खन्ना में सड़क पर पड़े गन्ने के कारण टैक्सी एक खड़ी ट्राली से टकरा गई, जिससे जगराओं के वकील एमपी सिंह की मौत हो गई। गुरुवार की सुबह वह अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में एक रस्म पगड़ी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। घटना खन्ना के नजदीक हुई, जहां बुधवार की देर रात एक गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्राली का हादसा हुआ था। सड़क पर बिखरे गन्ने और खड़ी ट्राली से वकील की टैक्सी की जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसे में आगे की सीट पर बैठे एमपी सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और टैक्सी ड्राइवर घायल हो गया। जगराओं बार काउंसिल के प्रधान गुरतेज सिंह गिल और रोहित कुमार ने बताया कि एमपी सिंह नगर काउंसिल की बैक साइड गली में रहते थे। सभी वकीलों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिन का कामकाज बंद कर दिया। इस मौके पर एडवोकेट महिंदर सिंह सिधवां, तरूण मल्होत्रा, संदीप गुप्ता, अंकुश धीर, किरणपाल कौर, अश्वनी भारतबाज, सुरिमदरपाल सिंह गिंदरा, रजिंदर ढिल्लों, नीरज शर्मा कुलदीप सिंह, रजिंदर संधू, समेत सभी वकीलों ने शोक जताया खन्ना में सड़क पर पड़े गन्ने के कारण टैक्सी एक खड़ी ट्राली से टकरा गई, जिससे जगराओं के वकील एमपी सिंह की मौत हो गई। गुरुवार की सुबह वह अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में एक रस्म पगड़ी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। घटना खन्ना के नजदीक हुई, जहां बुधवार की देर रात एक गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्राली का हादसा हुआ था। सड़क पर बिखरे गन्ने और खड़ी ट्राली से वकील की टैक्सी की जबरदस्त टक्कर हो गई। हादसे में आगे की सीट पर बैठे एमपी सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और टैक्सी ड्राइवर घायल हो गया। जगराओं बार काउंसिल के प्रधान गुरतेज सिंह गिल और रोहित कुमार ने बताया कि एमपी सिंह नगर काउंसिल की बैक साइड गली में रहते थे। सभी वकीलों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिन का कामकाज बंद कर दिया। इस मौके पर एडवोकेट महिंदर सिंह सिधवां, तरूण मल्होत्रा, संदीप गुप्ता, अंकुश धीर, किरणपाल कौर, अश्वनी भारतबाज, सुरिमदरपाल सिंह गिंदरा, रजिंदर ढिल्लों, नीरज शर्मा कुलदीप सिंह, रजिंदर संधू, समेत सभी वकीलों ने शोक जताया पंजाब | दैनिक भास्कर
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सुखबीर बादल पर खालिस्तानी स्टाइल में अटैक:41 साल पहले इसी तरह DIG को गोली मारी; RSS-अकाली नेताओं, माता चंद कौर की भी हत्या हुई
सुखबीर बादल पर खालिस्तानी स्टाइल में अटैक:41 साल पहले इसी तरह DIG को गोली मारी; RSS-अकाली नेताओं, माता चंद कौर की भी हत्या हुई पंजाब के पूर्व CM सुखबीर बादल की हत्या के लिए आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने बरसों पुराना खालिस्तानी तरीका ही इस्तेमाल किया था। जिसमें पॉइंट ब्लैंक रेंज से वह सुखबीर बादल को गोली मारना चाहता था ताकि वह जिंदा न बच सकें। हालांकि सुखबीर की सुरक्षा में लगे ASI जसबीर सिंह ने उसकी कोशिश फेल कर दी। जिस जगह पर सुखबीर बादल पर फायरिंग हुई, 41 साल पहले यहीं पर पंजाब पुलिस के DIG एएस अटवाल की भी हत्या की गई थी। उनकी हत्या के लिए भी ठीक यही खालिस्तानी तरीका यूज हुआ था। जिसमें हमलावर ने गोल्डन टेंपल के भीतर से बिल्कुल उनके करीब आकर उन्हें गोली मारी दी। