राहगीरों से मोबाइल की लूट करने वाले एक व्यक्ति पर थाना जोधेवाल में पर्चा दर्ज हुआ है। आरोपी छापेमारी के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम के हाथों से बच निकला। जानकारी के अनुसार गत रात क्राइम ब्रांच की टीम के पास जानकारी आई कि एक व्यक्ति चोरी की एक्टिवा पर सवार होकर काकोवाल रोड के नजदीक चोरी के मोबाइल बेचने के लिए जा रहा है। सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी व्यक्ति को पकड़ने के लिए जब उक्त पते पर गई तो आरोपी व्यक्ति अपनी एक्टिवा को वहीं पर छोड़कर भाग गया। बाद में जब एक्टिवा की जांच की तो उस पर नंबर प्लेट नहीं लगी थी। एक्टिवा की डिग्गी खोलने पर अंदर 7 मोबाइल बरामद हुए, जो सभी अलग-अलग कंपनियों के थे। फिर पुलिस ने सामान को कब्जे में लेकर थाना जोधेवाल में आरोपी लखन कुमार पुत्र नवल कुमार निवासी गांव सुंदर नगर के खिलाफ पर्चा दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी की तलाश की जा रही है। पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि पता चल सके कि वह कहां से होकर फरार हुआ है। राहगीरों से मोबाइल की लूट करने वाले एक व्यक्ति पर थाना जोधेवाल में पर्चा दर्ज हुआ है। आरोपी छापेमारी के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम के हाथों से बच निकला। जानकारी के अनुसार गत रात क्राइम ब्रांच की टीम के पास जानकारी आई कि एक व्यक्ति चोरी की एक्टिवा पर सवार होकर काकोवाल रोड के नजदीक चोरी के मोबाइल बेचने के लिए जा रहा है। सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी व्यक्ति को पकड़ने के लिए जब उक्त पते पर गई तो आरोपी व्यक्ति अपनी एक्टिवा को वहीं पर छोड़कर भाग गया। बाद में जब एक्टिवा की जांच की तो उस पर नंबर प्लेट नहीं लगी थी। एक्टिवा की डिग्गी खोलने पर अंदर 7 मोबाइल बरामद हुए, जो सभी अलग-अलग कंपनियों के थे। फिर पुलिस ने सामान को कब्जे में लेकर थाना जोधेवाल में आरोपी लखन कुमार पुत्र नवल कुमार निवासी गांव सुंदर नगर के खिलाफ पर्चा दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी की तलाश की जा रही है। पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि पता चल सके कि वह कहां से होकर फरार हुआ है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में एडीजीपी और AAP विधायक के समन जारी:डीएसपी की गिरफ्तारी के वारंट जारी, 12 साल पहले मिले शव का मामला 12 साल पहले इम्प्रुवमेंट ट्रस्ट की सात नंबर 7 स्कीम में एक सिर कटा शव मिलने वाले मामले में गुरदासपुर की जिला अदालत ने एडीजीपी राम सिंह और आम आदमी पार्टी के विधायक एवं तत्कालीन आईपीएस कुंवर विजय प्रताप सिंह को अदालत में पेश होने के समन जारी किए गए हैं, जबकि उस समय में डीएसपी यादविंदर सिंह की गिरफ्तारी के वारंट अदालत द्वारा जारी किए गए हैं। इसके अलावा अन्य कई पुलिस कर्मचारियों को भी कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजे गए हैं। बता दें कि मामले में एक महिला की हत्या के आरोप में उसके पति व पति के परिवारिक सदस्यों को पुलिस द्वारा हिरासत में रखकर प्रताड़ित किया गया था। बाद में उक्त महिला जीवित निकली। अपने दामाद को फंसाने के लिए ससुर ने किसी अन्य महिला की हत्या करके उसे अपनी लड़की के कपड़े पहना दिए थे। शिकायतकर्ता मनोज कुमार ने बताया कि उसकी शादी गोल्डी पुत्री बुआ मसीह निवासी गांव मान चोपड़ा के साथ हुई थी। हालांकि मनोज का ससुर अपनी बेटी की शादी किसी अन्य लड़के के साथ करवाना चाहता था। इसलिए वह मनोज को किसी झूठे केस में फंसाने का इरादा रखता था। मनोज कुमार के ससुर बुआ मसीह ने उसे और उसके अन्य स्वजनों को फंसाने के लिए शिकायतकर्ता की पत्नी और उसके अन्य स्वजनों के साथ मिलीभगत करके 11 दिसंबर 2011 की रात को दर्शना उर्फ गोगन नामक एक महिला की हत्या कर दी और उसका सिर अलग कर दिया। शव से कपड़े उतार कर मनोज की पत्नी गोल्डी के कपड़े दर्शना उर्फ गोगन के शव पर डाल दिए। मनोज के ससुराल वालों का राजनीतिक प्रभाव था। उसने सिटी गुरदासपुर में झूठी शिकायत कर दी कि मनोज कुमार और उसके स्वजनों ने उसकी लड़की गोल्डी की हत्या कर दी है। राजनीतिक दबाव