विधानसभा क्षेत्र खन्ना से विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध ने एक आम वर्कर के तौर पर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। आज उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। उनके आम वर्कर से मंत्री बनने तक का सफर मेहनत और संघर्ष से भरपूर रहा। अन्ना हजारे आंदोलन के बाद सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी स्वराज किताब पढ़कर सियासत में आने का मन बनाया था। कान्वेंट स्कूल से प्राइमरी शिक्षा 7 सितंबर 1983 को पिता भूपिंदर सिंह सौंध और माता सुखविंदर कौर के घर में जन्मे तरुणप्रीत सिंह सौंध ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खन्ना के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की। जिसके बाद राधा वाटिका से 12वीं करने उपरांत सीएनसी डिप्लोमा, इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोर्स, ऑटोकैड कोर्स कर अपने पिता के साथ व्यवसाय में हाथ बंटाया। 2004 में कमलजीत कौर के साथ शादी होने के बाद एक बेटे और एक बेटी के पिता बने। तरुणप्रीत सौंध ने सोप मैन्युफैक्चरिंग मशीन इंडस्ट्री में अपने पिता के साथ हाथ बंटाते हुए देशभर में मशीनें सप्लाई की और एक सफल उद्योगपति के रूप में अपनी पहचान बनाई। कांग्रेस का समर्थक था परिवार किसी समय कांग्रेस पार्टी का समर्थक रहा सौंध परिवार देश में कांग्रेस पार्टी की आम जन विरोधी गतिविधियों और लगातार हो रहे कथित भ्रष्टाचार से आहत था। किसी विभाग में काम होता तो व्यापारियों के साथ अधिकारियों का रूखा रवैया सौंध परिवार को हमेशा से खटकता। मन में आता कि देश के मात्र 2 फीसदी उद्योगपति टैक्स देकर भी सरकारी दरबार में नजरअंदाज किए जाते हैं और आम जनता की सरकार के दरबार में कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। मन के भीतर जारी जंग को 2012 में हुए अन्ना हजारे के आंदोलन से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पनपी आम आदमी पार्टी से एक आशा की किरण दिखाई दी। सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी किताब स्वराज को पढ़ा। बड़ी संख्या में किताब स्वराज की लिपियां वितरित भी कीं। 2014 में आम आदमी पार्टी के पहले चुनाव में सौंध ने पार्टी का भरपूर साथ दिया। पार्टी की ओर से लगाई प्रत्येक ड्यूटी को पूरी तनदेही से निभाया। पार्टी में अलग-अलग ओहदे मिले पार्टी के प्रति सच्ची लगन और निष्ठा देखते हुए तरुणप्रीत सिंह सौंध को पार्टी ने पहले ट्रेड ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री विंग का खन्ना प्रधान बनाया। इसके बाद खन्ना के साथ साहनेवाल और समराला का प्रधान, फिर लोकसभा फतेहगढ़ साहिब का प्रधान बनाया गया। 2017 के विधानसभा चुनावों में भी सौंध ने पार्टी के हर आदेश को मानते हुए चुनावों में कड़ी मेहनत की। बेशक उन्हें पार्टी की तरफ से टिकट नहीं दी गई थी, लेकिन वे एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में उभरे जिन्होंने पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद उस समय पार्टी का झंडा उठाया। जिस समय पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की बेहद अधिक जरूरत थी। सौंध के जीवन में उस समय क्रांतिकारी बदलाव आया जब पार्टी ने उनकी अथक मेहनत और नि:स्वार्थ सेवा देखते हुए उन्हें हलका खन्ना इंचार्ज की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। सौंध की कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों में हलका खन्ना से अपना प्रत्याशी घोषित किया। वह नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए रिकार्ड 35620 मतों से विजयी हुए। उन्हें 48.55 फीसद की दर से रिकार्ड 62 हजार 425 वोट मिले। इस चुनाव में उन्होंने पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते एवं पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली की जमानत जब्त कराई। मंत्री बनने के बाद बोले- परिवारवाद हमारी पार्टी में नहीं शपथ ग्रहण करने के बाद बतौर कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंध ने जब मीडिया से बात की तो सबसे पहले अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान का आभार जताया। उन्होंने कहा कि AAP में परिवारवाद नहीं है। कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा कुछ परिवारों के हाथों में हैं। आप में ऐसा नहीं है। उन्हें पार्टी ने मंत्री बनाकर बहुत मान सम्मान दिया है। वे पार्टी के भरोसे पर खरा उतरेंगे। पूरे पंजाब की भलाई के लिए काम किए जाएंगे। विधानसभा क्षेत्र खन्ना से विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध ने एक आम वर्कर के तौर पर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। आज उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। उनके आम वर्कर से मंत्री बनने तक का सफर मेहनत और संघर्ष से भरपूर रहा। अन्ना हजारे आंदोलन के बाद सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी स्वराज किताब पढ़कर सियासत में आने का मन बनाया था। कान्वेंट स्कूल से प्राइमरी शिक्षा 7 सितंबर 1983 को पिता भूपिंदर सिंह सौंध और माता सुखविंदर कौर के घर में जन्मे तरुणप्रीत सिंह सौंध ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खन्ना के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की। जिसके बाद राधा वाटिका से 12वीं करने उपरांत सीएनसी डिप्लोमा, इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोर्स, ऑटोकैड कोर्स कर अपने पिता के साथ व्यवसाय में हाथ बंटाया। 2004 में कमलजीत कौर के साथ शादी होने के बाद एक बेटे और एक बेटी के पिता बने। तरुणप्रीत सौंध ने सोप मैन्युफैक्चरिंग मशीन इंडस्ट्री में अपने पिता के साथ हाथ बंटाते हुए देशभर में मशीनें सप्लाई की और एक सफल उद्योगपति के रूप में अपनी पहचान बनाई। कांग्रेस का समर्थक था परिवार किसी समय कांग्रेस पार्टी का समर्थक रहा सौंध परिवार देश में कांग्रेस पार्टी की आम जन विरोधी गतिविधियों और लगातार हो रहे कथित भ्रष्टाचार से आहत था। किसी विभाग में काम होता तो व्यापारियों के साथ अधिकारियों का रूखा रवैया सौंध परिवार को हमेशा से खटकता। मन में आता कि देश के मात्र 2 फीसदी उद्योगपति टैक्स देकर भी सरकारी दरबार में नजरअंदाज किए जाते हैं और आम जनता की सरकार के दरबार में कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। मन के भीतर जारी जंग को 2012 में हुए अन्ना हजारे के आंदोलन से अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पनपी आम आदमी पार्टी से एक आशा की किरण दिखाई दी। सौंध ने अरविंद केजरीवाल की लिखी किताब स्वराज को पढ़ा। बड़ी संख्या में किताब स्वराज की लिपियां वितरित भी कीं। 2014 में आम आदमी पार्टी के पहले चुनाव में सौंध ने पार्टी का भरपूर साथ दिया। पार्टी की ओर से लगाई प्रत्येक ड्यूटी को पूरी तनदेही से निभाया। पार्टी में अलग-अलग ओहदे मिले पार्टी के प्रति सच्ची लगन और निष्ठा देखते हुए तरुणप्रीत सिंह सौंध को पार्टी ने पहले ट्रेड ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री विंग का खन्ना प्रधान बनाया। इसके बाद खन्ना के साथ साहनेवाल और समराला का प्रधान, फिर लोकसभा फतेहगढ़ साहिब का प्रधान बनाया गया। 2017 के विधानसभा चुनावों में भी सौंध ने पार्टी के हर आदेश को मानते हुए चुनावों में कड़ी मेहनत की। बेशक उन्हें पार्टी की तरफ से टिकट नहीं दी गई थी, लेकिन वे एक ऐसे कार्यकर्ता के रूप में उभरे जिन्होंने पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद उस समय पार्टी का झंडा उठाया। जिस समय पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की बेहद अधिक जरूरत थी। सौंध के जीवन में उस समय क्रांतिकारी बदलाव आया जब पार्टी ने उनकी अथक मेहनत और नि:स्वार्थ सेवा देखते हुए उन्हें हलका खन्ना इंचार्ज की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। सौंध की कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों में हलका खन्ना से अपना प्रत्याशी घोषित किया। वह नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए रिकार्ड 35620 मतों से 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पंजाब किंग्स टीम ने श्रेयस अय्यर को 26.75 करोड़ रुपए में खरीदा। वह टीम