जालंधर | गुलाब देवी अस्पताल में गुलाब आयुर्वेदिक और पंचकर्मा केंद्र 25 जुलाई को मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर अस्पताल के प्रबंधन और डॉक्टरों ने जांच की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेडिकल चेकअप के बाद नि:शुल्क दवाएं, थेरेपी, और अन्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि लैब टेस्ट, डेंटिस्ट, हड्डियों के विषेशज्ञ, औरतों के विशेषज्ञ, नाक कान गले के विशेषज्ञ, छाती के विशेषज्ञ, मेडिसिन के विशेषज्ञ, फिसोथेरपी, एक्सरे भी किया जाता है। जालंधर | गुलाब देवी अस्पताल में गुलाब आयुर्वेदिक और पंचकर्मा केंद्र 25 जुलाई को मुफ्त स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर अस्पताल के प्रबंधन और डॉक्टरों ने जांच की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेडिकल चेकअप के बाद नि:शुल्क दवाएं, थेरेपी, और अन्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि लैब टेस्ट, डेंटिस्ट, हड्डियों के विषेशज्ञ, औरतों के विशेषज्ञ, नाक कान गले के विशेषज्ञ, छाती के विशेषज्ञ, मेडिसिन के विशेषज्ञ, फिसोथेरपी, एक्सरे भी किया जाता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में नशे के झूठ केस केस में फंसाया युवक:जांच में निकली पैरासिटामोल, HC ने दिए 2 लाख का मुआवजा देने के आदेश
पंजाब में नशे के झूठ केस केस में फंसाया युवक:जांच में निकली पैरासिटामोल, HC ने दिए 2 लाख का मुआवजा देने के आदेश पंजाब पुलिस एक तरफ जहां रोजाना नशा तस्करों को काबू करने के दावे करती है। वहीं, अब पुलिस की एक ऐसी करतूत सामने आई है कि जिसने सारी पुलिस फोर्स को ही शर्मसार कर दिया है। सुनने में मामला काफी हैरान करने वाला है। एक व्यक्ति को पुलिस सब इंस्पेक्टर ने सलाखों के पीछे केवल इसलिए डाल दिया, क्योंकि व्यक्ति ने उसकी गाड़ी को निकलने का रास्ता नहीं दिया। हालांकि जब मामले कि फोरेंसिक रिपोर्ट आई तो पता चला कि आरोपी की जेब से कोई नशे की गोली नहीं बल्कि पैरासिटामोल निकली थी। इस मामले में अब पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि दो लाख रुपए का मुआवजा पीड़ित को दिया जाए। मुआवजे की 50 फीसदी राशि दोषी अधिकारी सब इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह के वेतन से वसूली जाएगी। डिजिटल रिकार्ड में याची का नाम छिपाने के आदेश दिए गए हैं। इस तरह खुली इंस्पेक्टर की पोल कपूरथला निवासी याची की तरफ से उच्च अदालत में नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। उसने बताया कि उसे झूठा केस दर्ज कर फंसाया गया। क्योंकि उसने एक अधिकारी को साइड नहीं दी थी, जो कि उसके पीछे कार में चल रहा था। यह मामला 25 जून 2024 का है। जबकि एफआईआर दो दिन बाद 26 जून को दर्ज की गई। उसे अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया। परिवार को सूचना तक नहीं दी गई। 13 सितंबर को पंजाब सरकार ने फॉरेंसिक रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी। जिसमें पता चला कि जब्त सामग्री एसिटामिनोफेन (पेरासिटामोल) थी। दो महीने 15 दिन रखा हिरासत में याची ने बताया कि उसे दो महीने 15 दिन हिरासत में रखा गया। उसके बाद 13 सितंबर को हाईकोर्ट ने जमानत दी। हाईकोर्ट ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट 31 अगस्त को उन्हें मिल गई थी। उसके बाद 17 सितंबर को हाईकोर्ट के आदेश पर उसे छोड़ा गया। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने की यह टिप्पणी हाईकोर्ट ने कहा कि हम पुलिस अधिकारियों की मनमानी से बहुत परेशान हैं। ऐसे घोर उल्लंघन को देखना भयावह है। जहां कानून के शासन को बनाए रखने का कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे हैं। न्यायालय को यह आचरण अस्वीकार्य और अत्यंत चिंताजनक लगता है। पीठ ने कहा कि दोषी अधिकारियों के आचरण को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।

रिपुदमन मलिक की हत्या मामले में दोषी करार:31 अक्टूबर को होगी सजा, सरे में मारी थी गोलियां, एयर-इंडिया विस्फोट मामले में हुआ था बरी
