। संबंधित जिले में आचार संहिता लागू करने का जिम्मा डीसी और जिला निर्वाचन अधिकारी का होता है। अगर कहीं पर भी किसी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन होता है तो कार्रवाई का जिम्मा भी डीसी का ही होता है। शाहपुर गांव की घटना के बारे में जब जिला निर्वाचन अधिकारी और हिसार के डीसी प्रदीप दहिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कोई नेता या सीएम चुनाव प्रचार के दौरान स्कूल के खेल मैदान या धार्मिक स्थल का प्रयोग नहीं कर सकता। अगर किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार ने इसका उल्लंघन किया तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
राम रहीम की 6 बार सिफारिश करने वाले को टिकट:BJP ने जेल सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान को दादरी से दिया टिकट, पूर्व मंत्री के बेटे
राम रहीम की 6 बार सिफारिश करने वाले को टिकट:BJP ने जेल सुपरिंटेंडेंट सुनील सांगवान को दादरी से दिया टिकट, पूर्व मंत्री के बेटे रोहतक की सुनारिया जेल में रेप और हत्या के मामले में बंद राम रहीम को 6 बार पैरोल और फरलों की सिफारिश करने वाले को BJP ने अपना उम्मीदवार बनाया है। BJP ने दंगल गर्ल बबीता फोगाट का टिकट काटकर सुनील सांगवान को टिकट दिया है। सुनील सांगवान जेल सुपरिंटेंडेंट के पद से वीआरएस लेकर इसी सप्ताह भाजपा में आए थे और आते ही भाजपा ने उन पर मेहरबानी दिखाते हुए अपना उम्मीवार बना दिया। हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम जेल अधीक्षक को कैदियों को पैरोल या फरलो देने के लिए मामलों की सिफारिश जिला मजिस्ट्रेट से करने का अधिकार देता है। इसी अधिकार के तहत सुनील सांगवान ने 6 बार राम रहीम की सिफारिश कर रिहा करवाया। बता दें कि सुनील सांगवान का परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ है। वह पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के पुत्र हैं। सतपाल सांगवान लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सतपाल चरखी दादरी से पूर्व विधायक हैं। सुनील सांगवान 5 साल सुनारिया में तैनात रहे
सुनील सांगवान 22 साल से ज्यादा समय तक सरकारी सेवा में रहे हैं। वह 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे। वह कई जेलों के अधीक्षक रह चुके हैं, जिनमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है, जहां उन्होंने 5 साल तक सेवा प्रदान की। यह वही जेल है, जहां डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह अपनी 2 महिला अनुयायियों के साथ रेप और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में सजा काट रहा है। हाल ही में राम रहीम सुनारिया जेल से 21 दिन की फरलो पर आया था। वीरवार को राम रहीम की फरलो का समय पूरा हो गया और वह दोबारा जेल में चला गया है। राम रहीम को 10 मौकों पर पैरोल या फरलो मिली, उनमें से 6 बार सांगवान उस जेल के अधीक्षक थे जहां डेरा प्रमुख को हिरासत में रखा गया था। गुरुग्राम की भोंडसी जेल में तैनात थे
वर्तमान में सुनील सांगवान हरियाणा की गुरुग्राम भोंडसी जेल के अधीक्षक थे, जिससे उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन रविवार को सरकार को दिया था। उनके आवेदन को स्वीकार करने की प्रक्रिया में इस कदर तेजी लाई गई कि जेल महानिदेशक (डीजी) ने रविवार को राज्य के सभी जेल अधीक्षकों को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्हें उसी दिन ‘नो-ड्यू’ प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया। डीजी के पत्र में कहा गया, ‘गुरुग्राम जिला जेल के अधीक्षक सुनील सांगवान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है, इसलिए अनुरोध है कि उनके पक्ष में शाम 4 बजे तक नो-ड्यू प्रमाणपत्र जारी किया जाए’ पिता ने भी सरकारी पद से त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ा
बता दें कि सुनील सांगवान के पिता सतपाल संगवान भी 1996 में राजनीति में आने से पहले दूरसंचार विभाग में उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) थे। बाद में वह पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के उम्मीदवार के तौर पर चरखी दादरी सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, बाद में उन्होंने और भी चुनाव लड़े। 2009 में वह हरियाणा जनहित कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते और भूपिंदर हुड्डा सरकार में मंत्री भी बने। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 2019 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने जननायक जनता पार्टी (जजपा) का दामन थाम लिया और चुनाव लड़ा, लेकिन फिर हार मिली।
हरियाणा में स्थापित होगी सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा:डबवाली से चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय चौटाला का दांव, सितंबर में होगा अनावरण
