खन्ना के संस्कृत कॉलेज में स्टूडेंट का हंगामा:छात्र बेहोश होकर गिरा, शुरू की भूख हड़ताल, टीचर के इस्तीफे से नाराज

खन्ना के संस्कृत कॉलेज में स्टूडेंट का हंगामा:छात्र बेहोश होकर गिरा, शुरू की भूख हड़ताल, टीचर के इस्तीफे से नाराज

लुधियाना में खन्ना के श्री सरस्वती संस्कृत कॉलेज में एक वरिष्ठ शिक्षक के इस्तीफे को लेकर विवाद गहरा गया है। 35 वर्षों से संस्कृत पढ़ा रहे डॉक्टर हेमानंद के अचानक इस्तीफे से नाराज छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें एक छात्र के बेहोश होने की भी खबर है। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा बार-बार अपमानित किए जाने के कारण डॉक्टर हेमानंद को इस्तीफा देना पड़ा। छात्र आस्तिक शर्मा के अनुसार, प्रिंसिपल ने उन्हें अयोग्य तक कह दिया, जिससे आहत होकर उन्होंने पद छोड़ दिया। भूख हड़ताल करने का संकल्प प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि, वह डॉक्टर हेमानंद की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं और जब तक उनकी वापसी नहीं होती, भूख हड़ताल जारी रखने का संकल्प ले चुके हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह मामला अब यूनिवर्सिटी के अधिकार क्षेत्र में है और डॉक्टर हेमानंद को यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया के तहत ही वापस आना होगा। हालांकि, कॉलेज प्रशासन का पक्ष इससे अलग है। प्रिंसिपल डॉक्टर बलवंत वत्स का कहना है कि डॉक्टर हेमानंद ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है और परिवार को समय देने की इच्छा जताई है। कॉलेज कमेटी के अध्यक्ष राकेश गोयल ने बताया कि डॉक्टर हेमानंद की रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी द्वारा उनकी पुनर्नियुक्ति की गई थी। उनका इस्तीफा अब यूनिवर्सिटी को भेज दिया गया है और नई नियुक्ति के लिए वैकेंसी मांगी गई है। लुधियाना में खन्ना के श्री सरस्वती संस्कृत कॉलेज में एक वरिष्ठ शिक्षक के इस्तीफे को लेकर विवाद गहरा गया है। 35 वर्षों से संस्कृत पढ़ा रहे डॉक्टर हेमानंद के अचानक इस्तीफे से नाराज छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें एक छात्र के बेहोश होने की भी खबर है। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा बार-बार अपमानित किए जाने के कारण डॉक्टर हेमानंद को इस्तीफा देना पड़ा। छात्र आस्तिक शर्मा के अनुसार, प्रिंसिपल ने उन्हें अयोग्य तक कह दिया, जिससे आहत होकर उन्होंने पद छोड़ दिया। भूख हड़ताल करने का संकल्प प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि, वह डॉक्टर हेमानंद की वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं और जब तक उनकी वापसी नहीं होती, भूख हड़ताल जारी रखने का संकल्प ले चुके हैं। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह मामला अब यूनिवर्सिटी के अधिकार क्षेत्र में है और डॉक्टर हेमानंद को यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया के तहत ही वापस आना होगा। हालांकि, कॉलेज प्रशासन का पक्ष इससे अलग है। प्रिंसिपल डॉक्टर बलवंत वत्स का कहना है कि डॉक्टर हेमानंद ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया है और परिवार को समय देने की इच्छा जताई है। कॉलेज कमेटी के अध्यक्ष राकेश गोयल ने बताया कि डॉक्टर हेमानंद की रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी द्वारा उनकी पुनर्नियुक्ति की गई थी। उनका इस्तीफा अब यूनिवर्सिटी को भेज दिया गया है और नई नियुक्ति के लिए वैकेंसी मांगी गई है।   पंजाब | दैनिक भास्कर