रिपुदमन मलिक की हत्या मामले में दोषी करार:31 अक्टूबर को होगी सजा, सरे में मारी थी गोलियां, एयर-इंडिया विस्फोट मामले में हुआ था बरी 1985 एयर इंडिया कनिष्का बम विस्फोट मामले में बरी हुए खालिस्तानी आतंकी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के मामले में कनाडा की एक अदालत ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है। टैनर फॉक्स और जोस लोपेज ने ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में यह स्वीकार किया कि उन्हें मलिक की हत्या के लिए पैसे दिए गए थे। 14 जुलाई 2022 को मलिक की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में उनके घर के बाहर कई गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। वैंकूवर सन की एक रिपोर्ट के अनुसार जब दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया तो दोनों ही एक दूसरे से उलझ गए और एक दूसरे को थप्पड़ व मुक्के मारने लगे। जिसके बाद शेरिफ ने दोनों को एक दूसरे से दूर किया। विवादों में रहा है रिपुदमन सिंह मलिक भारत में खालिस्तानी आतंकी घोषित मलिक विवादास्पद व्यक्ति रहा है। जिसे 2005 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 को बम से उड़ाने के आरोपों से बरी कर दिया गया था। इस पूरे घटनाक्रम को खालिस्तानी चरमपंथियों ने अंजाम दिया था। इस हादसे में 329 लोग मारे गए थे। हालांकि, उसकी हत्या का 1985 के बम विस्फोट से प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है। इस मामले के संदिग्ध के रूप में देखा जाता रहा है। मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंची पुलिस अदालत में पेश किए गए तथ्यों के अनुसार, फॉक्स और लोपेज को इस हत्या के लिए पैसे दिए गए थे। इन दोनों के पीछे के मास्टरमाइंड का अभी तक पता नहीं चल पाया है। मलिक के परिवार ने हत्या की साजिश रचने वालों को पकड़ने की अपील की है। मलिक के परिवार ने स्थानीय मीडिया से कहा कि इस बात के आभारी हैं कि हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाया गया है, लेकिन इस प्रकार से एक परिवार के सदस्य को खोने का दर्द कभी खत्म नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि वे लोग भी पकड़ में आएं जिन्होंने इन हत्यारों को काम पर रखा था 31 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा कोर्ट में दोनों आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने सजा सुनाने की अगली तारीख 31 अक्टूबर 2024 निर्धारित की है। जिसमें दोनों आरोपियों को कम से कम 20 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है।

लुधियाना में सड़क हादसे दौरान व्यक्ति की मौत:5 साल पहले हुई शादी, बाइक का बिगड़ा संतुलन,डिवाइडर से टकराया सिर
लुधियाना में सड़क हादसे दौरान व्यक्ति की मौत:5 साल पहले हुई शादी, बाइक का बिगड़ा संतुलन,डिवाइडर से टकराया सिर लुधियाना में सड़क हादसे दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक व्यक्ति की 5 साल पहले शादी हुई है। उसका एक 3 साल का बेटा है। राहगीरों ने सड़क पर पड़ा व्यक्ति देख तुरंत पुलिस को सूचित किया। 108 एम्बुलेंस की मदद से उसे दीपक अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसने दम तोड़ दिया। मरने वाले का नाम अशोक कुमार है। अशोक रुप नगर दुगरी इलाके का रहने वाला है। डिवाइडर से टकराया सिर जानकारी मुताबिक अशोक साउथ सिटी से किसी काम से वापस घर जा रहा था। अशोक का चाली और बांस मेटिरिएल का काम है। अचानक बाइक का संतुलन बिगड़ गया। काफी दूर तक अशोक बाइक सहित घसीटता गया। बाइक संभल न पाने के कारण उसका सिर डिवाइडर पर लगा। चेहरे पर भी काफी चोट के निशान पड़े है। सैर कर रहे एक दंपती ने अशोक को घायल अवस्था में तड़पता देखा तो तुरंत थाना पीएयू पुलिस और एम्बुलेंस को सूचित किया। पीएयू की पुलिस मामले की जांच में जुटी है। दीपक अस्पताल पहुंचने से पहले ही अशोक की मौत हो गई। अशोक के परिजनों को पुलिस ने सूचित कर दिया है। कल उसके शव का पोस्टमॉर्टम करवा परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।