हरियाणा में स्थापित होगी सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा:डबवाली से चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय चौटाला का दांव, सितंबर में होगा अनावरण जन नायक जनता पार्टी(JJP) के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला सिरसा की डबवाली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वह इन दिनों डबवाली हलके में काफी सक्रिय हैं और लोगों के सुख-दुख बांट रहे हैं। दिग्विजय चौटाला ने यह कहकर चौका दिया है कि वह डबवाली में सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा लगाएंगे। दिग्विजय चौटाला का कहना है यह प्रतिमा अगले 2 माह में तैयार हो जाएगी। डबवाली में कोई निश्चित स्थान इसके लिए देखा जा रहा है। दिग्विजय ने बताया कि प्रतिमा लगाने के लिए सिद्धू मसूवाला के पिता बलकौर सिंह से वह इसकी इजाजत ले चुके हैं। प्रतिमा स्थापित हो जाने के बाद बलकौर सिंह खुद आकर सिद्धू मुसेवाला की प्रतिमा का अनावरण अपने हाथों से करेंगे। दिग्विजय ने कहा कि एक साधारण परिवार से सिद्धू मूसेवाला ने बेहद कम उम्र में अपनी मेहनत के दम पर पूरे देश और दुनिया में नाम कमाया जो सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है। उनका कहना है कि डबवाली में मूसेवाला की प्रतिमा युवाओं को प्रेरणा देगी। प्रतिमा लगाने के पीछे हैं यह 3 कारण
1. डबवाली में पंजाबी वोटरों की संख्या अच्छी तादात में है। यह वोटर लोकसभा में कांग्रेस के साथ दिखाई दिया। सुखबीर बादल ओपी चौटाला की पार्टी INLD का साथ दे रहे हैं। JJP और INLD जब साथ में थे तो यह पंजाब वोट INLD को पड़ते थे साथ में बागड़ी वोट भी करीब-करीब एक जगह पड़ते थे। मगर पार्टी में विभाजन के बाद स्थिति बदल गई। 2. इसके अलावा डबवाली के नजदीक कालावाली, रानिया, सिरसा, फतेहाबाद, रतिया और टोहाना तक पंजाबी वोटरों का साधने का प्रयास JJP कर रही है। कभी यह क्षेत्र चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता था मगर लोकसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में हालत खराब दिखी। सिरसा लोकसभा में JJP और INLD कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। 3. दिग्विजय चौटाला अब तक एक भी चुनाव नहीं जीत पाए हैं पिछले दो चुनाव में वह हारे हैं। उन्होंने सोनीपत सीट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ा मगर वह हार गए। इसके अलावा जींद उपचुनाव में किस्मत आजमाई मगर यहां भी वह हार गए। इसके बाद उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा मगर अब वह चौटाला परिवार की परंपरागत सीट से चुनाव लड़कर जीतना चाहते हैं। इस बार डबवाली विधानसभा में आमने-सामने होगा देवीलाल का कुनबा
हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी चौटाला परिवार एक दूसरे के सामने चुनाव लड़ सकता है। इतना ही नहीं ऐसा पहली बार होगा जब देवीलाल का कुनबा अलग-अलग पार्टियों से एक दूसरे के सामने होगा। हरियाणा की राजस्थान और पंजाब को छूती डबवाली विधानसभा में इस बार नए समीकरण बन रहे हैं। यहां मुकाबला रोचक होने वाला है। चौटाला परिवार जहां अपनी परंपरागत सीट दोबारा हासिल करने की जद्दोजहद में है तो वहीं देवीलाल के कुनबे से ही आने वाले अमित सिहाग दूसरी बार कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा जाने की तैयारी कर रहे हैं। डबवाली विधानसभा में इनेलो का सबसे अधिक कब्जा रहा है। इस बार यहां से इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला मैदान में उतर सकती हैं। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला JJP से और BJP से आदित्य चौटाला मैदान में उतर सकते हैं। ऐसा पहली बार होगा जब 4 दलों से परिवार आपस में लड़ेगा। चौटाला गांव से बने ज्यादा विधायक
डबवाली में पंजाबी और बागड़ी बेल्ट दोनों शामिल हैं। राजस्थान के साथ लगते इलाके में बागड़ी बेल्ट और पंजाब के साथ लगते क्षेत्र में पंजाबी मतदाता अधिक हैं। चौटाला परिवार की पकड़ दोनों ही बेल्ट में मजबूत मानी जाती है। गांव चौटाला, गंगा, कालुआना, बनवाली और ओढ़ा यहां के बड़े गांव हैं। इस बार चार उम्मीदवार एक ही गांव चौटाला के हो सकते हैं। हालांकि इसी गांव से ज्यादा विधायक बनते आए हैं। ताऊ देवीलाल के परिवार के हैं ये सब लोग
दिग्विजय चौटाला अजय चौटाला के छोटे बेटे हैं और देवीलाल की पड़ पौत्र हैं। वहीं आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के पौत्र हैं। डॉ. केवी सिंह देवीलाल के भतीजे हैं और इनका बेटा अमित सिहाग मौजूदा विधायक हैं। कांता चौटाला देवीलाल की पौत्र बहू है। ऐसे में चारों ही दावेदारों की नजदीकी रिश्तेदारियां हैं। कांता चौटाला दिग्विजय चौटाला की चाची और आदित्य चौटाला की भाभी हैं। डॉ. केवी सिंह कांता चौटाला के ससुर हैं। डॉ. केवी सिंह और आदित्य का चाचा-भतीजे का नाता है। ऐसे में हरियाणा में शायद डबवाली ही ऐसी इकलौती सीट होगी, जहां इस पर प्रदेश के एक बड़े सियासी घराने के सदस्य आमने-सामने होंगे।