में थी पुलिस कथित राजनीति के दबाव में पुलिस ने पीएस सिटी गुरदासपुर ने झूठी कहानी बनाकर धारा 302, 201 और 34 आईपीसी के तहत 12 दिसंबर 2011 को झूठी एफआईआर 217 दर्ज कर दी और उसी दिन दोपहर दो बजे एएसआई जोगिंदर सिंह, एसएचओ जोगा सिंह, इंस्पेक्टर यादविंदर सिंह, डीएसपी गरीब दास और डीएसपी अजिंदर सिंह समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने उसके कवार्टर में छापेमारी की और शिकायकर्ता मनोज और उसके स्वजनों को भी हिरासत में लिया गया। उक्त पुलिस पार्टी के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता और उसके स्वजनों को अलग अलग थानों में 10 दिनों तक नाजायज हिरासत में रखा। मनोज कुमार और उनके स्वजनों को महिला की हत्या कबूलने के लिए प्रताड़ित किया गया। उसकी पूछताछ के दौरान भी पुलिस पार्टी ने शिकायतकर्ता को अंदरुनी चोटें पहुंचाई। जिस कारण अभी तक उसकी टांगों में सूजन रहती है और उसके हाथ भी ठीक तरह से काम नहीं कर रहे।
सदमे में हुई माता-पिता की मौत इतना ही नहीं मनोज कुमार का कहना है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा गैर कानूनी हिरासत में रखे जाने के सदमे के कारण ही उसके माता पिता व अन्य एक परिवारिक सदस्य की मौत हो चुकी है। बाद में मनोज कुमार ने अपने ससुराल परिवार की साजिश का पर्दाफाश किया और हाईकोर्ट की शरण ली। इसके बाद शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठी साजिश करने और एक महिला की हत्या के आरोप में मनोज की पत्नी, उसके ससुर, साले और अन्य साथियों सहित करीब 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जिन्हें अदालत द्वारा 9 मार्च 2017 को उम्रकैद की सजा भी दी जा चुकी है। सजा के बाद इनमें से कुछ एक की जमानत भी होने की खबर है। दूसरी तरफ हाईकोर्ट के ही हस्ताक्षेप के बाद जिले की एक अदालत ने तत्कालीन पुलिस अधिकारियों एडीजीपी राम सिंह, तत्कालीन डीआईजी अमृतसर कुंवर विजय प्रताप (अब आम आदमी पार्टी के विधायक), आईपीएस जसकीरत सिंह चाहल, एसपी गुरचरण सिंह गोराया, डीएसपी अजिंदर सिंह, डीएसपी गरीब दास, डीएसपी यादविंदर सिंह, एसएचओ जोगा सिंह और एएसआई जगदेव सिंह के खिलाफ मनोज कुमार और उसके स्वजनों को नाजायज हिरासत में रखने, प्रताड़ित करने और दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने के आरोपों में मामले की सुनवाई शुरू कर दी गई है। पहले भी जारी हो चुके हैं समन जिला अदालत की ओर से नियमों के तहत पुलिस अधिकारियों को पहले पेश होने के लिए समन निकाले गए थे। जिनमें से एएसआई जगदेव सिंह को जमानत मिल चुकी है, जबकि तत्कालीन डीएसपी गरीब दास की ओर से वकील के माध्यम से आत्मसमर्पण और जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई के बाद उसे भी गत दिन जमानत दे दी गई है। इसके अलावा राम सिंह, कुंवर विजय प्रताप सिंह, गुरचरण सिंह, अजिंदर सिंह, इंस्पेक्टर जोगा सिंह, जसकीरत सिंह चाहल को 7 सितंबर 2024 को फिर से पेश होने के लिए सम्मन जारी कर दिए गए है। जबकि मामले के एक और कथित आरोपी एएसआई यादविंदर सिंह की गिरफ्तारी के वारंट अदालत द्वारा जारी किए गए हैं।
आज अमृतसर में ट्रेन रोकेंगे किसान:पंजाब सरकार को अल्टीमेटम, किसानों से बात करने पहुंचे डीसी और एसएसपी
आज अमृतसर में ट्रेन रोकेंगे किसान:पंजाब सरकार को अल्टीमेटम, किसानों से बात करने पहुंचे डीसी और एसएसपी किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से आज से अमृतसर के देवीदासपुरा में रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा। आंदोलन शुरू करने से पहले सरकार को 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया है। अगर मसला हल हो गया तो आंदोलन कैंसिल हो जाएगा। वहीं आंदोलन से पहले सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है। आंदोलन से पहले किसानों की ओर से देवीदास पूरा रेलवे ट्रैक पर तैयारी कर ली गई है। किसान ट्रैक के साइड पर टेंट लगाकर बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक अभी प्रशासन के अधिकारी डीसी और एसएसपी पहुंचे हैं। सीएम का बयान चुनावों के मद्देनजर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की ओर