खन्ना की 100 साल से अधिक पुरानी एएस हाई स्कूल खन्ना ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे एएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन (बीएड) कॉलेज का विवाद गर्मा गया है। गत वर्ष कॉलेज के एक प्रोफेसर को टर्मिनेट करने का पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की तरफ से सख्त नोटिस लिया गया है। कॉलेज को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। यहां तक कि कॉलेज मैनेजमेंट द्वारा संतोषजनक जवाब न देने पर पीयू ने यह चेतावनी दी है कि क्यों न कॉलेज के दाखिले पर रोक लगा दी जाए। इसे लेकर सोसायटी के सदस्यों और विपक्ष की भूमिका निभाने वालों ने कालेज मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चहेतों को एडजस्ट कर रही मैनेजमेंट- राजेश डाली भाजपा समर्थित प्रोग्रेसिव पैनल ने इसकी निंदा की। पैनल के राजेश डाली ने कहा कि कॉलेजों में योग्य अध्यापकों को हटाकर अपने चहेते लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं। पीयू के नोटिस के बाद अब जो बीएड कॉलेज में बच्चे दाखिला लेंगे उनका भविष्य अधर में लटक सकता है। डाली ने कहा कि 1 सितंबर को मैनेजमेंट सोसायटी के चुनाव घोषित हो चुके हैं। मैनेजमेंट के संविधान मुताबिक कोई प्रधान या महासचिव नहीं है। फिर भी कांग्रेस समर्थित पैनल वाले संविधान की धज्जियां उड़ाकर शिक्षण संस्थानों को डुबाने में लगे हैं। बिना वजह तूल दे रहे विरोधी- चेयरमैन मिंटू सोसायटी के चेयरमैन शमिंदर सिंह मिंटू ने कहा कि प्रोफेसर के मामले में पीयू का नोटिस कोई बड़ा मामला नहीं है। इसे विरोधी जानबूझ कर तूल दे रहे हैं। संस्थानों की बदनामी करने की साजिश है। कानूनी तौर पर इसका जवाब सोमवार को दिया जाएगा। मिंटू ने कहा कि मैनेजमेंट ने प्रोफेसर को एडहॉक पर रखा था। उसकी कार्यशैली ठीक नहीं थी तो मैनेजमेंट ने हटा दिया, जोकि आधिकारिक है। यह है पूरा मामला एएस कॉलेज ऑफ एजूकेशन में प्रोफेसर नवप्रीत सिंह की नियुक्ति 31 मई 2022 को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर की गई थी। जिसे 31 मई 2023 को कॉलेज में गैरहाजिर रहने, कालेज में मोबाइल का प्रयोग करने और कालेज के आगे किसान यूनियन को साथ लेकर धरना देने का दोष लगाकर टर्मिनेट कर दिया गया था। इसके विरोध में प्रोफेसर ने यूनिवर्सिटी में शिकायत दर्ज की है। इसका संतोषजनक जवाब न देने पर अब 16 जुलाई को कालेज को नोटिस जारी कर एक सप्ताह का आखिरी बार समय दिया गया है। खन्ना की 100 साल से अधिक पुरानी एएस हाई स्कूल खन्ना ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे एएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन (बीएड) कॉलेज का विवाद गर्मा गया है। गत वर्ष कॉलेज के एक प्रोफेसर को टर्मिनेट करने का पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की तरफ से सख्त नोटिस लिया गया है। कॉलेज को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। यहां तक कि कॉलेज मैनेजमेंट द्वारा संतोषजनक जवाब न देने पर पीयू ने यह चेतावनी दी है कि क्यों न कॉलेज के दाखिले पर रोक लगा दी जाए। इसे लेकर सोसायटी के सदस्यों और विपक्ष की भूमिका निभाने वालों ने कालेज मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। चहेतों को एडजस्ट कर रही मैनेजमेंट- राजेश डाली भाजपा समर्थित प्रोग्रेसिव पैनल ने इसकी निंदा की। पैनल के राजेश डाली ने कहा कि कॉलेजों में योग्य अध्यापकों को हटाकर अपने चहेते लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं। पीयू के नोटिस के बाद अब जो बीएड कॉलेज में बच्चे दाखिला लेंगे उनका भविष्य अधर में लटक सकता है। डाली ने कहा कि 1 सितंबर को मैनेजमेंट सोसायटी के चुनाव घोषित हो चुके हैं। मैनेजमेंट के संविधान मुताबिक कोई प्रधान या महासचिव नहीं है। फिर भी कांग्रेस समर्थित पैनल वाले संविधान की धज्जियां उड़ाकर शिक्षण संस्थानों को डुबाने में लगे हैं। बिना वजह तूल दे रहे विरोधी- चेयरमैन मिंटू सोसायटी के चेयरमैन शमिंदर सिंह मिंटू ने कहा कि प्रोफेसर के मामले में पीयू का नोटिस कोई बड़ा मामला नहीं है। इसे विरोधी जानबूझ कर तूल दे रहे हैं। संस्थानों की बदनामी करने की साजिश है। कानूनी तौर पर इसका जवाब सोमवार को दिया जाएगा। मिंटू ने कहा कि मैनेजमेंट ने प्रोफेसर को एडहॉक पर रखा था। उसकी कार्यशैली ठीक नहीं थी तो मैनेजमेंट ने हटा दिया, जोकि आधिकारिक है। यह है पूरा मामला एएस कॉलेज ऑफ एजूकेशन में प्रोफेसर नवप्रीत सिंह की नियुक्ति 31 मई 2022 को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर की गई थी। जिसे 31 मई 2023 को कॉलेज में गैरहाजिर रहने, कालेज में मोबाइल का प्रयोग करने और कालेज के आगे किसान यूनियन को साथ लेकर धरना देने का दोष लगाकर टर्मिनेट कर दिया गया था। इसके विरोध में प्रोफेसर ने यूनिवर्सिटी में शिकायत दर्ज की है। इसका संतोषजनक जवाब न देने पर अब 16 जुलाई को कालेज को नोटिस जारी कर एक सप्ताह का आखिरी बार समय दिया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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