लुधियाना | पंजाब की अलग-अलग जेलों के अंदर या बाहर नशा, मोबाइल और प्रतिबंिधत सामान मिलना अब आम बात हो गई है। जेल में जगह-जगह चेकिंग और पूछताछ के बाद भी प्रतिबंिधत सामान मिलना सुरक्षा में चूक है। वहीं, लुधियाना केंद्रीय जेल में एक बार फिर चेकिंग के दौरान सहायक सुपरिंटेंडेंट सुखदेव सिंह के चेकिंग करने पर एक हवालाती की बैरक से 9 ग्राम नशीला पाउडर मिला है। जिस हवालाती की बैरक से नशीला पदार्थ मिला है, उसकी पहचान मुकेश कुमार पुत्र कमल कृष्ण के रूप में हुई है। बाद में जेल सुपरिंटेंडेंट की शिकायत के आधार पर डिवीजन नंबर-7 थाने में जेल के अनुशासन को भंग करने की धाराओं के तहत हवालाती पर एक और मामला दर्ज कर लिया गया है। लुधियाना | पंजाब की अलग-अलग जेलों के अंदर या बाहर नशा, मोबाइल और प्रतिबंिधत सामान मिलना अब आम बात हो गई है। जेल में जगह-जगह चेकिंग और पूछताछ के बाद भी प्रतिबंिधत सामान मिलना सुरक्षा में चूक है। वहीं, लुधियाना केंद्रीय जेल में एक बार फिर चेकिंग के दौरान सहायक सुपरिंटेंडेंट सुखदेव सिंह के चेकिंग करने पर एक हवालाती की बैरक से 9 ग्राम नशीला पाउडर मिला है। जिस हवालाती की बैरक से नशीला पदार्थ मिला है, उसकी पहचान मुकेश कुमार पुत्र कमल कृष्ण के रूप में हुई है। बाद में जेल सुपरिंटेंडेंट की शिकायत के आधार पर डिवीजन नंबर-7 थाने में जेल के अनुशासन को भंग करने की धाराओं के तहत हवालाती पर एक और मामला दर्ज कर लिया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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ट्रेनों की मेंटेनेंस में तैनात कर्मियों को कांट्रेक्टर के साथ सफाई की देखरेख के लिए ड्यूटी लगाने का मामला
ट्रेनों की मेंटेनेंस में तैनात कर्मियों को कांट्रेक्टर के साथ सफाई की देखरेख के लिए ड्यूटी लगाने का मामला भास्कर न्यूज | अमृतसर ट्रेनों की मेंटेनेंस के लिए तैनात कर्मियों को कांट्रेक्टर के साथ सफाई की देखरेख के लिए ड्यूटी लगाने को लेकर अफसरों की मनमानी का मामला दिल्ली तक पहुंचने के बाद अफसर हरकत में आ गए हैं। डीआरएम के बाद अब प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर दिल्ली से अमृतसर स्टेशन के वाशिंग लाइन का दौरा करने आज पहुंच रहे हैं। इस दौरान रेल कर्मियों से बातचीत कर उनकी समस्या सुनेंगे और मौके पर ही निपटारा कराएंगे। दरअसल, कैरिज एंड वैगन में ट्रेनों की मेंटेनेंस से जुड़े कर्मियों को ट्रेनों में सफाई का काम देखने के लिए मजबूर कर 3 से 4 दिनों के लिए उच्च अफसर ड्यूटी लगा दे रहे थे। वहीं जब मेंटिनेंस का काम रुकने लगा तो कर्मियों को चार्जशीट दे दिया गया। यह सिलसिला करीब एक महीने से चल रहा था, इसमें करीब 13 कर्मियों को चार्जशीट किया गया है। इसके बाद ऑल इंडिया रेलवे इंप्लाई एससी/एसटी यूनियन का गुस्सा फूट पड़ा और रेलवे अफसरों के विरोध में वाशिंग लाइन की ट्रैक पर उतर आए। ट्रेनों की मेंटेनेंस सेंसिटिव मामला होने के कारण रेलवे के उच्च अफसरों ने गंभीरता से लिया है। सवाल उठने लगे हैं कि जब अफसर ने ही कर्मियों की ड्यूटी ट्रेनों में सफाई व्यवस्था की देख-रेख के लिए लगाई थी तो चार्जशीट कैसे किया जा सकता है। वहीं मामला जब बढ़ा तो हायर लेवल तक पहुंच गया। सवाल उठाए गए कि वाशिंग लाइन में सफाई का काम प्राइवेट कंपनी को दिया गया है। ऐसे में जिस प्राइवेट कर्मी को इस काम के लिए इंचार्ज लगाया गया उसे नोटिस क्यों नहीं जारी किया गया। प्राइवेट तौर पर काम कर रहे मुलाजिमों से सवाल-जवाब क्यों नहीं किया जा रहा है। वहीं यूनियन की ओर से पिछले दिनों इस मामले में की गई हड़ताल