खट्‌टर बोले- मां की वजह से सफल हुआ:पिताजी ने पढ़ाने से मना किया, मां ने अपनी बचत से दाखिला दिलाया वर्ना खेती-मजदूरी करता

खट्‌टर बोले- मां की वजह से सफल हुआ:पिताजी ने पढ़ाने से मना किया, मां ने अपनी बचत से दाखिला दिलाया वर्ना खेती-मजदूरी करता

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने कहा है कि वह आज जो भी हैं, अपनी मां की वजह से हैं। उन्होंने कहा- पिता ने आगे पढ़ाने से मना कर दिया था। मगर, मां ने अपनी बचत से कॉलेज में दाखिले के लिए रुपए दिए। अगर उस वक्त ऐसा न होता तो मैं भी खेती-मजदूरी कर रहा होता। वह दिल्ली में एक महिला सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। बता दें कि खट्‌टर ने 2014 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। हरियाणा में तब भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो वह मुख्यमंत्री बनाए गए। दूसरे टर्म में भी साढ़े 4 साल वह मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद उन्होंने 2024 में करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ा और केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर की 4 अहम बातें… 1. हर कामयाब पुरुष के पीछे महिला होती है
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा- एक कहावत है, हर एक सफल व्यक्ति के पीछे किसी न किसी महिला का हाथ होता है। वह महिला पत्नी हो सकती है, बहन हो सकती है, मां हो सकती है या दादी-नानी भी हो सकती है। मैंने इस विषय का जिक्र इसलिए किया कि मैं गांव में पैदा हुआ। गांव में जैसे बालक होते हैं, बहुत साधारण तरीके से पढ़ाई करते हैं, खेती करते हैं। मैंने जीवन में बहुत प्रकार के काम किए। आज इस स्थान पर अगर मैं पहुंचा हूं, और अगर किसी को मैं श्रेय दे सकता हूं तो मैं अपनी मां को दे सकता हूं। 2. पिता ने पढ़ाने से मना किया, खेती करने को कहा
ये घटना साल 1970 की है। तब मैंने 10वीं पास की। पिताजी ने आगे पढ़ाने के लिए मना कर दिया। पिता ने कहा कि मैं खेती करता हूं। मैं (मनोहर लाल) भाई-बहनों में सबसे बड़ा हूं। पिताजी ने कहा कि खेती के काम में मदद के लिए मुझे एक बेटे की जरूरत है। तुम इसे करो। खेती के काम में मेरा हाथ बंटाओ। परिवार में कोई पढ़ा-लिखा नहीं था। उस समय, आज से 55 साल पहले 10वीं पढ़ जाना बड़ी बात मानी जाती थी। मैंने जिद पकड़ी कि आगे पढ़ाई करनी है। पिताजी ने स्पष्ट मना किया। मैं उदास हुआ। 3. मैं रो रहा था, मां ने 300 रुपए हाथ में पकड़ा दिए
पिताजी बाहर गए थे। उदासी से मन भर आता है। कष्ट होता है। मैं रोने लग गया था। मां ने मुझसे पूछा कि बेटा क्यों रो रहे हो? मैंने कहा कि मुझे पढ़ाई करनी है। पिताजी ने मना कर दिया। मां ने पूछा कि अगर तुम्हें दाखिला लेना है तो पहली बार में कितना पैसा लगेगा? मैंने कहा कि कॉलेज का मुझे ज्यादा पता तो नहीं है, लेकिन 200-300 रुपया जरूर लगेगा। मेरी मां और दादी-नानी कुछ न कुछ पैसा जोड़कर रखती थीं। मां अंदर गईं और 300 रुपया लाकर मेरे हाथ में पकड़ा दिया। वे रुपए लेकर मैं एडमिशन कराने के लिए गया। 4. पिताजी ने डांटा, 300 रुपए बर्बाद होने से बचाने को पढ़ाई पर राजी हुए
मेरा एडमिशन हुआ। कॉलेज में पढ़ने के लिए गया। शाम को आया तो पिताजी ने डांटा। पूछा कि एडमिशन क्यों लिया? मैंने कहा कि अब तो ले लिया। पिताजी ने पूछा कि कितने पैसे लगे? मैंने कहा 300 रुपए। पिताजी ने पूछा कि कहां से लिए? मैंने कहा मां से लिया। उन्होंने मां को भी डांटा। मैंने उन्हें कहा कि अगर अब कॉलेज नहीं जाऊंगा तो 300 रुपए बर्बाद हो जाएंगे। 300 रुपए लग गए, उन्हें बचाने के लिए पिताजी मान गए। उन्होंने कहा कि ठीक है, पढ़ाई करो, आगे मैं भी देता रहूंगा। पत्नी को लेकर कहा था- अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा
5 अगस्त 2024 को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन को ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहकर पुकारा। इस पर जया ने आपत्ति जताई। इससे पहले 29 जुलाई को भी उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने उन्हें इसी नाम से संबोधित किया था। तब भी जया ने नाराजगी जताई थी। थोड़े शोर-गुल के बाद सभापति ने एक किस्सा सुनाया और जया से कहा कि वह केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपना प्रश्न पूछ सकती हैं। जया खड़ी हुईं और खट्टर की ओर इशारा करते हुए बोलीं- इनके नाम के आगे इनकी पत्नी का भी नाम लगा दीजिए। जवाब देने के लिए जब खट्टर खड़े हुए तो व्यंग्य करते हुए बोले- मुझे इस काम के लिए अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा। उससे पहले तो संभव है नहीं। इस पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। जया बच्चन भी हंसती हुई नजर आईं। ************** केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की पूरी कहानी पढ़ें… कपड़े की दुकान चलाते थे खट्टर:बंसीलाल की सरकार गिराने के लिए दाढ़ी बढ़ाई, मोदी से दोस्ती; पहले ही चुनाव में CM बने 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP को बहुमत मिला। CM पद के लिए रामबिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु, ओम प्रकाश धनखड़ जैसे दिग्गजों के नाम चल रहे थे, लेकिन बाजी मारी पहली बार विधायक बने उस नेता ने, जिसने 15 साल पहले बंसीलाल की सरकार गिराने की सौगंध खाई थी, नाम- मनोहर लाल खट्टर (पूरी खबर पढ़ें) केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने कहा है कि वह आज जो भी हैं, अपनी मां की वजह से हैं। उन्होंने कहा- पिता ने आगे पढ़ाने से मना कर दिया था। मगर, मां ने अपनी बचत से कॉलेज में दाखिले के लिए रुपए दिए। अगर उस वक्त ऐसा न होता तो मैं भी खेती-मजदूरी कर रहा होता। वह दिल्ली में एक महिला सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। बता दें कि खट्‌टर ने 2014 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। हरियाणा में तब भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो वह मुख्यमंत्री बनाए गए। दूसरे टर्म में भी साढ़े 4 साल वह मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद उन्होंने 2024 में करनाल से लोकसभा चुनाव लड़ा और केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिए गए। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर की 4 अहम बातें… 1. हर कामयाब पुरुष के पीछे महिला होती है
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा- एक कहावत है, हर एक सफल व्यक्ति के पीछे किसी न किसी महिला का हाथ होता है। वह महिला पत्नी हो सकती है, बहन हो सकती है, मां हो सकती है या दादी-नानी भी हो सकती है। मैंने इस विषय का जिक्र इसलिए किया कि मैं गांव में पैदा हुआ। गांव में जैसे बालक होते हैं, बहुत साधारण तरीके से पढ़ाई करते हैं, खेती करते हैं। मैंने जीवन में बहुत प्रकार के काम किए। आज इस स्थान पर अगर मैं पहुंचा हूं, और अगर किसी को मैं श्रेय दे सकता हूं तो मैं अपनी मां को दे सकता हूं। 2. पिता ने पढ़ाने से मना किया, खेती करने को कहा
