<p style=”text-align: justify;”><strong>Khair Bypoll Election 2024:</strong> उत्तर प्रदेश के सभी 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख बदल गई है. पहले वोटिंग 13 नवंबर को होनी थी, हालांकि अब यहां 20 नवंबर को चुनाव होगा. चुनाव की तारीख बदलने पर सियासी दलों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. तारीख बढ़ने से सियासी दलों की चुनावी की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अलीगढ़ के खैर विधानसभा सीट पर भी सियासी रस्सकशी तेज हो गई है. वोटिंग की तारीख बढ़ने से खैर सीट के प्रत्याशियों ने नई रणनीति के साथ मतदाताओं को साधने में लगे हैं. यहां पर खासतौर पर उन पार्टियों को फायदा मिल सकता है जो अपने नेताओं को मैदान में उतारकर जनता के बीच पहुंचने और वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तारीख बढ़ने से मिलेगा फायदा?</strong><br />दरअसल, उपचुनाव की तारीख आगे बढ़ने की वजह से सियासी दल अब और अधिक सतर्क हो गए हैं. वोटरों को रिझाने के लिए सभी दल अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए उतार रहे हैं, जिससे बड़े जनसमूह को अपने पाले में किया जा सके. सपा, बीजेपी समेत सभी सियासी दल ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खैर सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चारूकेंन चर्चा का विषय बनी हुई हैं. इसकी वजह यह है कि चारूकेंन ने चुनाव प्रचार के लिए कैराना से सपा सांसद इकरा हसन को आमंत्रित किया था. हालांकि, इकरा हसन 4 नवंबर को खैर विधानसभा में नहीं पहुंच पाईं. दूसरी तरफ एक बार फिर इकरा हसन के अलीगढ़ आने की चर्चा तेज हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी वोटरों को साधने में जुटी </strong><br />हालिया दिनों भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर अपने परिवार के राजनीतिक अनुभव का लाभ उठाते हुए सभी वर्ग के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में लगे हुए हैं. बहुजन समाज पार्टी के डॉक्टर पहल को उम्मीद है कि उनके प्रमुख नेता खैर में प्रचार के लिए आएंगे. इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर भी सबकी नजरें टिकी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खैर उपचुनाव में पांच प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन यह उपचुनाव पूरी तरह से राजनीतिक दिग्गजों के बीच की लड़ाई बन गई है. चुनाव की तारीख आगे बढ़ने के कारण अब सभी दलों को प्रचार के लिए अधिक समय मिल गया है, जिससे यह चुनाव और दिलचस्प हो गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जातीय समीकरणों पर नजर</strong><br />खैर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है. इसकी वजह यह है कि उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री यहां से पूर्व में विधायक थे, ऐसे में बीजेपी के लिए चुनौती बढ़ गई है. समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चारूकेंन और उनके परिवार की साख भी दांव पर है. इस सीट पर जाट वोटर निर्णायक भूमिका में हैं, सपा प्रत्याशी के पति भी जाट समुदाय से आते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा चारूकेंन के सहारे खैर सीट पर जाट वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में है. खैर सीट पर सपा की हार से क्षेत्र के अन्य 6 सीटों पर उसकी किरकिरी हो सकती है. समाजवादी पार्टी इस मौके को गंवाना नहीं चाहती है. पिछले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी यहां पर दूसरे नंबर पर रही थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएसपी का एक कोर वोटर है, वह अपने कोर वोटर्स के सहारे अन्य वर्गों को साधते हुए जीत हासिल करना चाहते हैं. यहां सबकी निगाहें आजाद समाज पार्टी पर भी टिकी हैं. खैर सीट पर जीत हासिल करने के लिए आजाद समाज पार्टी ने सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”अखिलेश यादव बोले- ‘अंग्रेजो के नारे पर काम कर रही सरकार,लेकिन जीतना मुश्किल नहीं'” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-by-election-2024-changing-the-date-akhilesh-yadav-wind-said-should-not-reach-maharashtra-and-jharkhand-ann-2817211″ target=”_blank” rel=”noopener”>अखिलेश यादव बोले- ‘अंग्रेजो के नारे पर काम कर रही सरकार,लेकिन जीतना मुश्किल नहीं'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Khair Bypoll Election 2024:</strong> उत्तर प्रदेश के सभी 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख बदल गई है. पहले वोटिंग 13 नवंबर को होनी थी, हालांकि अब यहां 20 नवंबर को चुनाव होगा. चुनाव की तारीख बदलने पर सियासी दलों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. तारीख बढ़ने से सियासी दलों की चुनावी की तैयारी के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अलीगढ़ के खैर विधानसभा सीट पर भी सियासी रस्सकशी तेज हो गई है. वोटिंग की तारीख बढ़ने से खैर सीट के प्रत्याशियों ने नई रणनीति के साथ मतदाताओं को साधने में लगे हैं. यहां पर खासतौर पर उन पार्टियों को फायदा मिल सकता है जो अपने नेताओं को मैदान में उतारकर जनता के बीच पहुंचने और वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तारीख बढ़ने से मिलेगा फायदा?</strong><br />दरअसल, उपचुनाव की तारीख आगे बढ़ने की वजह से सियासी दल अब और अधिक सतर्क हो गए हैं. वोटरों को रिझाने के लिए सभी दल अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार के लिए उतार रहे हैं, जिससे बड़े जनसमूह को अपने पाले में किया जा सके. सपा, बीजेपी समेत सभी सियासी दल ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खैर सीट से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चारूकेंन चर्चा का विषय बनी हुई हैं. इसकी वजह यह है कि चारूकेंन ने चुनाव प्रचार के लिए कैराना से सपा सांसद इकरा हसन को आमंत्रित किया था. हालांकि, इकरा हसन 4 नवंबर को खैर विधानसभा में नहीं पहुंच पाईं. दूसरी तरफ एक बार फिर इकरा हसन के अलीगढ़ आने की चर्चा तेज हो गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी वोटरों को साधने में जुटी </strong><br />हालिया दिनों भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर अपने परिवार के राजनीतिक अनुभव का लाभ उठाते हुए सभी वर्ग के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में लगे हुए हैं. बहुजन समाज पार्टी के डॉक्टर पहल को उम्मीद है कि उनके प्रमुख नेता खैर में प्रचार के लिए आएंगे. इसके अलावा आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर भी सबकी नजरें टिकी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खैर उपचुनाव में पांच प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन यह उपचुनाव पूरी तरह से राजनीतिक दिग्गजों के बीच की लड़ाई बन गई है. चुनाव की तारीख आगे बढ़ने के कारण अब सभी दलों को प्रचार के लिए अधिक समय मिल गया है, जिससे यह चुनाव और दिलचस्प हो गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जातीय समीकरणों पर नजर</strong><br />खैर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी हुई है. इसकी वजह यह है कि उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री यहां से पूर्व में विधायक थे, ऐसे में बीजेपी के लिए चुनौती बढ़ गई है. समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चारूकेंन और उनके परिवार की साख भी दांव पर है. इस सीट पर जाट वोटर निर्णायक भूमिका में हैं, सपा प्रत्याशी के पति भी जाट समुदाय से आते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा चारूकेंन के सहारे खैर सीट पर जाट वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में है. खैर सीट पर सपा की हार से क्षेत्र के अन्य 6 सीटों पर उसकी किरकिरी हो सकती है. समाजवादी पार्टी इस मौके को गंवाना नहीं चाहती है. पिछले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी यहां पर दूसरे नंबर पर रही थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएसपी का एक कोर वोटर है, वह अपने कोर वोटर्स के सहारे अन्य वर्गों को साधते हुए जीत हासिल करना चाहते हैं. यहां सबकी निगाहें आजाद समाज पार्टी पर भी टिकी हैं. खैर सीट पर जीत हासिल करने के लिए आजाद समाज पार्टी ने सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं.</p>
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