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गोरखपुर में योगी की वजह से रवि किशन ‘स्टार’:अखिलेश-प्रियंका ने काजल का मैदान संभाला; बसपा साइलेंट
गोरखपुर में योगी की वजह से रवि किशन ‘स्टार’:अखिलेश-प्रियंका ने काजल का मैदान संभाला; बसपा साइलेंट योगी आदित्यनाथ और गोरक्षपीठ की वजह से गोरखपुर सीट VIP है। रवि किशन भाजपा के कैंडिडेट हैं। चुनाव कैंपेन में भोजपुरी में कहते हैं- भईया जिनकर (राहुल गांधी) पूरा शरीर करिया बा। कितना घोटाला उनका गिनवाएं? इन लोगों की 5 जून की सुबह की फ्लाइट है, एक जहाज जा रहा है इटली और दूसरा जहाज जा रहा है आस्ट्रेलिया। 5 बार के सांसद रहे CM योगी आदित्यनाथ की सरपरस्ती में रवि किशन का मुकाबला I.N.D.I गठबंधन की काजल निषाद से है। एक फैक्ट ये भी है कि गोरखपुर में 3 दशक से वही प्रत्याशी चुना जाता है, जिस पर गोरक्षपीठ का हाथ होता है। रवि किशन पीठ के सहारे दूसरी बार सांसद बनने की राह पर हैं। दूसरी तरफ, अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी एक साथ गोरखपुर में चुनाव कैंपेन करके काजल निषाद के लिए सियासी मैदान मजबूत कर रहे हैं। अखिलेश कहते हैं- यहां के लोग जिस धूमधाम से स्वागत करते हैं, उसी उत्साह से विदाई भी करते हैं। 2014 में जिनका स्वागत हुआ, 2024 में उनकी विदाई तय है। सीट पर यूथ को सेट करने करने के लिए वो सरकार बनने पर 30 लाख नौजवानों को नौकरियां, आटा और डेटा फ्री देने का दावा करते हैं। कहते हैं- खाकी को भी 3 साल के लिए अग्निवीर की तरह नौकरियां देंगे। I.N.D.I के इन दावों के बीच बसपा गोरखपुर की पॉलिटिक्स को दिलचस्प बना रही है। यहां से मुस्लिम कैंडिडेट जावेद सिमनानी को उतारा है। सीट पर 10% मुस्लिम और 12% दलित आबादी है। कुल 22% वोटर के साथ बसपा पिछड़ा वर्ग के बीच भी एक्टिव है, फिर भी गोरखपुर में लोग बसपा को फाइट में नहीं मानते हैं। पब्लिक और एक्सपर्ट से बात करके 3 बातें समझ में आती हैं… ग्राफिक्स में जातिगत समीकरण गोरखपुर में पब्लिक की राय…
लोग बोले- गोरखपुर की तस्वीर बदली, इसलिए भाजपा को जिताएंगे
गोरखपुर चुनाव में मुद्दे कितना रोल प्ले कर रहे हैं। चुनावी हवा किस तरफ बह रही है, ये जानने के लिए हम मुख्य बाजार तक पहुंचे। यहां शुभम श्रीवास्तव कहते हैं- एक वक्त था, जब गोरखपुर को क्राइम की नजर से देखा जाता था। यूपी के बाहर गोरखपुर बताने पर सम्मान नहीं मिलता था। BJP सरकार में यह दृश्य बदल गया। माफियाराज पूरी तरह से खत्म हो गया। अब टूरिज्म भी बढ़ा है। पूरे देश से लोग गोरखपुर आते हैं। BJP में लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। गठबंधन से कोई भी चुनाव में आ जाए, जीतेगी भाजपा ही। कुछ आगे बढ़ने पर हमें सुमन चंद मिलती हैं, वह हाउस वाइफ हैं। कहती हैं- भाजपा सरकार में महंगाई भले ही बढ़ी है, लेकिन अच्छे काम भी हुए हैं। सबसे ज्यादा गरीबों का ध्यान रखा गया। पहले ग्लोब लेवल पर भारत की खास अहमियत नहीं थी। लेकिन आज अमेरिका जैसा देश भी भारत के खिलाफ आंख उठाने में एक बार जरूर सोचता है। गठबंधन ने जो प्रत्याशी दिया है, वो जब नगर निगम और विधानसभा का चुनाव नहीं जीत सकीं तो लोकसभा का चुनाव कैसे जीतेंगी? अब हमारी मुलाकात स्टूडेंट पल्लवी सिंह से हुई। वह कहती हैं- महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। भाजपा के पास हिंदू-मुस्लिम के अलावा कोई खास मुद्दा नहीं है। वोट भी मंदिर के नाम पर मांग रही है। ज्यादातर पब्लिक भाजपा से नाराज भी है, मगर हमारे सामने कोई ऐसा दमदार प्रत्याशी नहीं है, जिसके लिए भाजपा को वोट ना देकर उसे चुने। कुछ भी हो लेकिन BJP सरकार में काम बहुत हुए