ये घटना साल 1970 की है। तब मैंने 10वीं पास की। पिताजी ने आगे पढ़ाने के लिए मना कर दिया। पिता ने कहा कि मैं खेती करता हूं। मैं (मनोहर लाल) भाई-बहनों में सबसे बड़ा हूं। पिताजी ने कहा कि खेती के काम में मदद के लिए मुझे एक बेटे की जरूरत है। तुम इसे करो। खेती के काम में मेरा हाथ बंटाओ। परिवार में कोई पढ़ा-लिखा नहीं था। उस समय, आज से 55 साल पहले 10वीं पढ़ जाना बड़ी बात मानी जाती थी। मैंने जिद पकड़ी कि आगे पढ़ाई करनी है। पिताजी ने स्पष्ट मना किया। मैं उदास हुआ। 3. मैं रो रहा था, मां ने 300 रुपए हाथ में पकड़ा दिए
पिताजी बाहर गए थे। उदासी से मन भर आता है। कष्ट होता है। मैं रोने लग गया था। मां ने मुझसे पूछा कि बेटा क्यों रो रहे हो? मैंने कहा कि मुझे पढ़ाई करनी है। पिताजी ने मना कर दिया। मां ने पूछा कि अगर तुम्हें दाखिला लेना है तो पहली बार में कितना पैसा लगेगा? मैंने कहा कि कॉलेज का मुझे ज्यादा पता तो नहीं है, लेकिन 200-300 रुपया जरूर लगेगा। मेरी मां और दादी-नानी कुछ न कुछ पैसा जोड़कर रखती थीं। मां अंदर गईं और 300 रुपया लाकर मेरे हाथ में पकड़ा दिया। वे रुपए लेकर मैं एडमिशन कराने के लिए गया। 4. पिताजी ने डांटा, 300 रुपए बर्बाद होने से बचाने को पढ़ाई पर राजी हुए
मेरा एडमिशन हुआ। कॉलेज में पढ़ने के लिए गया। शाम को आया तो पिताजी ने डांटा। पूछा कि एडमिशन क्यों लिया? मैंने कहा कि अब तो ले लिया। पिताजी ने पूछा कि कितने पैसे लगे? मैंने कहा 300 रुपए। पिताजी ने पूछा कि कहां से लिए? मैंने कहा मां से लिया। उन्होंने मां को भी डांटा। मैंने उन्हें कहा कि अगर अब कॉलेज नहीं जाऊंगा तो 300 रुपए बर्बाद हो जाएंगे। 300 रुपए लग गए, उन्हें बचाने के लिए पिताजी मान गए। उन्होंने कहा कि ठीक है, पढ़ाई करो, आगे मैं भी देता रहूंगा। पत्नी को लेकर कहा था- अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा
5 अगस्त 2024 को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन को ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहकर पुकारा। इस पर जया ने आपत्ति जताई। इससे पहले 29 जुलाई को भी उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने उन्हें इसी नाम से संबोधित किया था। तब भी जया ने नाराजगी जताई थी। थोड़े शोर-गुल के बाद सभापति ने एक किस्सा सुनाया और जया से कहा कि वह केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपना प्रश्न पूछ सकती हैं। जया खड़ी हुईं और खट्टर की ओर इशारा करते हुए बोलीं- इनके नाम के आगे इनकी पत्नी का भी नाम लगा दीजिए। जवाब देने के लिए जब खट्टर खड़े हुए तो व्यंग्य करते हुए बोले- मुझे इस काम के लिए अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा। उससे पहले तो संभव है नहीं। इस पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा। जया बच्चन भी हंसती हुई नजर आईं। ************** केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की पूरी कहानी पढ़ें… कपड़े की दुकान चलाते थे खट्टर:बंसीलाल की सरकार गिराने के लिए दाढ़ी बढ़ाई, मोदी से दोस्ती; पहले ही चुनाव में CM बने 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP को बहुमत मिला। CM पद के लिए रामबिलास शर्मा, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु, ओम प्रकाश धनखड़ जैसे दिग्गजों के नाम चल रहे थे, लेकिन बाजी मारी पहली बार विधायक बने उस नेता ने, जिसने 15 साल पहले बंसीलाल की सरकार गिराने की सौगंध खाई थी, नाम- मनोहर लाल खट्टर (पूरी खबर पढ़ें)   हरियाणा | दैनिक भास्कर