से अब सभी रेलवे के अफसर हरकत में आ गए है। वहीं मामले में दखलअंदाजी देने के लिए अमृतसर स्टेशन में पहुंच रहे है। ताकि पता चल सके कि आखिर यह काम कब से चल रहा था। बता दें कि सोमवार को भी वांशिंग लाइन अफसर पहुंचे थे, जिन्होंने यूनियन के साथ बातचीत कर उनकी सभी शर्तें मान ली थी। वहीं अब आज के दौरे को लेकर अफसर अपने बचाव में जुट गए है। एडवोकेट पीसी शर्मा ने कहा कि कैरिज एंड वैगन में तैनात रेल कर्मचारी ट्रेनों की मेंटिनेंस का काम कर रहे उनकी ड्यूटी प्राइवेट कांट्रेक्टर के सफाई का काम देखने के लिए ड्यूटी लगा दिया जाना सही नहीं है। यह कर्मचारी ट्रेनों के अलग-अलग पार्ट्स को चेक करते हैं। थोड़ी भी लापरवाही या चूक हुई तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जिस भी अफसर ने कर्मियों की ड्यूटी सफाई चेक करने के लिए कांट्रेक्टर के साथ लगाया फिर उनको बाद में चार्जशीट कर दिया गया उसके खिलाफ अफसरों को जांच बिठानी चाहिए। जो कर्मचारी या एसएसई ठेकेदार के द्वारा किए काम को ठीक तरह से चेक करने के बजाय जेब का ख्याल रखते है, उन पर कार्यवाही होनी चाहिए। सूत्रों की मानें तो ट्रेनों की मेंटिनेंस के लिए जिन कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, उनको सफाई का काम देखरेख में लगाया ही क्यों गया। क्या अफसरों को यह नहीं पता कि ट्रेनों के मेंटिनेंस से जुड़ा मामला सेंसिटिव होता है। बता दें कि यह कर्मचारी ट्रेनों के पहिए चेंज करने, ब्रेक व अन्य मैकेनिज्म पार्ट्स को चेक करते हैं। कहीं कोई गड़बड़ी सामने आई तो उसे तत्काल दूर कराया जाता है। इसमें किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए।
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अटारी बार्डर पहुंचे पंजाब के राज्यपाल:रिट्रीट समारोह का आनंद लिया, बोले- पराली को लेकर सख्ती नहीं विकल्प की जरुरत पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने भारत-सीमा पर पहुंचकर पराली और नशे की तस्करी पर बात की। अपने चार दिवसीय सीमा दौरे पर वो आज शाम अटारी सीमा पर पहुंचे और सीमा पर रिट्रीट सेरेमनी का आनंद लिया। इस अवसर पर उन्होंने बीएसएफ जवानों की परेड का आनंद लिया और जवानों के सराहनीय प्रदर्शन की सराहना की। राज्यपाल कटारिया ने दिन-रात अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करने की कर्तव्य निष्ठा के लिए जवानों की पीठ थपथपाई। इस अवसर पर बी.एस.एफ जवानों की ओर से भी राज्यपाल पंजाब को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। बातचीत करते हुए पंजाब के गवर्नर ने कहा कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सिर्फ सख्ती ही नहीं बल्कि विकल्प की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसे उद्योग की जरूरत है जो पराली को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करे या पराली से कच्चा माल लेकर उसे आगे प्रोसेस करे। मादक पदार्थों को रोकने के लिए सहयोग की जरुरत जब उनसे सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सीमा पार से आने वाले मादक पदार्थों को रोकने के लिए लोगों के सहयोग की बहुत जरूरत है, जो अब ड्रोन की मदद से बहुत आसानी से पहुंच रहा है और वो इस साथ को लेने की ही कोशिश कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रधान सचिव वीके मीना, पंजाब के राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. शिव प्रसाद, उपायुक्त साक्षी साहनी, जिला पुलिस प्रमुख रणजीत सिंह, एसडीएम मनकंवल सिंह चहल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।