के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। युजवेंद्र चहल 18 करोड़, अर्शदीप सिंह 18 करोड़, मार्कस स्टोयनिस 11 करोड़, मार्को यानसन 7 करोड़, ग्लेन मैक्सवेल 4.20 करोड, नेहल वाधेरा 4.20 करोड़, प्रियांश आर्या को 3.80 करोड़, जोश इंग्लिश 2.60 करोड़, अजमतउल्लाह उमरजई 2.40 करोड़, लॉकी फर्ग्यूसन 2 करोड़, विजयकुमार व्यशक 1.80 करोड़, यश ठाकुर 1.60 करोड़, हरप्रीत ब्रार 1.50 करोड़, आरोन हार्डी को 1.25 करोड़, विष्णु विनोद को 95 लाख, जैवियर बार्टलेट व कुलदीप सेन 80-80 लाख, सूर्यांश शेगडे, मुशीर खान, पायला अविनाश और हरनूर पन्नू को 30-30 लाख रुपए में खरीदा। अंशुल कंबोज के क्रिकेटर बनने की कहानी…
अंशुल कंबोज का जन्म हरियाणा के करनाल में 6 दिसंबर 2000 को हुआ। 14 साल की उम्र तक उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन पिछले एक दशक से भी कम समय में कंबोज ने न सिर्फ अपनी राज्य टीम के लिए खेलना शुरू कर दिया बल्कि आईपीएल में भी जगह बनाई। कंबोज ने 17 फरवरी 2022 को हरियाणा के लिए 2021-22 रणजी ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया। सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में 2022-23 में टी-20 में डेब्यू किया। 2022-23 विजय हजारे ट्रॉफी में लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत की। 2024 एसीसी इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत ए टीम का हिस्सा रहें। अंशुल कंबोज को IPL 2024 में मुंबई इंडियंस ने चुना था। उन्होंने 2023-24 में विजय हजारे ट्रॉफी जीतने में हरियाणा के लिए अहम भूमिका निभाई थी और 10 मैचों में 17 विकेट लिए थे। उनके नाम 47 प्रथम श्रेणी विकेट, 23 लिस्ट-ए विकेट और 17 टी-20 विकेट हैं। ग्लेन मैक्ग्रा के वीडियो देखना पसंद
कुछ समय पहले अंशुल कंबोज ने इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें ग्लेन मैक्ग्रा की गेंदबाजी के वीडियो देखना बहुत पसंद हैं। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज मैक्ग्रा गेंद की सीम का बहुत बढ़िया तरीके से इस्तेमाल करते थे। अर्शदीप सिंह के क्रिकेटर बनने की कहानी… परिवार ने कनाडा भेजने की कर ली थी तैयारी
अर्शदीप सिंह का पंजाब टीम में चयन नहीं हो रहा था। परिवार के लोग भी चिंतित थे। ऐसे में माता-पिता ने उन्हें कनाडा उनके भाई के पास भेजने का फैसला किया। उन्होंने इस बारे में उसके कोच से बात की। कोच ने जब अर्शदीप से इस बारे में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि वह खेलना चाहते हैं। कोच की सलाह पर अर्शदीप ने यह बात अपने परिवार को बताई। परिवार के लोगों ने उन्हें एक साल का समय दिया। इसके बाद अर्शदीप ने ग्राउंड पर जमकर मेहनत की। फिर उनका चयन पंजाब की अंडर-19 टीम में चयन हो गया। इसके बाद उन्होंने अंडर-19 विश्व कप खेला। फिर यह सफर लगातार चलता रहा। पिता ने पहचाना हुनर, मां ने लगाई ताकत
अर्शदीप सिंह का परिवार मोहाली के खरड़ में रह रहा है। उनके पिता दर्शन सिंह एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अर्शदीप का जन्म तब हुआ, जब उनके पिता की पोस्टिंग मध्य प्रदेश में थी। वह भी गेंदबाज हैं। उनके पिता ने क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को पहचाना। उन्होंने उन्हें पार्क में बॉलिंग करते देखा। फिर वह उन्हें 13 साल की उम्र में चंडीगढ़ के सेक्टर-36 स्थित गुरु नानक देव स्कूल की क्रिकेट एकेडमी में ले गए, जहां से उनकी कोचिंग शुरू हुई। अर्शदीप के पिता बाहर पोस्टेड थे। ऐसे में सुबह 6 बजे खरड़ से चंडीगढ़ ग्राउंड पहुंचना आसान नहीं था, क्योंकि यह 15 किलोमीटर का सफर था। ऐसे में अर्शदीप सिंह की मां बलजीत कौर उन्हें सुबह साइकिल पर लेकर आती थीं। फिर वहीं रुकती थीं। स्कूल के बाद उन्हें पार्क में बैठाती थीं और खाना आदि खिलाती थीं। इसके बाद फिर से एकेडमी भेजती थीं। शाम को घर भी ले जाती थीं। शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 2019 में IPL में डेब्यू किया