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रचारक रिटायर्ड ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा को भी बाइक सवार हमलावरों ने बाइक पास में सटाकर गोली मारी थी। पंजाब में इससे पहले बड़े नेताओं की हत्या हो चुकी हैं। इनमें अकाली नेता हरचंद सिंह लौंगोवाल और पूर्व CM बेअंत सिंह का नाम प्रमुख है। इसके अलावा शिवसेना नेता सूरी को भी अमृतसर में दिनदहाड़े गोलियां मार दी गईं थी। पंजाब में हुई बड़ी किलिंग के बारे में सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. DIG को गेट पर मारी गोली, 2 घंटे कोई लाश उठाने नहीं आया
25 अप्रैल 1983 को सुबह 11:10 बजे का वक्त था। IPS अफसर एएस अटवाल जालंधर रेंज के DIG थे। वह गोल्डन टेंपल में अरदास कर बाहर आ रहे थे। तभी उन्हें पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार दी गई। अज्ञात व्यक्ति की गोली से उनकी वहीं मौत हो गई। इस हमले में अमृतसर के रहने वाले कुलविंदर सिंह और 11 वर्षीय वरिंदरजीत सिंह भी घायल हुए थे। वरिंदरजीत की बाद में मौत हो गई, जबकि कुलविंदर गंभीर रूप से घायल थे। इसके बाद तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री पीसी सेठी ने संसद में बताया था कि DIG अटवाल को दरबार साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के पास गोली मारी गई। हमलावर कथित तौर पर दरबार साहिब के अंदर से आया था और फायरिंग के बाद वापस वहीं चला गया। वहीं, पंजाब के पूर्व DGP केपीएस गिल के अनुसार, “दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए, और कोई भी DIG के शव के पास जाने की हिम्मत नहीं कर पाया। हत्यारों ने शव के पास भांगड़ा किया और फिर मंदिर में लौट गए। अटवाल का शरीर लगभग 2 घंटे तक मंदिर के मुख्य द्वार पर पड़ा रहा।” हरचंद सिंह लोंगोवाल की हमले में गई थी जान
सुखबीर बादल की तरह ही अकाली दल के प्रधान रहे हरचंद सिंह लौंगोवाल की हत्या की गई थी। उन्हें 20 अगस्त 1985 को पटियाला से 90 किमी दूर शेरपुर गांव में गुरुद्वारे के पास गोलियां मारी गईं थी। जांच में पता चला कि इसमें भी खालिस्तानी कट्टरपंथी सोच वाले आरोपी थे। दरअसल, लौंगोवाल ने 24 जुलाई 1985 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ पंजाब समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसे राजीव-लोंगोवाल समझौता कहा जाता है। जिसमें प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अकाली दल की मांगें मान लीं और बदले में अकाली दल ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के एक महीने बाद ही उनकी हत्या कर दी गई। हत्या करने वाले लौंगोवाल के किए समझौते से खुश नहीं थे। CM बेअंत सिंह को मानव बम बनकर मारा
पंजाब के तत्कालीन CM बेअंत सिंह की 31 अगस्त 1995 को हत्या कर दी गई थी। जिस वक्त यह हत्या हुई, वह चंडीगढ़ में सचिवालय से बाहर निकल रहे थे। जैसे ही वह बुलेट प्रूफ कार में बैठने वाले थे तो वहां मौजूद पंजाब पुलिस के जवान दिलावर सिंह ने बम विस्फोट कर दिया। जांच में पता चला था कि दिलावर की कमर में डेढ़ किलो विस्फोटक बंधा हुआ था। इस विस्फोट में बेअंत सिंह सहित 17 लोग मारे गए। बेअंत सिंह को सख्त सीएम के तौर पर जाना जाता है। वह अलगाववाद के सख्त खिलाफ थे। इसलिए उन्होंने लोगों को साथ जोड़कर पंजाब को आतंकवाद के काले दौर से निकालने में बहुत काम किया। उनकी यही कोशिश आतंकियों को रास नहीं आई। जांच में इसके पीछे खालिस्तान टाइगर फोर्स का हाथ सामने आया। जिसके बाद बेअंत सिंह की हत्या में ही बलवंत सिंह राजोआना जेल में उम्रकैद काट रहा है। इसके अलावा जगतार सिंह तारा भी जेल में बंद है। RSS नेता की जालंधर में हुई थी हत्या