हैं। रिटायर्ड कर्मचारी जेपी वर्मा कहते हैं- आम मतदाता को सिर्फ खुद के फायदे के लिए वोट नहीं देना चाहिए। बल्कि देश अगर मजबूत हो रहा है तो इस बात का ध्यान रखकर ही अपना वोट देना चाहिए। जब भी देश मजबूत होगा तो कुछ चुनौतियां जरूर आएंगी। महंगाई, बेरोजगारी जैसे छोटे मसलों को सोचकर अगर दूसरी पार्टियों को वोट दे भी दिया जाए तो फिर से देश में आतंकी हमले, घोटाले जैसी चीजें आम हो जाएंगी। भाजपा ने 500 साल से टेंट में पड़े रामलला को मंदिर में पहुंचा दिया। ऐसे में आखिर भाजपा को क्यों ना वोट दिया जाए? योगी को कैंडिडेट पसंद नहीं तो भाजपा हार गई
गोरखपुर सीट पर 2018 में उपचुनाव हुआ। CM योगी आदित्यनाथ के ना चाहते हुए भी भाजपा ने उपेंद्र दत्त शुक्ला को मैदान में उतारा। महागठबंधन ने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को टिकट दिया। मगर गोरखपुर की पब्लिक इस बात को जान चुकी थी कि उपेंद्र दत्त शुक्ला को महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) अपनी विरासत नहीं सौंपना चाहते हैं। लिहाजा उपचुनाव में भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले निषाद पार्टी ने भाजपा से गठबंधन कर लिया और फिर प्रवीण निषाद को संतकबीरनगर भेजकर यहां योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट फिल्म स्टार रवि किशन को सौंपी गई। रवि किशन को टिकट मिलते ही योगी आदित्यनाथ ने भी उनका धुंआधार प्रचार किया। नतीजा यह हुआ कि रवि किशन सांसद चुने गए। पॉलिटिकल एक्सपर्ट गोरखपुर में चुनाव में हार-जीत के पीछे के फैक्टर क्या हैं?
गोरखपुर यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक डॉ. महेंद्र सिंह कहते हैं- गोरखपुर सीट पर शुरू से ही गोरक्षपीठ का ही दबदबा रहा है। गोरखनाथ मंदिर को लेकर यहां के लोगों में एक श्रद्धा का भाव है। जिसकी वजह से प्रत्याशी कोई भी हो, लेकिन गोरखपुर की जनता मंदिर के नाम पर वोट करती आ रही है। साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब बात सिर्फ श्रद्धा तक ही सीमित नहीं रह गई है। गोरखपुर में इतने विकास काम हुए हैं कि अब एक बड़ा तबका जो अब तक दूसरी पार्टियों को वोट करता आ रहा था, वो भी अब भाजपा के साथ जुड़ता जा रहा है। ऐसे में यहां की सीट सिर्फ VIP सीट ही नहीं, बल्कि भाजपा के लिए सेफ सीट के तौर पर देखी जा रही है। क्या गोरखपुर में I.N.D.I गठबंधन मजबूती दिखा पाएगा?
सीनियर जर्नलिस्ट सुशील कुमार बताते हैं- गोरक्षनाथ मंदिर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के समय से ही हिंदुत्व की बात करता आया है। यही वजह है कि यहां के मतदाता शुरू से ही मंदिर की प्रतिष्ठा को ही लोकतंत्र की प्रतिष्ठा मानते हैं। यही कारण है कि यहां का मतदाता प्रत्याशी नहीं देखता, बल्कि यह देखता है कि मंदिर का आशीर्वाद किसके ऊपर है। जहां तक सपा के समीकरण का सवाल है, पार्टी ने 2018 के उपचुनाव के नतीजे देखकर PDA फार्मूला के तहत निषाद कार्ड खेला है। लेकिन, 2018 के उपचुनाव में भाजपा अपने समीकरण की वजह से नहीं, बल्कि मंदिर का आशीर्वाद नहीं मिलने की वजह से हार गई थी। ऐसे में मौजूदा प्रत्याशी रवि किशन के ऊपर मंदिर का पूरा आशीर्वाद है, यह किसी से छिपा नहीं है। पॉलिटिकल लीडर
लुधियाना में प्रेमी निकला महिला का कातिल:शक में चाकू से गला रेता, कनाडा जाने से रोकता था; सोशल मीडिया पर हुई थी दोस्ती
