पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कोरोना महामारी के उल्लंघन के संबंध में जो भी केस दर्ज किए गए थे, उन सबको रद्द किया जाएगा। यह आदेश पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से जारी किए गए हैं। यह केस आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुए थे। तीन जगहों पर करीब 10 हजार से अधिक केस कोरोना उल्लंघन से जुड़े दर्ज हुए थे। फरवरी में केसों की सुनवाई पर लगी थी रोक कोविड नियमों के उल्लंघन में पंजाब में 5792, हरियाणा में 4494 और चंडीगढ़ में 114 मामले दर्ज हुए थे। जो कि इस समय अदालत में विचाराधीन थे। फरवरी महीने में इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की अदालतों में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी है। अदालत की तरफ से दी गई थी यह दलील हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने बताया था कि राज्य में करीब 18000 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 5792 केस लंबित हैं और करीब 12000 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। हरियाणा सरकार ने बताया था कि राज्य में करीब 9 हजार मामले दर्ज किए गए थे और जिनमें 4494 पेंडिंग हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि कुल 1142 केस दर्ज किए गए थे और 114 केस अभी लंबित हैं। इस ब्योरे को देखने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान तब ऐसे हालात थे, कि लोगों को बचाने के लिए नियमों को सख्ती से लागू किया गया था। लोग बड़े पैमाने पर आदेशों का पालन कर रहे थे। लेकिन ऐसी आकस्मिक स्थितियां हो सकती थीं। जिसने उन्हें भोजन और दवा आदि की आवश्यकता पूरी करने के लिए आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया होगा। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कोरोना महामारी के उल्लंघन के संबंध में जो भी केस दर्ज किए गए थे, उन सबको रद्द किया जाएगा। यह आदेश पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से जारी किए गए हैं। यह केस आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुए थे। तीन जगहों पर करीब 10 हजार से अधिक केस कोरोना उल्लंघन से जुड़े दर्ज हुए थे। फरवरी में केसों की सुनवाई पर लगी थी रोक कोविड नियमों के उल्लंघन में पंजाब में 5792, हरियाणा में 4494 और चंडीगढ़ में 114 मामले दर्ज हुए थे। जो कि इस समय अदालत में विचाराधीन थे। फरवरी महीने में इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की अदालतों में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी है। अदालत की तरफ से दी गई थी यह दलील हाईकोर्ट में पंजाब सरकार ने बताया था कि राज्य में करीब 18000 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 5792 केस लंबित हैं और करीब 12000 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। हरियाणा सरकार ने बताया था कि राज्य में करीब 9 हजार मामले दर्ज किए गए थे और जिनमें 4494 पेंडिंग हैं। चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि कुल 1142 केस दर्ज किए गए थे और 114 केस अभी लंबित हैं। इस ब्योरे को देखने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान तब ऐसे हालात थे, कि लोगों को बचाने के लिए नियमों को सख्ती से लागू किया गया था। लोग बड़े पैमाने पर आदेशों का पालन कर रहे थे। लेकिन ऐसी आकस्मिक स्थितियां हो सकती थीं। जिसने उन्हें भोजन और दवा आदि की आवश्यकता पूरी करने के लिए आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया होगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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