अंबाला विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहीं चित्रा सरवारा ने अंबाला सदर नगर परिषद चुनाव में अपने प्रत्याशियों को मिले समर्थन के लिए छावनी की जनता का आभार जताया है। चित्रा ने कहा कि उन्होंने नगर परिषद अध्यक्ष के साथ-साथ 30 वार्डों में अपने प्रत्याशी उतारे थे। बेशक उनका प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर जीत हासिल नहीं कर सका, लेकिन छावनी की 34.25 प्रतिशत जनता ने उन्हें वोट देकर अपना विश्वास जताया है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 30 में से चार वार्डों में उनके प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। साथ ही सभी सदस्य प्रत्याशियों को 31.5 प्रतिशत वोट मिले हैं। इसके लिए उन्होंने जनता का आभार भी जताया। उन्होंने होली की शुभकामनाएं भी दी। विश्वास जीतने में सफल चित्रा ने कहा कि निकाय चुनाव में जिस तरह से उनके प्रत्याशियों को वोट मिले हैं, उससे साबित होता है कि जनता ने एक मजबूत विपक्ष के तौर पर उन पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने निर्वाचित सदस्यों के साथ-साथ भाजपा के निर्वाचित अध्यक्ष और सदस्यों को शुभकामनाएं देती हूं। उम्मीद है कि ये निर्वाचित सदस्य अगले पांच साल तक निष्पक्ष रूप से छावनी की जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे। ये निर्वाचित सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों को विकास के मामले में आगे बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने चुनाव हारने वाले अपने प्रत्याशियों की पीठ भी थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह चुनाव आसान नहीं था, क्योंकि केंद्र से लेकर राज्य तक भाजपा की सरकार है। ऐसे में राज्य सरकार के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष के तौर पर चुनाव लड़ना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहुत मजबूत है। उनके प्रत्याशियों के साथ-साथ लोगों में भी लोकतंत्र बहुत मजबूती से जिंदा है। मतदान कम होने पर उठाए सवाल चित्रा ने इस दौरान निकाय चुनाव में मतदान कम होने पर भी सवाल उठाए। इसके लिए उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से भी शिकवा किया। उन्होंने कहा कि कई मतदान केंद्र रिहायशी बस्तियों से दूर बनाए गए जिसकी वजह से लोग मतदान करने ही नहीं पहुंच पाए। उन्होंने कहा कि ऐसी वजहों से 10 से 12 फीसदी मतदाता केंद्र तक मतदान के लिए नहीं पहुंच पाया। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव वीवीपैट के बिना करवाना संविधान की उल्लंघना है। मतदान के दौरान हर मतदाता को यह जानने का हक है कि उसने किस उम्मीदवार को वोट दिया है। चुनाव आयोग की भी ये जिम्मेदारी है। चुनाव से पहले ईवीएम में खराबी थी। किसी मशीन में नोटा का बटन काम नहीं कर रहा था तो किसी में दूसरे तकनीकी खामियां थी। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे खामियों से लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा हमने चुनाव में शिक्षित व युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। 31 में से 30 पहली बार चुनाव लड़े। इनमें सबसे जयादा 14 महिला उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया। उन्होंने किया तीन वार्डों में हम बेहद नजदीकी मुकाबले में हारे। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार के कई कारण है। कुछ हमारी भी कमियां थी उन्हें दुरुस्त किया था। अंबाला विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहीं चित्रा सरवारा ने अंबाला सदर नगर परिषद चुनाव में अपने प्रत्याशियों को मिले समर्थन के लिए छावनी की जनता का आभार जताया है। चित्रा ने कहा कि उन्होंने नगर परिषद अध्यक्ष के साथ-साथ 30 वार्डों में अपने प्रत्याशी उतारे थे। बेशक उनका प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर जीत हासिल नहीं कर सका, लेकिन छावनी की 34.25 प्रतिशत जनता ने उन्हें वोट देकर अपना विश्वास जताया है। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 30 में से चार वार्डों में उनके प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। साथ ही सभी सदस्य प्रत्याशियों को 31.5 प्रतिशत वोट मिले हैं। इसके लिए उन्होंने जनता का आभार भी जताया। उन्होंने होली की शुभकामनाएं भी दी। विश्वास जीतने में सफल चित्रा ने कहा कि निकाय चुनाव में जिस तरह से उनके प्रत्याशियों को वोट मिले हैं, उससे साबित होता है कि जनता ने एक मजबूत विपक्ष के तौर पर उन पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने निर्वाचित सदस्यों के साथ-साथ भाजपा के निर्वाचित अध्यक्ष और सदस्यों को शुभकामनाएं देती हूं। उम्मीद है कि ये निर्वाचित सदस्य अगले पांच साल तक निष्पक्ष रूप से छावनी की जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे। ये निर्वाचित सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों को विकास के मामले में आगे बढ़ाने का काम करेंगे। उन्होंने चुनाव हारने वाले अपने प्रत्याशियों की पीठ भी थपथपाई। उन्होंने कहा कि यह चुनाव आसान नहीं था, क्योंकि केंद्र से लेकर राज्य तक भाजपा की सरकार है। ऐसे में राज्य सरकार के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष के तौर पर चुनाव लड़ना सराहनीय है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहुत मजबूत है। उनके प्रत्याशियों के साथ-साथ लोगों में भी लोकतंत्र बहुत मजबूती से जिंदा है। मतदान कम होने पर उठाए सवाल चित्रा ने इस दौरान निकाय चुनाव में मतदान कम होने पर भी सवाल उठाए। इसके लिए उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से भी शिकवा किया। उन्होंने कहा कि कई मतदान केंद्र रिहायशी बस्तियों से दूर बनाए गए जिसकी वजह से लोग मतदान करने ही नहीं पहुंच पाए। उन्होंने कहा कि ऐसी वजहों से 10 से 12 फीसदी मतदाता केंद्र तक मतदान के लिए नहीं पहुंच पाया। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव वीवीपैट के बिना करवाना संविधान की उल्लंघना है। मतदान के दौरान हर मतदाता को यह जानने का हक है कि उसने किस उम्मीदवार को वोट दिया है। चुनाव आयोग की भी ये जिम्मेदारी है। चुनाव से पहले ईवीएम में खराबी थी। किसी मशीन में नोटा का बटन काम नहीं कर रहा था तो किसी में दूसरे तकनीकी खामियां थी। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे खामियों से लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा हमने चुनाव में शिक्षित व युवा उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। 31 में से 30 पहली बार चुनाव लड़े। इनमें सबसे जयादा 14 महिला उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया। उन्होंने किया तीन वार्डों में हम बेहद नजदीकी मुकाबले में हारे। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार के कई कारण है। कुछ हमारी भी कमियां थी उन्हें दुरुस्त किया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