अर्शदीप सिंह को 19 सितंबर 2018 को 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेलने के लिए चुना गया था। फिर उन्हें 2018 अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह मिली। दिसंबर 2018 में, उन्हें 2019 IPL के लिए किंग्स इलेवन पंजाब द्वारा चुना गया। वह टीम के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की गई। नवंबर 2019 में उन्हें बांग्लादेश में 2019 ACC इमर्जिंग टीम एशिया कप के लिए भारत की टीम में चुना गया।
तरनतारन में गुटका साहिब की बेअदबी:134 से 174 तक के अंग फाड़े, सेवादारों व संगत ने किया काबू, तनाव की स्थिति
तरनतारन में गुटका साहिब की बेअदबी:134 से 174 तक के अंग फाड़े, सेवादारों व संगत ने किया काबू, तनाव की स्थिति तरन तारन के कस्बा झब्बाल स्थित गुरुद्वारा बीड़ बाबा बुड्ढा साहिब में शनिवार की सुबह एक व्यक्ति ने गुटका साहिब के दो अंग फाड़ डाले। जिसके बाद मौके पर मौजूद गुरुद्वारा साहब के सेवादारों और श्रद्धालुओं ने आरोपी को काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी की पहचान गांव भोज्जियां निवासी परमजीत सिंह के रूप में हुई है। आरोपी अपाहिज बताया जा रहा है। घटना के बाद तनाव पैदा हो गया और सिक्ख जत्थेबंदियां थाने पहुंचना शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि आरोपी कई सालों से गुरुद्वारा साहिब में नतमस्तक होने आता था, लेकिन उसने इस घटना को क्यों अंजाम दिया इसके पीछे क्या कारण था, इसकी जांच की जा रही है। किया पुलिस के हवाले गुरुद्वारा साहिब के हेडग्रंथी निशान सिंह बताया कि, आरोपी कर्मजीत सिंह निवासी भोज्जियां कई सालों से गुरुद्वारा साहिब में आता था और यहां सेवा करता था। शनिवार सुबह 9.15 बजे आरोपी गुरुद्वारा साहिब के दरबार पहुंचा। जहां उसने गुटका साहिब उठाया और अचानक गुटका साहिब के 134 से लेकर 174 तक के अंग फाड़ डाले। मौके पर मौजूद सेवादार निंदर सिंह और श्रद्धालुओं ने उसे काबू कर लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं, थाना झब्बाल के प्रभारी जस्सा सिंह ने बताया कि आरोपी कर्मजीत सिंह को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। कर्मजीत सिंह एक टांग से अपाहिज है वह कई सालों से इसी गुरुद्वारा साहब में सेवा कर रहा था। उसने इस घटना को अंजाम क्यों दिया इसके पीछे क्या कारण है इस बाबत उससे पूछताछ की जा रही है
15 जिलों में 11 बजे तक बारिश का अलर्ट:पंजाब में आज बरसेंगे बादल, गर्मी से राहत; 10 जिलों में 70% तक सुस्त मानसून
15 जिलों में 11 बजे तक बारिश का अलर्ट:पंजाब में आज बरसेंगे बादल, गर्मी से राहत; 10 जिलों में 70% तक सुस्त मानसून पंजाब के ज्यादातर इलाकों में पिछले कुछ दिनों से मानसून सुस्त रहने के बाद मौसम फिर से गर्म और उमस भरा रहा। पिछले दो दिनों से अधिकतम तापमान में लगातार बढ़ोतरी हुई। गुरुवार को तापमान 1.2 डिग्री ज्यादा दर्ज किया गया था। लेकिन आज से मानसून के फिर से सक्रिय होने की संभावना है। मौसम विभाग ने 11 बजे तक 15 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक बरनाला, संगरूर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, फरीदकोट, लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, जालंधर, तरनतारन, कपूरथला एसबीएस नगर, होशियारपुर, अमृतसर और गुरदासपुर में दोपहर 11 बजे तक बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। आज पंजाब के 10 जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर और एसएएस नगर में आज बारिश, बिजली गिरने और गरज के साथ छींटे पड़ने का अलर्ट जारी किया गया है। इतना ही नहीं इन इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। अब तक सामान्य बारिश मौसम विभाग के अनुसार जुलाई महीने में अब तक मानसून सामान्य है। यह सामान्य से मात्र 5 डिग्री कम है। 1 से 11 जुलाई की बात करें तो सामान्य बारिश 49.6 मिमी होती है, जबकि अब तक 47.3 मिमी ही बारिश हुई है। पंजाब के 10 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। होशियारपुर में 53%, कपूरथला में 42%, रूपनगर में 43%, एसएएस नगर में 22%, फतेहगढ़ साहिब में 51%, पटियाला में 43%, बठिंडा में 33%, फिरोजपुर में 70%, मोगा में 63% और एसबीएस नगर में 63% कम बारिश दर्ज की गई है।