से दिए बयान को उनकी सच्चाई बताई है। उन्होंने कहा की खट्टर के मुंह पर खुद ही आ गया कि उन्होंने बड़े बड़े बैरिगेट लगाकर हरियाणा में किसानों को भी रोका है। इसकी असली सच्चाई है कि उनके कारण ही ट्रांसपोर्ट व्यापारी सब रुक गए हैं। खट्टर के मुताबिक इससे हरियाणा के लोग खुश हैं। जबकि पंधेर के मुताबिक इसका फैसला आने वाले चुनावों में हो जाएगा। उन्होंने कहा कि खट्टर को बयानबाजी करने की आदत है पहले भी उन्होंने किसानों के खिलाफ बयान दिया था और फिर माफी मांगनी पड़ी थी। वहीं कंगना रनोट के बयान पर भी पंधेर ने कहा कि उन्होंने इसे अपना निजी बयान बताया है। जबकि वो सांसद हैं, जिसका बयान निजी नहीं होता। पंधेर के मुताबिक यह सारे बयान भाजपा करवा रही है। किसानों की पंजाब सरकार से मांगें किसानों की ओर से पंजाब सरकार से मांगों को लेकर कल से आंदोलन किया जा रहा है। कल डीसी दफ्तर में धरना दिया गया था। वहीं आज रेल रोकने का अल्टीमेटम है। किसानों की ओर आंदोलन के शहीदों के परिवारों को नौकरी और मुआवजा, शंभू बॉर्डर मोर्चा में लौटते समय बस दुर्घटना में घायल हुए किसान मजदूरों को मुआवजा, पराली समेत लूटपाट, भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी समस्याएं और डीएपी की कमी जैसे मुद्दों के हल की मांग की गई थी। इस संबंध में किसानों के मुताबिक मांगों का कोई ठोस समाधान कल नहीं हुआ था। सरकार को चेतावनी किसान नेताओं ने कहा कि अफसरशाही का रवैया पूरी तरह से उदासीन रहा, शहीद किसानों के मुआवजे के अलावा किसी भी मांग पर प्रशासन ने संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह कलेर एवं प्रदेश नेता गुरबचन सिंह चाबा ने कहा कि हम रेल का चक्का जाम नहीं करना चाहते। इसी आधार पर हम एक बार फिर सरकार को 12 बजे तक का समय दे रहे हैं। कोई रेल 12 बजे तक नहीं रोकी जाएगी। लेकिन सरकार ने मांग की स्थिति नहीं सुधारी तो हम 12 बजे रेल लाइन काटने को मजबूर होंगे।
बिक्रम मजीठिया अकाल तख्त साहिब पहुंचे:जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का था आदेश; कहा- जो सजा देंगे, सिर निवा कर मानूंगा
बिक्रम मजीठिया अकाल तख्त साहिब पहुंचे:जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह का था आदेश; कहा- जो सजा देंगे, सिर निवा कर मानूंगा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) के पूर्व 17 मंत्रियों को जारी आदेशों के बाद गुरुवार को बिक्रम सिंह मजीठिया श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे। श्री अकाल तख्त साहिब पर नतमस्तक होकर बिक्रम मजीठिया ने माफी मांगी। बिक्रम मजीठिया भी उन 17 पूर्व मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्हें श्री अकाल तख्त साहिब ने 15 दिनों में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। मजीठिया ने कहा कि उन्हें जो सजा लगाई जाएगी, वे उसके लिए तैयार हैं। बिक्रम मजीठिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने के लिए मना कर दिया। उनसे अकाली दल में चल रही अंतर-कलह के बारे में बात की गई थी। इस दौरान उनसे अन्य 16 पूर्व मंत्रियों के बारे में भी पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपनी बात कर सकते हैं। वे आज निमाने सिख की तरह श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे हैं और उन्हें जो सजा लगाई जाएगी, वे उसके लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने बागी गुट व अन्य को सलाह भी दी कि श्री अकाल तख्त साहिब पर गुरु साहिब खुद मौजूद हैं। ऐसे में उनके सामने कोई चालाकी ना करें और निमाने सिख की तरह आकर पेश हों। लेटर में बिक्रम मजीठिया सहित 17 पूर्व मंत्रियों के नाम श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। इस लेटर में सुखबीर बादल व बिक्रम मजीठिया सहित डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, सुच्चा सिंह लंगाह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत सिंह बादल, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। बेअदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को काफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”