लुधियाना में प्रेमी निकला महिला का कातिल:शक में चाकू से गला रेता, कनाडा जाने से रोकता था; सोशल मीडिया पर हुई थी दोस्ती पंजाब के लुधियाना में रविवार शाम गिल रोड स्थित रेलवे लाईन के पास खेतों से एक महिला का शव मिला। महिला की गला रेत कर हत्या की गई। थाना सदर की पुलिस ने इस केस को 6 घंटे से पहले ही सुलझा लिया। हत्यारा कोई नहीं बल्कि महिला का प्रेमी ही हैं। वह फेसबुक के जरिए करीब 10 साल पहले मिला था। रिलेशनशिप में वह उस पर शक करने लगा था। महिला कनाडा जाना चाहती थी, लेकिन वह उसे जाने नहीं देना चाहता था। इसी कारण दोनों में अनबन रहती। आरोपी की पहचान जसलीर सिंह उर्फ जस्सी निवासी गांव धांदरा (37) नजदीक बस स्टैंड के रूप में हुई है। जस्सी शादीशुदा है। उसकी एक करीब साढ़े 4 साल की बेटी है। जानकारी देते हुए एडीसीपी देव सिंह ने बताया कि 6 घंटे से पहले ही एसएचओ हर्षवीर सिंह और एसीपी गुरइकबाल सिंह की टीम ने यह केस सुलझा लिया है। 10 साल से थे महिला के साथ रिलेशन आरोपी जसवीर ने पुलिस पूछताछ में खुलासा कि है कि वह संदीप कौर के साथ पिछले 10 साल से रिलेशन में था। संदीप कौर का तलाक 7 साल पहले हुआ है। उसकी एक 13 साल की बेटी है। वह कनाडा जाना चाहती थी। जसवीर उस पर शक था कि वह किसी अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत करती है। इसी कारण वह उसे कनाडा जाने से रोकता था। दोनों में इसी बात का विवाद रहता था। हत्या वाले दिन भी हुआ था संदीप के साथ झगड़ा 4 अगस्त को इसी बात को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ। गुस्से में आकर उसने संदीप कौर को रिंक रोड सिटी गांव गिल खाली प्लाट में ले जाकर चाकू से उसका गला काट दिया। आरोपी से पुलिस ने VISTA कार सफेद रंग नंबर PB-13-AB-3945, चाकू और एक्टिवा बरामद की है। आरोपी जसवीर सिंह पर पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया है। पढ़े ये है पूरा मामला मृतका महिला मुंडिया कलां के इलाके की रहने वाली 35 वर्षीय संदीप कौर है। गिल रोड स्थित रेलवे लाईन के पास खाली प्लाट में उसका शव मिला था। शुरूआती जांच में सामने आया था कि संदीप की गला रेत कर हत्या की गई है। परिवारिक सदस्यों के बयानों पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। मोबाइल डिटेल्स और सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस केस हल किया। गुरुद्वारा साहिब जाते समय किया कत्ल मृतका संदीप कौर मुंडिया के इलाके की रहने वाली है। मृतका के पिता शमशेर सिंह के अनुसार उनकी बेटी तलाकशुदा थी, जिसकी 13 वर्षीय बेटी भी है। वह हर सप्ताह मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारा साहिब में सत्संग में जाती थी। रविवार को भी वह 10 बजे अपनी एक्टिवा पर गुरुद्वारा माथा टेकने गई थी। जहां से वह वापस नहीं लौटी तो उसकी माता ने उसे करीब 2 बजे फोन किया, फोन बंद आने पर मृतका की मां ने पिता को सूचित किया। आरोपी ने गुरुद्वारा साहिब जाते समय उसे टारगेट किया।
छेहर्टा से कल चिंतपूर्णी-बगलामुखी जाएगी बस यात्रा
छेहर्टा से कल चिंतपूर्णी-बगलामुखी जाएगी बस यात्रा अमृतसर| छेहर्टा और नवां कोट से माता चिंतपूर्णी-बगलामुखी और विभिन्न धार्मिक स्थानों के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की बस शनिवार को रवाना होगी। इस अवसर पर रमेश कुमार पूरी ने बताया कि सन्नी अरोड़ा और बहन सोनिया की अगवाई में तीर्थ यात्री माता चिंतपूर्णी- मां बगलामुखी तीर्थ के दर्शन करेंगे और अन्य धार्मिक स्थानों की यात्रा भी करेंगे। छेहर्टा से लग्जरी बस 23 नवंबर की रात 9 बजे सबसे पहले माता चिंतपूर्णी जाएगी, जहां श्रद्धालु माता के दरबार में माथा टेकेंगे। इसके बाद यात्रा का अगला पड़ाव माता बगलामुखी होगा, जहां माता रानी के दर्शन के बाद रात्रि अमृतसर की वापसी करेंगे। इस मौके पर वेद प्रकाश, सन्नी, शिव नाथ पूरी, अतुल, रितिक, सोनिया, सुरजीत आदि संगत शामिल होंगे।