पंजाब में RSS के प्रांत सह संघ संचालक जगदीश गगनेजा की करीब 8 साल पहले जालंधर में हत्या कर दी गई थी। वारदात के दिन वह पत्नी के साथ बाजार से लौट रहे थे। 6 अगस्त 2016 को बाइक सवार 3 हमलावरों ने उन्हें करीब आकर 5 गोलियां मारीं थी। 65 साल के गगनेजा को इलाज के लिए लुधियाना के डीएमसी अस्पताल लाया गया था। करीब डेढ़ महीने तक वह जिंदगी और मौत से जूझते रहे। उनकी हत्या की जिम्मेदारी दशमेश रेजिमेंट नाम के एक संगठन ने ली थी। उनका कहना था कि गगनेजा सिख पंथ विरोधी थे। गगनेजा ने पंजाब के गांव-गांव तक RSS की शाखा बनाईं। जांच में पता चला था कि गगनेजा को मारने के लिए इटली से सुपारी दी गई थी। भैणी साहिब की माता चंद कौर को माथा टेकने के बहाने गोलियां मारीं
लुधियाना के भैणी साहिब की माता चंद कौर (88) की 4 अप्रैल 2016 को हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या भैनी साहिब मुख्यालय के बाहर ही गोली मारकर की गई। वारदात वाले दिन माता चंद कौर सतगुरु प्रताप सिंह एकेडमी के समागम से क्लब कार में जा रही थीं। उनकी हत्या के लिए हमलावर पहले ही सुनसान रोड पर खड़े थे। जैसे ही माता चंद कौर की क्लब कार आई तो उन्होंने माथा टेकने का बहाना बनाया। वह माता चंद कौर के करीब पहुंचे और फिर उन्हें पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोलियां मार दी। इसके बाद वह बाइक से फरार हो गए। अमृतसर में हिंदू नेता सूरी की भी इसी तरह हुई थी हत्या
दिसंबर 2022 में अमृतसर में मंदिर के बाहर प्रदर्शन करते समय हिंदू नेता सुधीर सूरी की हत्या हुई थी। सुधीर सूरी की हत्या करने वाला संदीप सिंह खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (अब सांसद) से प्रभावित था। सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में संदीप ने सरेआम बिल्कुल करीब जाकर पॉइंट ब्लैंक रेंज से सुधीर सूरी पर गोलियां बरसाई थीं। इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। हालांकि, संदीप को पुलिस ने पकड़ लिया था। वह अब तक जेल में है। ********* ये खबरें पढ़ें… सुखबीर बादल पर फायरिंग, अकाली दल ने पुलिस को घेरा:मजीठिया का दावा-एक दिन पहले SP हमलावर आतंकी से मिले; CCTV फुटेज जारी किया अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने गोल्डन टेंपल का एक CCTV फुटेज जारी कर दिया। इसमें उनका दावा है कि 4 दिसंबर को हुए हमले से एक दिन पहले 3 दिसंबर को अमृतसर पुलिस के SP हरपाल सिंह आतंकी हमलावर आतंकी नारायण सिंह चौड़ा से मिले थे (पढ़ें पूरी खबर…)
सुखबीर बादल पर पूरी प्लानिंग से की फायरिंग:3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था खालिस्तानी आतंकी चौड़ा; लगातार फोन पर बात कर रहा था पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल पर फायरिंग करने वाले खालिस्तानी आतंकी नारायण सिंह चौड़ा ने पूरी प्लानिंग से वारदात को अंजाम दिया। वह पिछले 3 दिन से गोल्डन टेंपल आ रहा था। पुलिस ने हमले के बाद गोल्डन टेंपल में लगे सीसीटीवी खंगाले और वहां तैनात सेवादारों से भी बात की। जिसमें उसके 4 दिसंबर के सीसीटीवी फुटेज हमें मिले। पूरी खबर पढ़ें…